बॉलीवुड
भारत के 2 सबसे सफल व्यक्तियों की कहानी का जश्न मनाती है ‘रॉकेट बॉयज’

जब निखिल आडवाणी और सिद्धार्थ रॉय कपूर की ‘रॉकेट बॉयज’ का प्रीमियर शुक्रवार को सोनीलिव पर होगा, स्वतंत्र भारत के पहले दशक का एक गौरवशाली अध्याय उन प्रतिभाशाली पुरुषों और महिलाओं के सपनों और आकांक्षाओं के साथ जीवंत होगा, जिन्होंने इसे परिभाषित किया है।
यह हो सकता है कि वे हमारी सामूहिक स्मृति में फीके पड़ गए हों, लेकिन उनके प्रति हमारा कर्ज बहुत बड़ा है।
यह होमी जहांगीर भाभा (जिम सर्भ) और विक्रम साराभाई (इश्वाक सिंह) के जीवन को फिर से देखने में यह हमारी मदद करती है। कहानी है विशेषाधिकार प्राप्त परिवारों में पैदा हुए उन दो प्रतिभाशाली युवा वैज्ञानिकों की, जिन्होंने कैम्ब्रिज में शीर्ष शोध कार्य से वापस आकर भारत के परमाणु मिशन को आकार देने का विकल्प चुना। ‘रॉकेट बॉयज’ जवाहरलाल नेहरू के कुशल नेतृत्व में चलाए गए ऊर्जा और अंतरिक्ष अनुसंधान कार्यक्रम को आकार देने वाले भारत के दो सबसे बड़े सफल व्यक्तियों की कहानियों का जश्न मनाती प्रतीत होती है।
अंबालाल साराभाई के पुत्र, दक्षिण अफ्रीका से भारत लौटने के बाद गांधी के सान्निध्य का लाभ पाने वाले सबसे शुरुआती लाभार्थियों में से एक विक्रम साराभाई ने न केवल भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) को अपने शुरुआती वर्ष में चलाया, बल्कि वैज्ञानिकों की एक पीढ़ी का मार्गदर्शन भी किया, उनकी दृष्टि को आगे बढ़ाया। सन् 1971 में उनकी अकाल मृत्यु हो गई।
इनमें से एक युवा वैज्ञानिक हैं ए.पी.जे. अब्दुल कलाम (थिएटर कलाकार अर्जुन राधाकृष्णन द्वारा अभिनीत), जो भारत के प्रसिद्ध ‘मिसाइल मैन’ और देश के सबसे लोकप्रिय राष्ट्रपति बने।
कलाम ने अहमदाबाद में साराभाई की भौतिक अनुसंधान प्रयोगशाला में नौकरी के लिए आवेदन किया था, जो देश के अंतरिक्ष कार्यक्रम की नर्सरी थी। कलाम उन सभी संस्थानों की सूची साथ लेकर संभावित नियोक्ता से मिलने आए, जहां-जहां उन्होंने काम किया था। मगर नियोक्ता ने उन्हें नौकरी देने से मना कर दिया था।
वह सीरीज में कई बार दिखाई देते हैं। उन्होंने ‘साउंडिंग’ (अनुसंधान) रॉकेट, नाइक-अपाचे (नासा से कर्ज लेकर) का प्रक्षेपण 21 नवंबर, 1963 को तिरुवनंतपुरम के पास मछली पकड़ने वालों के एक पुराने गांव थुंबा से किया था। साराभाई को कलाम से मजाक में यह कहते हुए दिखाया गया है कि वह जो कर सकते थे, किया कि कम से कम इस अवसर पर अपने बाल कटवा लिए।
एक अन्य दृश्य में, जब नेहरू को यह सोचते हुए दिखाया गया है कि वह देश के लिए अंतरिक्ष कार्यक्रम को कैसे सही ठहरा पाएंगे, कलाम यह कहते हुए दिखते हैं कि प्रधानमंत्री हमेशा कहा करते हैं कि यह राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए आवश्यक था। कलाम आखिरी व्यक्ति थे, जिनसे साराभाई ने 30 दिसंबर, 1971 को निधन होने से पहले बात की थी।
इन ऐतिहासिक व्यक्तित्वों के बावजूद, जो इसके फ्रेम के अंदर और बाहर चलते हैं, यह सीरीज भाभा और साराभाई का भौगोलिक विवरण प्रस्तुत करने से बहुत दूर है।
उदाहरण के लिए, यह ईमानदारी से विक्रम साराभाई की डांसर मृणालिनी साराभाई (रेजिना कैसेंड्रा) के साथ मुश्किल विवाह और कमला चौधरी (नेहा चौहान) के साथ उनके संबंधों पर रोशनी डालती है। वह अंतरिक्ष अग्रणी द्वारा बनाए गए कई संस्थानों में से एक आईआईएम-अहमदाबाद द्वारा नियुक्त किए गए पहले प्रोफेसर थे।
दिलचस्प बात यह है कि साराभाई की पहली मुलाकात तब हुई, जब मृणालिनी बेंगलुरु के इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस में परफॉर्म करने आई थीं, जिसके प्रमुख नोबेल पुरस्कार विजेता सी.वी. रमन थे। ब्रिटिश राज में प्रमुख अनुसंधान केंद्र को सहयोग देना वापस ले लिया, क्योंकि भाभा और साराभाई ने उसके परिसर में कांग्रेस का झंडा फहराया था।
एक प्रतिभाशाली भरतनाट्यम और कुचिपुड़ी नर्तकी मृणालिनी साराभाई, जिनकी बहन लक्ष्मी सहगल थीं, नेताजी सुभाष चंद्र बोस की भारतीय राष्ट्रीय सेना की नेता थीं, ने अहमदाबाद में प्रसिद्ध प्रदर्शन कला अकादमी की स्थापना की। विक्रम साराभाई के साथ उनकी पहली मुलाकात में भाभा ने कामदेव की भूमिका निभाई थी।
यह सीरीज भाभा द्वारा नेहरू के समर्थन से चलाए गए परमाणु ऊर्जा कार्यक्रम के विरोध को भी उजागर करती है (वास्तव में, नेहरू की मृत्यु के बाद उनके उत्तराधिकारी लाल बहादुर शास्त्री को परमाणु अभियान की भाभा की सक्रिय वकालत पर सवाल उठाते हुए दिखाया गया है)।
साराभाई, जैसा कि सीरीज में दिखाया गया है, भाभा के भारत के परमाणुकरण के सपने को लेकर भी उनके साथ मतभेद हो गए और उन्होंने परमाणु ऊर्जा आयोग छोड़ दिया।
रजित कपूर, जिन्हें ‘द मेकिंग ऑफ द महात्मा’ में गांधी की भूमिका निभाने के लिए जाना जाता है, नेहरू की भूमिका निभाते हैं, जिन्हें भाभा ‘भाई’ कहते थे और जिन्होंने भारत के पहले परमाणु ऊर्जा रिएक्टर का नाम अप्सरा रखा था।
स्विट्जरलैंड में मोंट ब्लांक पर एक विमान दुर्घटना में भाभा का दुखद निधन, जब वह अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आईएईए) के वार्षिक सम्मेलन में भाग लेने के लिए वियना जा रहे थे। लंबे समय तक अफवाह थी कि यह सीआईए की करतूत थी।
अमेरिकी पत्रकार ग्रेगरी डगलस की सेवानिवृत्त सीआईए ऑपरेटिव रॉबर्ट क्रॉली के साथ बातचीत के प्रकाशन के साथ यह बात सामने आई कि एजेंसी भारत और विशेष रूप से भाभा से नाखुश थी। दुर्घटना इसलिए हुई, क्योंकि कार्गो होल्ड में एक बम लगाया गया था। बदकिस्मती से वह विमान एयर-इंडिया फ्लाइट 101 था।
क्रॉले ने सीआईए को बमबारी के अपराधी के रूप में नाम नहीं दिया, लेकिन उन्होंने निश्चित रूप से इसे निहित किया। संयोग से 24 जनवरी, 1966 को दुर्घटना होने के महीनों पहले भाभा ने ऑल इंडिया रेडियो पर घोषणा की थी कि भारत 18 महीनों में परमाणु बम बनाने में सक्षम हो जाएगा।
विडंबना यह है कि जिस दिन भाभा की मृत्यु हुई, उसी दिन इंदिरा गांधी ने प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली थी। उन्होंने परमाणु कार्यक्रम को उस रास्ते पर स्थापित किया, जिस पर भाभा ले जाना चाहते थे।
बॉलीवुड
अरविंद अकेला कल्लू का नया गाना ‘टिकुलिया’ रिलीज, कोमल सिंह के साथ दिखी शानदार केमिस्ट्री

मुंबई, 13 अक्टूबर: भोजपुरी सिनेमा के मशहूर अभिनेता और गायक अरविंद अकेला कल्लू का नया गाना ‘टिकुलिया’ सोमवार को रिलीज हो गया है।
अभिनेता अरविंद अकेला कल्लू ने अपने आधिकारिक इंस्टाग्राम अकाउंट पर गाने की क्लिप पोस्ट की, जिसके साथ उन्होंने कैप्शन में लिखा, “गाना ‘टिकुलिया’ रिलीज हो गया है और धमाकेदार बीट्स सबको झूमने पर मजबूर कर रहे हैं! ‘टिकुलिया’ गाना अभी सुनें।”
इस गाने को अरविंद अकेला कल्लू और भोजपुरी की चर्चित गायिका शिल्पी राज ने अपनी आवाज दी है। दोनों की जुगलबंदी ने गाने में एक अलग ही जादू बिखेरा है। गाने के बोल लालू कुमार ने लिखे हैं। वहीं, संगीत श्याम सुंदर ने तैयार किया है। गाने की कोरियोग्राफी अनुज मौर्या ने की है, जिन्होंने इसमें भोजपुरी संस्कृति के रंगों को खूबसूरती से उभारा है।
गाने में अरविंद के साथ अभिनेत्री कोमल सिंह नजर आ रही हैं। दोनों की जोड़ी ने गाने में अपनी शानदार केमिस्ट्री और दमदार प्रदर्शन से दर्शकों का ध्यान खींचा है। जी म्यूजिक भोजपुरी के बैनर तले रिलीज हुआ यह गाना अपने आकर्षक बीट्स के कारण दर्शकों को काफी पसंद आ रहा है और दर्शकों के बीच लोकप्रिय हो रहा है।
अरविंद अकेला कल्लू गायिकी के साथ-साथ शानदार अभिनय के लिए भी जाने जाते हैं। हाल ही में उनके कई सारे गाने रिलीज हो चुके हैं। इससे पहले ‘कमरिया के हड्डी’ और उनकी अपकमिंग फिल्म ‘मेहमान’ का नया गाना ‘नजरिया के बान’ रिलीज हुआ था, जिसने रिलीज होते ही दर्शकों के दिलों में गहरी छाप छोड़ी थी।
एसआरके म्यूजिक के बैनर तले रिलीज हुए इस गाने को अरविंद अकेला कल्लू ने अपनी मधुर आवाज में गाया है। गाने के बोल प्रियांशु प्रियदर्शी ने लिखे हैं और संगीत प्रियांशु सिंह ने दिया है। कोरियोग्राफी की जिम्मेदारी मशहूर कोरियोग्राफर कानू मुखर्जी ने संभाली है।
बॉलीवुड
अभिनेत्री राम्या को अश्लील मैसेज भेजने के मामले में कर्नाटक पुलिस ने 12 लोगों के खिलाफ दाखिल की चार्जशीट

बेंगलुरु, 9 अक्टूबर : कन्नड़ अभिनेत्री और पूर्व कांग्रेस सांसद राम्या को अश्लील मैसेज भेजने के मामले में कर्नाटक पुलिस ने गुरुवार को अदालत में 12 लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है। यह मामला तब सामने आया जब राम्या ने फैन मर्डर केस में मारे गए व्यक्ति के परिवार के प्रति सहानुभूति जताई थी। इस केस में अभिनेता दर्शन दूसरे आरोपी हैं, जबकि उनकी साथी पावित्रा गौड़ा पहली आरोपी हैं। दोनों अभी बेंगलुरु सेंट्रल जेल में बंद हैं।
केंद्रीय अपराध शाखा (सीसीबी), बेंगलुरु यूनिट ने कुल 380 पन्नों की रिपोर्ट 45वें अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में जमा की है। इस रिपोर्ट में सोशल मीडिया पर भेजे गए अश्लील मैसेज और कमेंट के स्क्रीनशॉट भी शामिल हैं। पुलिस ने राम्या का बयान भी दर्ज किया, साथ ही उन 12 आरोपियों के बयान भी लिए गए, जिनके खिलाफ यह चार्जशीट बनाई गई है। हालांकि, पुलिस अब भी 6 और लोगों की तलाश कर रही है जो इस मामले में शामिल हैं।
पुलिस ने कहा कि बाकी आरोपियों को पकड़ने के बाद उनके खिलाफ भी चार्जशीट दाखिल की जाएगी। अब तक पकड़े गए 12 लोगों में से 4 अभी जेल में हैं, जबकि बाकी को जमानत मिल चुकी है। कोर्ट जल्द ही इस मामले की सुनवाई शुरू कर सकता है।
दरअसल, राम्या ने इस मामले में न्याय की मांग करते हुए एक पोस्ट शेयर की थी, जिस पर दर्शन के फैंस ने उन पर सोशल मीडिया पर निशाना साधा। राम्या ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई कि 43 सोशल मीडिया अकाउंट्स से उन्हें आपत्तिजनक कमेंट्स और धमकियां मिलीं। इन धमकियों में उन्हें रेप की धमकी तक दी गई।
रम्या ने 28 जुलाई को बेंगलुरु पुलिस कमिश्नर सीमनथ कुमार सिंह से मुलाकात कर इस मामले की शिकायत की थी। उन्होंने कहा कि महिलाओं को भी पुरुषों जैसी ही आजादी चाहिए, इसलिए उन्हें उन लोगों पर कार्रवाई चाहिए जो सोशल मीडिया पर ऐसी धमकियां और कमेंट्स कर रहे हैं।
राम्या ने बताया कि उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में दर्शन की जमानत याचिका से जुड़ी खबर शेयर की थी ताकि लोगों को न्याय की उम्मीद मिले। इसके बाद ही उनके खिलाफ सोशल मीडिया पर नकारात्मक टिप्पणियां शुरू हो गईं। उन्होंने कहा, “मैंने अपनी आवाज महिलाओं के लिए उठाई है। अगर मेरे साथ ऐसा हो सकता है, तो अन्य महिलाओं के साथ क्या होगा?”
बॉलीवुड
‘झाड़ लगा मगर सोच समझ के,’ सोशल मीडिया पर जैकी श्रॉफ ने दी सलाह

मुंबई, 9 अक्टूबर : बॉलीवुड के जाने-माने अभिनेता जैकी श्रॉफ हमेशा से अपनी सादगी और अलग सोच के लिए पहचाने जाते हैं। फिल्मों में अपने दमदार अभिनय से लोगों का दिल जीतने वाले जैकी दा का सोशल मीडिया पर भी खासा क्रेज है। वह अक्सर अपने इंस्टाग्राम पर ऐसे वीडियोज और तस्वीरें पोस्ट करते हैं, जो सिर्फ मनोरंजन ही नहीं करते, बल्कि कोई न कोई संदेश भी देते हैं।
गुरुवार को जैकी श्रॉफ ने अपने इंस्टाग्राम पर एक बेहद खूबसूरत वीडियो पोस्ट किया, जिसमें पहाड़ों का सुंदर नजारा दिखाई दे रहा है। शुरुआत में ये वीडियो किसी ट्रैवल व्लॉग की तरह लगता है, लेकिन जैसे-जैसे नजरें स्क्रीन पर टिकती हैं, कुछ ऐसा नजर आता है जो दिलचस्प होने के साथ-साथ सोचने पर भी मजबूर कर देता है।
इस वीडियो में ऊंचे-ऊंचे पहाड़, हरे-भरे पेड़, साफ झील और ताजगी से भरे नजारे दिखाई देते हैं। देखने वाले को लगेगा जैसे किसी सपनों की वादी में पहुंच गए हों। मगर इस खूबसूरती के बीच एक चीज ऐसी है जो वीडियो का सारा ध्यान अपनी ओर खींच लेती है और वो है एक चिमनी के ऊपर उगा हुआ घना झाड़। पहली नजर में ऐसा लगता है कि ये कोई पेड़ है जो पहाड़ के किसी कोने पर उगा है, लेकिन जैसे ही कैमरा जूम होता है तो साफ दिखता है कि ये झाड़ असल में एक इमारत की चिमनी के ऊपर है। इस वीडियो के साथ जैकी श्रॉफ ने कैप्शन में लिखा, “झाड़ लगा मगर सोच समझ के।”
जैकी श्रॉफ के इस वीडियो ने इंटरनेट पर आते ही सबका ध्यान खींच लिया। फैंस उनके इस पोस्ट पर खूब कमेंट्स करते हैं।
एक ने लिखा, “चिमनी को भी गार्डन बना दिया!”
दूसरे ने लिखा, “ये है असली नेचर लवर की पहचान!”
कई फैंस ने लिखा, “जैकी दा, आप जैसे लोग ही हैं जो हमें पर्यावरण के बारे में सोचने पर मजबूर करते हैं।”
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