अपराध
रिया के वकील ने सुशांत के परिवार पर जांच में ‘हस्तक्षेप’ का आरोप लगाया

रिया चक्रवर्ती के वकीलों ने सुशांत सिंह राजपूत के परिवार और उनके कानूनी सलाहकारों पर ‘जांच में हस्तक्षेप करने और सबूतों से छेड़छाड़ करने’ का आरोप लगाते हुए चेतावनी दी है कि वे इन चीजों को अदालत के संज्ञान में लाएंगे। रिया चक्रवर्ती और उनके भाई शोविक की ओर से केस लड़ रहे वकील सतीश मानेशिंदे ने कहा है कि दिवंगत अभिनेता के परिजन और वकील केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की जांच और एम्स की फॉरेंसिक टीम द्वारा निकाले गए निष्कर्ष पर संदेह जता रहे हैं।
मानेशिंदे ने कहा, “सीबीआई स्वतंत्र और निष्पक्ष रूप से दोनों मामलों की जांच कर रही है और माना जाता है कि एजेंसी में किसी का भी हस्तक्षेप नहीं होना चाहिए।”
उन्होंने कहा कि उन्हें ये बातें परेशान कर रही हैं कि सुशांत के परिवार और उनके वकील ‘जांच में हस्तक्षेप कर रहे हैं’। जांच के दौरान संभावित गवाहों पर दबाव डाला गया। एम्स की टीम से बात करके उन पर दबाव डाला और कथित तौर पर बातचीत का ऑडियो मीडिया को जारी किया गया।
मानेशिंदे ने कहा, “सुशांत के परिवार के वकील (विकास सिंह) ने कहा है कि वह एसएसआर की मौत की जांच के लिए परिवार द्वारा पहले से तय किए गए रास्ते से जांच कराने के लिए सीबीआई निदेशक से मिलने जा रहे हैं। मीडिया के जरिए ऐसी खबरें पढ़कर परेशान हूं कि मनमाफिक नतीजे पाने के लिए कोशिशें की जा रही हैं।”
उन्होंने यह स्पष्ट किया कि यदि ऐसे ‘और प्रयास’ इस दिशा में किए जाते हैं, तो वे इसे उपयुक्त न्यायालयों के ध्यान में लाएंगे।
मानेशिंदे का यह बयान मुंबई स्पेशल कोर्ट द्वारा रिया और शोविक की न्यायिक हिरासत को 20 अक्टूबर तक के लिए बढ़ाए जाने के बाद आया है।
इसी बीच सुशांत की बहनें- प्रियंका सिंह (नई दिल्ली) और मीतू सिंह (मुंबई) ने रिया द्वारा दर्ज कराई गई एफआईआर के खिलाफ बॉम्बे हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। रिया ने उन पर फर्जी पर्चा बनवाने का आरोप लगाया है।
सुशांत की बहनों की ओर से दायर की गई याचिका में कहा गया है कि शिकायत और प्राथमिकी से पता चलता है कि यह कोई सं™ोय अपराध नहीं है, जो दवाएं तरुण कुमार ने दीं, उन पर कोई प्रतिबंध नहीं है।
मानेशिंदे ने कहा कि रिया द्वारा की गई इस शिकायत को भी सीबीआई के पास भेज दिया गया है।
रिया और शोविक उन 20 लोगों में हैं जिन्हें एनसीबी ने की सुशांत के मामले से जुड़े ड्रग एंगल की जांच के लिए गिरफ्तार किया है।
रिया और शोविक ने बॉम्बे हाईकोर्ट में जमानत के लिए अर्जी दी थी, जिस पर 29 सितंबर को अंतिम सुनवाई के बाद आदेश सुरक्षित रख लिया गया है।
अपराध
बिहार : लखनऊ से पकड़कर लाया गया अपराधी भागने की फिराक में था, पुलिस कार्रवाई में घायल

पटना, 16 अगस्त। बिहार पुलिस अपराधियों के खिलाफ लगातार कड़ी कार्रवाई कर रही है। पटना पुलिस ने शुक्रवार की देर रात हत्या के आरोप में लखनऊ से पकड़कर पटना लाए गए एक अपराधी को भागने की कोशिश करने के दौरान पैर में गोली मार दी, जिससे वह घायल हो गया।
बताया गया कि बालू कारोबारी रमाकांत यादव हत्या के मामले में आरोपी अंशु उर्फ दिव्यांशु भागने की फिराक में था। उसने पुलिस की गिरफ्त में ही बड़ी चालाकी से पुलिस टीम पर हमला करने की कोशिश की। जवाबी कार्रवाई में पुलिस ने उसके पैर में गोली मार दी।
पटना के वरीय पुलिस अधीक्षक कार्तिकेय शर्मा ने बताया कि 10 अगस्त को रानीतालाब थाना क्षेत्र में अपराधियों ने रमाकांत यादव की गोली मारकर हत्या कर दी थी। हत्याकांड में पुलिस ने पहले ही दो आरोपियों बिट्टू और मंटू कुमार को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया था। इनके बयान के आधार पर शेष संलिप्त अभियुक्तों की गिरफ्तारी के लिए लगातार छापेमारी की जा रही थी।
इसी क्रम में 15 अगस्त को पुलिस टीम द्वारा अंशु को लखनऊ से हिरासत में लेकर रानीतालाब थाना लाया गया। उसे साथ लेकर पुलिस टीम रात लगभग 11:05 बजे रानीतालाब क्षेत्र के नहर रोड स्थित शनि मंदिर के पास हथियार बरामदगी के लिए जा रही थी, तभी उसने पुलिस को चकमा देकर भागने का प्रयास किया।
चेतावनी के बावजूद नहीं रुकने पर पुलिस ने नियंत्रित फायरिंग की, जिसमें उसके बाएं पैर में गोली लगी और वह घायल हो गया। उसे इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती करा दिया गया है।
पुलिस ने मौके से एक देसी पिस्तौल, चार जिंदा कारतूस और एक डोंगल बरामद किया है। एसएसपी ने बताया कि रमाकांत यादव की हत्या में शामिल अपराधियों की गिरफ्तारी और हथियार बरामदगी के लिए लगातार अभियान चलाया जा रहा है।
अपराध
मुंबई: नाबालिग के साथ बार-बार यौन उत्पीड़न के मामले में पॉक्सो कोर्ट ने 50 वर्षीय व्यवसायी को 20 साल की सजा सुनाई

CRIME
मुंबई: डिंडोशी की एक विशेष पॉक्सो अदालत ने एक 50 वर्षीय मलाड व्यवसायी, जो एक नकली आभूषण कारखाने का मालिक है, को शादी का वादा करके अप्रैल 2021 से फरवरी 2023 तक एक नाबालिग लड़की का बार-बार यौन उत्पीड़न करने के आरोप में 20 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई।
न्यायालय द्वारा की गई टिप्पणी
डिंडोशी अदालत ने व्यवसायी को दोषी ठहराते हुए कहा, “यह पचाने में मुश्किल है कि एक विवाहित व्यक्ति, जो संबंधित समय, यानी 2021 से 2023 तक, चार बच्चों का पिता था, फिर भी पीड़िता को शादी की इच्छा जताते हुए उसे बहका रहा था। इससे यह स्पष्ट होता है कि आरोपी की न केवल मानसिक स्थिति ठीक नहीं थी, बल्कि उसने बलात्कार का अपराध एक बार नहीं, बल्कि बार-बार किया।”
अदालत ने कहा कि आरोपी ने पीड़िता की अल्पसंख्यकता और उसके परिवार की किरायेदारी का फायदा उठाया, जबकि उसकी माँ उसकी फैक्ट्री में काम करती थी। अदालत ने पीड़िता की परिपक्वता और वास्तविकता की समझ की कमी को देखते हुए कहा, “आरोपी ने पीड़िता को बालिग होने पर उससे शादी करने के लिए उकसाया था। पीड़िता की मासूमियत उसकी इस समझ से झलकती है कि उसे इसके परिणामों का ज़रा भी अंदाज़ा नहीं था कि आरोपी उससे उम्र में काफ़ी बड़ा है, वह पहले से शादीशुदा है और उसके चार बच्चे हैं।”
एक अलग मामले में, ठाणे सत्र न्यायालय ने अप्रैल 2019 में अपनी 10 वर्षीय सौतेली बेटी के साथ बलात्कार करने के लिए 35 वर्षीय व्यक्ति को 10 साल के कठोर कारावास और 10,000 रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई, साथ ही किशोर न्याय (बच्चों की देखभाल और संरक्षण) अधिनियम के तहत एक साल की सजा और 1,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया।
अपराध
26 साल से फरार हत्या का आरोपी सीबीआई के हत्थे चढ़ा, सऊदी अरब में किया था कत्ल

CRIME
नई दिल्ली, 16 अगस्त। केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने 26 साल से फरार चल रहे हत्या के आरोपी मोहम्मद दिलशाद को गिरफ्तार कर लिया है। दिलशाद पर आरोप है कि उसने अक्टूबर 1999 में सऊदी अरब की राजधानी रियाद में हत्या की वारदात को अंजाम दिया था।
सीबीआई को यह मामला अप्रैल 2022 में सऊदी अरब के प्राधिकारियों के अनुरोध पर सौंपा गया था। आरोपों के अनुसार, मोहम्मद दिलशाद उस समय रियाद में हेवी मोटर मैकेनिक सह सुरक्षा गार्ड के तौर पर काम कर रहा था और उसने अपने ही कार्यस्थल पर एक व्यक्ति की हत्या कर दी थी। हत्या की वारदात को अंजाम देने के बाद वह भारत भाग आया और तब से उसकी तलाश जारी थी।
सीबीआई ने दिलशाद के मूल गांव जिला बिजनौर (उत्तर प्रदेश) में उसकी तलाश शुरू की और उसके खिलाफ लुकआउट सर्कुलर (एलओसी) भी जारी किया। लेकिन, आरोपी बार-बार अपना पहचान पत्र और पासपोर्ट बदलकर बच निकलता रहा। सीबीआई की जांच में यह खुलासा हुआ कि उसने धोखाधड़ी से अलग पहचान हासिल की और पिछले कई सालों में कतर, कुवैत और सऊदी अरब जैसे देशों की यात्राएं कीं।
तकनीकी साक्ष्यों और मानव खुफिया जानकारी के आधार पर सीबीआई ने आरोपी के नए पासपोर्ट का पता लगाया और उसके खिलाफ दूसरा लुकआउट सर्कुलर जारी किया। इसके बाद आखिरकार, 11 अगस्त 2025 को वह दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे (आईजीआई एयरपोर्ट) पर पकड़ा गया, जब वह मदीना से जेद्दा होते हुए नई दिल्ली आ रहा था। गिरफ्तारी के समय वह एक अलग पासपोर्ट के सहारे यात्रा कर रहा था।
52 वर्षीय मोहम्मद दिलशाद फिलहाल मदीना की एक कंपनी में हेवी व्हीकल मैकेनिक के रूप में कार्यरत था। उसे गुरुवार (14 अगस्त 2025) को अदालत में पेश किया गया, जहां से उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। सीबीआई ने कहा है कि इस मामले की जांच अभी जारी है।
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