अंतरराष्ट्रीय
यील्ड कर्व बढ़ने से बैंकों के मुनाफे पर असर पड़ सकता है : इंडिया रेटिंग्स

मुद्रास्फीति की बढ़ती प्रवृत्ति के कारण लंबी अवधि के प्रतिफल कर्व पर अपेक्षित दबाव भारतीय बैंकिंग प्रणाली की लाभप्रदता को प्रभावित कर सकता है। अनुसार, प्रतिफल कर्व में 100 आधार अंक (बीपी) ऊपर की ओर बदलाव सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (पीएसबी) के पूर्व-प्रावधान परिचालन लाभ (पीपीओपी) को 8 प्रतिशत और निजी बैंकों के 3.2 प्रतिशत तक प्रभावित कर सकता है, सभी बैंकिंग प्रणाली के लिए, प्रभाव 5.8 प्रतिशत हो सकता है।
इंडिया रेटिंग्स एंड रिसर्च ने एक रिपोर्ट में कहा, प्रतिफल वक्र में 100बीपी आंदोलन सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के सामान्य इक्विटी टियर 1 को 28बीपी और निजी बैंकों के 13बीपी तक प्रभावित करेगा, जबकि समग्र बैंकिंग प्रणाली के लिए, प्रभाव 22बीपी साल दर साल हो सकता है।
इसमें कहा गया है, यह कर के बाद के आधार पर लिया गया है, बैंकों की अपनी ट्रेडिंग बुक को पुर्नवर्गीकृत करने की क्षमता और कम पेंशन लागत से संभावित आंशिक ऑफसेट पर विचार किए बिना।
पिछले ब्याज दर चक्रों का विश्लेषण करने पर, इंडिया रेटिंग्स ने देखा कि वित्त वर्ष 2005 के बाद से उपज वक्र विस्तार के तीन चक्र हुए हैं, जो ट्रेजरी आय और ब्याज दर आंदोलन के बीच एक मजबूत उलटा सहसंबंध दिखाते हैं।
इसके अलावा, पीएसबी के लिए देखी गई संवेदनशीलता निजी बैंकों की तुलना में बहुत अधिक थी।
इसके अलावा, यह कहा गया है कि वित्त वर्ष 17 के बाद से क्रेडिट उठाव मौन रहा है, बैंक उच्च वैधानिक तरलता अनुपात (एसएलआर) रखने और ब्याज दर जोखिम वहन करने के बीच संतुलन बनाए हुए हैं, साथ ही गिरती ब्याज दर के माहौल में ऋण देकर जोखिम उठा रहे हैं।
रिपोर्ट में कहा गया है कि, पहली कोविड लहर के बाद, आरबीआई ने बैंकों को अपने कुल निवेश का 25 प्रतिशत से अधिक ट्रेडिंग निवेश श्रेणी के तहत रखने की अनुमति दी है, उनके अधीन एसएलआर के रूप में 22 प्रतिशत तक की हिस्सेदारी है।
जबकि एसएलआर सिक्योरिटी को रखने की सीमा पहले ही 19.5 प्रतिशत से बढ़ाकर 22 प्रतिशत कर दी गई थी। आरबीआई ने अपनी फरवरी की मौद्रिक नीति समिति की बैठक में मार्च 2023 तक इन होल्डिंग्स के लिए विंडो को और बढ़ा दिया है।
व्यापार
वैश्विक अर्थव्यवस्था में बढ़ रहा भारत का दबदबा, 2035 तक 9 प्रतिशत पहुंच जाएगी ग्लोबल जीडीपी ग्रोथ में हिस्सेदारी

मुंबई, 18 सितंबर। वैश्विक अर्थव्यवस्था में भारत का दबदबा तेजी से बढ़ता जा रहा है और 2035 तक ग्लोबल जीडीपी ग्रोथ में देश की हिस्सेदारी बढ़कर 9 प्रतिशत हो जाएगी, जो कि 2024 में 6.5 प्रतिशत थी। यह बयान वित्त मंत्रालय के वित्तीय सेवा विभाग में सचिव एम नागाराजू की ओर से गुरुवार को दिया गया।
देश की आर्थिक राजधानी में नेशनल बैंक फॉर फाइनेंशियल इन्फ्रास्ट्रक्चर एंड डेवलपमेंट (एनएबीएफआईडी) की ओर से आयोजित किए गए एनुअल इन्फ्रास्ट्रक्चर कॉन्क्लेव 2025 में लोगों को संबोधित करते हुए एम नागाराजू ने कहा कि वैश्विक अनिश्चितता के माहौल में भी देश की अर्थव्यवस्था तेजी से आगे बढ़ रही है और दुनिया की सबसे तेज गति से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था बनी हुई है।
उन्होंने आगे कहा कि देश की अर्थव्यवस्था बीते चार सालों से औसत 8 प्रतिशत की वार्षिक वृद्धि दर से बढ़ रही है। वित्त वर्ष 26 की पहली तिमाही में जीडीपी की वृद्धि दर 7.8 प्रतिशत रही थी, जो कि पिछली पांच तिमाही में सबसे अधिक है।
वित्तीय सेवा विभाग के सचिव के मुताबिक, हमारा एक्सटर्नल सेक्टर भी अच्छा प्रदर्शन कर रहा है और पिछली तिमाही में चालू खाता घाटा जीडीपी का केवल 0.5 प्रतिशत रहा था।
देश का शुद्ध सर्विसेज निर्यात भी तेजी से बढ़ रहा है और इन सभी मजबूत कारणों के चलते देश आजादी के 100 साल पूरे होने तक यानी 2047 तक विकसित राष्ट्र बन सकता है।
नागाराजू के अनुसार, यह व्यापक आर्थिक सफलता की कहानी हमारी इन्फ्रास्ट्रक्चर महत्वाकांक्षाओं के लिए एक ठोस आधार तैयार करती है। यह दुनिया को बताती है कि भारत का विकास न केवल मजबूत है, बल्कि सुधारों और विवेकपूर्ण नीतियों से भी प्रेरित है, जो हमें वैश्विक विकास का एक प्रमुख इंजन और महामारी के बाद की वैश्विक आर्थिक व्यवस्था को आकार देने में एक संभावित नेता बनाता है। अर्थव्यवस्था की मजबूती के पूरक के रूप में, भारतीय बैंकिंग और वित्तीय क्षेत्र मजबूत स्तंभ के रूप में उभरे हैं।
वित्त वर्ष 2024-25 में सरकारी बैंकों ने निजी बैंकों को क्रेडिट ग्रोथ में पीछे छोड़ दिया है। बीते एक दशक से अधिक समय में पहले कभी ऐसा नहीं हुआ है। नॉन-परफॉरमिंग एसेट्स (एनपीए) एक प्रतिशत के नीचे जा चुकी हैं और कैपिटल एडिक्वेसी रेश्यो भी नियामक द्वारा निर्धारित किए गए मानकों से अधिक है, जो दिखाता है कि भारत का बैंकिंग सेक्टर मजबूत स्थिति में है।
कुल मिलाकर, ये रुझान एक मजबूत, पर्याप्त पूंजीकृत वित्तीय प्रणाली की ओर इशारा करते हैं जो विकसित भारत की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए अच्छी स्थिति में है।
राष्ट्रीय समाचार
प्रधानमंत्री मोदी का भारत को 2047 तक विकसित बनाने का सपना अब हर नागरिक का सामूहिक संकल्प : प्रल्हाद जोशी

PM MODI
नई दिल्ली, 17 सितंबर। केंद्रीय मंत्री प्रल्हाद जोशी ने बुधवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में 2047 तक विकसित भारत का सपना आज हर नागरिक का सामूहिक संकल्प बन गया है।
प्रधानमंत्री मोदी को उनके 75वें जन्मदिन की शुभकामनाएं देते हुए, केंद्रीय मंत्री ने कहा कि पिछले 11 वर्षों में आपकी अथक मेहनत और समर्पण ने करोड़ों भारतीयों के जीवन में बड़ा बदलाव लाया है।
जोशी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, “आपने हर नागरिक के दिल में देशभक्ति का दीप जलाया है और राष्ट्र निर्माण में सक्रिय भागीदारी का संकल्प जगाया है। ईश्वर आपको उत्तम स्वास्थ्य और दीर्घायु प्रदान करें, जिससे आप आने वाले वर्षों में भी इसी समर्पण और ऊर्जा के साथ भारत माता की सेवा करते रहें।”
केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि आपके मंत्रिमंडल के सदस्य के रूप में पहली बार प्रधानमंत्री मोदी से मिलना उनके लिए वास्तव में एक कभी न भूलने वाल अनुभव था।
उन्होंने एक्स पर लिखा, “हर विषय में उनकी गहरी रुचि, खुले विचारों और लीक से हटकर नजरिए ने मुझे नई ऊर्जा दी और अपनी जिम्मेदारियों को और भी ज्यादा समर्पण और उत्साह के साथ निभाने के लिए प्रेरित किया।”
सिंधिया ने आगे कहा, “उस एक अनुभव ने मुझे जीवन भर पूरी निष्ठा से लोगों की सेवा करने की क्षमता प्रदान की और इसके लिए मैं हमेशा उनके प्रति तहे दिल से आभारी रहूंगा।”
उन्होंने आगे कहा कि प्रधानमंत्री मोदी हर व्यक्ति के विकास और अंत्योदय के सिद्धांतों के प्रति समर्पित हैं।
वाणिज्य और उद्योग राज्य मंत्री जितिन प्रसाद ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में जीएसटी सुधारों का महत्वपूर्ण निर्णय न केवल नागरिकों के जीवन को सरल और सुगम बनाएगा, बल्कि स्थानीय उत्पादन और उद्यमिता को बढ़ावा देते हुए उद्योग और व्यापार जगत को नई ऊर्जा भी प्रदान करेगा।
व्यापार
भारतीय शेयर बाजार लगातार आठवें दिन तेजी के साथ बंद, सेंसेक्स 355 अंक उछला

SHARE MARKET
नई दिल्ली, 12 सितंबर। भारतीय शेयर बाजार शुक्रवार के कारोबारी सत्र में लगातार आंठवें दिन तेजी के साथ बंद हुआ। बाजार में चौतरफा खरीदारी देखी गई। सेंसेक्स 355.97 अंक या 0.44 प्रतिशत की बढ़त के साथ 81,904.70 और निफ्टी 108.50 अंक या 0.43 प्रतिशत की मजबूती के साथ 25,114 पर था।
लार्जकैप के साथ मिडकैप और स्मॉलकैप में भी तेजी देखी गई। निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स 183.65 अंक या 0.32 प्रतिशत की तेजी के साथ 58,227.20 और निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स 114.70 अंक या 0.64 प्रतिशत की मजबूती के साथ 17,989.90 पर था।
बाजार को ऊपर खींचने का काम डिफेंस, मेटल और फाइनेंस शेयरों ने किया। निफ्टी इंडिया डिफेंस इंडेक्स (4.38 प्रतिशत), निफ्टी मेटल (0.93 प्रतिशत), निफ्टी ऑटो (0.46 प्रतिशत), निफ्टी फाइनेंस सर्विस (0.70 प्रतिशत), निफ्टी फार्मा (0.53 प्रतिशत), निफ्टी प्राइवेट बैंक (0.41 प्रतिशत) और निफ्टी कमोडिटीज (0.41 प्रतिशत) की तेजी के साथ बंद हुआ।
निफ्टी पीएसयू (0.27 प्रतिशत), निफ्टी एफएमसीजी (0.71 प्रतिशत), निफ्टी मीडिया (0.39 प्रतिशत) और निफ्टी कंजप्शन (0.29 प्रतिशत) की कमजोरी के साथ बंद हुआ।
सेंसेक्स पैक में बीईएल, बजाज फाइनेंस, बजाज फिनसर्व, एक्सिस बैंक, मारुति सुजुकी, टाटा मोटर्स, आईसीआईसीआई बैंक, एलएंडटी, इन्फोसिस, टीसीएस, टेक महिंद्रा, टाटा स्टील, पावर ग्रिड, एनटीपीसी, कोटक महिंद्रा बैंक और अल्ट्राटेक सीमेंट टॉप गेनर्स थे। इटरलन (जोमैटो), एचयूएल, ट्रेंट, टाइटन, भारती एयरटेस, एशियन पेंट्स , आईटीसी, एमएंडएम, एचसीएल टेक, एचडीएफसी बैंक और एसबीआई टॉप लूजर्स थे।
एक्सपर्ट के मुताबिक, अमेरिकी फेड की ओर से ब्याज दरों में कटौती की संभावना के कारण बाजार में तेजी बनी हुई है। यूरोपीय संघ द्वारा रूसी तेल खरीदने पर भारत पर अमेरिकी टैरिफ प्रस्तावों को अस्वीकार करने की खबरों से धारणा में और सुधार हुआ। अमेरिका-भारत व्यापार वार्ता में प्रगति से भी निकट भविष्य में सकारात्मक गति बरकरार रहने की उम्मीद है। सत्र में रक्षा क्षेत्र ने बेहतर प्रदर्शन किया। इसकी वजह भारतीय खरीद अधिकारियों द्वारा अगली पीढ़ी की छह पारंपरिक पनडुब्बियों के लिए बातचीत शुरू करने की रिपोर्ट्स का आना है।
भारतीय शेयर बाजार तेजी के साथ बंद हुआ। सुबह 9.25 बजे तक, सेंसेक्स 114 अंक या 0.14 प्रतिशत बढ़कर 81,663 पर कारोबार कर रहा था और निफ्टी 39 अंक या 0.16 प्रतिशत बढ़कर 25,045 पर था।
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