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आरबीआई की नई गाइडलाइंस कल से लागू, बैंकों को एक दिन में ही क्लियर करना होगा चेक

नई दिल्ली, 3 अक्टूबर: भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की नई गाइडलाइंस के मुताबिक, 4 अक्टूबर से सभी बैंकों को एक दिन की अवधि में ही चेक क्लियर करना होगा। इससे चेक के जरिए भुगतान करना तीव्र और आसान हो जाएगा। मौजूदा समय में चेक को क्लियर होने में एक से दो दिन का समय लगता है।
एचडीएफसी बैंक और आईसीआईसीआई बैंक समेत कई बैंकों ने 4 अक्टूबर से एक ही दिन में चेक क्लियर होने की जानकारी अपने ग्राहकों को दी है।
नई व्यवस्था के तहत 4 अक्टूबर से जमा किए गए चेक उसी दिन कुछ ही घंटों में क्लियर हो जाएंगे। दोनों बैंकों ने ग्राहकों से चेक बाउंस होने से बचने के लिए पर्याप्त बैलेंस रखने और देरी या अस्वीकृति से बचने के लिए सभी चेक विवरण सही-सही भरने का आग्रह किया है।
आरबीआई की ओर से दी गई जानकारी में बताया गया कि नए सिस्टम को दो चरणों में लागू किया जाएगा। पहला फेस 4 अक्टूबर, 2025 से 3 जनवरी, 2026 तक के लिए लागू होगा, जबकि दूसरा फेस 3 जनवरी के बाद से लागू होगा।
आरबीआई ने नए सिस्टम के काम करने के बारे में विस्तार के जानकारी देते हुए कहा कि इसमें एक सिंगल प्रेजेंटेशन सेशन होगा, जिसमें चेक को सुबह 10 बजे से लेकर शाम 4 बजे तक पेश करना होगा।
इसके तहत चेक प्राप्त करने वाली बैंक को चेक को स्कैन करके क्लिरिंग हाउस को भेजना होगा। इसके बाद क्लिरिंग हाउस की उस चेक की इमेज को राशि अदा करने वाले बैंक के पास भेजेगा।
इसके बाद कॉन्फॉर्मेशन सेशन सुबह 10 बजे से लेक शाम के 7 बज तक होगा। इसमें राशि अदा करने वाले बैंक को उस चेक पर सकारात्मक या नकारात्मक कॉन्फॉर्मेशन देनी होगी।
यहां बड़ी बात यह है कि हर चेक का एक ‘आइटम एक्सपायरी टाइम’ होगा, जिस समय तक कॉन्फॉर्मेशन देनी आवश्यक है।
साथ ही, बैंकों ने ग्राहकों से सुरक्षा बढ़ाने के लिए पॉजिटिव पे सिस्टम का उपयोग करने का भी आग्रह किया गया है, जिसके तहत सत्यापन के लिए चेक का मुख्य विवरण पहले से जमा करना अनिवार्य है। खाताधारकों को 50,000 रुपए से अधिक के चेक जमा करने से कम से कम 24 कार्य घंटे पहले बैंक को खाता संख्या, चेक संख्या, तिथि, राशि और लाभार्थी का नाम बताना होगा।
चेक प्रस्तुत करते समय बैंक इन विवरणों की पुष्टि करेंगे। यदि जानकारी मेल खाती है, तो चेक क्लियर कर दिया जाएगा, अन्यथा, अनुरोध अस्वीकार कर दिया जाएगा और चेक जारीकर्ता को विवरण दोबारा जमा करना होगा।
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आरबीआई ने आईपीओ लोन की लिमिट को दोगुना कर 25 लाख रुपए प्रति निवेशक किया

मुंबई, 1 अक्टूबर : भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने बुधवार को कई फैसलों का ऐलान किया, जिसने क्रेडिट को कंपनियों और आम निवेशकों के लिए आसान बना दिया है।
केंद्रीय बैंक ने बैंकों को भारतीय कंपनियों द्वारा अधिग्रहण के लिए फंडिंग की अनुमति देने का निर्णय लिया है, साथ ही शेयरों और ऋण प्रतिभूतियों के बदले ऋण देने पर प्रतिबंधों में भी ढील दी है।
मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक के बाद, गवर्नर संजय मल्होत्रा ने कहा कि आरबीआई एक फ्रेमवर्क तैयार करेगा, जिसकी मदद से बैंक अधिग्रहणों के लिए कंपनियों को ऋण उपलब्ध करा पाएंगे।
यह कदम भारतीय स्टेट बैंक द्वारा नियामक से इस तरह की फंडिंग की अनुमति देने का अनुरोध करने के बाद उठाया गया है।
मल्होत्रा ने आगे कहा कि केंद्रीय बैंक ने सूचीबद्ध ऋण प्रतिभूतियों पर ऋण देने की नियामक सीमा हटा दी है।
साथ ही, शेयरों पर ऋण देने की सीमा प्रति व्यक्ति 20 लाख रुपए से बढ़ाकर 1 करोड़ रुपए कर दी गई है।
आईपीओ फंडिंग के लिए, सीमा 10 लाख रुपए से बढ़ाकर 25 लाख रुपए प्रति व्यक्ति कर दी गई है।
यह बदलाव विशेष रूप से उच्च निवल मूल्य वाले व्यक्तियों (एचएनआई) को सार्वजनिक निर्गमों में बड़ी राशि के लिए आवेदन करने में मदद करेगा।
आरबीआई ने इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स के लिए ऋण देना सस्ता करने का भी फैसला किया है। इससे गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) द्वारा उच्च-गुणवत्ता वाले इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स को दिए गए ऋणों पर जोखिम भार कम हो जाएगा।
इसके साथ ही, नियामक ने 2016 के उस नियम को वापस ले लिया है जो 10,000 करोड़ रुपए से अधिक बैंक ऋण वाले बड़े उधारकर्ताओं को ऋण देने से हतोत्साहित करता था। इससे प्रणाली में समग्र ऋण उपलब्धता में वृद्धि होने की उम्मीद है।
विशेषज्ञों ने बताया कि आरबीआई के निर्णयों का उद्देश्य बैंकों द्वारा अधिक ऋण देने को प्रोत्साहित करना, कॉर्पोरेट अधिग्रहणों को समर्थन देना, आईपीओ भागीदारी को बढ़ावा देना और इन्फ्रास्ट्रक्चर और व्यावसायिक विकास के लिए धन की उपलब्धता को और अधिक सुगम बनाना है।
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भारतीय शेयर बाजार सपाट खुला, बैंकिंग स्टॉक्स में तेजी

मुंबई, 30 सितंबर। भारतीय शेयर बाजार की मंगलवार के कारोबारी सत्र में सपाट शुरुआत हुई। सुबह 9:33 पर सेंसेक्स 131 अंक या 0.16 प्रतिशत बढ़कर 80,496 और निफ्टी 42 अंक या 0.17 प्रतिशत की मजबूती के साथ 24,677 पर था।
शुरुआती कारोबार में बाजार के ज्यादातर सूचकांकों में हरे निशान में कारोबार हो रहा था। बैंकिंग शेयर बाजार को ऊपर खींचने का काम कर रहे थे। निफ्टी बैंक 180 अंक या 0.33 प्रतिशत की तेजी के साथ 54,641 पर था।
अन्य सेक्टोरल इंडेक्स जैसे ऑटो, आईटी, पीएसयू बैंक, फाइनेंशियल सर्विसेज, फार्मा, मेटल, एनर्जी, प्राइवेट बैंक और कमोडिटीज हरे निशान में थे। एफएमसीजी, रियल्टी, मीडिया, एनर्जी और इन्फ्रा लाल निशान में थे।
लार्जकैप के साथ मिडकैप और स्मॉलकैप में भी हरे निशान में कारोबार हो रहा था। निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स 57 अंक की मामूली तेजी के साथ 56,591 और निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स 24 अंक या 0.14 प्रतिशत की बढ़त के साथ 17,572 पर था।
सेंसेक्स पैक में पावर ग्रिड, एशियन पेंट्स, इटरनल (जोमैटो), अदाणी पोर्ट्स, टाइटन, बीईएल, बजाज फाइनेंस, अल्ट्राटेक सीमेंट, एचडीएफसी बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक,एमएंडएम, आईसीआईसीआई बैंक, एचयूएल, इन्फोसिस और टेक महिंद्रा टॉप गेनर्स थे। एलएंडटी, आईटीसी, एक्सिस बैंक, भारती एयरटेल, ट्रेंट और एनटीपीसी टॉप लूजर्स थे।
जियोजित इन्वेस्टमेंट लिमिटेड के मुख्य निवेश रणनीतिकार वीके विजयकुमार ने कहा कि निकट भविष्य में बाजार संरचना कमजोर दिखाई दे रही है। विदेशी संस्थागत निवेशकों की लगातार बिकवाली और सकारात्मक संकेतों का अभाव बाजार में किसी भी मजबूत सुधार को रोक रहा है। बाजार के लगातार ऊपर चढ़ने की किसी भी कोशिश को बिकवाली का दबाव झेलना पड़ रहा है, जो कल के नकारात्मक समापन से स्पष्ट है, जबकि इस दौरान संस्थागत निवेशकों ने 1000 करोड़ रुपए से अधिक का सकारात्मक निवेश किया था।
विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने 29 सितंबर को लगातार छठे सत्र में अपनी बिकवाली का सिलसिला जारी रखा और 2,830 करोड़ रुपए से ज्यादा मूल्य के शेयर बेचे। दूसरी ओर, घरेलू संस्थागत निवेशकों (डीआईआई) ने उसी दिन 3,845 करोड़ रुपए का शेयर बाजार में निवेश किया।
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भारतीय शेयर बाजार तेजी के साथ खुला, आरबीआई एमपीसी से निवेशक उत्साहित

मुंबई, 29 सितंबर। भारतीय शेयर बाजार सोमवार के कारोबारी सत्र में तेजी के साथ खुला। सुबह 9:42 पर सेंसेक्स 265 अंक या 0.33 प्रतिशत की तेजी के साथ 80,692 और निफ्टी 88 अंक या 0.38 प्रतिशत की मजबूती के साथ 24,744 पर था।
लार्जकैप के साथ मिडकैप और स्मॉलकैप में तेजी देखने को मिल रही है। निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स 418 अंक या 0.74 प्रतिशत की मजबूती के साथ 56,797.30 पर और निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स 132 अंक या 0.75 प्रतिशत की तेजी के साथ 17,692 पर था।
सेक्टोरल आधार पर ऑटो, आईटी, फाइनेंशियल सर्विसेज, फार्मा, मेटल, रियल्टी, मीडिया, एनर्जी और इन्फ्रा हरे निशान में थे। केवल एफएमसीजी इंडेक्स ही लाल निशान में था।
सेंसेक्स के शेयरों में बीईएल, इटरनल, टाइटन, टाटा स्टील, ट्रेंट, एमएंडएम, टाटा मोटर्स, इन्फोसिस, बजाज फाइनेंस, सन फार्मा, टीसीएस, एसबीआई और पावर ग्रिड टॉप गेनर्स थे। एचयूएल, एक्सिस बैंक, एलएंडटी, मारुति सुजुकी, भारती एयरटेल, आईटीसी और एचसीएल टेक टॉप लूजर्स थे।
आरबीआई एमपीसी की बैठक आज से शुरू हो गई है। 1 अक्टूबर तक चलने वाली इस बैठक में निवेशक रेपो रेट में कमी की उम्मीद कर रहे हैं, जो कि फिलहाल 5.50 प्रतिशत पर है।
विशेषज्ञों ने कहा कि आगामी आरबीआई एमपीसी में रेपो रेट को 5.5 प्रतिशत पर स्थिर रखा जा सकता है और ब्याज दरों में कटौती संभावना काफी कम है।
उन्होंने आगे कहा, “भारतीय अर्थव्यवस्था ने मजबूत लचीलापन दिखाया है और 2025-26 की पहली तिमाही में पांच तिमाहियों की उच्चतम वृद्धि हासिल की है, जो मुख्यतः घरेलू खपत और अन्य स्थानीय कारकों से प्रेरित है।”
ज्यादातर एशियाई बाजार हरे निशान में कारोबार कर रहे थे। शंघाई, हांगकांग, बैंकॉक, सोल और जकार्ता हरे निशान में थे। टोक्यो लाल निशान में थे। अमेरिका के शेयर बाजार शुक्रवार को बढ़कर बंद हुए।
विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने 26 सितंबर को लगातार पांचवें सत्र में अपनी बिकवाली का सिलसिला जारी रखा और 5,687 करोड़ रुपए के शेयर बेचे। दूसरी ओर, घरेलू संस्थागत निवेशकों (डीआईआई) ने बिकवाली जारी रखी और उसी दिन 5,843 करोड़ रुपए के शेयर खरीदे।
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