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Wednesday,23-April-2025
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RBI ने सरकार को ₹2.11 लाख करोड़ का अब तक का सबसे अधिक लाभांश स्वीकृत किया।

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रिजर्व बैंक ने बुधवार को 2023-24 के लिए केंद्र सरकार को 2.11 लाख करोड़ रुपये के अब तक के सबसे अधिक लाभांश भुगतान को मंजूरी दे दी, एक ऐसा निर्णय जो राजकोषीय घाटे को बेहतर ढंग से प्रबंधित करने में मदद करेगा।

वित्त वर्ष 2022-23 के लिए आरबीआई द्वारा केंद्र को लाभांश या अधिशेष हस्तांतरण 87,416 करोड़ रुपये था। पिछला उच्चतम स्तर 2018-19 में 1.76 लाख करोड़ रुपये था।

लाभांश भुगतान पर निर्णय गवर्नर शक्तिकांत दास की अध्यक्षता में आयोजित भारतीय रिजर्व बैंक के केंद्रीय निदेशक मंडल की 608वीं बैठक में लिया गया।

लाभांश हस्तांतरण विवरण

आरबीआई ने एक बयान में कहा, “बोर्ड ने…लेखा वर्ष 2023-24 के लिए केंद्र सरकार को अधिशेष के रूप में 2,10,874 करोड़ रुपये के हस्तांतरण को मंजूरी दी।”

केंद्र सरकार का लक्ष्य चालू वित्त वर्ष के दौरान राजकोषीय घाटे या व्यय और राजस्व के बीच अंतर को 17.34 लाख करोड़ रुपये (जीडीपी का 5.1 प्रतिशत) तक सीमित रखना है।

बजट अनुमान

2024-25 के बजट में सरकार ने आरबीआई और सार्वजनिक क्षेत्र के वित्तीय संस्थानों से 1.02 लाख करोड़ रुपये की लाभांश आय का अनुमान लगाया था।

आरबीआई बोर्ड ने विकास परिदृश्य के जोखिमों सहित वैश्विक और घरेलू आर्थिक परिदृश्य की भी समीक्षा की।

बोर्ड ने 2023-24 के दौरान रिजर्व बैंक के कामकाज पर चर्चा की और पिछले वित्त वर्ष के लिए इसकी वार्षिक रिपोर्ट और वित्तीय विवरण को मंजूरी दी।

आरबीआई ने कहा कि लेखांकन वर्ष 2018-19 से 2021-22 के दौरान, मौजूदा व्यापक आर्थिक स्थितियों और कोविड-19 महामारी के हमले के कारण, बोर्ड ने आकस्मिक जोखिम बफर (सीआरबी) को 5.50 प्रतिशत पर बनाए रखने का निर्णय लिया था। विकास और समग्र आर्थिक गतिविधि का समर्थन करने के लिए रिज़र्व बैंक की बैलेंस शीट का आकार।

“वित्त वर्ष 2022-23 में आर्थिक विकास में सुधार के साथ, सीआरबी को बढ़ाकर 6.00 प्रतिशत कर दिया गया। चूंकि अर्थव्यवस्था मजबूत और लचीली बनी हुई है, बोर्ड ने वित्त वर्ष 2023-24 के लिए सीआरबी को 6.50 प्रतिशत तक बढ़ाने का निर्णय लिया है।” केंद्रीय बैंक जोड़ा गया।

आर्थिक पूंजी ढांचा

आरबीआई ने कहा कि 2023-24 के लिए हस्तांतरणीय अधिशेष, बिमल जालान की अध्यक्षता वाली विशेषज्ञ समिति की सिफारिशों के अनुसार, अगस्त 2019 में अपनाए गए आर्थिक पूंजी ढांचे (ईसीएफ) के आधार पर निकाला गया है।

समिति ने सिफारिश की थी कि सीआरबी के तहत जोखिम प्रावधान को आरबीआई की बैलेंस शीट के 6.5 से 5.5 प्रतिशत के दायरे में बनाए रखा जाना चाहिए।

राष्ट्रीय समाचार

पहलगाम हमला : सुरक्षा बलों ने जारी किए आतंकवादियों के स्केच और तस्वीरें

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श्रीनगर, 23 अप्रैल। पहलगाम में हुए आतंकी हमले को लेकर सुरक्षा बलों ने बुधवार को कुछ संदिग्ध आतंकियों की तस्वीरें और स्केच जारी किए हैं। इस हमले में मंगलवार को 26 नागरिकों की जान चली गई थी और कई लोग घायल हो गए थे।

सुरक्षा बलों के अनुसार, इस हमले में तीन आतंकवादियों की पहचान आसिफ फूजी, सुलेमान शाह और अबू तल्हा के तौर पर की गई है।

ये आतंकी ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट’ (टीआरएफ) नाम के आतंकी संगठन से जुड़े हैं, जो कि प्रतिबंधित संगठन लश्कर-ए-तैयबा की एक शाखा है। इन लोगों ने पहलगाम से 6 किलोमीटर दूर बसे बैसरन में घूमने आए पर्यटकों पर अचानक गोलियां चला दीं।

सुरक्षा बलों ने बताया कि पांच से छह आतंकी सेना जैसे कपड़े और कुर्ता-पायजामा पहनकर आस-पास के घने जंगल से आए थे और उनके पास एके-47 जैसे खतरनाक हथियार थे। खुफिया जानकारी के मुताबिक, इस हमले में पाकिस्तान से आए आतंकवादी भी शामिल थे जो कुछ ही दिन पहले घाटी में घुसे थे।

सुरक्षा एजेंसियों ने लश्कर-ए-तैयबा के बड़े आतंकी सैफुल्लाह कसूरी उर्फ़ खालिद को इस हमले का मुख्य साजिशकर्ता बताया है।

हमले के बाद सुरक्षाबलों ने बड़ा तलाशी अभियान शुरू कर दिया है और जंगलों में छिपे आतंकियों को ढूंढने के लिए हेलीकॉप्टर भी लगाए गए हैं। जांच में यह भी पता चला है कि आतंकियों ने बहुत उन्नत हथियार और संचार उपकरण इस्तेमाल किए, जिससे साफ है कि उन्हें बाहर से मदद मिल रही थी।

कुछ आतंकियों ने हेलमेट पर लगे कैमरे और बॉडी कैमरों से पूरे हमले की रिकॉर्डिंग भी की। उनके पास सूखे मेवे और दवाइयां भी थीं, जिससे साफ है कि वे पूरी तैयारी के साथ आए थे।

सूत्रों के अनुसार, आतंकियों ने हमले से पहले कुछ स्थानीय लोगों की मदद से इलाके की रेकी भी की थी।

चश्मदीदों का कहना है कि दो आतंकी पश्तो भाषा बोल रहे थे, जो दर्शाता है कि वे पाकिस्तानी थे। वहीं, दो स्थानीय आतंकी आदिल और आसिफ बताए जा रहे हैं, जो बिजबेहरा और त्राल के रहने वाले हैं।

हमले की एकदम सही तैयारी और सटीक योजना से यह लगता है कि इसे ऐसे व्यक्तियों ने अंजाम दिया है जिन्हें इसकी अच्छी ट्रेनिंग मिली हुई है, न कि कोई सामान्य स्थानीय व्यक्ति।

जांच एजेंसियों ने यह भी पाया है कि इन आतंकियों के डिजिटल फुटप्रिंट पाकिस्तान के मुजफ्फराबाद और कराची के सुरक्षित ठिकानों से जुड़े हुए हैं, जिससे सीमा पार आतंकी साजिश की पुष्टि होती है।

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राष्ट्रीय समाचार

एनपीएस के तहत वित्त वर्ष 2025 में प्राइवेट सेक्टर सब्सक्राइबर्स की संख्या 12 लाख के पार

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नई दिल्ली, 23 अप्रैल। भारत सरकार द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) के तहत 2024-25 के दौरान प्राइवेट सेक्टर सब्सक्राइबर्स की संख्या 12 लाख से अधिक दर्ज की गई है। मार्च 2025 तक कुल सब्सक्राइबर्स की संख्या 165 लाख हो गई है, जो कि एक बड़ी उपलब्धि को दिखाता है।

वित्त मंत्रालय के एक बयान के अनुसार, सितंबर 2024 में शुरू की गई ‘एनपीएस वात्सल्य’ योजना के तहत 1 लाख से ज्यादा सब्सक्राइबर्स को रजिस्टर किया गया है। यह योजना विशेष रूप से नाबालिगों के लिए डिजाइन की गई है।

एनपीएस और अटल पेंशन योजना (एपीवाई) दोनों के लिए एसेट अंडर मैनेजमेंट (एयूएम) 2024-25 के दौरान 23 प्रतिशत बढ़कर मार्च 2025 के अंत तक 14.43 लाख करोड़ रुपये हो गया।

पीएफआरडीए के अध्यक्ष दीपक मोहंती ने इस महीने की शुरुआत में कहा कि एनपीएस भारत के पेंशन क्षेत्र की आधारशिला के रूप में उभरा है, जिसमें 14.4 लाख करोड़ रुपये का संचित कोष है और एनपीएस और अटल पेंशन योजना (एपीवाई) के तहत रजिस्टर्ड सब्सक्राइबर्स की कुल संख्या 8.4 करोड़ है।

मोहंती ने कहा कि पेंशन सिस्टम का ध्यान कवरेज को बढ़ाने, वित्तीय स्थिरता सुनिश्चित करने और भविष्य की पीढ़ियों के लिए पेंशन-समावेशी समाज बनाने पर बना हुआ है।

उन्होंने आगे कहा कि ‘सभी के लिए पेंशन’ एक राष्ट्रीय प्राथमिकता बननी चाहिए। वृद्ध आबादी के लिए एक सम्मानजनक और सुरक्षित भविष्य सुनिश्चित करने के लिए इसमें नीतिगत कार्रवाई की जरूरत है।

1 अप्रैल से लागू यूनिफाइड पेंशन स्कीम से 23 लाख केंद्रीय कर्मचारियों को लाभ मिलने की उम्मीद है। इस स्कीम के तहत कम से कम 25 साल की सेवा वाले केंद्र सरकार के कर्मचारी रिटायरमेंट से पहले पिछले 12 महीनों के अपने औसत मूल वेतन के 50 प्रतिशत के बराबर एक निश्चित पेंशन के लिए पात्र हैं।

सरकार ने केंद्र सरकार के कर्मचारियों को रिटायरमेंट के बाद अधिक वित्तीय सुरक्षा प्रदान करने के लिए यूपीएस की शुरुआत की। यह स्कीम खासकर उन लोगों के लिए लाई गई है, जो बाजार से जुड़ी पेंशन के बजाय एक स्थिर और अनुमानित आय पसंद करते हैं।

जिन कर्मचारियों ने 10 साल से अधिक लेकिन 25 साल से कम समय तक सेवा की है, उन्हें प्रति माह न्यूनतम 10,000 रुपये की पेंशन मिलेगी।

पेंशनभोगी की मृत्यु के मामले में, उनके परिवार को पारिवारिक पेंशन के रूप में अंतिम पेंशन का 60 प्रतिशत मिलेगा।

वर्तमान में एनपीएस के तहत आने वाले केंद्र सरकार के कर्मचारियों के पास यूपीएस में स्विच करने का विकल्प होगा।

इस योजना को हाइब्रिड मॉडल के रूप में तैयार किया गया है, जिसमें पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) और एनपीएस दोनों की विशेषताएं शामिल हैं।

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अपराध

आतंकवादियों के खिलाफ ऐसी कार्रवाई करे सरकार, याद कर उनकी 10 पीढ़ियां भी कांप उठें: राज ठाकरे

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मुंबई, 23 अप्रैल। महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले की कड़ी निंदा की है। इसके साथ ही मनसे प्रमुख राज ठाकरे ने केंद्र सरकार से अपील की कि आतंकवादियों के खिलाफ ऐसे कदम उठाए जाने चाहिए कि उनकी अगली 10 पीढ़ियां भी उन्हें याद करके कांप उठें।

मनसे प्रमुख राज ठाकरे ने बुधवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट में कहा, “महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना पहलगाम में हुए आतंकी हमले की कड़े शब्दों में निंदा करती है। इस घटना में जिन लोगों ने अपनी जान गंवाई, उन्हें महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना की ओर से भावपूर्ण श्रद्धांजलि।”

उन्होंने कहा कि यह घटना अत्यंत गंभीर है, और इस संकट की घड़ी में महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना सरकार के साथ खड़ी है। केंद्र सरकार को अब इन हमलावरों के खिलाफ ऐसे कदम उठाने चाहिए कि इन हमलावरों की अगली 10 पीढ़ियां भी उन्हें याद करके कांप उठें। 1972 में म्यूनिख ओलंपिक के दौरान फिलिस्तीनी आतंकवादियों ने इजरायली एथलीटों पर हमला किया था। इसके बाद इजरायल ने उन आतंकवादियों और उनके मास्टरमाइंड को इस तरह खत्म किया था कि लंबे समय तक फिलिस्तीनियों के मन में खौफ बैठ गया था। भारत और इजरायल के संबंध बेहद मजबूत हैं। हम उम्मीद करते हैं कि केंद्र सरकार इजरायल की राह पर चलकर इन आतंकवादियों और उनके सभी समर्थकों को हमेशा के लिए खत्म कर देगी।

इस हमले के बारे में पढ़ते समय एक चौंकाने वाली बात सामने आई। एक प्रत्यक्षदर्शी महिला ने बताया कि हमलावरों ने गोली चलाते समय सामने वाले का धर्म पूछा। यह क्या गुस्ताखी है? मैंने अपने कई भाषणों में कहा है कि अगर इस देश में कोई हमारे हिंदुओं पर हमला करेगा, तो हम सभी हिंदू एकजुट होकर उसका जवाब देंगे। इन हमलावरों के पीछे के मास्टरमाइंड चाहे कहीं भी छिपे हों, उन्हें हमारी ताकत का अहसास होना चाहिए।

केंद्र सरकार ने कश्मीर से धारा 370 हटाई। इसके बाद वहां हालात कुछ हद तक सामान्य हो गए हैं और पर्यटकों की संख्या भी बढ़ गई। लेकिन अगर इस तरह के हमले होते हैं, तो भविष्य में कश्मीर में जमीन खरीदकर या उद्योग शुरू करने की हिम्मत कौन करेगा? इसलिए केंद्र सरकार को इस पर गंभीरता से विचार कर ठोस कार्रवाई करनी चाहिए।

मुझे पूरा यकीन है कि केंद्र सरकार इस मामले में कठोर कार्रवाई करेगी। इस देश के सभी राजनीतिक दल उनके साथ खड़े होंगे। सरकार को एक बार ऐसा जोरदार प्रहार करना चाहिए कि बाकियों की हिम्मत ही टूट जाए। मुझे दूसरों का पता नहीं, लेकिन महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना केंद्र सरकार के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी रहेगी।

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