राजनीति
बिहार के नतीजों को छोड़कर कोविड-19 वैक्सीन की बात कर रहे राहुल गांधी
बिहार विधानसभा चुनाव और देश के विभिन्न राज्यों में हुए उपचुनावों के नतीजे आने के एक दिन बाद राहुल गांधी ने चुनावी मुद्दे से साफतौर पर बचते हुए कोविड-19 वैक्सीन पर फोकस किया। जाहिर है, बिहार और उत्तर प्रदेश में देश की यह पुरानी कोई खास योगदान नहीं दे सकी। इस मसले से हटते हुए बुधवार को गांधी ने ट्वीट किया, “भले ही फाइजर ने एक वैक्सीन बना लिया है, लेकिन इसे हर भारतीय तक पहुंचाने के लिए लॉजिस्टिक पर काम करना जरूरी है। भारत सरकार को वैक्सीन वितरण रणनीति बतानी होगी कि यह कैसे हर भारतीय तक पहुंचेगी।”
कुछ घंटों पहले आए चुनावी नतीजों में कांग्रेस बिहार में केवल 19 सीटें ही पा सकी है। उपचुनावों में भी पार्टी को बड़ी हार का सामना करना पड़ा है। हरियाणा के बरोदा विधानसभा की जीत का श्रेय भी असल में पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा को दिया जा रहा है, बजाय की पार्टी के केंद्रीय नेताओं को।
गुजरात उपचुनावों की बात करें तो राहुल गांधी के करीबी और राज्य के प्रभारी माने जाने वाले नेता राजीव सातव कुछ खास नहीं कर सके। यहां सभी 8 सीटें भाजपा ने जीतीं। कर्नाटक के प्रभारी रणदीप सिंह सुरजेवाला भी उपचुनावों में दोनों सीटें भाजपा से हार गए।
मध्यप्रदेश में शिवराज सिंह चौहान को पछाड़ने के लिए मैदान में उतरी कांग्रेस उपचुनाव नहीं जीत सकी, बल्कि भाजपा अब और अधिक शक्तिशाली बनकर उभर आई है। ऐसे ही हालात तेलंगाना और ओडिशा के हैं।
हालांकि छत्तीसगढ़ और झारखंड में हालात ठीक रहे, जहां कांग्रेस उपचुनाव जीतने में कामयाब रही। उत्तर प्रदेश में प्रियंका गांधी वाड्रा प्रभारी हैं, लेकिन पार्टी यहां एक भी सीट नहीं जीत पाई। यहां भाजपा ने 6 और समाजवादी पार्टी ने 1 सीट जीती।
गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने कहा, “ये नतीजे आगामी स्थानीय चुनावों के लिए एक ट्रेलर हैं। कांग्रेस एक डूबता हुआ जहाज है .. उनका लोगों से संपर्क खत्म हो गया है। हर जगह नतीजे उनके खिलाफ आए हैं।”
उधर, बिहार में मिली हार के लिए कांग्रेस के नेता पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व की आलोचना कर रहे हैं और कह रहे हैं कि कांग्रेस को सेट प्रोटोकॉल से बाहर आना होगा, ताकि दिल्ली से चुनाव लड़ा जा सके।
संकट के इस समय में केवल तीन नेता ही कुछ कर पाए हैं। जैसे- झारखंड के प्रभारी आर.पी.एन. सिंह झामुमो के साथ गठबंधन में दोनों सीटों पर भाजपा को हरा पाए हैं, इसी तरह भूपेंद्र सिंह हुड्डा बरोदा और भूपेंद्र बघेल मरवाही सीट कांग्रेस के खाते में डाल पाए हैं।
राष्ट्रीय समाचार
मुंबई लोकल ट्रेन के दिव्यांग कोच में उल्हासनगर की महिला से छेड़छाड़, 2 गिरफ्तार

कल्याण: एक चौंकाने वाली घटना में, उल्हासनगर की एक 26 वर्षीय महिला को 2 दिसंबर को मुंबई लोकल ट्रेन के दिव्यांग कोच में कथित तौर पर परेशान किया गया। यह घटना मंगलवार, 2 दिसंबर को रात लगभग 8.15 बजे हुई।
मीडिया द्वारा साझा किए गए वीडियो में , ठाणे में काम से लौटते समय, वह मध्य रेलवे की ठाणे-कल्याण ट्रेन में सवार हुई। ट्रेन के डोंबिवली पार करने के बाद, महिला की दिव्यांग पास को लेकर अनूप सुरेंद्र सिंह और अभिलाषा अर्जुन नायर नामक आरोपियों से बहस हो गई। महिला ने आरोप लगाया कि तीखी बहस के बाद, दोनों आरोपियों ने उसका हाथ पकड़ लिया और उसके साथ छेड़छाड़ भी की।
उल्हासनगर स्टेशन पर उतरने के बाद, तीनों और एक अन्य प्रत्यक्षदर्शी के बीच स्टेशन पर जमकर बहस हुई। रेलवे पुलिस जल्द ही प्लेटफॉर्म पर पहुँच गई, जहाँ कई महिलाओं ने हस्तक्षेप किया और घटना के बारे में अधिकारियों से बहस की। बाद में पुलिस आरोपियों को कल्याण रेलवे पुलिस स्टेशन ले गई और महिला की शिकायत के आधार पर भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 74 के तहत मामला दर्ज किया गया। दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है।
इस बीच, पिछले महीने, वाशी राजकीय रेलवे पुलिस (जीआरपी) ने 2 नवंबर को पनवेल से सीएसएमटी जाने वाली एक लोकल ट्रेन में 28 वर्षीय महिला के साथ कथित तौर पर छेड़छाड़ करने के आरोप में एक 25 वर्षीय ट्रांसजेंडर व्यक्ति को गिरफ्तार किया था। घटना दोपहर करीब 12.10 बजे हुई जब ट्रेन नेरुल स्टेशन के पास पहुँच रही थी। हार्बर लाइन की ट्रेन के जनरल डिब्बे में चढ़ते समय आरोपी यात्रियों से भीख मांग रहा था। जब ट्रेन सीवुड्स स्टेशन पार कर रही थी, तो आरोपी और एक पुरुष यात्री के बीच बहस हो गई, जिसने पैसे देने से इनकार कर दिया।
अपनी एक महिला मित्र के साथ आए व्यक्ति ने आरोपी को आगे बढ़ने को कहा, जिससे दोनों के बीच तीखी बहस हो गई। इस दौरान, आरोपी ने कथित तौर पर उस व्यक्ति को गालियाँ दीं और महिला के कंधे को छुआ, जिससे वह असहज हो गई। शिकायत दर्ज कर वाशी जीआरपी ने आरोपी को हिरासत में ले लिया है।
राष्ट्रीय समाचार
महापरिनिर्वाण दिवस: डॉ. अंबेडकर की पुण्यतिथि पर 6 दिसंबर को मुंबई के सरकारी और अर्ध-सरकारी कार्यालयों में अवकाश घोषित

मुंबई: डॉ. भीमराव रामजी अंबेडकर (बीआर अंबेडकर) की 69वीं पुण्यतिथि, जिसे महापरिनिर्वाण दिवस के रूप में भी जाना जाता है, पर शनिवार 6 दिसंबर को मुंबई में सभी सरकारी और अर्ध-सरकारी अधिकारियों के लिए अवकाश घोषित किया गया है। महापरिनिर्वाण दिवस सामाजिक न्याय, समानता और मानवाधिकारों के प्रति उनके प्रयासों का सम्मान करने का एक अवसर है।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार , ठाणे जिले में नगर निगम के अधिकारियों को भी छुट्टी दी गई है। इसके अलावा, जो कर्मचारी छुट्टी के पात्र नहीं हैं, उन्हें एक दिन का अर्जित अवकाश दिया जाएगा। नगर निगम के एक परिपत्र का हवाला देते हुए, रिपोर्ट में कहा गया है कि आवश्यक सेवाओं में कार्यरत कर्मचारियों और कर्मचारियों को छुट्टी से छूट दी जाएगी।
यह दिवस भारतीय संविधान के निर्माता और सामाजिक न्याय के लिए संघर्ष करने वाले नेता डॉ. भीमराव रामजी आंबेडकर के निधन का स्मरण करता है। यह दिवस स्थायी शांति की ओर उनके कदम का प्रतीक है, साथ ही वंचित समुदायों के समर्थन और समानता एवं मानवाधिकारों के लिए उनके अमिट योगदान का सम्मान भी करता है।
यह चिंतन, सम्मान और एक निष्पक्ष एवं समावेशी समुदाय के उनके दृष्टिकोण के प्रति समर्पण की पुनः पुष्टि का दिन है। महापरिनिर्वाण दिवस डॉ. आंबेडकर के एक समतामूलक समाज की स्थापना के प्रति उनके अटूट समर्पण की याद दिलाता है और सामाजिक न्याय के लिए निरंतर प्रयासों को प्रेरित करता है।
डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर की पुण्यतिथि 6 दिसंबर को यहां चैत्यभूमि पर बड़ी संख्या में लोगों के एकत्र होने की उम्मीद है। इस वार्षिक कार्यक्रम में देश भर से डॉ. आंबेडकर के लाखों अनुयायी आते हैं।
2 दिसंबर को, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने सभी विभागों को चैत्यभूमि पर सुरक्षा और अन्य सभी आवश्यक व्यवस्थाएँ सुनिश्चित करने का निर्देश दिया। फडणवीस ने अधिकारियों को दादर क्षेत्र, जहाँ चैत्यभूमि स्थित है, में उचित मंडप व्यवस्था, पेयजल सुविधाएँ, स्वच्छता, यातायात प्रबंधन और पर्याप्त साइनेज सुनिश्चित करने का निर्देश दिया।
मध्य रेलवे 6 दिसंबर को बाबासाहेब अंबेडकर की पुण्यतिथि पर 12 अतिरिक्त उपनगरीय सेवाएं चलाएगा। 6 दिसंबर को उनके लाखों अनुयायी महापरिनिर्वाण दिवस के रूप में मनाते हैं, जो देश भर से दादर स्थित चैत्यभूमि पर एकत्रित होते हैं।
मध्य रेलवे ने एक विज्ञप्ति में कहा कि ये अतिरिक्त उपनगरीय विशेष ट्रेनें शुक्रवार-शनिवार मध्यरात्रि को परेल-कल्याण और कुर्ला-पनवेल स्टेशनों के बीच चलाई जाएँगी। ये अतिरिक्त उपनगरीय विशेष ट्रेनें कुर्ला, कल्याण, ठाणे, परेल, वाशी और पनवेल स्टेशनों से रात 00.45 बजे से सुबह 4 बजे के बीच चलाई जाएँगी।
उन्होंने कहा कि बृहन्मुंबई विद्युत आपूर्ति एवं परिवहन (बेस्ट) को श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए अतिरिक्त बसें तैनात करने का निर्देश दिया गया है। उन्होंने कहा कि वार्षिक समीक्षा से खामियों की पहचान करने और हर साल व्यवस्थाओं में सुधार करने में मदद मिलती है।
राष्ट्रीय समाचार
राजनाथ सिंह के बयान से नया विवाद, प्रियंका गांधी ने कहा- असली मुद्दों से भटकाने की कोशिश

नई दिल्ली, 3 दिसंबर: बुधवार को संसद के शीतकालीन सत्र का तीसरे दिन रहा। विपक्ष सदन के बाहर भी मुखर नजर आया। मीडिया से बातचीत में विपक्ष ने बढ़ते हुए प्रदूषण और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के हालिया बयान को लेकर नाराजगी जाहिर की। उनका आरोप है कि सरकार सही मुद्दों पर चर्चा से बचने के लिए भटकाने की कोशिश कर रही है।
इस दौरान कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने प्रदूषण पर सरकार को घेरा। उन्होंने कहा कि प्रदूषण कोई राजनीतिक मुद्दा नहीं है, बल्कि ऐसा संकट है जो हर इंसान की सेहत पर असर डाल रहा है। उन्होंने साफ कहा कि संसद में इस पर गंभीर और ठोस चर्चा होनी चाहिए और सिर्फ बहस से काम नहीं चलेगा। सरकार को कड़े कदम उठाने होंगे। प्रियंका ने यह भी कहा कि यह काम सबको मिलकर करना होगा और हर स्तर पर इसे प्राथमिकता देनी होगी।
राजनाथ सिंह के बयान पर बोलते हुए प्रियंका गांधी ने आरोप लगाया कि सरकार रोज कोई नया विवाद खड़ा करती है ताकि जनता के असली मुद्दों से ध्यान हटाया जा सके। उनके अनुसार यह बयान उसी भटकाव की राजनीति का हिस्सा है। वहीं, इसी दौरान राहुल गांधी पत्रकारों के सवालों से बचते नजर आए। जब उनसे बयान मांगा गया तो उन्होंने कहा कि वे फिलहाल किसी भी विषय पर टिप्पणी नहीं करेंगे।
राजनाथ सिंह के विवादित बयान पर समाजवादी पार्टी के सांसद अफजल अंसारी ने भी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि लगभग 60 साल पुराने मामले को दोबारा उठाकर नया विवाद खड़ा करना जनता का ध्यान असली मुद्दों से हटाने की कोशिश लगती है। अंसारी ने कहा कि यह विषय आज लोगों की चिंता का विषय नहीं है, इसलिए इसे बार-बार छेड़ना उचित नहीं है।
गौरतलब है कि मंगलवार को गुजरात के बड़ौदा में राजनाथ सिंह ने कहा था कि जवाहरलाल नेहरू बाबरी मस्जिद को दोबारा बनवाना चाहते थे, वह भी सरकारी पैसे से, लेकिन तत्कालीन गृहमंत्री सरदार पटेल ने इस योजना को आगे बढ़ने नहीं दिया। उनके इस बयान ने राजनीतिक माहौल और गरमा दिया है और विपक्ष इसे इतिहास को तोड़-मरोड़कर पेश करने की कोशिश बता रहा है।
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