राजनीति
राहुल ने समझाया, चीन ने लद्दाख में घुसपैठ के लिए यह समय क्यों चुना

New Delhi: Congress leader Rahul Gandhi addresses a special party briefing via video conferencing in New Delhi during the fourth phase of the nationwide lockdown imposed to mitigate the spread of coronavirus, on May 26, 2020. (Photo: IANS)
पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने शुक्रवार को एक बार फिर लद्दाख में चीनी सेना के साथ झड़प के मुद्दे पर सरकार को घेरा। उन्होंने कहा कि चीन ने इस बार हमारी धरती पर घुसपैठ के लिए यह समय इसलिए चुना, क्योंकि पड़ोसी देशों के साथ भारत की विदेश नीति, आर्थिक संबंध अच्छे नहीं हैं। राहुल गांधी ने अपने सीरीज के पहले वीडियो में इस समय देश की धरती पर चीन के घुसपैठ करने के कारणों की विस्तार से व्याख्या की है।
वह लद्दाख की गलवान घाटी में 15 जून को चीन की पीपल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के साथ संघर्ष में 20 भारतीय जवानों के शहीद होने के बाद वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के हालात पर चीन से निपटने के सरकार के तौर-तरीके आलोचना करते आ रहे हैं। उन्होंने भारत सरकार के उस दावे पर सवाल उठाए हैं, जिसमें कहा गया है कि चीन ने भारत में हमारी जमीन पर कब्जा या फिर घुसपैठ नहीं किया है।
राहुल गांधी ने कहा, “सवाल यह है कि चीन ने इस आखिर इस कदम के लिए यह समय क्यों चुना। क्या यह भारत की ऐसी स्थिति है, जिस वजह से चीन ने इतना आक्रामक रवैया अपनाया। क्या इस समय ने उन्हें इस बात का आत्मविश्वास दिया कि वे भारत जैसे देश के खिलाफ ऐसा कदम उठा सकते है?”
केरल के वायनाड से कांग्रेस सांसद ने कहा कि इसे समझने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि देश सिर्फ एक खास तरीके से सुरक्षित नहीं रहता, बल्कि विदेश संबंध, पड़ोसी बंधुता, अर्थव्यवस्था और लोगों के दृष्टिकोण से सुरक्षित रहता है।
उन्होंने कहा,”बीते छह सालों में इन क्षेत्रों में भारत परेशान और नाकाम रहा है। और मैं इन सभी पर बात करूंगा।”
भारत की विदेश नीति के बारे में कांग्रेस नेता ने कहा, “हमारा बाहर की दुनिया में कई देशों के साथ संबंध रहा है। हमारा अमेरिका के साथ संबंध था। अमेरिका के साथ रणनीतिक साझेदारी है, मैं कहूंगा और यह काफी महत्वपूर्ण है। हमारा यूरोप और रूस के साथ संबंध था।”
उन्होंने कहा, “आज हमारा रिश्ता लेन-देन का बन गया है। हमारा अमेरिका के साथ लेन-देन वाला रिश्ता है। हमारा रूस के साथ अशांत रिश्ता है। अब भारत के पड़ोसी देशों के साथ संबंधों पर आते हैं, पहले नेपाल, भूटान और श्रीलंका हमारे दोस्त हुआ करते थे।”
उन्होंने कहा, “पाकिस्तान को छोड़ पड़ासियों के साथ हमारे अच्छे संबंध थे और वे खुद को भारत के साझेदार के तौर पर देखते थे। आज नेपाल भारत से नाराज है, आप नेपाल जाइए और नेपाली लोगों से बातचीत कीजिए, आपको पता चलेगा कि जो हो रहा है, उससे वे क्षुब्ध हैं। श्रीलंका ने अपना बंदरगाह चीन को दे दिया है। मालदीव परेशान है, भूटान परेशान है। हमने अपने विदेशी दोस्तों और पड़ोसियों को नाराज कर दिया है।”
भारतीय अर्थव्यवस्था के बारे में, राहुल गांधी ने कहा, “यह हमारा गर्व था जिसके बारे में हम बात करते थे। आज 50 वर्षो में सबसे खराब आर्थिक वृद्धि है। 40-50 वर्षो में बेरोजगारी दर अपने ऊंचे स्तर पर है। हमारी मजबूती अचानक हमारी कमजोरी बन गई।”
महाराष्ट्र
वारिस पठान को पता है नितेश राणे क्या कर रहे हैं। नितेश राणे की पठान को धमकी

मुंबई: महाराष्ट्र भाजपा नेता और मंत्री नितेश राणे ने एक बार फिर मुसलमानों के खिलाफ ज़हर उगला और कहा कि यह उनके पिता का पाकिस्तान और कराची नहीं, बल्कि हिंदू राष्ट्र और देव भाऊ की सरकार है। ऐसे में अगर कोई व्यवस्था और माहौल बिगाड़ने की कोशिश करेगा, तो उसे जवाब दिया जाएगा। नितेश राणे ने एआईएमआईएम के राष्ट्रीय प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी पर निशाना साधा और कहा कि जिस जगह ओवैसी की रैली हुई, वह अहमदनगर नहीं, बल्कि अहलिया नगर है। सरकार ने अहमदनगर और औरंगाबाद का नाम बदल दिया है, इसके बावजूद लोग अहमदनगर को अहलिया नगर और औरंगाबाद को छत्रपति संभाजी नगर कहने से बचते हैं। ऐसे लोग भारत के संविधान को नहीं, बल्कि शरिया को मानते हैं। उन्होंने कहा कि अगर ओवैसी राज्य का माहौल बिगाड़ने की कोशिश करेंगे, तो सरकार को यह सोचने पर मजबूर होना पड़ेगा कि उन्हें रैली करने की अनुमति दी जाए या नहीं, क्योंकि वह अपनी राजनीतिक रैली के लिए यहां आते हैं।
एडवोकेट वारिस पठान को धमकी देते हुए नितेश राणे ने कहा कि वारिस पठान जानते हैं कि नितेश राणे क्या हैं। उन्होंने कहा कि वारिस पठान समय और जगह तय कर लें, नितेश राणे ज़रूर आएंगे, तब पता चलेगा कि क्या होगा। नितेश राणे ने मुसलमानों के ख़िलाफ़ उकसावे का परिचय देते हुए कहा कि जब हमारे देवी-देवताओं की मूर्ति का अपमान किया जाता है और हिंसा की जाती है, तब भाईचारा कहाँ चला जाता है और भारत का संविधान कहाँ चला जाता है? उन्होंने कहा कि अगर कोई राज्य की शांति भंग करने की कोशिश करता है, तो उसे पता होना चाहिए कि यहाँ देवेंद्र फडणवीस की हिंदुत्ववादी सरकार है।
राजनीति
महागठबंधन मजबूती के साथ चुनाव लड़ेगा और जीतेगा: मोहिबुल्लाह नदवी

नई दिल्ली, 10 अक्टूबर: बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर इंडिया ब्लॉक गठबंधन में सीट बंटवारे पर अभी तक तस्वीर साफ नहीं हो पाई है। इस बीच, समाजवादी पार्टी के सांसद मोहिबुल्लाह नदवी ने दावा किया है कि महागठबंधन मजबूती के साथ चुनाव लड़ेगा और जीत हासिल करेगा।
मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा कि सीट बंटवारे को लेकर जो भी मतभेद हैं, उन्हें जल्द सुलझा लिया जाएगा। महागठबंधन चुनावी मैदान में उतरने के लिए पूरी तरह तैयार है।
समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव की पुण्यतिथि पर सपा सांसद मोहिबुल्लाह नदवी ने उन्हें श्रद्धांजलि दी।
उन्होंने कहा कि मुलायम सिंह यादव ने हमें समाजवाद की विचारधारा दी। उनकी शिक्षाओं से प्रेरित होकर हमारे नेता अखिलेश यादव समाज के सभी वर्गों तक इस विचारधारा को पहुंचाने का काम कर रहे हैं। पूरा देश मुलायम सिंह यादव को याद कर रहा है। सभी लोग उनके परिवार और पार्टी के लिए दिल से दुआ कर रहे हैं।
एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी के आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत पर दिए बयान पर मोहिबुल्लाह नदवी ने कहा कि संविधान ने जाति व्यवस्था को समाप्त कर दिया है। भारतीय होना हमारी सबसे बड़ी पहचान है।
सभी को एक-दूसरे का सम्मान करना चाहिए। चाहे दलित समाज हो या वंचित समाज, सभी इस देश का हिस्सा हैं। जिन लोगों ने चीफ जस्टिस का अपमान करने की कोशिश की, वह सनातन का अपमान है। किसी को भी ऐसा करने का अधिकार नहीं है।
बसपा प्रमुख मायावती द्वारा समाजवादी पार्टी पर लगाए गए आरोपों का जवाब देते हुए नदवी ने कहा कि मायावती को इस समय दलितों के साथ खड़ा होना चाहिए था। बाबासाहेब आंबेडकर ने जो संविधान देश को दिया, वह आज खतरे में है। संविधान और उसकी विचारधारा को बचाने की सबसे ज्यादा जरूरत है। मायावती को छोटी-मोटी बातों में उलझकर या झगड़ा करके अपने नजरिए से नहीं भटकना चाहिए।
मायावती ने अपनी रैली में भाजपा की तारीफ की थी और सपा पर कई आरोप लगाए थे, जिसमें दलितों से जुड़े स्मारकों के नाम बदलने की बात शामिल थी। इस पर नदवी ने कहा कि ऐसा बिल्कुल नहीं है। बाबासाहेब का संविधान और उनकी विचारधारा समाजवाद से सबसे ज्यादा मेल खाती है। उत्तर प्रदेश में दलितों पर हुए अत्याचारों के खिलाफ समाजवादी पार्टी हमेशा खड़ी रही है।
राजनीति
बिहार में सीट बंटवारे पर महागठबंधन में असमंजस, कौन रखेगा हिमालय से ऊंचा सिर और समुद्र से गहरा दिल?

पटना, 10 अक्टूबर : बिहार विधानसभा चुनाव के लिए नामांकन प्रक्रिया शुरू हो चुकी है, लेकिन महागठबंधन के घटक दलों में सीट बंटवारे को लेकर पेंच फंसा है। मुख्यमंत्री और उप-मुख्यमंत्री पद के चेहरों पर संशय की स्थिति है।
राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने शुक्रवार को पटना में संसदीय दल की बैठक बुलाई तो कांग्रेस के नेता पप्पू यादव ने सीटों के लिए राजद को सुझाव दिया है कि उसे बड़ा दिल दिखाना चाहिए।
पूर्णिया से सांसद पप्पू यादव ने सीट बंटवारे पर कहा, “सभी को बड़ा दिल करने की जरूरत है। हिमालय से ऊंचा सिर और समुद्र से गहरा दिल रखने की जरूरत है।” इससे पहले उन्होंने राजद को सुझाव दिया था कि पार्टी को बड़ा दिल दिखाते हुए 100 से कम सीटों पर चुनाव लड़ना चाहिए।
पप्पू यादव ने पटना में मीडिया से बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री और उप-मुख्यमंत्री पद के लिए महागठबंधन में दावेदारी को लेकर भी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, “हम लोगों के लिए मुख्यमंत्री और उप-मुख्यमंत्री कोई मुद्दा नहीं है। हम लोगों के लिए मुख्य मुद्दा है कि कैसे एनडीए सरकार को यहां से हटाया जा सके।”
इस बीच, बिहार विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस के वरिष्ठ पर्यवेक्षक अशोक गहलोत ने सीट बंटवारे पर प्रतिक्रिया दी है।
उन्होंने कहा, “लालू प्रसाद यादव से मुलाकात नहीं हुई। मुलाकात का कार्यक्रम था, लेकिन अभी यह नहीं हुई है।”
वहीं कांग्रेस नेता अशोक गहलोत ने कहा, “सीटों को लेकर बातचीत जारी है। वक्त आने पर फैसले के बाद में बता दिया जाएगा।” उन्होंने यह भी कहा कि जल्द ही सीट बंटवारे को लेकर ऐलान कर दिया जाएगा।
चुनाव के लिए कांग्रेस के वरिष्ठ पर्यवेक्षक अधीर रंजन चौधरी भी पटना पहुंचे हुए हैं। उन्होंने सीट बंटवारे पर कहा कि हमारी रोज बड़ी मीटिंग चल रही है। जल्द फैसला होने वाला है। उन्होंने यह भी कहा कि सीट बंटवारे को लेकर कोई अंदरूनी झगड़ा नहीं है।
हालांकि, मुख्यमंत्री और उप-मुख्यमंत्री फेस पर सवाल का जवाब दिए बगैर अधीर रंजन चौधरी निकल गए।
महागठबंधन में सीट बंटवारे पर कांग्रेस सांसद तारिक अनवर ने कहा, “कोई भी पेच अटका नहीं है। हम लगातार बातचीत कर रहे हैं और सब कुछ सुचारू रूप से चल रहा है। जल्दबाजी करने की कोई जरूरत नहीं है, क्योंकि हमारे पास अभी पर्याप्त समय है।”
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