व्यापार
उत्तर प्रदेश में इस साल 50 लाख टन गुड़ का उत्पादन : कारोबारी संगठन
उत्तर प्रदेश ने इस साल चीनी के उत्पादन का जहां नया रिकॉर्ड बनाया है, वहीं गुड़ का उत्पादन भी प्रदेश में उम्मीद से ज्यादा हुआ है। कारोबारी संगठन का अनुमान है कि पूरे उत्तर प्रदेश में इस साल गुड़ का उत्पादन करीब 50 लाख टन है, जो औसत सालाना उत्पादन 45 लाख टन से 11 फीसदी ज्यादा है। गुड़ का उत्पादन कुटीर एवं लघु उद्योग के अंतर्गत आता है और इस साल कोरोना काल में भी गुड़ उत्पादक कोल्हू चालू था और खासतौर से पश्चिमी उत्तर प्रदेश में गन्ने की फसल अच्छी होने के कारण गन्ने की आमद 15 जून तक बनी रही, जिस कारण उत्पादन में बढ़ोतरी हुई है।
फेडरेशन ऑफ गुड़ ट्रेडर्स के प्रेसीडेंट अरुण खंडेलवाल ने बताया कि कोरोना काल में गुड़ का उत्पादन निर्बाध रूप से चल रहा था और गन्ने की आपूर्ति कोल्हू में निरंतर हो रही थी। उन्होंने कहा कि मुजफ्फरपुर इलाके में इस समय भी कुछ युनिट में उत्पादन चल रहा है और रोजाना करीब 400-500 बैग (एक बैग में 40 किलो) की आवक है।
चीनी उद्योग संगठनों के अनुसार, लॉकडाउन के कारण गुड़ व खांडसारी मंडी जल्दी बंद होने के कारण चीनी मिलों में गन्ने की आवक बढ़ जाने से इस साल उत्तर प्रदेश में चीनी का उत्पादन रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया। लेकिन खंडेलवाल का कहना है कि , इस साल प्रदेश में गन्ने की बंफर फसल थी और रिकवरी भी अच्छी आई है, इसलिए चीनी ही नहीं, गुड़ का उत्पादन भी विगत कई वर्षो से ज्यादा है।
चीनी मिलों का संगठन इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन (इस्मा) द्वारा दो जून को जारी एक विज्ञप्ति के अनुसार, चालू शुगर सीजन 2019-20 (सितंबर-अक्टूबर) में 31 मई तक उत्तर प्रदेश में 125.46 लाख टन था जोकि प्रदेश में सबसे ज्यादा चीनी उत्पादन का रिकॉर्ड है।
देश में सबसे गुड़ का सबसे ज्यादा उत्पादन उत्तर प्रदेश में होता है, लेकिन रिकॉर्ड उत्पादन के आंकड़ों के बारे में पूछे जाने पर खंडेलवाल ने बताया कि 1990 से पहले बमुश्किल से 30-35 गन्ने का इस्तेमाल चीनी मिलों में होता था, जबकि अब 65 फीसदी गन्ना मिलों को जाता है जबकि 65 फीसदी गुड़ उत्पादक इकाइयों को इसलिए विगत में निस्संदेह इससे ज्यादा उत्पादन हुआ होगा।
उन्होंने बताया कि पश्मिी उत्तप्रदेश में इस साल करीब 30 लाख टन गुड़ का उत्पादन होने का अनुमान है। कोरोना काल में उत्पादन में बढ़ोतरी होने साथ-साथ गुड़ का कारोबार लाभकारी भी रहा है। कारोबारी सूत्र बताते हैं कि देशव्यापी लॉकडाउन के दौरान जब शराब की दुकानें बंद हो गई थीं, उस समय गुड़ की मांग देसी दारू बनाने वाली भटि़ठयों में बढ़ गई थी, जिससे गुड़ के अच्छे दाम मिले।
कारोबारियों से मिली जानकारी के अनुसार, मुजफ्फरनगर स्थित कोल्ड स्टोरेज में इस समय तकरीबन 11.50 लाख बैग गुड़ का स्टॉक है, इसके अलावा प्रदेश में अन्य जगहों पर स्थित कोल्ड स्टोरेज में गुड़ का स्टॉक है। मुजफ्फरनगर देश में गुड़ का सबसे बड़ा बाजार है जहां से इस समय रोजाना 4000 बैग गुड़ देश के विभिन्न हिस्सों में जाता है। कारोबारियों ने बताया कि इस समय बिहार, पूर्वी उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश, राजस्थान और गुजरात में यहां से गुड़ जा रहा है।
बाजार सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, गुड़ पाउडर का भाव 1400-1425 रुपये प्रति 40 किलो, चाकू का भाव 1300-1440 रुपये प्रति 40 किलो, पेड़ी व लड्डू का भाव 1400-1450 रुपये प्रति 40 किलो और गुड़ खुरपा का भाव 1280-1330 रुपये प्रति 40 किलो चल रहा है।
खंडेलवाल ने बताया कि महाराष्ट्र के पुणे में अगला सीजन शुरू होने से पहले जून में ही गुड़ की फैक्टरी शुरू हो जाती है, लेकिन इस साल मजदूरों की कमी की वजह से शुरू नहीं हुई, इसलिए आने वाले दिनों में गुड़ के दाम में मजबूती रह सकती है।
राष्ट्रीय समाचार
इंडिगो ने उड़ानों के रद्द होने से बुरी तरह प्रभावित यात्रियों को 10,000 रुपए का ट्रैवल वाउचर ऑफर किया

नई दिल्ली, 11 दिसंबर: देश की सबसे बड़ी एयरलाइन इंडिगो ने गुरुवार को उन ग्राहकों को 10,000 रुपए का ट्रैवल वाउचर देने का ऐलान किया, जिनकी यात्रा बड़ी संख्या में उड़ानों के रद्द होने से प्रभावित हुई थी।
इंडिगो के प्रवक्ता ने एक बयान में कहा, “हम इस तरह के गंभीर रूप से प्रभावित ग्राहकों को 10,000 रुपए का यात्रा वाउचर प्रदान करेंगे। इस यात्रा वाउचर का उपयोग अगले 12 महीनों के दौरान इंडिगो की किसी भी यात्रा के लिए किया जा सकता है।”
यह मुआवजा मौजूदा सरकारी दिशानिर्देशों के तहत की गई प्रतिबद्धता के अतिरिक्त है, जिसके अनुसार इंडिगो उन ग्राहकों को उड़ान के ब्लॉक समय के आधार पर 5000 रुपए से 10,000 रुपए तक का मुआवजा प्रदान करेगी, जिनकी उड़ानें प्रस्थान समय से 24 घंटे के भीतर रद्द कर दी गई थीं।
इससे पहले, इंडिगो ने कहा था कि गुरुवार को वह 1,950 से ज्यादा उड़ानों का संचालन कर रही है।
पिछले हफ्ते इंडिगो को बड़ी मुश्किलों का सामना करना पड़ा था, जिसके चलते हजारों फ्लाइट्स कैंसिल हो गईं और उड़ानें देर से चलने लगीं। इससे देश के बड़े हवाई अड्डों पर भी भीड़ काफी बढ़ गई थी और यात्री लंबी लाइनों में घंटों खड़े रहे थे।
इंडिगो के एक प्रवक्ता ने बताया कि 8 दिसंबर से कंपनी की सभी उड़ानें सही तरीके से चलने लगी हैं और 9 दिसंबर से स्थिति पूरी तरह से स्थिर हो गई है।
प्रवक्ता ने कहा, “इंडिगो ने अपनी सेवाओं में सुधार किया है और अब हम 1,900 से ज्यादा उड़ानें चला रहे हैं, जो हमारे नेटवर्क के 138 गंतव्यों को आपस में जोड़ रही हैं।”
प्रवक्ता ने आगे कहा कि आज हम 1,950 से ज्यादा उड़ानें चलाने का अनुमान लगा रहे हैं, जिनमें करीब 3 लाख यात्री यात्रा करेंगे।”
इंडिगो के प्रवक्ता ने यह भी बताया कि पिछले तीन दिनों में कंपनी का उड़ान कार्यक्रम काफी विश्वसनीय रहा है और केवल मौसम, तकनीकी कारणों या अन्य बाहरी कारणों की वजह से ही कुछ उड़ानें रद्द की गई हैं।
8 दिसंबर को इंडिगो ने 1,750 से अधिक उड़ानें चलाईं और केवल 1 फ्लाइट कैंसिल हुई। 9 दिसंबर को 1,800 से अधिक उड़ानें चलाईं और कोई भी फ्लाइट रद्द नहीं हुई। वहीं 10 दिसंबर को भी 1,900 से अधिक उड़ानें संचालित हुईं, जबकि केवल दो फ्लाइट्स रद्द हुईं।
व्यापार
इक्विटी म्यूचुअल फंड्स में इनफ्लो नवंबर में 21 प्रतिशत बढ़कर 29,911 करोड़ रुपए रहा

SHARE MARKET
नई दिल्ली, 11 दिसंबर: इक्विटी म्यूचुअल फंड्स में इनफ्लो नवंबर में मजबूत रहा है और मासिक आधार पर यह 21 प्रतिशत बढ़कर 29,911 करोड़ रुपए हो गया है, जो कि अक्टूबर में 24,690 करोड़ रुपए पर था। यह जानकारी एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (एम्फी) की ओर से गुरुवार को जारी किए गए डेटा में दी गई।
हालांकि, बीते महीने सालाना आधार पर इनफ्लो में 17 प्रतिशत की गिरावट देखने को मिली है। नवंबर में यह 35,943 करोड़ रुपए पर था।
फ्लेक्सी कैप फंड्स ने नवंबर में सबसे अधिक इनफ्लो आकर्षित किया है और यह 8,135 करोड़ रुपए रहा है। हालांकि, अक्टूबर में यह 8,928 करोड़ रुपए पर था।
इनफ्लो आकर्षित करने के मामले में लार्ज एंड मिडकैप फंड्स कैटेगरी दूसरे नंबर पर रही है और इसने नवंबर में 4,503 करोड़ रुपए का फंड आकर्षित किया, जो कि पिछले महीने के मुकाबले 42 प्रतिशत अधिक है।
नवंबर में मिड-कैप फंडों को 4,486 करोड़ रुपए और स्मॉल-कैप फंडों को 4,406 करोड़ रुपए का इनफ्लो प्राप्त हुआ।
वैल्यू और कॉन्ट्रा फंडों में मासिक आधार पर सबसे अधिक निवेश वृद्धि देखी गई, जो अक्टूबर के 368 करोड़ रुपए की तुलना में 231 प्रतिशत बढ़कर 1,219 करोड़ रुपए हो गया।
वहीं, मल्टीकैप फंडों में इनफ्लो में मामूली 2 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई।
मनी मार्केट फंड में 11,104 करोड़ रुपए का इनफ्लो आया। इसके बाद अल्ट्रा-शॉर्ट ड्यूरेशन फंड्स का स्थान रहा, जिसमें इनफ्लो 8,360 करोड़ रुपए रहा।
इस हफ्ते की शुरुआत में आए भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) के डेटा के मुताबिक, पिछले महीने म्यूचुअल फंड्स ने इक्विटी बाजार में 43,465 करोड़ रुपए निवेश किए हैं, जो कि अक्टूबर में दर्ज किए गए 20,718 करोड़ रुपए के निवेश से करीब दोगुना है।
बाजार नियामक के डेटा के मुताबिक, म्यूचुअल फंड्स ने पूरे महीने लगातार शेयर बाजार में इक्विटी में निवेश किया है। केवल दो दिन ही निकासी की है, जिसमें 2,473 करोड़ रुपए की बिक्री की गई थी।
म्यूचुअल फंड्स की ओर से मजबूत और स्थिर खरीदारी ने पूरे बाजार के सेंटीमेंट को बेहतर बनाने में मदद की और बेंचमार्क सूचकांकों में तेजी लाने में योगदान दिया।
व्यापार
मिलजुले वैश्विक संकेतों के बीच भारतीय शेयर बाजार सपाट खुला

मुंबई, 11 दिसंबर: मिलेजुले वैश्विक संकेतों के बीच भारतीय शेयर बाजार गुरुवार को सपाट खुला। सुबह 9:18 पर सेंसेक्स 12 अंक की मामूली गिरावट के साथ 84,379 और निफ्टी 2 अंक की कमजोरी के साथ 25,762 पर था।
शुरुआती कारोबार में बाजार को ऊपर खींचने का काम आईटी, ऑटो, सरकारी बैंक और मेटल शेयर कर रहे थे। फार्मा, एफएमसीजी, रियल्टी, मीडिया, एनर्जी और इन्फ्रा में लाल निशान में कारोबार हो रहा था।
लार्जकैप के साथ मिडकैप और स्मॉलकैप में भी मिलाजुला कारोबार हो रहा है। निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स 89 अंक या 0.15 प्रतिशत की मजबूती के साथ 59,097 और निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स 35.15 अंक या 0.21 प्रतिशत की गिरावट के साथ 17,055 पर था।
सेंसेक्स पैक में इन्फोसिस, टाटा स्टील, इटरनल, अदाणी पोर्ट्स, टेक महिंद्रा, टीसीएस, एसबीआई, बीईएल, एलएंडटी, एचडीएफसी बैंक, ट्रेंट और कोटक महिंद्रा बैंक गेनर्स थे। टाइटन, पावर ग्रिड, भारती एयरटेल, एनटीपीसी, बजाज फाइनेंस, आईटीसी, आईसीआईसीआई बैंक, बजाज फिनसर्व, एशियन पेंट्स और सन फार्मा लूजर्स थे।
वैश्विक बाजारों में मिलाजुला कारोबार हो रहा था। टोक्यो, शंघाई, बैंकॉक और सोल लाल निशान में थे, जबकि हांगकांग हरे निशान में था। अमेरिकी फेड की ओर से ब्याज दरों में कटौती के साथ अमेरिकी शेयर बाजार हरे निशान में बंद हुए थे।
पीएल कैपिटल के विक्रम कसात ने कहा कि फेड की ओर से ब्याज दरों में कटौती के बाद अमेरिकी शेयर बाजार हरे निशान में बंद हुआ। साथ ही कहा कि निफ्टी के लिए 25,750 से लेकर 25,800 एक अहम सोपर्ट जोन है।
कच्चे तेल में कमजोरी देखी जा रही है, हालांकि, यह मामूली है। ब्रेंट क्रूड 0.06 प्रतिशत की कमजोरी के साथ 62.17 डॉलर प्रति बैरल और डब्ल्यूटीआई 0.03 प्रतिशत की कमजोरी के साथ 58.43 डॉलर प्रति बैरल पर था।
दूसरी तरफ कीमती धातुओं में तेजी का दौर जारी है। कॉमेक्स पर सोना 0.42 प्रतिशत बढ़कर 4,242 डॉलर प्रति औंस और चांदी 2.32 प्रतिशत बढ़कर 62.43 डॉलर प्रति औंस पर थी।
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