राजनीति
सरयू नहर परियोजना का प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आज करेंगे लोकार्पण
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आज सरयू-राप्ती मुख्य नहर परियोजना का लोकार्पण करेंगे। मोदी पांच नदियों तथा नौ जनपदों को जोड़ने वाली इस राष्ट्रीय परियोजना को राष्ट्र को समर्पित करेंगे। जिसका काम 1971 में शुरू किया गया था, लेकिन इसको अंजाम तक लाने का काम उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने किया है। गोंडा सहित नौ जिलों के किसानों के लिए यह परियोजना एक वरदान साबित होगी। जिले में 808 किलोमीटर लंबी इस नहर योजना से किसानों को मंहगी सिंचाई की परेशानी से प्रभावी तौर पर छुटकारा मिलेगा। गोंडा जिले में यह सरयू नहर बहराइच से होकर प्रवेश करेगी। एक-दो गैप को छोड़कर परियोजना का कार्य लगभग पूरा है।
वर्ष 1978 में बहराइच व गोंडा जिले की सिंचन क्षमता के विस्तार के लिए घाघरा कैनाल नामक परियोजना का शुभारंभ हुआ था। चार साल तक परियोजना पर काम चलता रहा, लेकिन परियोजना पूरी नहीं हुई। सुरसा की तरह परियोजना की लागत बढ़ती गई और काम भी पूरा नहीं हो पाया। वर्ष 1982 में परियोजना का विस्तार करते हुए अन्य जिलों को भी इसमें शामिल कर दिया गया।
इसका नाम ट्रांस घाघरा-राप्ती-रोहिणी कर दिया गया। लेकिन बाद में इसका नाम सरयू नहर परियोजना कर दी गई। करीब सवा लाख किलोमीटर तक फैली इस परियोजना से कई लाख किसानों को सिंचाई की समस्या से निजात मिलेगी। इस परियोजना का मुख्य भाग गोंडा है। जिले में बहराइच के रास्ते गोंडा में आईं दो मुख्य नहरों से 45 नहरें निकाली जा चुकी हें।
मुख्य शाखा के अलावा माइनर व टेल तक पानी पहुंचाने की कवायद करीब 43 साल बाद पूरी हो रही है। जिले भर में 808 किलोमीटर नहर का जाल बिछ चुका है और इससे दो लाख 41 हजार किसानों को सिंचाई का सीधा फायदा मिलेगा।
बार-बार नाम बदले जाने के बाद सरयू नहर परियोजना आखिर 43 साल बाद शनिवार को साकार हो रही है, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसका लोकार्पण करेंगे। मुख्य शाखा के अलावा माइनर व टेल तक पानी पहुंचाने की कवायद करीब 43 साल बाद पूरी हो रही है। जिले भर में 808 किलोमीटर नहर का जाल बिछ चुका है और इससे दो लाख 41 हजार किसानों को सिंचाई का सीधा फायदा मिलेगा।
राष्ट्रीय समाचार
दुबई से निर्वासित सेलिब्रिटी के विस्फोटक खुलासे के बाद मुंबई ड्रग सिंडिकेट की जांच तेज

drugs
मुंबई: 2022 के मादक पदार्थ तस्करी मामले में, मुंबई पुलिस की घाटकोपर एंटी-नारकोटिक्स सेल (एएनसी) इकाई ने अपनी जांच तेज कर दी है, क्योंकि मुख्य आरोपी, मोहम्मद सलीम मोहम्मद सुहैल शेख, 29, जिसे पिछले महीने के अंत में दुबई से प्रत्यर्पित किया गया था, ने ड्रग सिंडिकेट को बॉलीवुड हस्तियों, राजनेताओं, अंडरवर्ल्ड कनेक्शन और अंतरराष्ट्रीय पार्टी आयोजकों से जोड़ने वाले विस्फोटक खुलासे किए थे।
पुलिस सूत्रों के अनुसार, खंडिया स्ट्रीट निवासी सुहैल ने पूछताछ के दौरान स्वीकार किया कि वह भारत और विदेशों में हाई-प्रोफाइल ड्रग पार्टियों का संचालन करता था। जाँचकर्ताओं को इन आयोजनों में फिल्म उद्योग की कई हस्तियों की मौजूदगी का संदेह है। हालाँकि, पुलिस ने स्पष्ट किया है कि अभी तक किसी पर आरोप नहीं लगाया गया है और इन संबंधों की पुष्टि के लिए जाँच जारी है। अधिकारियों का मानना है कि सुहैल महाराष्ट्र, गुजरात, मध्य प्रदेश, राजस्थान और तेलंगाना में फैले एक बहु-राज्यीय मादक पदार्थ नेटवर्क के “समन्वयक” के रूप में काम करता था।
इस सिंडिकेट का नेतृत्व कथित तौर पर ड्रग माफिया सलीम डोला कर रहा था, जिसके इस समय तुर्की में होने का संदेह है। ये ड्रग्स महाराष्ट्र के सांगली स्थित एक केमिकल फैक्ट्री में बनाए जाते थे, जिसका प्रबंधन कथित तौर पर डोला के सहयोगी करते थे। जाँच से पता चला कि डोला परिवार दुबई से उत्पादन और वितरण का समन्वय करता था। इंटरपोल ने पहले भी भारतीय अधिकारियों को ताहिर डोला (सलीम डोला का बेटा) और मुस्तफा कुब्बावाला (उसका भतीजा) को यूएई में हिरासत में लेने और निर्वासित करने में मदद की थी।
12 नवंबर को, एक पासपोर्ट एजेंट, 42 वर्षीय मोहम्मद शारिब मोहम्मद इकबाल अंसारी को भी तस्करों को फर्जी दस्तावेज हासिल करने में मदद करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। जांचकर्ताओं ने बताया कि सुहैल ने भगोड़ों को फर्जी पासपोर्ट हासिल करने और विदेश में ड्रग सप्लायर्स से संपर्क बनाए रखने में मदद करने की बात कबूल की। उसने यह भी खुलासा किया कि ड्रग से होने वाले मुनाफे का एक हिस्सा हवाला के जरिए अवैध रूप से दुबई भेजा जाता था। एएनसी अब इस बात की जांच कर रही है कि क्या अंतरराष्ट्रीय ड्रग कार्टेल इन आलीशान पार्टियों का वित्तपोषण करते थे और क्या मशहूर हस्तियां जानबूझकर इनमें शामिल होती थीं। पुलिस ने सुहैल की पांच दिन की अतिरिक्त हिरासत मांगी है।
राजनीति
बिहार में वोट काउंटिंग के बीच इंडिया ब्लॉक के नेता बोले, माहौल महागठबंधन के पक्ष में

नई दिल्ली, 14 नवंबर: बिहार विधानसभा चुनाव के मतदान पूरे होने के बाद शुक्रवार सुबह 8 बजे से ही 243 सीटों के लिए काउंटिंग जारी है। देशभर से विपक्षी नेताओं की प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। समाजवादी पार्टी, राजद और इंडिया ब्लॉक से जुड़े नेता लगातार दावा कर रहे हैं कि इस चुनाव में जनता ने बदलाव के पक्ष में वोट किया है और जल्द ही इसका नतीजा दिखाई देगा।
लखनऊ से सपा विधायक रविदास मेहरोत्रा ने बिहार के चुनावी परिणाम को लेकर बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा, “इंडिया ब्लॉक की सरकार बनेगी। पूरे चुनाव में इंडिया ब्लॉक के पक्ष में जबरदस्त लहर थी। जनता ने सत्ता परिवर्तन और संविधान-लोकतंत्र की रक्षा के लिए वोट डाला है।”
उनके अनुसार, बिहार के मतदाता इस बार पूरी तरह जागरूक होकर मतदान केंद्रों तक पहुंचे हैं और उन्होंने बदलाव का मन बनाया है।
बिहार में कैमूर जिले से राजद उम्मीदवार वीरेंद्र कुशवाहा ने भी दावा किया। उन्होंने कहा कि मतदान के बाद मिली प्रतिक्रियाएं साफ-साफ संकेत दे रही हैं कि जनता सरकार के खिलाफ वोट कर रही है।
उन्होंने कहा, “लोगों से मिला फीडबैक बता रहा है कि उन्होंने बदलाव के लिए वोट दिया है। जल्द ही नतीजे बताएंगे कि जनता ने तेजस्वी प्रसाद यादव के पक्ष में अपना मत डाला है।”
कुशवाहा ने यह भी कहा कि जनता अब रोजगार, शिक्षा, स्वास्थ्य और बेहतर शासन की उम्मीद के साथ राजद और तेजस्वी यादव पर भरोसा जता रही है।
इंडिया ब्लॉक की ओर से बार-बार यह कहा जा रहा है कि बिहार की जनता बदलाव चाहती है और इस बदलाव का नेतृत्व तेजस्वी यादव कर रहे हैं।
एनडीए भी अपनी जीत के प्रति उतना ही आश्वस्त है, लेकिन विपक्ष का कहना है कि जमीनी माहौल कुछ और ही कहानी बता रहा है और नतीजे आने पर यह साफ हो जाएगा कि जनता ने किस दिशा में फैसला किया है।
राजनीति
बिहार चुनाव: एनडीए ने बढ़त बनाई, मोकामा से अनंत सिंह आगे, मंगल पांडेय पीछे

पटना, 14 नवंबर: बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच मतगणना जारी है। शुरुआती रुझानों में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व वाले एनडीए ने बढ़त बना रखी है।
शुरुआती रुझानों में चर्चित सीट मोकामा से जदयू के प्रत्याशी अनंत सिंह ने बढ़त बना ली है, जबकि सीवान से मंत्री मंगल पांडेय पीछे चल रहे हैं। चुनाव आयोग के मुताबिक, शुरुआती रुझानों में एनडीए में शामिल भाजपा जहां 48 सीटों पर आगे बढ़ चुकी है, वहीं जदयू ने 47 सीटों पर बढ़त बना ली है।
लोजपा (रामविलास) 13 और हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा ने तीन सीटों पर बढ़त बनाई है। महागठबंधन की ओर से राजद 23 सीटों पर बढ़त बना चुकी है, जबकि कांग्रेस सात सीटों पर आगे चल रही है। एआईएमआईएम और वीआईपी ने भी एक सीट पर बढ़त बना ली है।
शुरुआती रुझानों में बेतिया से पूर्व उप मुख्यमंत्री रेणु देवी आगे चल रही हैं, जबकि अलीनगर से मैथिली ठाकुर बढ़त बनाए हुए हैं। राघोपुर से तेजस्वी यादव और तारापुर से सम्राट चौधरी भी आगे चल रहे हैं। शुरुआती रुझानों में एनडीए आगे दिख रही है, हालांकि यह शुरुआती रुझान है।
243 रिटर्निंग ऑफिसर (आरओ) और 243 मतगणना पर्यवेक्षकों की सहायता से, चुनाव लड़ रहे उम्मीदवारों और उनके अधिकृत एजेंटों की उपस्थिति में इस प्रक्रिया की निगरानी कर रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि मंगलवार को बिहार विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण के तहत 122 सीटों के लिए मतदान हुआ था, जिसके साथ ही 243 सीटों के लिए मतदान का कार्य समाप्त हो गया था। बिहार में कुल 243 विधानसभा सीटें हैं। यहां सरकार बनाने के लिए बहुमत का आंकड़ा 122 है।
प्रदेश में इस समय नीतीश कुमार के नेतृत्व में एनडीए की सरकार है। इस चुनाव में मुख्य मुकाबला सीएम नीतीश कुमार के नेतृत्व वाले एनडीए और राजद नेता तेजस्वी यादव के नेतृत्व वाले महागठबंधन के बीच माना जा रहा है।
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