राजनीति
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहुंचे कर्पूरी ग्राम, जननायक कर्पूरी ठाकुर को किया नमन
PM MODI
समस्तीपुर, 24 अक्टूबर: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को बिहार की एकदिवसीय यात्रा पर पहुंचे। पीएम मोदी समस्तीपुर के कर्पूरी ग्राम पहुंचे, जहां उन्होंने जननायक कर्पूरी ठाकुर की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि अर्पित की।
इस दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और कर्पूरी के पुत्र रामनाथ ठाकुर भी मौजूद रहे। प्रधानमंत्री ने बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर के परिजनों से बातचीत की और उनकी एक-एक चीजों को देखा और समझा। इस दौरान उन्होंने स्थानीय कलाकारों से भी बातचीत की।
उल्लेखनीय है कि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने ही कर्पूरी ठाकुर को मरणोपरांत ‘भारत रत्न’ दिया। कर्पूरी ठाकुर, बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और प्रमुख समाजवादी नेता थे। वे सामाजिक न्याय और पिछड़े वर्गों के उत्थान के लिए स्मरणीय हैं। कर्पूरी ठाकुर की आरक्षण और सामाजिक कल्याण संबंधी नीतियों का बिहार पर स्थायी प्रभाव रहा है।
कर्पूरी ठाकुर एक स्वतंत्रता सेनानी, दूरदर्शी राजनेता तथा किसानों, महिलाओं और समाज के वंचित वर्गों के हितैषी थे। जनहित के कार्यों के कारण जनमानस उन्हें ‘जननायक’ कहकर पुकारती है। उनका जीवन लोकतंत्र को सुदृढ़ बनाने और भारत के संविधान में निहित स्वतंत्रता, समानता और भ्रातृत्व के सिद्धांतों को व्यवहार में उतारने के अथक प्रयास की मिसाल है।
कर्पूरी ठाकुर का जन्म 24 जनवरी 1924 को बिहार के दरभंगा (समस्तीपुर) जिले के पीतौंझिया (अब कर्पूरी ग्राम) में सामाजिक, शैक्षिक और राजनीतिक रूप से पिछड़े परिवार में हुआ।
पीएम मोदी ने शुक्रवार को बिहार में दो विशाल जनसभाओं को संबोधित करने वाले हैं। उनकी पहली सभा समस्तीपुर के पुलिस लाइन मैदान, दुधपुरा में होगी और दूसरी सभा बेगूसराय के उलाव हवाई अड्डा मैदान में होगी। जनसभा में बड़ी संख्या में लोग पहुंच चुके हैं।
बता दें कि बिहार विधानसभा चुनाव दो चरणों (6 और 11 नवंबर) में होंगे, जबकि मतगणना 14 नवंबर को होगी।
राष्ट्रीय समाचार
गौवंश को सड़कों से निकालकर सुरक्षित वातावरण में लाना हमारी प्राथमिकता: कपिल मिश्रा

Kapil Mishra
नई दिल्ली, 24 अक्टूबर: दिल्ली सरकार गौवंश के संरक्षण और संवर्धन के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। इसी क्रम में दिल्ली सचिवालय में विकास मंत्री कपिल मिश्रा की अध्यक्षता में घुमनहेड़ा गांव में शुक्रवार को नई गौशाला की स्थापना, संचालन और रखरखाव के लिए अभिरुचि आमंत्रण से संबंधित एक उच्च-स्तरीय बैठक का आयोजन किया गया।
बैठक में विकास आयुक्त शूरवीर सिंह, पशुपालन इकाई के वरिष्ठ अधिकारी, एनजीओ जैसे इस्कॉन, गोपाल गौ सदन सहित कई अन्य सामाजिक संस्थाओं और हितधारकों ने भाग लिया। इस बैठक का आयोजन विकास विभाग की पशुपालन इकाई द्वारा किया गया।
बैठक के दौरान गौशालाओं के संचालन, रखरखाव और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने को लेकर कई महत्वपूर्ण विचार साझा किए गए। इस अवसर पर मंत्री कपिल मिश्रा ने कहा कि हम इस दिशा में गंभीरता से कार्य करेंगे। सभी सुझावों का स्वागत है, क्योंकि हमारा उद्देश्य गायों को सड़कों से निकालकर एक सुरक्षित और स्वच्छ वातावरण में लाना है। अगर ये गौशालाएं आत्मनिर्भर बन जाएं तो यह समाज और पर्यावरण दोनों के लिए आदर्श उदाहरण होगा।
वर्ष 1994 में विकास विभाग की पंचायत इकाई ने पशुपालन इकाई को गौशालाओं के संचालन के लिए भूमि 99 वर्षों की लीज पर आवंटित की थी। उस समय पांच गौशालाओं की स्थापना की गई थी, जिनमें से वर्तमान में चार गौशालाएं संचालित हैं। घुमनहेड़ा स्थित आचार्य सुशील मुनि गौसदन का लाइसेंस, अनुबंध शर्तों के उल्लंघन और गौवंश की अत्यधिक मृत्यु होने की वजह से निरस्त कर दिया गया था। अब इस पांचवीं गौशाला को सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) मॉडल के तहत पुनः स्थापित किया जाएगा।
नई गौशाला की स्थापना, संचालन और रखरखाव की जिम्मेदारी चयनित एनजीओ, ट्रस्ट, फाउंडेशन या कॉर्पोरेट संस्था को दी जाएगी, जिसे एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट (ईओआई) प्रक्रिया के माध्यम से चुना जाएगा। भूमि का आवंटन लाइसेंस डीड के आधार पर किया जाएगा और चयनित संस्था गौशाला के निर्माण, संचालन और रखरखाव की सभी जिम्मेदारियां स्वयं के व्यय पर निभाएगी। प्रारंभिक अवधि सरकार द्वारा निर्धारित की जाएगी, जिसे उनके कार्य प्रदर्शन के आधार पर अगले पांच वर्षों तक बढ़ाया जा सकेगा। चयनित संस्था को एक वर्ष के भीतर गौशाला की स्थापना के लिए पर्याप्त संसाधन और जनशक्ति उपलब्ध करानी होगी।
गौशाला के संचालन में आवारा पशुओं की देखभाल, भोजन, स्वास्थ्य एवं निगरानी की पूरी जिम्मेदारी चयनित संस्था की होगी। इस प्रक्रिया में पशुपालन इकाई, विकास विभाग द्वारा कोई वित्तीय सहायता नहीं दी जाएगी। संपत्ति का स्वामित्व दिल्ली सरकार के पास ही रहेगा, जबकि चयनित संस्था को केवल लाइसेंस डीड के आधार पर संचालन की अनुमति दी जाएगी। सभी कानूनी विवादों का अधिकार क्षेत्र दिल्ली सरकार के अधीन रहेगा।
इस पहल को लेकर दिल्ली सरकार के विकास मंत्री कपिल मिश्रा ने कहा कि गौ माता भारतीय संस्कृति और आस्था का प्रतीक है, ऐसे में गौवंश को सड़कों से निकालकर सुरक्षित वातावरण में लाना हमारी सरकार की प्राथमिकता है, इसलिए ये पहल न सिर्फ दिल्ली की सड़कों को बेसहारा पशुओं से मुक्त करने की दिशा में एक ठोस कदम साबित होगी बल्कि पशु कल्याण, पर्यावरण संरक्षण और सामाजिक उत्तरदायित्व के क्षेत्र में भी एक सराहनीय प्रयास साबित होगी।
राष्ट्रीय समाचार
जीएसटी सुधार और फेस्टिव सीजन की शुरुआत से भारत में कंज्यूमर सेंटिमेंट में 1.4 प्रतिशत अंकों की बढ़त दर्ज

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नई दिल्ली, 24 अक्टूबर: हाल ही हुए जीएसटी सुधारों और फेस्टिव सीजन की शुरुआत के कारण भारत में कंज्यूमर सेंटिमेंट में इस वर्ष अक्टूबर में 1.4 प्रतिशत अंकों की बढ़ोतरी दर्ज की गई है।
मार्केट रिसर्च फर्म इप्सोस की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि फेस्टिव सीजन के साथ-साथ जीएसटी सुधारों से परिवारों को उनकी बचत बढ़ाने में मदद मिली और उनकी खुद की इच्छानुसार खर्च करने की क्षमता भी बढ़ी।
रिपोर्ट के अनुसार, भारत के नेशनल इंडेक्स स्कोर में पॉजिटिव बदलाव देखा गया है। यह बदलाव नौकरियों, पर्सनल फाइनेंस, इन्वेस्टमेंट और इकॉनमी को लेकर बड़े पैमाने पर आशावाद को दिखाता है।
क्षेत्रीय स्तर पर एशिया-पैसिफिक में कंज्यूमर सेंटीमेंट सकारात्मक देखा गया, जहां इंडोनेशिया में सबसे ज़्यादा 6.5 प्रतिशत अंकों की बढ़ोतरी देखी गई। इसके बाद थाईलैंड में 3.6 अंक, दक्षिण कोरिया में 2.6 अंक, मलेशिया में 2.1 अंक भारत में 1.4 अंकों की बढ़ोतरी हुई। इसके उलट, ऑस्ट्रेलिया और जापान में कंज्यूमर सेंटिमेंट में गिरावट आई, जो क्रमशः 2.1 और 2.0 प्रतिशत अंक कम हो गया।
ये नतीजे इप्सोस द्वारा अपने ग्लोबल एडवाइजर ऑनलाइन सर्वे प्लेटफॉर्म और भारत में अपने इंडियाबस प्लेटफॉर्म पर हर महीने 30 देशों में किए गए सर्वे के डेटा पर आधारित हैं।
रिपोर्ट में कहा गया है कि सर्वे किए गए 30 देशों में इंडोनेशिया का नेशनल इंडेक्स स्कोर 58.8 है, जो कि सबसे अधिक है, जो कंज्यूमर सेंटिमेंट में मासिक आधार पर 6.5 प्रतिशत पॉइंट्स की मजबूत बढ़त को दिखाता है। वहीं, भारत 58.4 के नेशनल इंडेक्स स्कोर के साथ दूसरे स्थान पर है, जो पिछले महीने के मुकाबले 1.4 पॉइंट्स की बढ़ोतरी को दर्शाता है।
रिपोर्ट के अनुसार, सर्वे में शामिल कुल देशों में से 11 देशों ने 50 या उससे ज़्यादा का नेशनल इंडेक्स स्कोर दर्ज किया है, जो कंज्यूमर्स के मजबूत कॉन्फिडेंस को दिखाता है। इन देशों में भारत के अलावा, मलेशिया, स्वीडन, ब्राजील, मेक्सिको, थाईलैंड, यूनाइटेड स्टेट्स, नीदरलैंड्स, सिंगापुर, ऑस्ट्रेलिया और पोलैंड का नाम शामिल है।
राजनीति
मध्य प्रदेश सरकार ने बहनों के साथ विश्वासघात किया : जीतू पटवारी

JITU PATWARI
भोपाल, 24 अक्टूबर: कांग्रेस की मध्य प्रदेश इकाई के अध्यक्ष जीतू पटवारी ने मोहन यादव सरकार पर बहनों के साथ विश्वासघात करने का आरोप लगाया है।
जीतू पटवारी ने मुख्यमंत्री मोहन यादव को पत्र लिखकर कहा कि मध्य प्रदेश की जनता को आप पर विश्वास था कि सत्ता में आने वाला व्यक्ति संवेदनशीलता और सत्यनिष्ठा से शासन करेगा। लेकिन, जिस तरह आपकी सरकार किसानों और महिलाओं के साथ व्यवहार कर रही है, उसने यह विश्वास पूरी तरह से ध्वस्त कर दिया है।
मीडिया रिपोर्ट्स का हवाला देते हुए जीतू पटवारी ने कहा, ”आपकी सरकार ने भावांतर भुगतान योजना के लिए मंडी बोर्ड से 1500 करोड़ की मांग की है, तो कृषि मंत्री एंदल सिंह कंसाना ने यह साफ कह दिया कि मंडी बोर्ड के पास इतनी आय नहीं है। तब समाधान के नाम पर मंडी शुल्क एक प्रतिशत बढ़ाकर किसानों पर ही अतिरिक्त बोझ डालने का “सुझाव” सामने आया। यह वही भाजपा सरकार है, जो मंचों पर किसानों को राहत देने का दावा करती है, लेकिन हर बार निर्णय किसान की जेब खाली करने का लेती है।”
राज्य सरकार पर भर्ती कर्ज का जिक्र करते हुए जीत पटवारी ने कहा कि केवल जुलाई 2023 से सितंबर 2025 के बीच आपकी सरकार ने कुल 1.12 लाख करोड़ रुपए से अधिक का नया कर्ज लिया है। औसतन हर महीने 5,000 से 5,500 करोड़ का कर्ज लेकर भी यदि सरकार के खजाने में रकम नहीं है, तो यह स्पष्ट है कि प्रदेश की वित्तीय स्थिति अव्यवस्था और अराजकता के चरम पर पहुंच चुकी है।
उन्होंने आगे कहा कि दूसरी ओर, ‘लाड़ली बहना योजना’ को लेकर सरकार का दोहरापन फिर सामने आ चुका है। आपने भाईदूज पर लाड़ली बहनों के खाते में 250 भेजने की घोषणा की थी। प्रदेशभर से महिलाओं को राजधानी बुलाया भी गया, लेकिन वित्त विभाग की मंजूरी नहीं मिलने और बजट के संकट के चलते बहनों के खाते खाली रह गए।
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने कुछ सवाल किए, साथ ही तंज भी कसा और कहा कि क्या यही मध्य प्रदेश में “आत्मनिर्भर महिला” बनाने का “सरकारी-संकल्प” है? क्या अब भाजपा सरकार दीपावली और भाई दूज जैसे पर्व पर भी केवल भाषणों से ही “समृद्धि” के सपने दिखाएगी? क्या आप भी पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की तरह रजिस्टर्ड-झूठ बोलने का नया रिकॉर्ड बनाएंगे?
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने आगे अपने पत्र में लिखा है कि अब तो जनता भी पूछने लगी है कि जब हर महीने हजारों करोड़ का कर्ज लिया जा रहा है, तो जनता की योजनाओं में धनराशि क्यों रुक रही है? किसानों के लिए राहत की योजनाएं क्यों राजनीतिक घोषणाएं बनकर रह गई हैं? महिलाओं के स्वाभिमान की “लाड़ली बहन योजना” क्यों बजट की कमी का शिकार हो रही है?
उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि सरकार किसानों के ‘भावांतर योजना’ और ‘लाड़ली बहना योजना’ में तुरंत पारदर्शिता और धनराशि की गारंटी नहीं देती, तो कांग्रेस प्रदेश के हर गांव-कस्बे और हर मंडी-बाजार में जाकर जनता को सरकार की खुली एवं खाली तिजोरी दिखाएगी।
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