अंतरराष्ट्रीय समाचार
प्रधानमंत्री मोदी ने मार्सिले में कहा, ‘भारतीय वाणिज्य दूतावास लोगों के बीच संबंधों को और मजबूत करेगा’
पेरिस, 12 फरवरी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पेरिस में एआई एक्शन समिट का उद्घाटन भाषण देने के बाद फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के साथ मार्सिले पहुंचे और कहा कि यहां भारतीय वाणिज्य दूतावास खुलने से भारत और फ्रांस के बीच संबंध और मजबूत होंगे।
इस बीच पीएम मजारगुएस युद्ध कब्रिस्तान पहुंच गए हैं। यहां एक स्मारक है, जो विश्वयुद्ध में सर्वोच्च बलिदान देने वाले भारतीय सैनिकों की स्मृति में बना है।
मार्सिले पहुंचने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने होटल में भारतीय प्रवासियों से मुलाकात की। इस दौरान पीएम मोदी एक छोटी बच्ची को पुचकारते और प्यार करते हुए भी नजर आए।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मार्सिले पहुंचने के बाद एक्स पर एक पोस्ट भी किया। इसमें उन्होंने लिखा कि राष्ट्रपति मैक्रों और मैं थोड़ी देर पहले मार्सिले पहुंचे। इस यात्रा में भारत और फ्रांस को जोड़ने के उद्देश्य से महत्वपूर्ण कार्यक्रम होंगे। जिस भारतीय वाणिज्य दूतावास का उद्घाटन किया जा रहा है, वह लोगों के बीच संबंधों को गहरा करेगा। मैं प्रथम और द्वितीय विश्व युद्ध में शहीद हुए भारतीय सैनिकों को भी श्रद्धांजलि अर्पित करूंगा।
इसके अलावा, वे कैडारैचे में अंतर्राष्ट्रीय थर्मोन्यूक्लियर प्रायोगिक रिएक्टर (आईटीईआर) परियोजना, एक वैश्विक परमाणु संलयन पहल का दौरा करने के लिए तैयार हैं।
पीएम मोदी के मार्सिले पहुंचने पर वहां रहने वाले भारतीयों में जबरदस्त उत्साह देखने को मिला। इससे पहले, मंगलवार शाम को, प्रधानमंत्री मोदी फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रोन के साथ मार्सिले पहुंचे, जहां उन्होंने दिन में एआई एक्शन समिट की सह-अध्यक्षता की।
प्रधानमंत्री मोदी ने औपनिवेशिक शासन के दौरान वीर सावरकर के भागने में उनकी भूमिका के लिए मार्सिले के लोगों को धन्यवाद दिया।
उन्होंने एक्स पर पोस्ट किया, “भारत की स्वतंत्रता की खोज में, यह शहर विशेष महत्व रखता है। यहीं पर महान वीर सावरकर ने साहसी तरीके से भागने का प्रयास किया था। मैं मार्सिले के लोगों और उस समय के फ्रांसीसी कार्यकर्ताओं को भी धन्यवाद देना चाहता हूं जिन्होंने मांग की थी कि उन्हें ब्रिटिश हिरासत में न सौंपा जाए। वीर सावरकर की बहादुरी पीढ़ियों को प्रेरित करती रहेगी!”
अपने संबोधन में, प्रधानमंत्री मोदी ने कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) से संचालित भविष्य के लिए लोगों को कौशल प्रदान करने और उन्हें पुनः कौशल प्रदान करने में निवेश का आह्वान किया। उन्होंने यह भी कहा कि शासन का मतलब सभी के लिए पहुंच सुनिश्चित करना है, खासकर वैश्विक दक्षिण में।
फ्रांस ने पुष्टि की कि भारत अगले एआई शिखर सम्मेलन की मेजबानी करेगा, जब प्रधानमंत्री मोदी ने रुचि दिखाई। भारत ने फ्रांस को एआई पर अपनी पहल के लिए पूर्ण समर्थन का आश्वासन भी दिया।
प्रधानमंत्री ने पेरिस में भारत-फ्रांस सीईओएस फोरम में भी बात की, जहां उन्होंने दोनों देशों के व्यवसायों के बीच साझेदारी को प्रोत्साहित किया।
विभिन्न क्षेत्रों में विनिर्माण, बुनियादी ढांचे और उत्पादन में प्रगति पर प्रकाश डालते हुए, मोदी ने व्यवसायों से भारतीय बाजार में शामिल होने का आह्वान किया, क्योंकि देश 2047 तक ‘विकसित भारत’ के लक्ष्य की दिशा में काम कर रहा है।
अंतरराष्ट्रीय समाचार
‘मै चाहूं तो तुरंत खत्म हो जाएगा हमास’, अमेरिकी राष्ट्रपति ने इजरायली पीएम को बताया प्रतिभाशाली व्यक्ति

TRUMP
नई दिल्ली, 3 नवंबर: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक इंटरव्यू में हमास को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि अगर वह चाहें तो हमास को तुरंत खत्म कर देंगे। अमेरिकी राष्ट्रपति ने इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की जमकर तारीफ भी की।
ट्रंप ने कहा कि अगर हमास ने अच्छा व्यवहार नहीं किया, तो उसे तुरंत खत्म किया जा सकता है। अगर मैं हमास को निशस्त्र करना चाहूंगा तो मैं यह तुरंत कर दूंगा। उन्हें खत्म कर दिया जाएगा। वे यह जानते हैं।
पीएम नेतन्याहू को लेकर उन्होंने कहा कि वह बहुत प्रतिभाशाली व्यक्ति हैं। वह ऐसे व्यक्ति हैं जिन पर पहले कभी दबाव नहीं डाला गया। मुझे नहीं लगता कि उनके साथ अच्छा व्यवहार किया जाता है। मैंने उन पर दबाव डाला।
ठीक एक दिन पहले अमेरिका ने एक वीडियो फुटेज जारी कर हमास पर आरोप लगाया था कि वे गाजा में आम लोगों की मदद के लिए जो सहायता भेजी जा रही है, उसे लूट रहे हैं। हालांकि हमास ने अमेरिका की ओर से लगाए गए इस आरोप को सिरे से खारिज कर दिया था। हमास ने एक बयान जारी कर कहा कि गाजा में एक सहायता काफिले को लूटने के अमेरिकी आरोप झूठे हैं।
हमास द्वारा संचालित गाजा सरकार के मीडिया ऑफिस ने कहा था, “अमेरिकी सेंट्रल कमांड के आरोप झूठे हैं। उनके पास सबूतों का अभाव है और ये एक सुनियोजित दुष्प्रचार अभियान का हिस्सा है।”
संयुक्त राज्य अमेरिका सेंट्रल कमांड (सीईएनटीसीओएम) द्वारा इस सप्ताह के अंत में एक ड्रोन वीडियो रिलीज किया गया, जिसमें शुक्रवार को दक्षिणी गाजा पट्टी में एक सहायता ट्रक को लूटते हुए संदिग्ध हमास कार्यकर्ताओं को दिखाया गया था।
सीईएनटीसीओएम ने एक बयान में कहा, “दक्षिणी इजरायल के किर्यत गत शहर में स्थित अमेरिकी नेतृत्व वाले नागरिक सैन्य समन्वय केंद्र (सीएमसीसी) ने उत्तरी खान यूनिस में गाजावासियों को आवश्यक सहायता पहुंचाने वाले एक सहायता ट्रक को लूटते हुए संदिग्ध हमास कार्यकर्ताओं को देखा।”
अंतरराष्ट्रीय समाचार
नाइजीरिया में क्यों मचा बवाल? ईसाइयों के ऊपर हिंसा के बाद ट्रंप ने दिया जांच का आदेश

TRUMP
नई दिल्ली, 1 नवंबर: अफ्रीका के सबसे अधिक आबादी वाले देश नाइजीरिया में इस समय अशांति फैली हुई है। हिंसा का आधार बढ़ती धार्मिक असहिष्णुता और कट्टरवाद है। देश में फैली अशांति और हिंसा पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चिंता जताई है।
अमेरिकी राष्ट्रपति ने ट्रूथ सोशल पर एक पोस्ट में लिखा, “नाइजीरिया में ईसाई धर्म का अस्तित्व खतरे में है। हजारों ईसाई मारे जा रहे हैं। इस सामूहिक नरसंहार के लिए कट्टरपंथी इस्लामवादी जिम्मेदार हैं। मैं नाइजीरिया को एक “विशेष चिंता का देश” घोषित कर रहा हूं।”
राष्ट्रपति ट्रंप ने लिखा, “जब ईसाइयों या ऐसे किसी भी समूह का नाइजीरिया की तरह कत्लेआम हो रहा है, तो कुछ तो करना ही होगा! मैं कांग्रेसी रिले मूर, अध्यक्ष टॉम कोल और सदन की विनियोग समिति के साथ मिलकर इस मामले की तुरंत जांच करने और मुझे रिपोर्ट करने का अनुरोध करता हूं। नाइजीरिया और कई अन्य देशों में इस तरह के अत्याचार होते देख अमेरिका चुप नहीं रह सकता। हम दुनिया भर में अपनी विशाल ईसाई आबादी को बचाने के लिए तैयार, इच्छुक और सक्षम हैं!”
नाइजीरिया में हो रही इस धार्मिक हिंसा को लेकर पहले भी अमेरिकी कांग्रेस सदस्यों ने चिंता जाहिर की है। बता दें, हिंसा का एक कारण इस्लामिक समूह बोको हरम और इस्लामिक स्टेट वेस्ट अफ्रीका प्रोविन्स जैसे समूह भी हैं। ऐसे चरमपंथी इस्लामिक समूह ईसाइयों को निशाना बना रहे हैं।
अकॉर्ड की रिपोर्ट के अनुसार नाइजीरिया में ईसाई धर्म के लोगों के खिलाफ इस तरह से हिंसा फैलाने का आधार धार्मिक असहिष्णुता और कट्टरवाद है।
नाइजीरिया में ईसाई धर्म या इस्लाम धर्म के लोगों की तादाद ज्यादा है। 47 से 54 फीसदी लोग यहां इस्लाम को मानते हैं। उत्तरी हिस्से में मुसलमानों की आबादी ज्यादा है। इस हिस्से में गरीबी भी ज्यादा है। वहीं दक्षिण-पूर्वी इलाके में ईसाई धर्म को मानने वाले लोगों की संख्या ज्यादा है। यहां लोगों की जीवनशैली भी काफी बेहतर है।
नाइजीरिया में दोनों धर्मों के बीच लंबे समय से संघर्ष जारी है। मीडिया रिपोर्ट्स में यह भी दावा किया जा रहा है कि ईसाइयों के विरोध के बावजूद वहां उत्तरी राज्यों में इस्लामी शरिया कानून को माना जा रहा है। दोनों धार्मिक समूहों की आपसी लड़ाई अब हिंसक रूप ले चुकी है।
अंतरराष्ट्रीय समाचार
ट्रंप-जिनपिंग की मुलाका त से इतर अमेरिकी राष्ट्रपति के ‘परमाणु पोस्ट’ से गरमाई वैश्विक राजनीति

TRUMP
वाशिंगटन, 30 अक्टूबर: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच गुरुवार को दक्षिण कोरियाई बंदरगाह शहर बुसान में बैठक हो रही है। जिनपिंग से मुलाकात के इतर अमेरिकी राष्ट्रपति ने परमाणु हथियार को लेकर एक पोस्ट से बवाल मचा दिया है। अमेरिकी राष्ट्रपति ने ट्रूथ सोशल पर जानकारी दी है कि उन्होंने फौरन परमाणु हथियार की टेस्टिंग का आदेश दिया है।
बता दें, चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात से ठीक पहले ट्रंप के इस पोस्ट ने वैश्विक राजनीतिक गलियारे की हलचल को बढ़ा दी है। लोग यह सोचने पर मजबूर हैं कि आखिर राष्ट्रपति ट्रंप की ये कौन सी चाल है।
राष्ट्रपति ट्रंप ने लिखा, “संयुक्त राज्य अमेरिका के पास किसी भी अन्य देश की तुलना में सबसे ज्यादा परमाणु हथियार हैं। यह सब मेरे पहले कार्यकाल के दौरान ही संभव हो पाया, जिसमें मौजूदा हथियारों का पूर्ण नवीनीकरण और नवीनीकरण भी शामिल है। इसकी प्रचंड विनाशकारी शक्ति के कारण, मुझे ऐसा करना बहुत बुरा लगता था, लेकिन मेरे पास कोई विकल्प नहीं था!”
अमेरिकी राष्ट्रपति ने चेतावनी देते हुए आगे लिखा, “रूस दूसरे स्थान पर है और चीन काफी दूर तीसरे स्थान पर है, लेकिन अगले पांच सालों में यह बराबरी पर आ जाएगा। अन्य देशों के परीक्षण कार्यक्रमों के कारण, मैंने युद्ध विभाग को निर्देश दिया है कि वह हमारे परमाणु हथियारों का समान आधार पर परीक्षण शुरू करे। यह प्रक्रिया तुरंत शुरू होगी। इस मामले पर ध्यान देने के लिए धन्यवाद!”
ट्रंप के इस बयान में चीन समेत तमाम देशों के लिए चेतावनी की झलक दिख रही है। पोस्ट के अनुसार, चीन तेजी से परमाणु हथियार विकसित कर रहा है। वहीं, अगर ट्रंप के आदेशानुसार परमाणु हथियारों की टेस्टिंग की जाती है, तो इससे दुनिया में विनाशकारी हथियारों की रेस को गति देने की आशंकाएं बढ़ेंगी।
ट्रंप ने इससे पहले ट्रूथ पर लिखा कि उन्हें चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ अपनी मुलाकात का बेसब्री से इंतजार है। यह कुछ ही घंटों में होगी!
बुसान में जिनपिंग से मिलते ही ट्रंप ने कहा कि हमारी मुलाकात बहुत सफल रहने वाली है। उन्होंने चीनी राष्ट्रपति को एक महान देश का महान नेता भी कहा। उन्होंने कहा कि हम एक-दूसरे को अच्छी तरह जानते हैं। हमारे बीच हमेशा से बहुत अच्छे संबंध रहे हैं।
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