राजनीति
प्रधानमंत्री ने बनारस के मददगारों से शुरू किया भावनात्मक संवाद

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार को अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी में लॉकडाउन में जरूरतमंदों की मदद करने वालों से संवाद करने के लिए वीडियो कांफ्रेंसिंग से जुड़ गए हैं। प्रधानमंत्री सबसे पहले बनारसी अंदाज नजर आए। कहा कि हमारी काशी अभूतपूर्व संकट का डटकर मुकाबला किया है। इस दौरान उन्होंने सबसे पहले यही बोला- हर-हर महादेव। कहा कि काशी के पुण्य धरती के आप सब पुण्यात्मा लोगन के प्रणाम हौ। ये भगवान शंकर का ही आशीर्वाद है कि कोरोना के इस संकट काल में भी हमारी काशी उम्मीद से भरी हुई है, उत्साह से भरी हुई है।
सबसे पहले प्रधानमंत्री ने गायत्री परिवार रत्नात्मक ट्रस्ट के गंगाधर उपाध्याय से संवाद किया। इसके अलावा उन्होंने अखिल भारतीय केशरवानी वैश्य युवक सभा के प्रतिनिधि संदीप केसरी से भी संवाद किया और लॉकडाउन के दौरान किए गए कार्यों की उन्होंने सराहना की।
उन्होंने कहा कि ये सही है कि लोग बाबा विश्वनाथ धाम नहीं जा पा रहे। ये सही है कि मानस मंदिर, दुग्राकुंड, संकटमोचन में सावन का मेला नहीं लग पा रहा है। लेकिन ये भी सही है कि इस अभूतपूर्व संकट के समय में और मेरी काशी, हमारी काशी ने, इस अभूतपूर्व संकट का डटकर मुकाबला किया है। आज का यह कार्यक्रम भी तो इसी की एक कड़ी ही है।
उन्होंने कहा कि संक्रमण को रोकने के लिए कौन क्या कदम उठा रहा है, अस्पतालों की स्थिति क्या है, कहां क्या व्यवस्थाएं की जा रही हैं, क्वारंटीन को लेकर क्या हो रहा है, बाहर से आए श्रमिक साथियों के लिए क्या प्रबंध हो रहे हैं, ये सारी जानकारियां मुझे मिल रही थीं। पुरानी मान्यता है कि एक समय महादेव ने खुद मां अन्नपूर्णा से भिक्षा मांगी थी। तभी से काशी पर ये विशेष आशीर्वाद रहा है कि यहां कोई भूखा नहीं सोएगा, मां अन्नपूर्णा और बाबा विश्वनाथ, सबके खाने का इंतजाम कर देंगे।
मोदी ने कहा कि आप सभी के लिए, तमाम संगठनों के लिए, हम सभी के लिए ये बहुत सौभाग्य की बात है कि इस बार गरीबों की सेवा का माध्यम भगवान ने हमें बनाया। एक तरह से आप सभी मां अन्नपूर्णा और बाबा विश्वनाथ के दूत बनकर हर जरूरतमंद तक पहुंचे।
उन्होंने कहा कि कम समय में फूड हेल्पलाइन और कम्यूनिटी किचन का व्यापक नेटवर्क तैयार करना, हेल्पलाइन विकसित करना, डेटा साइंस की मदद लेना, वाराणसी स्मार्ट सिटी के कंट्रोल एंड कमांड सेंटर का भरपूर इस्तेमाल करना, यानि हर स्तर पर सभी ने गरीबों की मदद के लिए पूरी क्षमता से काम किया।
मोदी ने कहा कि मुझे बताया गया है कि जब जिला प्रशासन के पास भोजन बांटने के लिए अपनी गाड़ियां कम पड़ गईं तो डाक विभाग ने खाली पड़ी अपनी पोस्टल वैन इस काम में लगा दीं। सोचिए, सरकारों की, प्रशासन की छवि तो यही रही है कि पहले हर काम को मना किया जाता है।
महाराष्ट्र
ईद-ए-मिलाद: मनोर में सर्वधर्म समभाव और सामाजिक एकता का उत्सव

पालघर: मनोर शहर सहित दहिसर की ओर मनोर, टेन, टाकवहाल, मस्ताना का, कटाले आदि क्षेत्रों में मुस्लिम समुदाय ने ईद-ए-मिलाद बड़े उत्साह और शांति के साथ मनाई। जुलूस में देशहित, भाईचारा और सर्वधर्म समभाव का संदेश दिया गया।
विशेष रूप से, इस जुलूस में हिंदू समुदाय और ग्राम पंचायत ने जगह-जगह मुस्लिम भाइयों के लिए पानी और बच्चों के लिए खाने-पीने के स्टॉल लगाकर सर्वधर्म समभाव का संदेश देने का प्रयास किया।
जुलूस के लिए रास्तों की साफ-सफाई रखी गई और यातायात सुचारू रहे, इसके लिए स्वयंसेवकों ने विशेष प्रयास किए। उत्सव के बाद मुस्लिम समुदाय ने रक्तदान शिविर आयोजित कर सामाजिक उपक्रम को बढ़ावा दिया।
कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस इंस्पेक्टर रणवीर बयेस के मार्गदर्शन में कड़ा बंदोबस्त रखा गया था। शांति और अनुशासित तरीके से संपन्न हुई यह ईद-ए-मिलाद सामाजिक एकता का आदर्श बन गई।
महाराष्ट्र
मुंबई में आत्मघाती हमलावर बनने की धमकी देने वाला अश्विनी कुमार यूपी से गिरफ्तार

मुंबई क्राइम ब्रांच ने मुंबई में गणपति विसर्जन के दौरान हुए बम विस्फोट के मास्टरमाइंड अश्विनी कुमार को उत्तर प्रदेश के गौतमबुद्ध नगर थाने की सीमा से गिरफ्तार करने का दावा किया है। आरोपी अश्विनी कुमार ने इससे पहले समता नगर थाने समेत अन्य थानों में बम विस्फोट करने की धमकी दी थी। गणपति विसर्जन के दौरान बम विस्फोट की धमकी के बाद पुलिस ने हाई अलर्ट जारी कर दिया था। इस धमकी से मुंबई में हड़कंप मच गया था। इसके बाद पुलिस ने 24 घंटे के अंदर आरोपी को गिरफ्तार कर लिया। अश्विनी कुमार ने धमकी क्यों दी और इसके पीछे क्या साजिश थी, इसकी भी जांच चल रही है। अश्विनी कुमार को गिरफ्तार कर मुंबई लाया गया है।
मुंबई में गणपति विसर्जन के दौरान बम विस्फोट की धमकी मिलने के बाद मुंबई पुलिस सतर्क हो गई है, लेकिन यह धमकी किसी शरारती तत्व ने एसएमएस के जरिए दी थी, जिसके बाद पुलिस ने इसकी जांच भी शुरू कर दी है। पुलिस सूत्रों ने बताया कि पुलिस जांच में पता चला है कि यह धमकी पुलिस को गुमराह करने के लिए दी गई थी। आरोपी ने मुंबई पुलिस ट्रैफिक पुलिस को उसके आधिकारिक व्हाट्सएप नंबर पर धमकी दी थी और दावा किया था कि शहर भर में 34 वाहनों में 34 आत्मघाती हमलावर तैयार हैं और यह विस्फोट पूरे मुंबई को हिला देगा। लश्कर-ए-जिहाद नामक संगठन ने मुंबई को बम से उड़ाने की धमकी दी थी। आरोपी ने धमकी में कहा था कि 14 पाकिस्तानी आतंकवादी भारत में घुस आए हैं। धमकी भरे संदेश में आगे कहा गया था कि विस्फोट में 400 किलोग्राम आरडीएक्स का इस्तेमाल किया जाएगा। मुंबई पुलिस हाई अलर्ट पर है और पूरे राज्य में सुरक्षा बढ़ा दी गई है। गणपति विसर्जन के दौरान बड़े पैमाने पर गणपति जुलूस निकाला जाता है, रास्ते में भक्त होते हैं और भीड़ भी बड़ी होती है। दादरपुर और लालबाग में सबसे ज्यादा भीड़ होती है। इस दौरान पुलिस ने ड्रोन के जरिए इन इलाकों में निगरानी भी शुरू कर दी है
राजनीति
वसई-विरार अवैध निर्माण घोटाला: मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ईडी को निलंबित पूर्व वीवीसीएमसी उप निदेशक वाईएस रेड्डी की हिरासत मिली

मुंबई: विशेष पीएमएलए अदालत ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को अवैध निर्माण से जुड़े धन शोधन मामले में वसई-विरार सिटी नगर निगम (वीवीसीएमसी) के निलंबित नगर नियोजन उप निदेशक वाईएस रेड्डी को हिरासत में लेने की अनुमति दे दी है।
उनके अलावा, वीवीसीएमसी के पूर्व प्रमुख, आईएएस अधिकारी अनिल पवार और बिल्डर जोड़ी सीताराम गुप्ता और अरुण गुप्ता को भी गिरफ्तार किया गया है। उन्हें 20 अगस्त को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था, हालाँकि, ईडी ने आगे की पूछताछ के लिए उनकी हिरासत लेने का अधिकार सुरक्षित रखा था।
रेड्डी को सोमवार तक ईडी की हिरासत में भेज दिया गया, क्योंकि एजेंसी ने दलील दी कि उनके आवास पर मिली भारी मात्रा में नकदी और आभूषणों के संबंध में उनसे पूछताछ की जरूरत है।
ईडी ने रेड्डी से तब पूछताछ की जब एक नगर निगम कर्मचारी ने कथित तौर पर बयान दिया कि उसने पवार के साथ मिलकर उसे रिश्वत लेने और उन तक पहुँचाने के लिए मजबूर किया था। अधिकारियों ने बताया कि कर्मचारी ने खुलासा किया कि जहाँ बड़े आर्किटेक्ट और बिल्डर पवार से उनके आधिकारिक आवास पर मिल सकते थे, वहीं छोटे आर्किटेक्ट अपने प्रतिनिधियों को पवार के रसोइए या अन्य कर्मचारियों तक नकदी पहुँचाने के लिए उनके साथ भेजते थे।
उन्होंने बताया कि कर्मचारी ने रिश्वत के बदले ‘शहरी क्षेत्र’ में परियोजनाओं के लिए जारी किए गए 457 कार्यारंभ प्रमाण पत्रों (सीसी) और डी-जोन के लिए 129 सीसी की सूची भी उपलब्ध कराई है।
एजेंसी ने कहा कि उसने 1 सितंबर को एक आर्किटेक्ट का बयान भी दर्ज किया है, जिसने दावा किया था कि पवार और रेड्डी ने सीसी देने के लिए रिश्वत मांगी थी। बयान के अनुसार, आर्किटेक्ट ने कहा कि उसने दोनों के बीच बातचीत की और रिश्वत के भुगतान में मदद की।
इसके अलावा, ईडी अभियोजक कविता पाटिल ने एक बिल्डर के 29 अगस्त के बयान का हवाला दिया, जिसमें उसने दावा किया था कि उसने आरोपियों को 30 रुपये प्रति वर्ग फुट की दर से 4.28 करोड़ रुपये की रिश्वत दी थी। पाटिल ने बताया कि बिल्डर ने यह भी दावा किया कि उसने रेड्डी और पवार को विभिन्न स्वीकृतियों के लिए लगभग 15 करोड़ रुपये दिए थे।
हालांकि, रेड्डी के वकील ने तर्क दिया कि उन्होंने अपने आवास से जब्त कीमती सामान के बारे में न्यायिक प्राधिकारी को पहले ही स्पष्टीकरण दे दिया है और हिरासत की मांग करना ईडी की रणनीति है, ताकि वह इस संबंध में 10 सितंबर तक निर्देशानुसार जवाब प्रस्तुत न कर सके।
ईडी की दलील को स्वीकार करते हुए अदालत ने कहा, “गवाहों के बयानों और सीसी की सूची पर विचार करते हुए, रेड्डी की हिरासत के बिना जांच उचित तरीके से पूरी नहीं हो सकती।”
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