राजनीति
मध्य प्रदेश में नतीजों के बाद की रणनीति पर सियासी कदमताल

मध्य प्रदेश में विधानसभा के उपचुनाव के नतीजे आने से पहले ही सत्ताधारी दल भाजपा और विपक्षी दल कांग्रेस ने अपनी आगामी रणनीति के लिए कदमताल तेज कर दी है, कहीं बैठकों का दौर जारी है तो कहीं विधायकों से मेल मुलाकात तेज हो गई है।
राज्य के 28 विधानसभा क्षेत्रों के लिए मतदान हो चुका है और 10 नवंबर को मतगणना होने वाली है। सत्ताधारी दल भाजपा और विपक्ष कांग्रेस का दावा है कि नतीजे उनके पक्ष में आएंगे और सरकार उनकी बनेगी। अंकगणित को लेकर दोनों के अपने-अपने तर्क हैं।
विधानसभा की स्थिति पर गौर करें तो 230 सदस्यों वाली विधानसभा में एक स्थान रिक्त है वहीं 28 स्थानों पर उपचुनाव हुए हैं। वर्तमान में 201 विधायक हैं जिनमें भाजपा के पास 107 कांग्रेस के 87 और चार निर्दलीय, दो बसपा और एक सपा का है। इस तरह 28 विधानसभा क्षेत्रों में से भाजपा को आठ स्थानों पर जीत की जरूरत है वहीं दूसरी ओर कांग्रेस को सभी 28 सीटें जीतने के बाद एक और विधायक की जरुरत होगी।
जीत की आस लगाए दोनों दल चुनाव परिणामों के बाद की रणनीति पर मंथन करने में जुटे हैं। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ लगातार कांग्रेस नेताओं के संपर्क में हैं, साथ ही मतदान की समीक्षा कर रहे हैं। परिणामों के बाद के अंक गणित पर भी जोड़-घटाव जारी है। उनका कोर ग्रुप इस बात पर भी मंथन कर रहा है कि अगर कांग्रेस 20 या उसके आसपास सीटें जीतती हैं तो किस तरह आगे बढ़ा जाएगा। इसको लेकर निर्दलीय, बसपा और सपा विधायकों से कांग्रेस के नेता लगातार संपर्क में हैं। कांग्रेस को भरोसा तो इस बात का है कि अगर भाजपा को पूर्ण बहुमत से बहुत ज्यादा सीटें नहीं मिलती हैं तो पार्टी में बगावत हो सकती है और उसका लाभ कांग्रेस को मिल सकता है।
वहीं दूसरी ओर भाजपा थोड़ी निश्चिंत है क्योंकि उसे इस बात की पूरी उम्मीद है कि वह पूर्ण बहुमत के लिए आवश्यक कम से कम आठ सीटें तो जीत ही लेगी, साथ ही उसे निर्दलीय बसपा और सपा के विधायकों का भी समर्थन हासिल रहेगा। जहां दो निर्दलीय विधायक पूर्व मंे ही भाजपा केा समर्थन दे चुके हैं, वहीं एक निर्दलीय विधायक सुरेंद्र सिंह शेरा और बसपा विधायक संजीव कुशवाहा की नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह से शुक्रवार को मुलाकात हुई। इस मुलाकात को सियासी तौर पर महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
बसपा विधायक कुशवाहा का कहना है कि उनका भाजपा को समर्थन है, जहां तक भूपेंद्र सिंह से मुलाकात की बात है तो वह क्षेत्र के विकास को लेकर हुई है।
राजनीतिक विश्लेषक साजी थॉमस का मानना है कि राज्य के उप-चुनाव सियासी तौर पर काफी अहम है, पहले हुए उपचुनाव से यह चुनाव अलग है। ऐसा इसलिए क्योंकि इस उप-चुनाव के नतीजे सरकार तक पर असर डाल सकते हैं। यही कारण है कि दोनों दल सजग और सतर्क हैं, राजनीति में कब क्या हो जाए इसे कोई नहीं जानता। इसीलिए भाजपा और कांग्रेस दोनों ने नतीजों से पहले अपनी रणनीति पर मंथन तेज कर दिया है।
महाराष्ट्र
एएनसी की कार्रवाई, करोड़ों का ड्रग्स जब्त, 6 गिरफ्तार

मुंबई: एंटी नारकोटिक्स सेल ने मुंबई में विभिन्न स्थानों पर कार्रवाई के दौरान 7.01 करोड़ रुपये मूल्य की एमडी और नेट्रोपम टैबलेट सहित एक नाइजीरियाई समेत छह ड्रग तस्करों को गिरफ्तार करने का दावा किया है। मुंबई के वकोला में एक नाइजीरियाई से 5.23 करोड़ रुपये मूल्य की 523 ग्राम कोकीन जब्त की गई। घाटकोपर, कुर्ला सीएसटी, मजगांव, ताड देव, बोरीवली इलाकों में की गई छापेमारी में पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया गया, जिनके कब्जे से 54.65 लाख रुपये मूल्य की मेफेडोन एमडी जब्त की गई। ये पांच अंतरराज्यीय ड्रग गिरोह का हिस्सा हैं। इस ऑपरेशन में नेट्रोपम टैबलेट सहित अन्य ड्रग्स भी जब्त किए गए। मुंबई पुलिस कमिश्नर के निर्देश पर डीसीपी नुनाथ धुळे ने इस ऑपरेशन को अंजाम दिया।
महाराष्ट्र
मुंबई अंडरवर्ल्ड डॉन डीके राव जबरन वसूली के आरोप में गिरफ्तार

मुंबई: मुंबई क्राइम ब्रांच ने मुंबई के अंडरवर्ल्ड डॉन छोटा राजन गिरोह के सदस्य गैंगस्टर डीके राव को जबरन वसूली के आरोप में गिरफ्तार करने का दावा किया है। इसके साथ ही पुलिस ने उसके दो साथियों अनिल सिंह और मेनिट भूटा को भी गिरफ्तार किया है। गैंगस्टर ने मेनिट भूटा के साथ मिलकर एक निवेशक से 1.25 करोड़ रुपये वसूले थे और उसे गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी दी थी, जिसके बाद शिकायतकर्ता ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी। पुलिस ने कार्रवाई करते हुए डीके राव को गिरफ्तार कर लिया और उसकी रिमांड हासिल कर ली। मुंबई क्राइम ब्रांच ने एक होटल मालिक को धमकाने और 2.5 करोड़ रुपये मांगने के आरोप में डीके राव को भी गिरफ्तार किया था। इसके साथ ही उसके साथियों को भी गिरफ्तार किया गया था।
उपनगरीय साकीनाका इलाके में एक होटल मालिक को धमकी दी गई थी और इस मामले में मामला दर्ज किया गया था, जिसमें डीके राव जमानत पर हैं। बीती रात डीके राव अपने पुराने मामले की सुनवाई के सिलसिले में सत्र न्यायालय में पेश हुए थे। वह एक अपॉइंटमेंट के लिए गए थे और पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया। इस मामले में पुलिस उनसे और उनके साथियों से पूछताछ कर रही है। बताया जा रहा है कि धारावी इलाके में डीके राव की अब भी पकड़ और दहशत है और वह साप्ताहिक समन समेत अन्य गैरकानूनी गतिविधियों में शामिल है। अंडरवर्ल्ड में दहशत फैलाने वाले इस मामले में अब क्राइम ब्रांच ने अपना शिकंजा कस लिया है। इस मामले में क्राइम ब्रांच डीके राव के सहयोगियों से भी पूछताछ करेगी। इसके साथ ही, क्राइम ब्रांच उन पीड़ितों से भी पूछताछ करेगी जो डीके राव के उत्पीड़न का शिकार हुए थे।
राजनीति
अफगान मंत्री की प्रेस वार्ता में महिला पत्रकारों की अनुपस्थिति पर राहुल गांधी ने केंद्र को घेरा

नई दिल्ली, 11 अक्टूबर: लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने शनिवार को कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा द्वारा दिल्ली में अफगान विदेश मंत्री आमिर खान मुत्ताकी की प्रेस कॉन्फ्रेंस को लेकर केंद्र की आलोचना का समर्थन किया, जिसमें महिला पत्रकारों को भाग लेने की अनुमति नहीं थी।
प्रियंका गांधी के एक्स पोस्ट को रिपोस्ट करते हुए, राहुल गांधी ने कहा, “पीएम मोदी, जब आप सार्वजनिक मंच से महिला पत्रकारों को बाहर रखने की अनुमति देते हैं, तो आप भारत की हर महिला को बता रहे हैं कि आप उनके लिए खड़े होने के लिए बहुत कमजोर हैं।”
उन्होंने कहा कि भारत में महिलाओं को हर क्षेत्र में समानता का अधिकार है और प्रेस कॉन्फ्रेंस के मुद्दे पर केंद्र की चुप्पी की आलोचना की।
नेता प्रतिपक्ष गांधी ने कहा, “हमारे देश में महिलाओं को हर क्षेत्र में समान भागीदारी का अधिकार है। इस तरह के भेदभाव के सामने आपकी चुप्पी नारी शक्ति पर आपके नारों के खोखलीपन को उजागर करती है।”
इससे पहले, कांग्रेस सांसद प्रियंका ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ के जरिए सवाल किया कि अगर भारत में महिला पत्रकारों का इस तरह अपमान होता है, तो केंद्र सरकार महिला सशक्तिकरण के लिए कैसे प्रतिबद्ध है।
एक्स पर एक पोस्ट में, प्रियंका गांधी ने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कृपया तालिबान के प्रतिनिधि के भारत दौरे पर उनकी प्रेस कॉन्फ्रेंस से महिला पत्रकारों को हटाए जाने पर अपनी स्थिति स्पष्ट करें।”
उन्होंने कहा, “अगर महिलाओं के अधिकारों के प्रति आपकी मान्यता एक चुनाव से दूसरे चुनाव तक सिर्फ़ दिखावा नहीं है, तो फिर हमारे देश में, जहां महिलाएं इसकी रीढ़ और गौरव हैं, भारत की कुछ सबसे सक्षम महिलाओं का यह अपमान कैसे होने दिया गया?”
हालांकि, केंद्र ने मुत्तकी की प्रेस कॉन्फ्रेंस में महिला पत्रकारों पर ‘प्रतिबंध’ लगाने में अपनी किसी भी भूमिका से इनकार किया है।
विदेश मंत्रालय (एमईए) ने स्पष्ट किया कि इस प्रेस कॉन्फ्रेंस के निमंत्रण मुंबई स्थित अफगानिस्तान के महावाणिज्य दूत द्वारा अफगान मंत्री की यात्रा के लिए दिल्ली स्थित चुनिंदा पत्रकारों को भेजे गए थे। एनडीटीवी ने मंत्रालय के हवाले से बताया कि अफगान दूतावास का परिसर भारत सरकार के अधिकार क्षेत्र से बाहर है।
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