राजनीति
इंडिया एनर्जी वीक 2025 में पीएम मोदी ने कहा- भारत विकास और पर्यावरण दोनों को समृद्ध करने के लिए प्रतिबद्ध
New Delhi : Prime Minister Narednra Modi addresses a programme marking 20 years of completion of SWAGAT initiative in Gujarat through video conferencing onThursday, April 27, 2023. (Photo:IANS/Video Grab)
पेरिस, 11 फरवरी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फ्रांस की दो दिवसीय यात्रा के दौरान वर्चुअली ‘इंडिया एनर्जी वीक 2025’ को संबोधित करते हुए कहा कि 21वीं सदी भारत की सदी है। भारत केवल अपनी नहीं, बल्कि पूरी दुनिया की विकास यात्रा को गति दे रहा है, और इसमें ऊर्जा क्षेत्र की महत्वपूर्ण भूमिका है। उन्होंने कहा कि भारत की ऊर्जा महत्वाकांक्षाएं पांच स्तंभों पर आधारित हैं। संसाधनों का कुशल दोहन, नवाचार को बढ़ावा, मजबूत अर्थव्यवस्था और स्थिर राजनीतिक स्थिति, रणनीतिक भौगोलिक स्थिति और वैश्विक स्थिरता के प्रति प्रतिबद्धता।
पीएम मोदी ने कहा कि भारत 2030 तक 500 गीगावॉट अक्षय ऊर्जा क्षमता जोड़ने, भारतीय रेलवे को नेट ज़ीरो कार्बन उत्सर्जन की ओर ले जाने और हर साल 50 लाख मीट्रिक टन ग्रीन हाइड्रोजन उत्पादन का लक्ष्य रख रहा है। उन्होंने जोर देकर कहा कि ये लक्ष्य महत्वाकांक्षी लग सकते हैं, लेकिन पिछले 10 वर्षों में भारत ने जो उपलब्धियां हासिल की हैं, वे इन लक्ष्यों को प्राप्त करने की क्षमता को दर्शाती हैं।
प्रधानमंत्री ने भारत की आर्थिक प्रगति का उल्लेख करते हुए कहा कि देश ने पिछले 10 वर्षों में दुनिया की 10वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था से 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने का सफर तय किया है। भारत की सौर ऊर्जा उत्पादन क्षमता 32 गुना बढ़ी है, जिससे देश दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा सौर ऊर्जा उत्पादक बन गया है। गैर-जीवाश्म ईंधन आधारित ऊर्जा क्षमता भी तीन गुना बढ़ी है।
मोदी ने कहा कि भारत पेरिस समझौते के लक्ष्यों को समय से पहले पूरा करने वाला पहला जी-20 देश है। उन्होंने इथेनॉल सम्मिश्रण की सफलता को रेखांकित करते हुए कहा कि आज भारत में 19 प्रतिशत इथेनॉल सम्मिश्रण किया जा रहा है, जिससे विदेशी मुद्रा की बचत हुई है, किसानों की आय बढ़ी है और कार्बन उत्सर्जन में कमी आई है। भारत अक्टूबर 2025 से पहले 20 प्रतिशत इथेनॉल सम्मिश्रण का लक्ष्य हासिल कर लेगा। प्रधानमंत्री ने बताया कि भारत के नेतृत्व में बने ‘ग्लोबल बायोफ्यूल्स एलायंस’ से 28 देश और 12 अंतरराष्ट्रीय संगठन जुड़ चुके हैं।
पीएम मोदी ने कहा कि भारत अपने हाइड्रोकार्बन संसाधनों की संभावनाओं को पूरी तरह से तलाशने के लिए सुधार कर रहा है। बड़ी खोजों और गैस बुनियादी ढांचे के विस्तार के कारण भारत का गैस क्षेत्र तेजी से बढ़ रहा है। वर्तमान में भारत दुनिया का चौथा सबसे बड़ा रिफाइनिंग हब है और सरकार इसे 20 प्रतिशत तक बढ़ाने के लिए प्रयासरत है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत की तलछटी घाटियों (सेडीमेंटरी बेसिन) में कई हाइड्रोकार्बन संसाधन हैं, जिनमें से कुछ की खोज हो चुकी है और कुछ की खोज बाकी है। सरकार ने ‘ओपन एकरेज लाइसेंसिंग पॉलिसी’ बनाई है, जिससे अपस्ट्रीम सेक्टर अधिक आकर्षक हुआ है। सरकार ने समुद्री क्षेत्र में तेल और गैस संसाधनों की खोज, उत्पादन और रणनीतिक पेट्रोलियम भंडार बनाए रखने के लिए कई नीतिगत सुधार किए हैं।
मोदी ने कहा कि भारत में पाइपलाइन बुनियादी ढांचे में वृद्धि के कारण प्राकृतिक गैस की आपूर्ति बढ़ रही है और भविष्य में इसका उपयोग और बढ़ेगा। उन्होंने निवेशकों को ऊर्जा क्षेत्र में अपार संभावनाओं का लाभ उठाने का आह्वान किया।
उन्होंने बताया कि ‘मेक इन इंडिया’ और स्थानीय आपूर्ति श्रृंखला को बढ़ावा देने के तहत भारत में फोटोवोल्टिक (पीवी) मॉड्यूल और अन्य हार्डवेयर के निर्माण की विशाल संभावनाएं हैं। उन्होंने कहा कि भारत की सौर पीवी मॉड्यूल निर्माण क्षमता पिछले दस वर्षों में 2 गीगावॉट से बढ़कर 70 गीगावॉट हो गई है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि बैटरियों और ऊर्जा भंडारण क्षमता के क्षेत्र में नवाचार और निर्माण की विशाल संभावनाएं हैं। भारत इलेक्ट्रिक मोबिलिटी की ओर तेजी से बढ़ रहा है, और बैटरियों की मांग को पूरा करने के लिए ऊर्जा भंडारण क्षेत्र में तेजी से काम करने की जरूरत है। उन्होंने बताया कि इस वर्ष के बजट में ग्रीन एनर्जी को समर्थन देने के लिए कई घोषणाएं की गई हैं। सरकार ने ईवी और मोबाइल फोन बैटरियों के निर्माण से जुड़ी कई सामग्रियों को बेसिक कस्टम ड्यूटी से मुक्त कर दिया है, जिससे इस क्षेत्र में निवेश को प्रोत्साहन मिलेगा।
पीएम मोदी ने ‘राष्ट्रीय महत्वपूर्ण खनिज मिशन’ का उल्लेख करते हुए कहा कि यह भारत में एक सशक्त आपूर्ति श्रृंखला के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। सरकार गैर-लिथियम बैटरी पारिस्थितिकी तंत्र को भी बढ़ावा दे रही है और इस साल के बजट में न्यूक्लियर ऊर्जा क्षेत्र को भी निजी निवेश के लिए खोला गया है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि ऊर्जा क्षेत्र में हर निवेश युवाओं के लिए नई नौकरियां पैदा कर रहा है और ग्रीन जॉब्स के अवसर बना रहा है। सरकार जनता को ऊर्जा क्षेत्र से जोड़कर इसे और मजबूत बना रही है। उन्होंने ‘पीएम सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना’ का उल्लेख करते हुए कहा कि यह योजना केवल ऊर्जा उत्पादन तक सीमित नहीं है, बल्कि इससे सौर क्षेत्र में नई स्किल्स विकसित हो रही हैं, नया सेवा पारिस्थितिकी तंत्र तैयार हो रहा है और निवेश की संभावनाएं बढ़ रही हैं।
पीएम मोदी ने कहा कि भारत ऐसे ऊर्जा समाधान देने के लिए प्रतिबद्ध है, जो देश की विकास यात्रा को ऊर्जा प्रदान करें और पर्यावरण को भी समृद्ध करें। ‘इंडिया एनर्जी वीक’ इस दिशा में महत्वपूर्ण पहल करेगा और दुनिया भर के निवेशक भारत में उभरते अवसरों का लाभ उठाएंगे।
अपराध
पहलगाम आतंकी हमला: एनआईए जम्मू कोर्ट में दाखिल करेगी चार्जशीट

जम्मू, 15 दिसंबर: राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) सोमवार को जम्मू-कश्मीर के जम्मू शहर में स्पेशल एनआईए कोर्ट में 22 अप्रैल को हुए पहलगाम आतंकी हमले के मामले में चार्जशीट दाखिल कर सकती है।
एनआईए सूत्रों ने बताया कि जांच एजेंसी यहां तय कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर रही है क्योंकि गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम के तहत 180 दिन की कानूनी समय सीमा, पहली गिरफ्तारी के बाद से खत्म होने वाली है।
पहलगाम इलाके के दो निवासी, बशीर अहमद जोथर और परवेज अहमद जोथर, को 22 जून को गिरफ्तार किया गया था।
एनआईए के सूत्रों ने बताया, “गिरफ्तार किए गए दोनों लोगों पर तीन पाकिस्तानी आतंकवादियों, सुलेमान शाह, हमजा अफगानी उर्फ अफगानी और जिब्रान को पनाह देने और लॉजिस्टिकल सपोर्ट देने का आरोप है, जिन्होंने हमला किया था। चार्जशीट दाखिल करने की 180 दिन की समय सीमा 18 दिसंबर को खत्म हो रही है और एजेंसी आज तय समय सीमा के भीतर कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर रही है।”
एनआईए ने जांच पूरी करने के लिए शुरुआती 90 दिन की अवधि के अलावा अतिरिक्त 45 दिन का समय मांगा था, जिसे कोर्ट ने मंजूर कर लिया था।
आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा और उसके प्रॉक्सी, द रेजिस्टेंस फ्रंट का नाम चार्जशीट में शामिल होने की संभावना है।
हमले को अंजाम देने में आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े पाकिस्तान स्थित आतंकवादियों की संलिप्तता की पुष्टि पहले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने संसद में की थी।
एनआईए ने अब तक 1,000 से अधिक लोगों से पूछताछ की है, जिनमें पर्यटक, टट्टू मालिक, फोटोग्राफर, दुकानदार और कर्मचारी शामिल हैं।
एनआईए ने कोर्ट को सूचित किया है कि आतंकी नेटवर्क की पूरी सीमा और ओवरग्राउंड कार्यकर्ताओं की भूमिका स्थापित करने के लिए आगे की फोरेंसिक रिपोर्ट, मोबाइल फोन डेटा विश्लेषण और अतिरिक्त संदिग्धों का सत्यापन किया जा रहा है। पहलगाम आतंकी हमले से पूरा देश गुस्से में था और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हत्याओं का जवाब देने के लिए सशस्त्र बलों को पूरी छूट दे दी थी।
ऑपरेशन सिंदूर के तहत, भारतीय सशस्त्र बलों ने पाकिस्तान के अंदर लाहौर के पास मुरीदके, बहावलपुर, कोटली और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में मुजफ़्फराबाद में नौ आतंकी ठिकानों को नष्ट कर दिया।
जब तक पाकिस्तान ने नागरिक और सैन्य ठिकानों पर हमला करके स्थिति को और नहीं बिगाड़ा, तब तक भारतीय सेना ने किसी भी सैन्य ठिकाने पर हमला नहीं किया था।
जवाबी कार्रवाई में, भारतीय सशस्त्र बलों ने सीमा पार किए बिना पाकिस्तान में 11 सैन्य ठिकानों को नुकसान पहुंचाया।
राजनीति
राहुल गांधी गंभीर नेता नहीं, संसद सत्र के दौरान मौज करने के लिए विदेश जा रहे: भाजपा विधायक राम कदम

RAM KADAM
मुंबई, 15 दिसंबर: लोकसभा के नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के विदेश दौरे को लेकर भारतीय जनता पार्टी हमलावर है। भाजपा विधायक राम कदम ने सोमवार को राहुल गांधी पर तंज कसते हुए कहा कि वे मौज के लिए विदेश जा रहे हैं।
विधायक राम कदम ने मीडिया से बात करते हुए कहा, “राहुल गांधी कभी एक गंभीर राजनेता के रूप में सामने नहीं आए। अब शीतकालीन सत्र चल रहा है। पूरे देश से अलग-अलग प्रश्नों को सत्र में उठाया जाता है, लेकिन राहुल गांधी अब मौज करने के लिए विदेश जा रहे हैं। देश के हर सांसद को संसद के सत्र का बेसब्री से इंतजार होता है कि वे कब सदन में आएं और अपने विषयों को रखें, लेकिन बार-बार देखा गया है कि राहुल गांधी न कभी गंभीर राजनेता थे, न हैं और न कभी आगे हो पाएंगे। उनके अंदर इसकी काबिलियत नहीं है।”
भाजपा विधायक ने कहा, “जब भी वे विदेश जाते हैं, वहां पर भारत की आलोचना करते हैं। वे जिस देश में खाते-पीते हैं, विदेश में जाकर इसी देश की आलोचना करते हैं। राहुल विदेश गए हैं, यह उनकी अपनी मर्जी है, लेकिन विदेश की धरती से मां भारती का अनादर न करें।”
राम कदम ने कांग्रेस रैली में पीएम मोदी के खिलाफ आपत्तिजनक नारों पर कहा, “पीएम मोदी की छवि न केवल देश में बल्कि पूरे विश्व में एक विश्व नेता के रूप में है। यही दर्द कांग्रेस नेताओं को है। वे पीएम मोदी के सामने जीत नहीं सकते। हर बार हार का सामना करना पड़ता है। कांग्रेस की अभद्र वाणी के पीछे भी यही वजह है।” यह कांग्रेस और उसके कार्यकर्ताओं की छोटी सोच की परिचायक है। एक पुरानी कहावत है कि कौवे के शाप से गोमाता को कुछ नहीं होता। पीएम मोदी के साथ देश के करोड़ों लोगों की दुआ और आशीर्वाद है।”
महाराष्ट्र समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और विधायक अबू आजमी के हालिया बयान पर राम कदम ने कहा, “अबू आजमी हमेशा विवादित बयान देने के लिए जाने जाते हैं। देश के लिए बलिदान जाति या धर्म देखकर नहीं दिया जाता। इस देश से प्यार करने वाले हर इंसान ने इसके लिए बलिदान दिया है।”
दरअसल अबू आजमी ने कहा था कि औरंगजेब को इतिहास में एक अच्छे प्रशासक के रूप में देखा जाना चाहिए। उन्होंने ये भी कहा कि औरंगजेब तथा छत्रपति संभाजी महाराज के संघर्ष में धर्म की भूमिका नहीं थी, बल्कि इसके पीछे की वजह सत्ताधिकार और जमीन का संघर्ष था। सपा नेता ने कहा कि वे जाति और धर्म के विभाजन में विश्वास नहीं करते।
राजनीति
केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू बोले- पीएम मोदी के खिलाफ आपत्तिजनक नारों के लिए माफी मांगे कांग्रेस

नई दिल्ली, 15 दिसंबर: केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने कांग्रेस की रैली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ आपत्तिजनक नारों की आलोचना की है। उन्होंने मांग की कि कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी को इसके लिए माफी मांगनी चाहिए।
किरेन रिजिजू ने सोमवार को संसद सत्र की कार्यवाही शुरू होने से पहले प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, “देश की जनता ने सुना कि कांग्रेस पार्टी की रैली में क्या कहा गया। लोकतंत्र में हम सब सहयोगी हैं, दुश्मन नहीं। लेकिन कांग्रेस की रैली में प्रधानमंत्री के खिलाफ आपत्तिजनक नारे लगाए गए। मेरा मानना है कि लोकतंत्र में ऐसा घटिया और शर्मनाक स्तर पहले कभी नहीं देखा गया। संसद का सत्र चल रहा है, और कांग्रेस अध्यक्ष और विपक्ष के नेता को देश की जनता से माफी मांगनी चाहिए।”
उन्होंने कांग्रेस को याद दिलाया कि जब 2014 में भाजपा सांसद रहीं निरंजन ज्योति ने विपक्ष के एक नेता के लिए गलत शब्द इस्तेमाल किया था, इस पर तुरंत पीएम मोदी ने उनसे संसद में माफी मांगने के लिए कहा था और सांसद ने माफी मांगी थी। रिजिजू ने कहा, “लोकतंत्र में भाषा किस स्तर की हो, यह सभी को समझना चाहिए। भाजपा और एनडीए की तरफ से कभी भी किसी का नाम लेकर माता-पिता या किसी अन्य नेता के लिए ‘मौत’ शब्द का इस्तेमाल नहीं किया।”
केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा, “हम एक-दूसरे का कितना भी विरोध करें, फिर भी हम एक-दूसरे का सम्मान करते हुए शुभकामनाएं देते हैं। राजनीतिक लड़ाइयां अलग होती हैं, लोकतंत्र में हर किसी को राजनीति करने का अधिकार है और हम अलग-अलग तरीकों से एक-दूसरे की आलोचना या विरोध करते हैं। लेकिन कोई भी कभी किसी दूसरे व्यक्ति को मारने के बारे में सोचता या बोलता नहीं है। यह किस तरह की मानसिकता है जो खुलेआम किसी विरोधी को मारने के लिए उकसाती है?”
रिजिजू ने कहा, “भारत के प्रधानमंत्री को दुनिया और हमारे 1.4 अरब लोगों का देश दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के नेता के तौर पर पहचानता है। यह बहुत दुख की बात है और अफसोसजनक है कि विपक्ष के कुछ सदस्य उनके खिलाफ आपत्तिजनक बात कर रहे हैं।”
किरेन रिजिजू ने दोहराया कि सिर्फ खंडन करना काफी नहीं है। संसद में कांग्रेस अध्यक्ष और लोकसभा में विपक्ष नेता को देश से माफी मांगनी चाहिए। उन्हें संसद में देश के लोगों से खुलेआम माफी मांगने में देरी नहीं करनी चाहिए। तभी हम समझेंगे कि गलती हुई थी और कांग्रेस पार्टी ने इसे मान लिया है।
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