व्यापार
वैश्विक अनिश्चितता के बीच पीयूष गोयल ने निर्यातकों से स्थानीय उत्पादों को प्राथमिकता देने की अपील की
नई दिल्ली, 8 सितंबर। केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने सोमवार को निर्यातकों से स्थानीय आपूर्ति श्रृंखला और उत्पादों को प्राथमिकता देने और भारत की आर्थिक सुरक्षा मजबूत करने की अपील की।
राष्ट्रीय राजधानी में आयोजित इंजीनियरिंग एक्सपोर्ट्स प्रमोशन काउंसिल (ईईपीसी) के प्लेटिनम जुबली समारोह में बोलते हुए गोयल ने कहा, “हमने हाल ही में देखा है कि जब भी कोई देश निर्यात पर सीमाएं लगाता है या नियंत्रण लगाता है, तो इसका असर हमारे निर्यातकों और उद्योग पर पड़ता है। इस कारण आत्मनिर्भर भारत काफी महत्वपूर्ण है।”
केंद्रीय मंत्री की ओर से यह बयान ऐसे समय पर आया है, जब चीन की ओर से उर्वरक और दुर्लभ खनिजों के निर्यात पर प्रतिबंध लगाने के कारण भारत के ऑटोमोबाइल और इलेक्ट्रॉनिक्स सेक्टर के उत्पादन पर असर हो रहा है।
इसके अतिरिक्त, केंद्रीय मंत्री ने इंडस्ट्री से गुड्स और सर्विसेज टैक्स (जीएसटी) में कटौती का पूरा फायदा ग्राहकों को ट्रांसफर करने की अपील भी की।
उन्होंने आगे कहा कि अप्रत्यक्ष कर प्रणाली के आसान होने और टैक्स की दर कम होने से घरेलू मांग में वृद्धि होगी और विकास दर भी तेज होगी।
इसी इवेंट में केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग राज्य मंत्री जितिन प्रसाद ने कहा कि भारतीय निर्यातकों को भी नई टेक्नोलॉजी और सस्टेनेबल प्रैक्टिस को अपनाना चाहिए, और विश्वास व्यक्त किया कि व्यवसाय वर्तमान अनिश्चितताओं से निपटने में सक्षम होंगे।
सरकार की ओर से अगली पीढ़ी के जीएसटी सुधारों का ऐलान किया गया है, इसमें टैक्स स्लैब की संख्या को घटाकर दो – 5 प्रतिशत और 18 प्रतिशत कर दिया गया है, जो कि पहले चार स्लैब- 5 प्रतिशत, 12 प्रतिशत, 18 प्रतिशत और 28 प्रतिशत थी। इसके साथ बड़ी संख्या में चीजों को टैक्स में कटौती की गई है। ये नए सुधार 22 सितंबर से लागू हो रहे हैं।
बर्नस्टीन की रिपोर्ट के अनुसार, केंद्र सरकार की ओर से हाल ही में किए गए जीएसटी सुधारों से भारत में उपभोग में तेज वृद्धि देखने को मिलेगी। इससे फुटवियर, एफएमसीजी, परिधान और क्विक सर्विस रेस्तरां (क्यूएसआर) इंडस्ट्री को फायदा होगा।
व्यापार
पीएनबी ने श्रेय फर्म के लोन खातों को फ्रॉड घोषित किया; 2,400 करोड़ रुपए से अधिक की धोखाधड़ी

PANJAB NATIONAL BANK
नई दिल्ली, 27 दिसंबर: पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) ने श्रेय इक्विपमेंट फाइनेंस और श्रेय इन्फ्रास्ट्रक्चर फाइनेंस के पूर्व प्रमोटर द्वारा कथित तौर पर 2,434 करोड़ रुपए की लोन धोखाधड़ी की घोषणा की है। यह जानकारी सरकारी बैंक की ओर से एक्सचेंज फाइलिंग में दी गई।
एक्सचेंज फाइलिंग में पीएनबी ने बताया कि 2,434 करोड़ रुपए की लोन धोखाधड़ी में से 1,240.94 करोड़ रुपए श्रेय इक्विपमेंट फाइनेंस और बाकी के 1,193.06 करोड़ रुपए श्रेय इन्फ्रास्ट्रक्चर फाइनेंस से जुड़े हुए हैं।
सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक ने कहा कि उसने इन लोन के लिए 100 प्रतिशत का प्रावधान किया है। इन दो खातों को फ्रॉड फोरेंसिक ऑडिट रिपोर्ट के आधार पर घोषित किया गया है, जिसमें संबंधित पक्षों को लोन देने और लोन के संभावित पुनर्जीवन जैसी अनियमितताओं की ओर इशारा किया गया है।
हालांकि, श्रेय ग्रुप ने धोखाधड़ी के वर्गीकरण के आधार के रूप में फोरेंसिक ऑडिट रिपोर्ट को यह कहते हुए चुनौती दी है कि मामला अभी अदालत में विचाराधीन है।
पंजाब एंड सिंध बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा और यूनियन बैंक ऑफ इंडिया जैसे अन्य बैंकों ने पहले ही श्रेय कंपनियों से जुड़े लोन खातों को फ्रॉड घोषित कर दिया है।
श्रेय ग्रुप 2021 से दिवालियापन समाधान प्रक्रिया से गुजर रहा है, और राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) ने 2023 में राष्ट्रीय परिसंपत्ति पुनर्निर्माण कंपनी द्वारा प्रस्तुत समाधान योजना को मंजूरी दे दी है।
अक्टूबर 2021 में भारतीय रिजर्व बैंक ने श्रेय ग्रुप को एनसीएलटी के समक्ष भेजा था, क्योंकि उसे शासन संबंधी समस्याएं और चूक मिली थीं। साथ ही, नियामक ने श्रेय इंफ्रास्ट्रक्चर फाइनेंस और श्रेय इक्विपमेंट फाइनेंस के बोर्डों को भंग कर दिया था।
फरवरी 2023 में एनआरसीएल, एसआईएफएल और एसईएफएल के लिए सफल बोलीदाता के रूप में उभर कर सामने आया, जिन पर ऋणदाताओं का कुल 32,750 करोड़ रुपए का बकाया था।
एनआरसीएल ने फरवरी 2023 में बोली जीती, अगस्त 2023 में एनसीएलटी से मंजूरी प्राप्त की और जनवरी 2024 तक अधिग्रहण को अंतिम रूप दे दिया।
व्यापार
भारतीय शेयर बाजार लाल निशान में बंद, सेंसेक्स 367 अंक फिसला

share market
मुंबई, 26 दिसंबर: भारतीय शेयर बाजार शुक्रवार के कारोबारी सत्र में लाल निशान में बंद हुआ। दिन के अंत में सेंसेक्स 367.25 अंक या 0.43 प्रतिशत की गिरावट के साथ 85,041.45 और निफ्टी 99.80 अंक या 0.38 प्रतिशत की गिरावट के साथ 26,042.30 पर था।
बाजार पर दबाव बनाने का काम आईटी शेयरों ने किया। निफ्टी आईटी इंडेक्स एक प्रतिशत की गिरावट के साथ बंद हुआ। इसके अलावा, ऑटो, पीएसयू बैंक, फाइनेंशियल सर्विसेज, फार्मा, रियल्टी, एनर्जी, प्राइवेट बैंक, इन्फ्रा और कंजप्शन लाल निशान में बंद हुए। दूसरी तरफ एफएमसीजी, मेटल और कमोडिटीज हरे निशान में बंद हुए।
लार्जकैप के साथ मिडकैप और स्मॉलकैप में भी गिरावट देखी गई। निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स 136.90 अंक या 0.23 प्रतिशत की गिरावट के साथ 60,314.45 और निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स 13.50 अंक की गिरावट के साथ 17,695.10 पर था।
सेंसेक्स पैक में टाइटन, एनटीपीसी, एचयूएल, एक्सिस बैंक और अल्ट्राटेक सीमेंट गेनर्स थे। बजाज फाइनेंस, एशियन पेंट्स, एचसीएल टेक, टीसीएस, इटरनल, टेक महिंद्रा, पावर ग्रिड, सन फार्मा, भारती एयरटेल, बजाज फिनसर्व, मारुति सुजुकी, आईटीसी, आईसीआईसीआई बैंक, टाटा स्टील, बीईएल, एमएंडएम और एचडीएफसी बैंक लूजर्स थे।
व्यापक बाजार में भी कमजोरी थी। चढ़ने वालों की अपेक्षा गिरने वाले शेयरों की संख्या अधिक थी।
बाजार के जानकारों ने कहा कि घरेलू इक्विटी बाजार गिरावट के साथ बंद हुआ। इसकी वजह साल के अंत में होने वाली कम ट्रेडिंग वॉल्यूम और हाल में आई तेजी के बाद मुनाफावसूली थी। बाजार पर विदेशी संस्थागत निवेशकों की बिकवाली दबाव बना रही है। साथ ही, अमेरिका-भारत के बीच होने वाली ट्रेड डील का बढ़ता इंतजार भी अनिश्चितता पैदा कर रहा है।
भारतीय शेयर बाजार की शुरुआत लाल निशान में हुई थी। खबर लिखे जाने तक (करीब 9.20 बजे) 30 शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स 55 अंकों यानी 0.07 प्रतिशत की गिरावट के साथ 85,360 के स्तर पर कारोबार कर रहा था। तो वहीं एनएसई निफ्टी 12.60 अंकों यानी 0.05 प्रतिशत 26,126 के लेवल पर था।
व्यापार
क्रिसमस की छुट्टी के बाद सपाट खुला भारतीय शेयर बाजार, सेंसेक्स और निफ्टी में कारोबार सुस्त

मुंबई, 26 दिसंबर: सप्ताह के आखिरी कारोबारी दिन, शुक्रवार को भारतीय शेयर बाजार के प्रमुख बेंचमार्क सूचकांक मामूली गिरावट के साथ सपाट खुले। गुरुवार को क्रिसमस की छुट्टियों के चलते छोटा सप्ताह होने के कारण निवेशकों के लिए नए रुझान कम ही देखने को मिले।
शुरुआती सत्र में खबर लिखे जाने तक (करीब 9.20 बजे) 30 शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स 55 अंकों यानी 0.07 प्रतिशत की गिरावट के साथ 85,360 के स्तर पर कारोबार कर रहा था। तो वहीं एनएसई निफ्टी 12.60 अंकों यानी 0.05 प्रतिशत 26,126 के लेवल पर ट्रेड करता नजर आया।
इस दौरान बीईएल, कोल इंडिया, अदाणी इंटरप्राइजेज, आयशर मोटर, सिप्ला और टाइटन टॉप गेनर्स वाले शेयरों में शामिल थे, तो वहीं सन फार्मा, श्रीराम फाइनेंस, बजाज फाइनेंस, इटरनल और टाटा स्टील के शेयर टॉप लूजर्स शेयरों में शामिल रहे।
व्यापक बाजार में निफ्टी मिडकैप 0.21 प्रतिशत ऊपर कारोबार कर रहा था, जबकि निफ्टी स्मॉलकैप में 0.08 प्रतिशत की बढ़त दिखी।
सेक्टरवार देखें, तो निफ्टी कंज्यूमर ड्यूरेबल्स, केमिकल्स और एफएमसीजी इंडेक्स सबसे ज्यादा मुनाफे वाले शेयरों में शामिल रहे, तो वहीं निफ्टी मीडिया (0.3 प्रतिशत की गिरावट) और निफ्टी प्राइवेट बैंक (0.2 प्रतिशत की गिरावट) सबसे ज्यादा नुकसान झेलने वाले क्षेत्र रहे।
बाजार के जानकारों का कहना है कि साल 2025 के खत्म होने में अब केवल चार ट्रेडिंग दिन बचे हैं। जो तेजी पहले सांता रैली जैसी लग रही थी, अब उसमें कमजोरी नजर आने लगी है। अमेरिका-भारत ट्रेड डील जैसे किसी नए बड़े संकेत (ट्रिगर) की कमी के कारण बाजार फिलहाल मौजूदा स्तरों के आसपास ही स्थिर (कंसॉलिडेट) रह सकता है।
एक्सपर्ट्स के अनुसार, अमेरिकी अर्थव्यवस्था ने 2025 की तीसरी तिमाही में 4.3 प्रतिशत की मजबूत जीडीपी ग्रोथ दिखाई है, जिससे वहां के शेयर बाजार को सहारा मिल रहा है। अमेरिकी कंपनियों, खासकर एआई से जुड़ी कंपनियों, की अच्छी और बढ़ती कमाई के कारण कुछ विदेशी निवेशक (एफएफआई), खासतौर पर हेज फंड, निकट समय में भारत में बिकवाली बढ़ा सकते हैं। हालांकि, देश के बड़े और नकदी से भरपूर घरेलू संस्थागत निवेशकों (डीआईआई) की लगातार खरीदारी बाजार को सहारा देगी और तेज गिरावट से बचाएगी।
निवेशकों के लिए इस समय सबसे बेहतर रणनीति यह है कि वे अच्छी गुणवत्ता वाली बड़ी कंपनियों (लार्ज कैप) में निवेश बनाए रखें और जब भी बाजार गिरे, तो धीरे-धीरे उनमें खरीदारी करें।
2026 की शुरुआत में बाजार में तेजी आने की पूरी संभावना है। इसलिए निवेशकों को निवेश करते समय वैल्यू (उचित कीमत) को ज्यादा महत्व देना चाहिए। कुछ आईपीओ में शेयरों की बहुत ज्यादा कीमत और नए निवेशकों द्वारा महंगे दाम पर शेयर खरीदना यह दिखाता है कि बाजार में इस समय जरूरत से ज्यादा उत्साह है।
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