राजनीति
पश्चिम बंगाल में मोदी की रैली से राज्यों में कोरोना लेकर लौटे लोग: शिवसेना
शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना के जरिए एक बार फिर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा है। शिवसेना ने सामना के संपादकीय में लिखा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने भाषण में यह जरूर कहा कि कोरोना एक महासंकट है लेकिन इस संकट से कैसे निपटना है? केंद्र सरकार का क्या रोडमैप है? यह नहीं बताया। ऐसे में उनके संबोधन का सार यही समझ में आता है कि कोरोना संकट में ‘जनता अपना-अपना देख ले’। सामना ने लिखा है कि महाराष्ट्र जैसे राज्य में कोरोना की शृंखला तोड़ने के लिए सख्त लॉकडाउन का ही पर्याय बचा है। इसके बावजूद प्रधानमंत्री मोदी ने ‘लॉकडाउन टालें’ ऐसी सलाह दी है। राज्य में कोरोना का संक्रमण बढ़ा है। बीते चौबीस घंटों में ही 64 हजार मरीज सिर्फ महाराष्ट्र में मिले। मृत्यु का प्रमाण बढ़ा है इसलिए कम-से-कम 15 दिनों का पूर्ण लॉकडाउन लगाओ, ऐसी मांग राज्य के कई मंत्रियों ने की है। परंतु ‘लॉकडाउन टालो’ ऐसी सलाह हमारे प्रधानमंत्री किस आधार पर दे रहे हैं?
महाराष्ट्र में दसवीं की परीक्षा रद्द करनी पड़ी है। केंद्र सरकार ने भी बीते सप्ताह ‘सीबीएसई’ की परीक्षा रद्द कर दी है। गुजरात, मध्य प्रदेश, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, कर्नाटक की स्थिति नियंत्रण के बाहर हो गई है। कोरोना का संक्रमण खत्म हो इसके लिए गुजरात सरकार दो सप्ताह का लॉकडाउन लगाए, ऐसी सिफारिश इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) की राज्य शाखा ने की है। महाराष्ट्र जैसे राज्य में कड़ी पाबंदियां लगाने के बावजूद कोरोना नियंत्रण में नहीं आ रहा है। अत्यावश्यक सेवा के नाम पर जनता सड़कों पर घूमती है इसलिए लॉकडाउन ही आवश्यक सेवा बन गई है। ऐसी गंभीर परिस्थिति का सामना कैसे करें, इस बारे में प्रधानमंत्री जनता को दिलासा देंगे, ऐसा लगता था।
कोरोना के बढ़ते संक्रमण के कारण प्रधानमंत्री मोदी का पुर्तगाल का दौरा रद्द कर दिया गया ये सही है। परंतु उन्होंने पश्चिम बंगाल की भीड़ वाली चुनावी सभाओं को समय रहते ही खत्म कर दिया होता तो कोरोना के संक्रमण को रोका जा सकता था। पश्चिम बंगाल में प्रचार के लिए बीजेपी ने देशभर से लाखों लोगों को एकत्रित किया। वे कोरोना का संक्रमण लेकर अपने-अपने राज्यों में लौटे। उनमें से कई लोग कोरोना से बेजार हैं। हरिद्वार के कुंभ मेला व प. बंगाल के राजनैतिक मेले से देश को सिर्फ कोरोना ही मिला। सामना ने लिखा है कि शासकों को पहले खुद पर पाबंदी लगानी होती है। अन्य देशों के प्रधानमंत्री व राष्ट्रपति ऐसी पाबंदियां खुद पर लगाते हैं। इससे उन्हें जनता को प्रवचन देने का नैतिक अधिकार मिला है। नार्वे के प्रधानमंत्री ने उनके जन्मदिन पर दस लोगों को अनुमति होने के बावजूद तेरह लोगों को बुलाया तो वहां की पुलिस ने अपने ही प्रधानमंत्री को कड़ी सजा दी। यह हमारे देश में सिर्फ आम लोगों के मामले में हो सकता है। दूसरों के मामले में क्या वैसे यह पश्चिम बंगाल में देखा जा चुका है। देश की परिस्थिति कोरोना के कारण बिगड़ गई है ये प्रधानमंत्री ने स्वीकार किया। परंतु किया क्या जाए, ये नहीं बताया।
अपराध
दिल्ली: संगम विहार थाने की महिला उप-निरीक्षक रिश्वत लेते गिरफ्तार

crime
नई दिल्ली, 5 दिसंबर: दिल्ली पुलिस की भ्रष्टाचार विरोधी नीति ‘जीरो टॉलरेंस’ के तहत बड़ी कार्रवाई हुई है। विजिलेंस यूनिट ने संगम विहार थाना में तैनात महिला उप-निरीक्षक नमिता को 15 हजार रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया है। यह अभियान दिल्ली पुलिस आयुक्त सतीश गोल्चा द्वारा शुरू किए गए भ्रष्टाचार-रोधी अभियान का हिस्सा है।
दिल्ली पुलिस की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, 4 दिसंबर को संगम विहार की एक महिला ने विजिलेंस यूनिट से शिकायत की कि उप-निरीक्षक नमिता, जो उसके दर्ज मामले की जांच अधिकारी थीं, ने केस को कमजोर करने की धमकी देते हुए 2 लाख रुपए की रिश्वत की मांग की थी। शिकायत मिलने के बाद विजिलेंस यूनिट ने तुरंत कार्रवाई की योजना बनाई। इसके बाद, उसी दिन शाम को सतर्कता इकाई द्वारा संगम विहार थाने में एक ट्रैप ऑपरेशन आयोजित किया गया।
तय समय पर शिकायतकर्ता एसआई नमिता के दफ्तर पहुंची, जहां नमिता ने कथित रूप से रिश्वत की पहली किस्त के रूप में 15 हजार रुपए की मांग की और उसे अपनी टेबल पर रखी एक फाइल में रखने को कहा। जैसे ही शिकायतकर्ता ने पैसे फाइल में रखे, विजिलेंस टीम ने दफ्तर में प्रवेश किया और एसआई नमिता को रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया। मौके से 15 हजार रुपए की राशि भी बरामद कर ली गई।
घटना के बाद विजिलेंस पुलिस स्टेशन में एफआईआर संख्या 23/25, धारा 7, भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 के तहत दर्ज की गई है। आरोपी एसआई को गिरफ्तार कर अदालत में पेश किया गया, जहां से उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।
विजिलेंस यूनिट ने कहा कि इस मामले की आगे की जांच जारी है। साथ ही नागरिकों से अपील की गई है कि वे किसी भी पुलिसकर्मी द्वारा रिश्वत मांगने की स्थिति में तुरंत शिकायत दर्ज कराएं। ऐसी शिकायतें विजिलेंस हेल्पलाइन नंबर 1064 पर भी की जा सकती हैं।
पर्यावरण
मुंबई मौसम अपडेट: AQI 183 पर, तापमान 27°C के आसपास, ‘अस्वास्थ्यकर’ श्रेणी में

सुबह 8.30 बजे अपडेट किए गए रियल-टाइम वायु गुणवत्ता निगरानी आंकड़ों के अनुसार, शुक्रवार सुबह मुंबई की वायु गुणवत्ता बिगड़कर अस्वस्थ श्रेणी में पहुँच गई, जबकि शहर में मौसम साफ और धूप वाला रहा। aqi.in के अनुसार, वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 183 रहा, जो इसे अस्वस्थ श्रेणी में रखता है और शहर भर के संवेदनशील समूहों के लिए चिंता का विषय बना हुआ है।
आंकड़ों से पता चला कि पीएम 2.5 का स्तर 100 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर और पीएम 10 का स्तर 130 माइक्रोग्राम था, जो स्वास्थ्य अधिकारियों द्वारा निर्धारित सुरक्षित सीमा से काफी ऊपर था। बढ़े हुए कण फेफड़ों में गहराई तक प्रवेश कर जाते हैं, जिससे गंभीर स्वास्थ्य जोखिम पैदा होते हैं, खासकर बच्चों, बुजुर्गों और श्वसन या हृदय संबंधी समस्याओं वाले लोगों के लिए।
अन्य प्रदूषक, जिनमें कार्बन मोनोऑक्साइड 266 भाग प्रति बिलियन, नाइट्रोजन डाइऑक्साइड 16 पीपीबी, ओज़ोन 14 पीपीबी और सल्फर डाइऑक्साइड 7 पीपीबी शामिल हैं, नियंत्रित सीमा के भीतर रहे। हालाँकि, उच्च कण पदार्थ अकेले ही साँस लेने में तकलीफ और आँखों में जलन पैदा करने के लिए पर्याप्त हैं।
शहर में तापमान 26 से 27 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, आर्द्रता लगभग 54 प्रतिशत और हवा की गति लगभग 16 किमी प्रति घंटा रही। हालाँकि मौसम सुहावना रहा और बारिश का कोई पूर्वानुमान नहीं था, लेकिन वायुमंडलीय परिस्थितियाँ निचली हवा की परतों में महीन धूल कणों के जमाव को रोकने में नाकाम रहीं।
सात दिनों के पूर्वानुमान के अनुसार, अधिकतम तापमान 28 से 31 डिग्री सेल्सियस के बीच रहेगा और पूरे सप्ताह आसमान साफ़ रहेगा। धूप खिलने के बावजूद, वाहनों से निकलने वाले धुएँ, निर्माण कार्य से निकलने वाली धूल और मौसमी कारकों के कारण प्रदूषण के स्तर में उतार-चढ़ाव बने रहने की उम्मीद है।
डॉक्टर निवासियों को सलाह देते हैं कि वे ज़्यादा देर तक बाहर न निकलें, खासकर सुबह और देर शाम के समय, जब प्रदूषण की मात्रा ज़्यादा होती है। खांसी, गले में जलन या सांस लेने में तकलीफ़ होने पर तुरंत डॉक्टर से सलाह लें। घर के अंदर मास्क, एयर प्यूरीफायर और पर्याप्त मात्रा में पानी पीने की सलाह दी गई है।
पर्यावरण समूहों ने एक बार फिर नगर निगम अधिकारियों से सड़क पर धूल नियंत्रण बढ़ाने, निर्माण गतिविधियों पर कड़ी निगरानी रखने और यातायात उत्सर्जन को नियंत्रित करने का आग्रह किया है। नागरिकों को सार्वजनिक परिवहन का उपयोग करने और व्यस्त समय के दौरान अनावश्यक वाहनों से यात्रा करने से बचने के लिए भी प्रोत्साहित किया जा रहा है।
सर्दियों के आगमन के साथ ही विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि यदि तत्काल उपाय नहीं किए गए तो मुंबई में अस्वास्थ्यकर वायु वाले दिनों की संख्या बढ़ सकती है।
पर्यावरण
मुंबई मौसम अपडेट: AQI 183 पर, तापमान 27°C के आसपास, ‘अस्वास्थ्यकर’ श्रेणी में

सुबह 8.30 बजे अपडेट किए गए रियल-टाइम वायु गुणवत्ता निगरानी आंकड़ों के अनुसार, शुक्रवार सुबह मुंबई की वायु गुणवत्ता बिगड़कर अस्वस्थ श्रेणी में पहुँच गई, जबकि शहर में मौसम साफ और धूप वाला रहा। aqi.in के अनुसार, वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 183 रहा, जो इसे अस्वस्थ श्रेणी में रखता है और शहर भर के संवेदनशील समूहों के लिए चिंता का विषय बना हुआ है।
आंकड़ों से पता चला कि पीएम 2.5 का स्तर 100 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर और पीएम 10 का स्तर 130 माइक्रोग्राम था, जो स्वास्थ्य अधिकारियों द्वारा निर्धारित सुरक्षित सीमा से काफी ऊपर था। बढ़े हुए कण फेफड़ों में गहराई तक प्रवेश कर जाते हैं, जिससे गंभीर स्वास्थ्य जोखिम पैदा होते हैं, खासकर बच्चों, बुजुर्गों और श्वसन या हृदय संबंधी समस्याओं वाले लोगों के लिए।
अन्य प्रदूषक, जिनमें कार्बन मोनोऑक्साइड 266 भाग प्रति बिलियन, नाइट्रोजन डाइऑक्साइड 16 पीपीबी, ओज़ोन 14 पीपीबी और सल्फर डाइऑक्साइड 7 पीपीबी शामिल हैं, नियंत्रित सीमा के भीतर रहे। हालाँकि, उच्च कण पदार्थ अकेले ही साँस लेने में तकलीफ और आँखों में जलन पैदा करने के लिए पर्याप्त हैं।
शहर में तापमान 26 से 27 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, आर्द्रता लगभग 54 प्रतिशत और हवा की गति लगभग 16 किमी प्रति घंटा रही। हालाँकि मौसम सुहावना रहा और बारिश का कोई पूर्वानुमान नहीं था, लेकिन वायुमंडलीय परिस्थितियाँ निचली हवा की परतों में महीन धूल कणों के जमाव को रोकने में नाकाम रहीं।
सात दिनों के पूर्वानुमान के अनुसार, अधिकतम तापमान 28 से 31 डिग्री सेल्सियस के बीच रहेगा और पूरे सप्ताह आसमान साफ़ रहेगा। धूप खिलने के बावजूद, वाहनों से निकलने वाले धुएँ, निर्माण कार्य से निकलने वाली धूल और मौसमी कारकों के कारण प्रदूषण के स्तर में उतार-चढ़ाव बने रहने की उम्मीद है।
डॉक्टर निवासियों को सलाह देते हैं कि वे ज़्यादा देर तक बाहर न निकलें, खासकर सुबह और देर शाम के समय, जब प्रदूषण की मात्रा ज़्यादा होती है। खांसी, गले में जलन या सांस लेने में तकलीफ़ होने पर तुरंत डॉक्टर से सलाह लें। घर के अंदर मास्क, एयर प्यूरीफायर और पर्याप्त मात्रा में पानी पीने की सलाह दी गई है।
पर्यावरण समूहों ने एक बार फिर नगर निगम अधिकारियों से सड़क पर धूल नियंत्रण बढ़ाने, निर्माण गतिविधियों पर कड़ी निगरानी रखने और यातायात उत्सर्जन को नियंत्रित करने का आग्रह किया है। नागरिकों को सार्वजनिक परिवहन का उपयोग करने और व्यस्त समय के दौरान अनावश्यक वाहनों से यात्रा करने से बचने के लिए भी प्रोत्साहित किया जा रहा है।
सर्दियों के आगमन के साथ ही विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि यदि तत्काल उपाय नहीं किए गए तो मुंबई में अस्वास्थ्यकर वायु वाले दिनों की संख्या बढ़ सकती है।
-
व्यापार5 years agoआईफोन 12 का उत्पादन जुलाई से शुरू होगा : रिपोर्ट
-
अपराध3 years agoभगौड़े डॉन दाऊद इब्राहिम के गुर्गो की ये हैं नई तस्वीरें
-
महाराष्ट्र5 months agoहाईकोर्ट ने मुंबई पुलिस और महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को नोटिस जारी किया, मस्जिदों के लाउडस्पीकर विवाद पर
-
अनन्य3 years agoउत्तराखंड में फायर सीजन शुरू होने से पहले वन विभाग हुआ सतर्क
-
न्याय1 year agoमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के खिलाफ हाईकोर्ट में मामला दायर
-
अपराध3 years agoबिल्डर पे लापरवाही का आरोप, सात दिनों के अंदर बिल्डिंग खाली करने का आदेश, दारुल फैज बिल्डिंग के टेंट आ सकते हैं सड़कों पे
-
अपराध3 years agoपिता की मौत के सदमे से छोटे बेटे को पड़ा दिल का दौरा
-
राष्ट्रीय समाचार10 months agoनासिक: पुराना कसारा घाट 24 से 28 फरवरी तक डामरीकरण कार्य के लिए बंद रहेगा
