महाराष्ट्र
पवार साहब से जानबूझकर झूठ बुलवाया गया: पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस
महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने अनिल देशमुख को लेकर शरद पवार के तमाम दावोंं को गलत बताते हुए खारिज कर दिया है। फडणवीस ने कहा कि शरद पवार के दावे से ऐसा लगता है कि अनिल देशमुख 15 फरवरी को प्राइवेट जेट से नागपुर से मुंबई आ गए थेे। जबकि पुलिस मेनिफेस्ट के अनुसार अनिल देशमुख 17 फरवरी को दोपहर 3 बजे सहयाद्री गेस्ट हाउस जाने वाले थे और 24 फरवरी के दिन 11 बजे मंत्रालय जाने वाले थे। फडणवीस से कहा कि परमबीर सिंह के पत्र में एसीपी संजय पाटिल ने कहा है कि वह गृह मंत्री अनिल देशमुख से फरवरी के अंत में मिले हैं। मेरी जानकारी के अनुसार 15 से 28 फरवरी के बीच अनिल देशमुख कई अधिकारियों से मिले थे। वह होम आइसोलेशन में नहीं थे। इसका मतलब यह है कि राष्ट्रीय स्तर के नेता शरद पवार को गलत जानकारी दी गई है और उनसे गलत बातें कल की प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहलवाई गई।
फडणवीस ने कहा कि साल 2017 में मुझे इस बात की जानकारी मिली थी कि मुंबई के किसी होटल में पुलिस ट्रांसफर का रैकेट चल रहा है। मैंने कुछ पुलिस अधिकारियों को बुलाकर एक ऑपरेशन प्लान करवाया और कार्रवाई कर सभी को गिरफ्तार किया। उसी प्रकार पुलिस अधिकारी रश्मि शुक्ला को भी एक ऐसे ही रैकेट का इंटेलिजेंस मिला था। उन्होंने एसीएस होम से इजाजत ली और कॉल इंटरसेप्ट करना शुरू किया था। इसमें कई बड़े नाम सामने आए थे। पर उसने कहा के सबूत के तौर पर उनके पास 6 जीबी का एक डेटा भी मौजूद है। जिसमें रिपोर्ट के साथ-साथ इंटरसेप्टेड कॉल्स की जानकारी भी है।
फडणवीस में कहा कि 25 अगस्त 2020 को कमिश्नर ऑफ़ इंटेलिजेंस ने इस रिपोर्ट को डीजीपी को सौंपा था। 26 तारीख को डीजीपी ने एसीएस सीताराम कुंटे को यह रिपोर्ट फॉरवर्ड की थी और कहा था कि यह पूरा मामला सीएम के संज्ञान में लाया जाए और उचित कार्रवाई भी की जाए। थाना केस के बाद इंटेलिजेंस कमिश्नर रश्मि शुक्ला का तबादला कर दिया गया। उनके डीजी पोस्ट के प्रमोशन को भी दरकिनार करते हुए सीनियारिटी के बावजूद उन्हें जूनियर पोस्ट डीजी सिविल डिफेंस पर ट्रांसफर किया गया। जिसके लिए कैबिनेट की मंजूरी भी नहीं ली गई बल्कि उनसे यह पूछा गया कि उन्हें इस ऑपरेशन को करने का अधिकार किसने दिया। फडणवीस ने कहा कि जो भी सबूत मेरे पास है वह बड़े ही संवेदनशील हैं। इसमें कई बड़े अधिकारी और पॉलीटिशियंस के नाम शामिल हैं। यह अधिकारी केंद्र सरकार के अधिकार में आते हैं। उनकी कस्टोडियन केंद्र सरकार है। इसलिए मैं दिल्ली में होम सेक्रेटरी से मिलकर उन्हें तमाम जानकारी दूंगा और इस मामले की सीबीआई जांच हो यह मांग भी करूंगा।
फ्लाइट टिकट के वायरल होने के बाद अनिल देशमुख ने इस पर सफाई दी है देशमुख ने कहा है कि 15 फरवरी को वह अस्पताल से डिस्चार्ज होने के बाद एक निजी विमान के जरिए मुंबई होम आइसोलेशन के लिए आ गए थे। उन्होंने बताया कि मैं 27 फरवरी तक होम आइसोलेशन में थे। देशमुख ने बताया कि इस दौरान के वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कई कार्यक्रमों में भी शामिल हुए थे। उन्होंने बताया कि 28 तारीख को होम आइसोलेशन के बाद पहली बार वे अपने सरकारी कामों के लिए घर से बाहर निकले थे इस दौरान कुछ अधिकारी भी शासकीय काम के लिए उनसे मिलने आते थे।
महाराष्ट्र
महाराष्ट्र: अबू आसिम आज़मी ने धार्मिक नफ़रत और ईशनिंदा के खिलाफ़ सदन में बिल पेश किया, ड्राफ्ट बिल में मकोका और यूएपीए का इस्तेमाल भी शामिल

abu asim aazmi
मुंबई : मुंबई नागपुर समाजवादी पार्टी के नेता और MLA अबू आसिम आज़मी ने महाराष्ट्र विधानसभा में ईशनिंदा और धार्मिक नफ़रत फैलाने वालों के ख़िलाफ़ एक प्राइवेट बिल पेश किया। बिल में नफ़रत फैलाने वाले तत्वों के ख़िलाफ़ कार्रवाई की मांग की गई है और धार्मिक नफ़रत फैलाने वालों के ख़िलाफ़ MCOCA और UAPA के तहत कार्रवाई करने के अलावा दस साल की सज़ा और 2 लाख रुपये की ज़मानत की मांग की गई है ताकि सांप्रदायिक तत्वों को ज़मानत न मिले और धार्मिक नफ़रत फैलाने के ऐसे मामलों पर रोक लगे। उन्होंने सदन को बताया कि देश में ईशनिंदा के मामलों में बढ़ोतरी हुई है और ऐसे में देश में तनाव पैदा होता है। कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए ऐसे तत्वों के ख़िलाफ़ कार्रवाई होनी चाहिए। यह तभी मुमकिन होगा जब ऐसे सांप्रदायिक तत्वों के ख़िलाफ़ कार्रवाई की जाएगी जो बोलने की आज़ादी की आड़ में नफ़रत फैलाने वाले एजेंडे को बढ़ावा देते हैं। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने भी नफ़रत फैलाने वाले तत्वों और बदमाशों के ख़िलाफ़ सख़्त कार्रवाई का आदेश दिया है और भड़काऊ और नफ़रत फैलाने वाली बातों पर रोक लगाई है। ऐसे में, महाराष्ट्र में धार्मिक नफ़रत फैलाने और अहम लोगों के ख़िलाफ़ नफ़रत भड़काने वालों के ख़िलाफ़ कार्रवाई करने के लिए बिल को औपचारिक रूप से सदन में पेश किया गया है। ड्राफ्ट बिल में सांप्रदायिक तत्वों के खिलाफ मकोका (UAPA) की धारा के तहत केस दर्ज करने का प्रस्ताव है, जिसमें अधिकतम दस साल की सजा का प्रावधान है, ताकि ऐसे तत्वों को बेल न मिल सके।
महाराष्ट्र
मुंबई में फ्यूल चोरी करने वाले गैंग का पर्दाफाश, 13 आरोपी गिरफ्तार चोरों के गैंग ने नवंबर में भी फ्यूल चोरी करने की कोशिश की थी।

crime
मुंबई : मुंबई पुलिस ने पेट्रोल चोरी करने वाले एक गिरोह का भंडाफोड़ करने का दावा किया है। आरोपियों को मुंबई के आरसीएफ पुलिस स्टेशन की सीमा के अंतर्गत 14 नवंबर को सुबह करीब 3:30 बजे बीपीसीएल कंपनी से पेट्रोल चोरी करने का प्रयास करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया। मुंबई गडकरी रोड पर भूमिगत 18-इंच मुंबई मानव निर्मित बहु-उत्पाद पाइपलाइन से ईंधन चोरी करने का प्रयास करने की शिकायत दर्ज की गई थी। तकनीकी जांच और एक मुखबिर से मिली सूचना के आधार पर विनोद देवचंद पंडित को 17 नवंबर को चेंबूर से गिरफ्तार किया गया। उनकी जांच में पता चला कि इस रैकेट के मास्टरमाइंड रियाज अहमद अयूब (59), सलीम मोहम्मद अली, विनोद देवचंद पंडित ने ईंधन चोरी करने की योजना बनाई थी। गोपाल नारायण, मोहम्मद इरफान, विनय शशिकांत, अहमद खान जुमान खान, निशान जगदीश, मुस्तफा मंजूर, नासिर शौकत, इम्तियाज आसिफ समेत 13 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। यह ऑपरेशन मुंबई पुलिस कमिश्नर देवेन भारती के निर्देश पर एडिशनल कमिश्नर महेश पाटिल और DCP समीर शेख ने किया।
महाराष्ट्र
मुंबई: कुर्ला मीठी नदी में गड़बड़ी के मामले में वांछित आरोपी गिरफ्तार, करोड़ों रुपये की धोखाधड़ी और फर्जी एएमयू बनाने का आरोप

मुंबई: मुंबई की इकोनॉमिक विंग AOW ने मीठी नदी की सफाई और गड़बड़ियों के मामले में वॉन्टेड आरोपी और कॉन्ट्रैक्टर को गिरफ्तार करने का दावा किया है। AOW ने फरार वॉन्टेड सुनील श्याम नारायण SM इंफ्रास्ट्रक्चर, महेश माधव राव पुरोहित को गिरफ्तार किया है। मीठी नदी के कॉन्ट्रैक्ट और करोड़ों रुपये की गड़बड़ियों की जांच के दौरान पुलिस ने केस दर्ज किया था। इससे पहले तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था। EOW के मुताबिक, 2013 से 2023 तक BMC अधिकारियों की मिलीभगत से फर्जी MAU तैयार किए गए और करोड़ों रुपये के बिल मंजूर किए गए। 2021 से 2024 तक कचरा हटाने के लिए मशीन खरीदने का प्रपोजल भी मंजूर किया गया और उसी की आड़ में कचरा साफ करने के लिए करोड़ों रुपये की ठगी की गई। इस मामले में पुलिस ने आरोपी एजेंट केतन कदम, जय जोशी और मीठी नदी के कॉन्ट्रैक्टर शेर सिंह राठौर को गिरफ्तार किया है। फर्जी डॉक्यूमेंट्स तैयार करके आरोपियों ने फर्जी AMU भी तैयार किए और फर्जी साइन भी किए। आरोपियों को कोर्ट में पेश किया गया और 16 दिसंबर तक कस्टडी में भेज दिया गया।
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