राजनीति
शिकागो में ओवैसी: उत्तरकाशी में मुस्लिम घरों पर बना ‘एक्स मार्क’, 1930 के दशक में जर्मनी में क्या हुआ आज के भारत में जगह ले रहा है
एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने संयुक्त राज्य अमेरिका के शिकागो में एडिसन, इलिनोइस में बोलते हुए कहा कि “एक्स मार्क” उत्तरकाशी, उत्तराखंड में मुसलमानों के घरों पर खींचा गया था, और कहा कि वह “नरसंहार” नहीं चाहते हैं ” वह जिस देश से प्यार करता है। ” ओवैसी ने भारत में जो हो रहा है उसकी तुलना “1930 के दशक की जर्मनी की घटनाओं” से की और कहा, “हिटलर ने अपने समय में यहूदियों के खिलाफ फिल्में बनाई थीं और अब हम यहां द कश्मीर फाइल्स और द केरला स्टोरी जैसी फिल्मों को रिलीज होते देख रहे हैं।” ओवैसी ने यहां तक कहा कि वह “जिस देश से प्यार करते हैं, वहां नरसंहार नहीं चाहते हैं” और प्रोफेसर ग्रेगरी स्टैंटन की टिप्पणियों का हवाला देते हुए कहा कि भारत पहले से ही दूसरे चरण में है, जिन्होंने रवांडा नरसंहार की भविष्यवाणी की थी। ओवैसी ने हाल ही में औरंगजेब की फोटो को लेकर हुए विवाद पर भी बात की और कहा, ‘कुछ मीडिया वालों ने मुझे औरंगजेब फोटो मुद्दे पर बोलने के लिए कहा और मैंने उनसे कहा कि बेशक मैं इस पर बोलूंगा, लेकिन पहले आप मुझे इसकी पुष्टि करें कि यह औरंगजेब की फोटो है. फोटो। उन्होंने कहा कि यह उनकी छवि हो सकती है, मैंने कहा कि अगर यह औरंगजेब की फोटो हो सकती है तो मैं क्या कर सकता हूं।
ओवैसी ने कहा, “अगर कोई टीपू सुल्तान की तस्वीर उठाता है, तो उस व्यक्ति को बुक किया जाता है,” पहले हिंदुत्ववादी ताकतें मुसलमानों को ‘बाबर की औलादीन’ (बाबर के बच्चे) कहती थीं, अब वे औरंगजेब में स्नातक हो गए हैं और उसके बाद शायद वे टीपू सुल्तान का नाम लेकर हमें निशाना बनाएंगे।” उन्होंने कहा कि भारत में “प्रतिस्पर्धी सांप्रदायिकता” का माहौल है। ओवैसी ने कांग्रेस पार्टी पर भी हमला किया और कहा कि जब वह अपनी “हिंदू” साख का दिखावा कर रही थी, तो यह भव्य-पुरानी पार्टी भाजपा की नकल करने की कोशिश कर रही थी। ओवैसी ने कहा, “अगर आप यह साबित करना चाहते हैं कि आप नरेंद्र मोदी से बड़े हिंदू हैं तो आप सफल नहीं हो सकते।” कांग्रेस पर निशाना साधते हुए ओवैसी ने यह भी कहा कि लोग ‘क्लोन’ को पसंद नहीं करते हैं और पार्टी ‘क्लोन’ भी नहीं है। ओवैसी ने कहा, “ये लोग जोकर हैं।” एआईएमआईएम प्रमुख एडिसन, आईएल, यूएसए में ‘मीट एंड ग्रीट’ कार्यक्रम में बोल रहे थे, जिसे ‘ओवरसीज फ्रेंड्स ऑफ एआईएमआईएम’ द्वारा आयोजित किया गया था।
महाराष्ट्र
एमपी पुलिस थाने से महाराष्ट्र ड्रग रैकेट का पर्दाफाश, 4 गिरफ्तार

मुंबई : मुंबई पुलिस की क्राइम ब्रांच ने मध्य प्रदेश से महाराष्ट्र में ड्रग्स की तस्करी करने वाले एक गिरोह का भंडाफोड़ करने का दावा किया है और इसमें शामिल चार आरोपियों को एमपी से गिरफ्तार किया है। इन चारों पर महाराष्ट्र में ड्रग रैकेट चलाने का आरोप है। 3 नवंबर को, नौपारा के इमरान उर्फ बाबू खान (38), वकास अब्दुल रब खान (30), तकदीन रफीक खान (30), कमलेश अजय चव्हाण (23) को मध्य प्रदेश से ड्रग्स की आपूर्ति करने और उन्हें महाराष्ट्र में बेचने की सूचना मिली थी। इसके बाद पुलिस ने चारों को गिरफ्तार कर लिया और उनके कब्जे से एक किलो से अधिक एमडी जब्त की, जिसकी कीमत 2 करोड़ रुपये से अधिक बताई जाती है। यह जानकारी यहां डीसीपी क्राइम ब्रांच अमर सिंह जाधव ने दी। उन्होंने कहा कि एक बड़े ड्रग रैकेट का भंडाफोड़ हुआ है और और गिरफ्तारियां होने की संभावना है।
महाराष्ट्र
गौतम अडानी और शरद पवार फिर आए साथ नजर, सीएम फडणवीस भी रहे मौजूद

लोनावाला : उद्योगपति गौतम अडानी और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के वरिष्ठ नेता शरद पवार एक बार फिर एक साथ नजर आए। दोनों हाल ही में महाराष्ट्र में आयोजित एक पारिवारिक शादी समारोह में शामिल हुए। यह समारोह आईपीएस अधिकारी प्रवीण रामराव पवार की बेटी और प्रशांत निलावर के बेटे की शादी के अवसर पर आयोजित किया गया था।
इस मौके पर महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस सहित कई वरिष्ठ राजनेता, प्रशासनिक अधिकारी और विशिष्ट अतिथि मौजूद थे।
अडानी और पवार की मुलाकात ने राजनीतिक हलकों में उत्सुकता बढ़ा दी, क्योंकि दोनों नेताओं को एक-दूसरे से गर्मजोशी से बातचीत करते और अभिवादन करते देखा गया। यह मुलाकात ऐसे समय में हुई जब महाराष्ट्र की राजनीति में लगातार नए समीकरण बनते नजर आ रहे हैं।
शरद पवार अपने सौम्य स्वभाव और सभी दलों के नेताओं व उद्योगपतियों से अच्छे संबंध रखने के लिए जाने जाते हैं। वहीं गौतम अडानी का इस समारोह में शामिल होना उनके राजनीतिक और सामाजिक जुड़ाव को दर्शाता है।
यह विवाह समारोह भव्य तरीके से संपन्न हुआ, जिसमें कई नामी हस्तियों की मौजूदगी ने इसे और खास बना दिया।
अंतरराष्ट्रीय समाचार
भारत–अमेरिका वायुसेना का युद्धाभ्यास, आपसी तालमेल और तकनीकी क्षमता का प्रदर्शन

नई दिल्ली, 13 नवंबर: भारतीय वायुसेना और संयुक्त राज्य अमेरिका की वायुसेना के बीच एक बेहद महत्वपूर्ण द्विपक्षीय वायु अभ्यास चल रहा है। दोनों देशों के इस संयुक्त अभ्यास का उद्देश्य वायु सेनाओं के बीच आपसी समझ, सामरिक सहयोग और अंतरसंचालन क्षमता को बढ़ाना है।
गुरुवार, 13 नवंबर को इस अभ्यास का फाइनल व अंतिम दिन है। खास बात यह भी है कि इस अभ्यास में अमेरिकी वायुसेना ने अपने अत्याधुनिक बी-1बी लांसर सुपरसॉनिक बमवर्षक विमान के साथ भाग लिया है। सटीक व घातक मारक क्षमता बी-1बी लांसर अपनी लंबी दूरी की प्रहार क्षमता और सटीक टारगेट तकनीक के लिए प्रसिद्ध है।
भारतीय वायुसेना की ओर से यहां विभिन्न अत्याधुनिक लड़ाकू विमान, परिवहन विमान और वायु रक्षा प्रणालियों ने हिस्सा लिया है। अभ्यास के दौरान दोनों सेनाओं ने एक साथ कई जटिल युद्ध परिदृश्यों पर कार्य किया है। इनमें एयर डिफेंस ऑपरेशन, स्ट्राइक मिशन, इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर, हवा में ईंधन भरना और संयुक्त मिशन योजना शामिल रही।
इस दौरान पायलटों और तकनीकी दलों ने एक-दूसरे की रणनीतियों, तकनीकों और संचालन प्रक्रियाओं से महत्वपूर्ण अनुभव साझा किया। अभ्यास का मुख्य उद्देश्य भविष्य के बहुराष्ट्रीय अभियानों में बेहतर सामंजस्य स्थापित करना और उभरते सुरक्षा परिदृश्य में संयुक्त प्रतिक्रिया क्षमता को मजबूत बनाना है। भारतीय वायुसेना के मुताबिक भारत व अमेरिकी वायु सेना के बीच यह अभ्यास 10 नवंबर को शुरू हुआ था और आज 13 नवंबर को पूरा होने जा रहा है।
रक्षा विशेषज्ञ मानते हैं कि यह अभ्यास दोनों देशों के बीच सामरिक साझेदारी को और सुदृढ़ करेगा तथा हिंद-प्रशांत क्षेत्र में स्थिरता और सुरक्षा सुनिश्चित करने में अहम भूमिका निभाएगा। संयुक्त वायुसेना अभ्यास के दौरान अमेरिकी व भारतीय वायुसेना के जांबाजों ने एक दूसरे देश के पायलटों की पेशेवर क्षमता और सामरिक सोच को नजदीक से अनुभव किया।
रक्षा विशेषज्ञों के अनुसार इस तरह के अभ्यास दोनों देशों के बीच रक्षा सहयोग के नए आयाम खोलते हैं। संयुक्त रूप में यह संकल्प भी है कि भारत और अमेरिका के बीच रक्षा साझेदारी आगे भी और मजबूत होगी तथा साझा सुरक्षा हितों की रक्षा में निरंतर सहयोग जारी रहेगा।
गौरतलब है कि जहां एक ओर दोनों देशों की वायु सेनाएं यह संयुक्त अभ्यास कर रही हैं, वहीं दूसरी ओर भारतीय नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के. त्रिपाठी इन दिनों अमेरिका की एक महत्वपूर्ण आधिकारिक यात्रा पर हैं। उनकी यह यात्रा बुधवार 12 नवंबर को शुरू हुई थी।
नौसेना के मुताबिक एडमिरल त्रिपाठी की इस यात्रा का उद्देश्य भारतीय नौसेना और संयुक्त राज्य अमेरिका की नौसेना के बीच पहले से प्रगाढ़ और सुदृढ़ समुद्री साझेदारी को और अधिक मजबूत बनाना है। भारतीय नौसेना और संयुक्त राज्य अमेरिका की नौसेना के बीच ये मजबूत संबंध, भारत–अमेरिका रक्षा सहयोग का एक प्रमुख स्तंभ है।
भारतीय नौसेना प्रमुख 17 नवंबर तक संयुक्त राज्य अमेरिका के आधिकारिक दौरे पर हैं। अपनी यात्रा के दौरान नौसेना प्रमुख, अमेरिकी युद्ध विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों से मुलाकात व वार्ता करेंगे। इन बैठकों में अन्य वरिष्ठ नौसैनिक अधिकारियों और गणमान्य व्यक्तियों के साथ भी विचार-विमर्श होगा।
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