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2012 में आज ही के दिन सचिन ने जड़ा था शतकों का शतक

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sachin tendulkar

 भारतीय टीम के पूर्व बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर ने 2012 में एशिया कप में बांग्लादेश के खिलाफ मैच के दौरान आज ही के दिन अपने करियर का 100वां शतक जड़ा था। सचिन के वनडे करियर का यह 49वां शतक था जबकि बांग्लादेश के खिलाफ इस प्रारूप में उनका पहला शतक था।

सचिन ने जब शतकों का शतक जड़ा तो वह 38 वर्ष के थे और उन्हें 99वें शतक के बाद 100वें शतक के लिए करीब एक साल का इंतजार करना पड़ा। सचिन ने 2011 विश्व कप में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ करियर का 99वां शतक जड़ा था।

सचिन ने बांग्लादेश के खिलाफ उस मुकाबले में 147 गेंदों पर 12 चौकों और एक छक्के की मदद से 114 रन बनाए थे जिसकी बदौलत भारत ने पांच विकेट पर 289 रनों का स्कोर खड़ा किया था। हालांकि उनकी यह पारी टीम को जीत नहीं दिला सकी और बांग्लादेश ने पांच विकेट पर 293 रन बनाकर यह मैच जीता था।

भारत 2012 एशिया कप के ग्रुप चरण में ही बाहर हो गया था और पाकिस्तान तथा बांग्लादेश के बीच खिताबी मुकाबला खेला गया जिसमें बांग्लादेश को पाकिस्तान के हाथों दो रन से हार का सामना करना पड़ा।

सचिन ने 100वां शतक बनाने के बाद कहा था, “इस स्टेज पर मैं अभी कुछ नहीं सोच रहा। यह दौर मेरे लिए कठिन है। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आपने कितने शतक ठोके हैं। आपको और मेहनत करने की जरूरत है।”

सचिन के वनडे करियर का आखिरी मुकाबला एशिया कप में पाकिस्तान के खिलाफ रहा। दिलचस्प बात यह रही कि उन्होंने दिसंबर 1989 में पाकिस्तान के खिलाफ ही अपना पहला वनडे मुकाबला खेला था।

सचिन ने 2013 में टेस्ट से भी संन्यास की घोषणा की और उन्होंने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कह दिया। सचिन ने 463 वनडे मैचों में 44.83 के औसत से 18,426 रन बनाए और उन्होंने 200 टेस्ट मैचों में 53.78 के औसत से 15,921 रन बनाए।

सचिन ने टेस्ट करियर में 51 शतक और 68 अर्धशतक बनाए जबकि वनडे में 49 शतक और 96 अर्धशतक जड़े।

सचिन दुनिया के एकमात्र ऐसे बल्लेबाज हैं जिन्होंने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में 100 शतक जड़े हैं। उनके पीछे ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान रिकी पोंटिंग हैं जिनके नाम 71 शतक हैं जबकि भारतीय टीम के कप्तान विराट कोहली के अब तक 70 शतक हो चुके हैं।

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अंतरराष्ट्रीय

इंडोनेशिया में अचानक आई बाढ़ और भूस्खलन में मौत का आंकड़ा 1000 से अधिक पहुंचा

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जकार्ता, 13 दिसंबर : इंडोनेशिया के सुमात्रा के तीन प्रांतों में आई बाढ़ और भूस्खलन से मरने वालों की संख्या 1,000 से ज्यादा हो गई है। इसके अलावा 218 लोगों के बारे में अभी तक कोई जानकारी सामने नहीं आ पाई है। नेशनल डिजास्टर मैनेजमेंट एजेंसी (बीएनपीबी) ने शनिवार को यह जानकारी दी।

इन आपदाओं से इमारतों को काफी नुकसान पहुंचा है। बीएनपीबी की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार, करीब 1,200 सार्वजनिक सुविधाओं के साथ-साथ 219 स्वास्थ्य सुविधाओं, 581 शैक्षणिक सुविधाओं, 434 दुआ और प्रार्थना की जगह, 290 ऑफिस बिल्डिंग और 145 पुलों को नुकसान हुआ है।

न्यूज एजेंसी के अनुसार, बीएनपीबी के डेटा और सूचना केंद्र के प्रमुख अब्दुल मुहरी ने शुक्रवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि सब-डिस्ट्रिक्ट के स्तर पर डेटा का सत्यापन और सिविल रिकॉर्ड के साथ क्रॉस-रेफरेंसिंग का काम चल रहा है।

उन्होंने बताया कि पीड़ितों के नाम और पते की पुष्टि की जा रही है और कई जिलों में वेरिफिकेशन की प्रक्रिया जारी है। इस बीच, इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांटो ने शुक्रवार को आचे में आपदा प्रभावित इलाकों का दौरा किया। इस दौरान इंडोनेशियाई राष्ट्रपति ने कहा कि सरकार समुदाय की अलग-अलग बुनियादी जरूरतों को पूरा करने के लिए काम कर रही है।

प्रबोवो ने कहा, “हम सब मिलकर इस स्थिति को सुधारेंगे। सरकार आगे आएगी और हर चीज में मदद करेगी।” इसके साथ ही उन्होंने सभी नागरिकों से रिकवरी प्रोसेस के दौरान डटे रहने और अपना हौसला बनाए रखने की अपील की।

इंडोनेशियाई राष्ट्रपति ने उम्मीद जताई है कि बच्चों को पढ़ाने और सीखने जैसी सामुदायिक गतिविधियां जल्द ही सामान्य हो जाएंगी। इस हफ्ते की शुरुआत में, सुबियांटो ने आचे में कई प्रभावित जगहों का दौरा करने के बाद डिजास्टर रिस्पॉन्स और रिकवरी की कोशिशों पर एक मीटिंग की अध्यक्षता की। उन्होंने सेना, पुलिस, नेशनल सर्च एंड रेस्क्यू एजेंसी, बीएनपीबी और स्थानीय सरकारों को शामिल करते हुए मजबूत संयुक्त ऑपरेशन करने के निर्देश दिए।

इंडोनेशिया की एयरलांगा यूनिवर्सिटी में डिजास्टर मैनेजमेंट के लेक्चरर हिजरा सपुत्रा ने बताया कि प्रारंभिक चेतावनी प्रणालियां अब भी दूर-दराज के गांवों तक नहीं पहुंची हैं, क्षेत्रीय योजना में अनुशासन का अभाव है, और पर्यावरणीय पुनर्वास की प्रक्रिया भी केवल कभी-कभार ही की जाती है।

उन्होंने कहा, “अगर हम भविष्य में जनहानि कम करना चाहते हैं, तो सुनियोजित क्षेत्रीय योजना, जलग्रहण क्षेत्र की पारिस्थितिकी पर आधारित दृष्टिकोण और क्षेत्रीय स्तर पर एकीकृत प्रारंभिक चेतावनी प्रणालियों के माध्यम से आपदा-रोधी क्षमता को सुदृढ़ करना अनिवार्य होगा।”

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खेल

क्रिकेट की तरह दूसरे खेलों को भी मौका देने का समय आ गया है: कपिल देव

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नई दिल्ली, 12 दिसंबर: भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान और दिग्गज ऑलराउंडर कपिल देव इन दिनों गोल्फ में सक्रिय हैं। प्रोफेशनल गोल्फ टूर ऑफ इंडिया (पीजीटीआई) के एक कार्यक्रम में मीडिया से बात करते हुए कपिल देव क्रिकेट के सवाल पर बचते नजर आए, लेकिन गोल्फ के बेहतर भविष्य को लेकर आशान्वित नजर आए।

कपिल देव ने कहा, “समय आ गया है कि हम दूसरे खेलों को भी विकसित होने का मौका दें। आईपीएल ने हमें सिखाया है कि हम खेलों में बड़ी सफलता हासिल कर सकते हैं। हमें दूसरे खेलों में भी ऐसी सफलता की कोशिश करनी चाहिए।”

भारत में गोल्फ को लोकप्रिय बनाने के तरीके पर बात करते हुए कपिल देव ने कहा कि हमें किसी ऐसे खिलाड़ी की जरूरत है जो गोल्फ में विश्व चैंपियन बने, यूरोपियन कप जीते, और ओलंपिक में पदक जीते। अगर ऐसा होता है, तो देश में गोल्फ का विकास होगा। ओलंपिक में हम पदक जीतने से चूक गए थे। टेनिस में जैसे कोई विंबलडन या दूसरा ग्रैंड स्लैम जीतता है, तो फर्क पड़ता है। उसी तरह गोल्फ के बड़े इवेंट जीतने के बाद भारत में भी इस खेल को लेकर रुचि बढ़ेगी।

उन्होंने कहा कि भारत में गोल्फ साल दर साल बढ़ रहा है। डीपी वर्ल्ड गोल्फ टूर्नामेंट सफल रहा। दुनिया के दूसरे नंबर के खिलाड़ी भारत आए। अन्य खिलाड़ी भी आना चाहते हैं।

क्रिकेट से जुड़े सवालों पर कपिल देव बचते नजर आए। हालांकि लीग क्रिकेट को प्राथमिकता देने के सवाल पर उन्होंने कहा कि हर आदमी की अपनी सोच हो सकती है। उस आधार पर वह अपने फैसले भी लेता है। मुझे निजी तौर पर लगता है कि भारत के लिए खेलने से ज्यादा महत्वपूर्ण दूसरा कुछ नहीं हो सकता है।

क्रिकेट में सबसे पसंदीदा फॉर्मेट के सवाल पर विश्व कप विजेता कप्तान ने कहा, “मैं क्रिकेट में किसी विशेष फॉर्मेट को पसंद नहीं करता। मैं क्रिकेट को पसंद करता हूं और उसका आनंद लेता हूं।”

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खेल

भारत-साउथ अफ्रीका के बीच टी20 इतिहास में सर्वाधिक विकेट लेने वाले टॉप-5 गेंदबाज

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नई दिल्ली, 10 दिसंबर: भारत और साउथ अफ्रीका के बीच गुरुवार को मोहाली में टी20 सीरीज का दूसरा मुकाबला खेला जाना है। दोनों देशों के बीच अब तक इस फॉर्मेट में कुल 32 मुकाबले खेले गए हैं। इस दौरान अर्शदीप सिंह सर्वाधिक विकेट हासिल करने वाले गेंदबाज रहे हैं।

बाएं हाथ के तेज गेंदबाज ने साउथ अफ्रीका के विरुद्ध अब तक कुल 11 टी20 मुकाबले खेले हैं, जिसमें 16 की औसत के साथ 20 विकेट निकाले। इस दौरान अर्शदीप सिंह ने 36 ओवर गेंदबाजी की, जिसमें कुल 320 रन दिए।

अर्शदीप सिंह टी20 अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में 100 विकेट के आंकड़े को छूने वाले पहले भारतीय हैं। इस 26 वर्षीय गेंदबाज ने अब तक 69 मुकाबलों में 18.37 की औसत के साथ 107 विकेट हासिल किए हैं। उनके अलावा, जसप्रीत बुमराह ही ऐसे भारतीय हैं, जिन्होंने इस फॉर्मेट में ‘विकेटों का शतक’ लगाया है।

भारत-साउथ अफ्रीका के बीच टी20 इतिहास में सर्वाधिक विकेट हासिल करने वाले गेंदबाजों की लिस्ट में साउथ अफ्रीका के केशव महाराज दूसरे स्थान पर हैं, जिन्होंने 16 मुकाबलों में 29.33 की औसत के साथ 15 विकेट निकाले।

भारत के तेज गेंदबाज भुवनेश्वर कुमार इस लिस्ट में तीसरे स्थान पर हैं, जिन्होंने 12 टी20 मुकाबलों में 18.50 की औसत के साथ 14 विकेट अपने नाम किए। इस दौरान एक बार ‘फाइव विकेट हॉल’ भी शामिल है।

वरुण चक्रवर्ती इस फेहरिस्त में चौथे स्थान पर मौजूद हैं, जिन्होंने साउथ अफ्रीका के विरुद्ध 5 टी20 मुकाबलों में कुल 114 बॉल फेंकीं। इस दौरान उन्होंने 157 रन देकर 14 विकेट हासिल किए।

साउथ अफ्रीका के तेज गेंदबाज लुंगी एनगिडी इस लिस्ट में पांचवें स्थान पर मौजूद हैं, जिन्होंने भारत के विरुद्ध अब तक 6 टी20 मुकाबलों में 14.30 की औसत के साथ 13 विकेट निकाले हैं।

इन गेंदबाजों के अलावा, अक्षर पटेल (12 विकेट), हार्दिक पंड्या (12 विकेट) और रविचंद्रन अश्विन (11 विकेट) ही ऐसे गेंदबाज हैं जिन्होंने भारत और साउथ अफ्रीका के बीच टी20 मैच के दौरान 10 विकेट के आंकड़े को छुआ है।

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