राष्ट्रीय समाचार
ओडिशा ट्रेन हादसा: विपक्ष ने सिग्नलिंग और सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाए, जानमाल के नुकसान पर शोक व्यक्त किया
ओडिशा के बालासोर जिले में हुए घातक ट्रिपल ट्रेन हादसे में 200 से अधिक लोगों की मौत पर शोक व्यक्त करते हुए विपक्षी दल के नेताओं ने भारतीय रेलवे की सिग्नलिंग और सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाए। टीएमसी प्रवक्ता साकेत गोखले ने शुक्रवार शाम हुए भीषण हादसे के लिए सिग्नल फेल होने को जिम्मेदार ठहराया। गोखले ने ट्विटर पर लिखा, “ओडिशा में कोरोमंडल एक्सप्रेस और यशवंतपुर-हावड़ा ट्रेन दुर्घटना की दुखद खबर सुनकर स्तब्ध और व्यथित हूं। प्रभावित लोगों और उनके परिवारों के लिए मेरी प्रार्थना।” उन्होंने कहा, “… कथित तौर पर सिग्नल फेल होने के कारण 3 ट्रेनें दुर्घटनाग्रस्त हो गईं, यह विश्वास से परे चौंकाने वाला है। गंभीर सवाल हैं, जिनका जवाब देने की जरूरत है।” 2 जून को, बेंगलुरु-हावड़ा सुपरफास्ट एक्सप्रेस, शालीमार-चेन्नई सेंट्रल कोरोमंडल एक्सप्रेस और एक मालगाड़ी ओडिशा के बालासोर में एक-दूसरे से टकरा गईं, जिससे लोगों की मौत हो गई और कई लोग घायल हो गए। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी-लेनिनवादी) लिबरेशन के महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने भी यही सवाल उठाया। “क्या भारतीय रेलवे में अब कोई सिग्नलिंग और सुरक्षा प्रणाली नहीं है? या ऐसी भयानक त्रासदी भारत में रेल यात्रा के लिए नया सामान्य हो जाएगी? हम पीड़ितों और उन परिवारों को जवाब देना चाहते हैं जिन्होंने इसमें अपनों को खो दिया। दुर्घटना, “उन्होंने एक ट्वीट में कहा। केरल के सीपीआई सांसद बिनॉय विश्वम ने इस घटना को लेकर रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव के इस्तीफे की मांग की है। “सरकार केवल लग्जरी ट्रेनों पर ध्यान केंद्रित करती है। आम लोगों की ट्रेनों और पटरियों की उपेक्षा की जाती है। उड़ीसा की मौतें इसका परिणाम हैं। रेल मंत्री को इस्तीफा दे देना चाहिए।” कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और पार्टी के पूर्व प्रमुख राहुल गांधी ने शुक्रवार को ओडिशा में ट्रेन हादसे पर दुख व्यक्त किया था और पार्टी कार्यकर्ताओं और नेताओं से बचाव के प्रयासों के लिए आवश्यक सभी समर्थन देने का आग्रह किया था। “जागने के लिए बहुत दर्दनाक सुबह। आज सुबह एक बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण ट्रेन दुर्घटना में हमने कई लोगों की जान गंवाई है। मैं रेलवे और राज्य के अधिकारियों से अनुरोध करूंगा कि वे हस्तक्षेप करें और हर उस व्यक्ति की मदद करें जो घायल हुए हैं… मैं रेल मंत्रालय से अनुरोध करूंगा।” और भारत सरकार यह पता लगाने के लिए एक उच्चाधिकार प्राप्त समिति का गठन करेगी कि यह दुर्घटना क्यों हुई है…”
राजनीति
वोट चोरी राज्य और राष्ट्रीय दोनों स्तर पर हो रही; हरियाणा में कांग्रेस की जीत को हार में बदला गया : राहुल गांधी

नई दिल्ली, 5 नवंबर: लोकसभा के नेता प्रतिपक्ष एवं कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बुधवार को दिल्ली में प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस दौरान उन्होंने कथित तौर पर वोट चोरी के मुद्दे को दोहराया और दावा किया कि राज्य और राष्ट्रीय दोनों स्तर पर वोट चोरी हो रही है।
कथित वोट चोरी के मुद्दे पर राहुल गांधी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, “हमारे पास ‘एच’ फाइल्स हैं और यह इस बारे में है कि कैसे एक पूरे राज्य को ही चुरा लिया गया है। हमें संदेह है कि यह व्यक्तिगत निर्वाचन क्षेत्रों में नहीं, बल्कि राज्य स्तर पर और राष्ट्रीय स्तर पर हो रहा है।”
कांग्रेस के आधिकारिक एक्स हैंडल से राहुल गांधी की प्रेस कॉन्फ्रेंस की वीडियो शेयर कर बताया, “एक पूरा राज्य कैसे चुरा लिया गया? वोट चोरी राज्य और राष्ट्रीय, दोनों स्तरों पर हो रही है। हमने कई राज्यों में इसका अनुभव किया है, इसलिए हमने हरियाणा में और गहराई से जांच करने का फैसला किया।”
उन्होंने कहा, “सभी सर्वेक्षणों में कांग्रेस की जीत की ओर इशारा किया गया था। एक और बात यह थी कि हरियाणा के चुनावी इतिहास में पहली बार, डाक मतपत्रों की संख्या वास्तविक मतदान से अलग थी। डाक मतपत्रों में, कांग्रेस को 73 और भाजपा को 17 मत मिले। इसलिए, हमने बारीकियों की जांच शुरू की।”
उन्होंने कहा, “मैं चुनाव आयोग और भारत की लोकतांत्रिक प्रक्रिया पर सवाल उठा रहा हूं, और मैं ऐसा 100 प्रतिशत प्रमाण के साथ कर रहा हूं। हमारे लिए यह स्पष्ट है कि कांग्रेस की अनुमानित भारी जीत को हार में बदलने की एक योजना बनाई गई थी। मतगणना से दो दिन पहले हरियाणा के मुख्यमंत्री की मुस्कान और ‘व्यवस्था’ के उनके संदर्भ पर ध्यान दें। ऐसे समय में जब एग्जिट पोल और तमाम संकेतक कांग्रेस के पक्ष में थे, भाजपा की ‘व्यवस्था’ में उनका विश्वास हैरान करने वाला था। इन सबके बाद, नतीजा यह हुआ कि कांग्रेस हरियाणा चुनाव में मात्र 22,779 वोटों से हार गई।”
राष्ट्रीय समाचार
सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने की ड्रोन व युद्धक तैयारियों की समीक्षा

नई दिल्ली, 4 नवंबर: थलसेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी लगातार सैन्य तैयारियों की समीक्षा कर रहे हैं। बीते दिनों कई सीमावर्ती क्षेत्रों का दौरा कर चुके सेना प्रमुख ने अब ड्रोन तैयारियों, प्रशिक्षण में नवाचार समेत विभिन्न विषयों का निरीक्षण किया।
दरअसल थलसेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने खड़गा कोर का दौरा किया है। यहां उन्होंने ऑपरेशनल तैयारियों की समीक्षा की। इस दौरान उन्हें युद्धक क्षमता को सुदृढ़ करने, अत्याधुनिक प्रौद्योगिकियों के एकीकरण, अंतर-एजेंसी समन्वय को बढ़ाने तथा राष्ट्र निर्माण से जुड़ी पहलों के बारे में विस्तार से अवगत कराया गया।
गौरतलब है आधुनिक युद्धों के तौर तरीके व तकनीक लगातार बदल रही है। अब पारंपरिक युद्धों की भांति जंग केवल बंदूक व तोपों तक सीमित नहीं रह गई है। आज के युद्धों में ड्रोन व आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस महत्वपूर्ण भूमिकाओं में हैं। इसके अलावा रोबोट और डेटा वॉरफेयर ने भी इन्फैंट्री को नई दिशा दी है। इसकी एक मजबूत तस्वीर खड़गा कोर में देखने को मिलती है। यहां ड्रोन जैसी तकनीक को व्यापक स्तर पर उपयोग में लाया जा चुका है।
सेनाध्यक्ष ने जहां यहां ड्रोन तैयारियों की जानकारी ली वहीं उन्होंने कोर द्वारा ऑपरेशन सिंदूर के दौरान प्रदर्शित उत्कृष्ट प्रदर्शन की सराहना भी की। उन्होंने ड्रोन डिजाइन एवं प्रशिक्षण में नवाचार, लॉजिस्टिक्स और प्रशासन में उन्नत तकनीकी समाधान अपनाने, पूर्व सैनिकों व परिवारों के कल्याण के लिए किए जा रहे प्रयासों तथा ऑपरेशन राहत के अंतर्गत मानवीय सहायता गतिविधियों की प्रशंसा की।
थलसेना प्रमुख ने यह भी रेखांकित किया कि खड़गा कोर द्वारा मिलिटरी-सिविल फ्यूजन को प्रोत्साहन देकर सस्टेनेबल सिक्योरिटी की दिशा में उल्लेखनीय योगदान दिया जा रहा है। यहां मौजूद सभी अधिकारियों और जवानों के साथ बातचीत के दौरान, जनरल द्विवेदी ने उनकी पेशेवर दक्षता, निष्ठा और राष्ट्र सेवा के प्रति अटूट समर्पण की प्रशंसा की। भारतीय सेना की शक्ति उसके कर्मयोगियों की प्रतिबद्धता, साहस और अनुशासन में निहित है, और यही भावना सेना को हर चुनौती का सामना करने में सक्षम बनाती है।
सेनाध्यक्ष का यह दौरा न केवल कोर की तैयारियों का मूल्यांकन था, बल्कि यह सैनिकों के उत्साहवर्धन और भारतीय थलसेना की सतत आधुनिकीकरण प्रक्रिया में एक महत्वपूर्ण कदम भी है। गौरतलब है कि पिछले दिनों भारतीय थलसेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने बीकानेर मिलिट्री स्टेशन और यहां के सीमावर्ती क्षेत्रों का दौरा भी किया था। सेनाध्यक्ष ने वहां भारतीय सेना की ऑपरेशनल तैयारियों की समीक्षा की। इस दौरान उन्होंने यहां सैनिकों और सेना के वरिष्ठ अधिकारियों से मुलाकात कर उनसे बात की।
थलसेना अध्यक्ष ने इस दौरान सेना के आधुनिकीकरण, युद्धक तैयारियों, तकनीकी क्षमताओं को सुदृढ़ करने और परिचालन उत्कृष्टता पर बल दिया। बीकानेर के सैनिकों और पूर्व सैन्य दिग्गजों को संबोधित करते हुए सेना प्रमुख ने कठोर मरुस्थलीय एवं अर्ध-मरुस्थलीय इलाके में ड्यूटी निभाने के लिए उनकी प्रतिबद्धता, समर्पण और मल्टी-एजेंसी समन्वय की सराहना की थी।
उन्होंने कहा कि उच्च ऑपरेशनल रेडीनेस बनाए रखने के लिए तकनीक का सभी स्तरों पर आत्मसात करना अनिवार्य है। सेना प्रमुख ने कहा था कि मौजूदा जटिल सुरक्षा माहौल में सशस्त्र बलों, सरकारी एजेंसियों, उद्योग, शिक्षाविदों और समाज के बीच निर्बाध समन्वय आवश्यक है। उन्होंने मिलिट्री-सिविल फ्यूजन के महत्व को रेखांकित किया और पूर्व सैनिकों के योगदान की सराहना की। ये वे सैनिक हैं जिन्होंने भारत की रक्षा तैयारी और युद्धक प्रभुत्व को मजबूत किया है।
दुर्घटना
राजस्थान : जयपुर में तेज रफ्तार डंपर ने वाहनों को टक्कर मारी, कई लोगों की मौत

जयपुर, 3 नवंबर: जयपुर के हरमारा इलाके में सोमवार को एक भीषण दुर्घटना में कम से कम 7 लोगों की मौत हो गई है, जबकि कई लोगों के घायल होने की सूचना है। इनमें कई पीड़ितों की हालत गंभीर बनी हुई है। एक तेज रफ्तार डंपर अनियंत्रित होकर कई वाहनों से टकरा गया।
पुलिस के अनुसार, दुर्घटना दोपहर करीब 1 बजे वीकेआई (विश्वकर्मा औद्योगिक क्षेत्र) में लोहा मंडी के पास हुई। बताया जा रहा है कि हाईवे 14 पर लोहा मंडी पेट्रोल पंप की ओर जा रहा डंपर ब्रेक फेल होने के कारण नियंत्रण खो बैठा और कई वाहनों से टकरा गया, जिनमें मुख्य तौर पर कार और मोटरसाइकिल शामिल हैं।
प्रत्यक्षदर्शियों ने घटनास्थल को भयानक बताया। तेज रफ्तार से आ रहा डंपर एक के बाद एक वाहनों से टकराता रहा और आखिरकार एक जोरदार टक्कर के बाद रुक गया। टक्कर इतनी जोरदार थी कि कई वाहन चकनाचूर हो गए और सड़क पर मलबा बिखर गया।
स्थानीय निवासी और आसपास के लोग तुरंत पुलिस और बचाव दल के साथ घायलों को निकालने में जुट गए। पीड़ितों को एंबुलेंस और निजी वाहनों की मदद से एसएमएस अस्पताल के ट्रॉमा सेंटर और कांवटिया अस्पताल ले जाया गया।
एसएमएस अस्पताल प्रबंधन ने दुर्घटनास्थल से बड़ी संख्या में आ रहे घायलों की देखभाल के लिए ट्रॉमा टीमों, डॉक्टरों और नर्सिंग स्टाफ को अलर्ट पर रखते हुए इमरजेंसी प्रोटोकॉल एक्टिव कर दिया है।
टक्कर इतनी जोरदार थी कि कई कारें क्षतिग्रस्त हो गईं। व्यस्त राजमार्ग पर भीड़भाड़ कम करने के लिए यातायात को वैकल्पिक मार्गों पर मोड़ दिया गया। पुलिस ने शवों को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए कांवटिया अस्पताल के शवगृह में भेज दिया है।
राजस्थान भाजपा अध्यक्ष मदन राठौड़ ने पत्रकारों से बात करते हुए हादसे पर दुख प्रकट किया है। उन्होंने कहा, “ऐसी घटनाएं दुखद हैं। फलौदी हादसा भी बहुत दुखद था, जिसके कारण हमने स्वागत कार्यक्रम के आयोजन को टाल दिया है। जयपुर की घटना बहुत दुखद है, जिसमें करीब 7 लोगों के मौत की सूचना है। वाहनों की गति तेज रखना और असावधानी बरतना ठीक बात नहीं है। एक्सीडेंट से निर्दोष लोगों की जान चली जाती है। लोगों को संभलकर और ट्रैफिक रूल का पालन करते हुए चलना चाहिए।”
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने भी हादसे पर संवेदना व्यक्त की है। उन्होंने घायलों को बेहतर इलाज देने का निर्देश दिया है।
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