राजनीति
भारत में मोबाइल इस्तेमाल करने वालों की संख्या 115.12 करोड़ : केंद्र

नई दिल्ली, 18 दिसंबर। बुधवार को संसद में दी गई जानकारी के अनुसार, देश में मोबाइल इस्तेमाल करने वाले उपभोक्ताओं की कुल संख्या 31 अक्टूबर तक 115.12 करोड़ हो गई है।
संचार एवं ग्रामीण विकास राज्य मंत्री डॉ. चंद्रशेखर पेम्मासानी ने लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में बताया कि देश के 6,44,131 गांवों में से लगभग 6,23,622 गांवों में अब मोबाइल कवरेज है।
सरकार और दूरसंचार सेवा प्रदाताओं (टीएसपी) द्वारा चरणबद्ध तरीके से आबादी रहित गांवों में मोबाइल कवरेज प्रदान किया जाता है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इसके अलावा, सरकार देश के ग्रामीण, दूरदराज और पहाड़ी क्षेत्रों में मोबाइल टावरों की स्थापना के जरिए दूरसंचार कनेक्टिविटी के विस्तार के लिए डिजिटल भारत निधि (डीबीएन) के तहत विभिन्न योजनाओं और परियोजनाओं को लागू कर रही है।
डिजिटल भारत निधि द्वारा फंडेड भारतनेट परियोजना (जिसे पहले राष्ट्रीय ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क के रूप में जाना जाता था) को देश में सभी ग्राम पंचायतों (जीपी) को ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी प्रदान करने के लिए चरणबद्ध तरीके से लागू किया जा रहा है।
भारतनेट फेज-I और फेज-II के मौजूदा नेटवर्क को अपग्रेड, शेष लगभग 42,000 ग्राम पंचायतों में नेटवर्क के निर्माण, 10 वर्षों के लिए संचालन और रखरखाव और कुल 1,39,579 करोड़ रुपये की लागत से उपयोग के लिए संशोधित भारतनेट कार्यक्रम को कैबिनेट द्वारा अप्रूव किया गया था।
पिछले सप्ताह, सरकार ने बताया कि ग्रामीण भारत में मोबाइल नेटवर्क कवरेज लगभग 97 प्रतिशत तक पहुंच गया है और 6,14,564 गांव 4 जी मोबाइल कनेक्टिविटी से कवर्ड हैं।
राज्यसभा में एक प्रश्न के उत्तर में डॉ. पेम्मासानी ने कहा कि जनजातीय मामलों के मंत्रालय के प्रधानमंत्री जनजातीय आदिवासी न्याय महाअभियान (पीएम जनमन) के तहत 4,543 विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूह (पीवीटीजी) बस्तियों की पहचान मोबाइल कनेक्टिविटी से वंचित के रूप में की गई और इनमें से 1,136 पीवीटीजी बस्तियों को मोबाइल कनेक्टिविटी से कवर किया गया है।
इस बीच, देश के 783 जिलों में से 779 जिलों में 31 अक्टूबर तक 5जी सेवाएं उपलब्ध हैं। इसके अलावा, देश में 4.6 लाख से अधिक 5जी बेस ट्रांसीवर स्टेशन (बीटीएस) स्थापित किए गए हैं।
राजनीति
स्वतंत्रता दिवस पर मांस की दुकानों को बंद करने के फैसले पर पुनर्विचार करना चाहिए : रामदास आठवले

मुंबई, 13 अगस्त। केंद्रीय मंत्री रामदास आठवले ने स्वतंत्रता दिवस पर महाराष्ट्र के कुछ हिस्सों में मांस बिक्री पर प्रतिबंध के फैसले पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया है।
बुधवार को मिडिया से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि यह निर्णय पूरी तरह सही नहीं है, क्योंकि लोगों को अपने खान-पान का अधिकार है। आठवले ने तर्क दिया कि 70 प्रतिशत से अधिक लोग मांसाहारी हैं। उन्होंने कहा कि धार्मिक कारणों से प्रतिबंध स्वीकार्य हो सकता है, लेकिन 15 अगस्त जैसे राष्ट्रीय पर्व पर यह उचित नहीं है।
उन्होंने कहा कि बाबासाहेब अंबेडकर की जयंती, 15 अगस्त और 26 जनवरी को इस तरह के फैसले नहीं होने चाहिए। लोकतंत्र में अनावश्यक बंधन ठीक नहीं है और इस फैसले पर फिर से विचार होना चाहिए। मुझे लगता है कि इसकी जरूरत भी है।
चुनाव आयोग की निष्पक्षता का समर्थन करते हुए उन्होंने कहा कि बिहार में चुनाव आयोग की ओर से वोटर वेरिफिकेशन कराया गया। कोई भी वैध वोटर मतदान से वंचित न रहे, इसीलिए इस दिशा में कदम उठाए जा रहे हैं।
‘वोट चोरी’ के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति का वोट एक ही स्थान पर दर्ज होना चाहिए, जैसे मुंबई में रहने वालों का वोट महाराष्ट्र में हो, न कि बिहार में। उन्होंने दोहरे मतदाता नामांकन की समस्या पर भी ध्यान दिया, जिसे चुनाव आयोग ने संबोधित करते हुए एक स्थान पर मतदान की अनुमति दी है।
आठवले ने चुनाव आयोग को एक संवैधानिक संस्था बताते हुए कहा कि विपक्ष द्वारा इसकी निष्पक्षता पर सदन में चर्चा की मांग अनुचित है, क्योंकि इसका सरकार से कोई संबंध नहीं है।
उन्होंने सुझाव दिया कि राहुल गांधी को अपनी शिकायतें सीधे चुनाव आयोग से मिलकर रखनी चाहिए। साथ ही, उन्होंने विपक्ष पर सदन की कार्यवाही बाधित करने का आरोप लगाया, जिससे करोड़ों रुपए का नुकसान हो रहा है और सदन की कार्यवाही कई दिनों से बाधित रही है। उन्होंने इसे लोकतंत्र के लिए ठीक नहीं बताया है।
स्ट्रीट डॉग्स पर सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी के जवाब में राहुल गांधी के बयान की आठवले ने आलोचना की। उन्होंने कहा कि आवारा कुत्तों द्वारा कुछ लोगों को काटने की समस्या को सरकार और एनजीओ के सहयोग से हल किया जा सकता है। आठवले ने राहुल गांधी के सुप्रीम कोर्ट के खिलाफ बयान को अनुचित ठहराया और कहा कि उनकी हमेशा विरोध करने की आदत से कांग्रेस पार्टी को नुकसान हो रहा है। स्ट्रीट डॉग्स के लिए गौशाला की तर्ज पर शेल्टर होम होने चाहिए। जहां पर उनके खान-पान की चीजें मुहैया कराई जाएं।
उन्होंने अभिनेता केके मेनन के उस आरोप पर प्रतिक्रिया दी, जिसमें आरोप लगाया कि उनकी क्लिप का इस्तेमाल ‘वोट चोरी’ अभियान में ‘बिना अनुमति’ के किया गया।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि मुझे क्लिप के बारे में जानकारी नहीं है, लेकिन अगर इसका इस्तेमाल किया गया था तो लोग अपनी मांगों को लेकर ऐसा करते हैं।
अंतरराष्ट्रीय समाचार
भारत-सिंगापुर संबंधों को नई ऊंचाई पर ले जाने की दिशा में बड़ा कदम, तीसरी मंत्रीस्तरीय बैठक आयोजित

नई दिल्ली, 13 अगस्त। दिल्ली में बुधवार को भारत और सिंगापुर के बीच तीसरी मंत्रीस्तरीय बैठक (भारत-सिंगापुर मंत्रिस्तरीय राउंड टेबल सम्मेलन – आईएसएमआर) का आयोजन हुआ। यह बैठक दोनों देशों के बीच मजबूत होते रिश्तों और व्यापक रणनीतिक साझेदारी को आगे बढ़ाने की दिशा में एक अहम कदम है।
भारत की तरफ से इस बैठक में विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल और इलेक्ट्रॉनिक्स एवं आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने हिस्सा लिया।
वहीं, सिंगापुर की तरफ से उपप्रधानमंत्री गन किम योंग, राष्ट्रीय सुरक्षा एवं गृह मामलों के समन्वय मंत्री के. शन्मुगम, विदेश मंत्री विवियन बालाकृष्णन, डिजिटल विकास एवं सूचना मंत्री जो टियो, श्रम मंत्री डॉ. टैन सी लेंग और परिवहन मामलों के कार्यवाहक मंत्री जेफरी सिओ ने भाग लिया।
बैठक में दोनों देशों के बीच सहयोग को 6 मुख्य क्षेत्रों में मजबूत करने पर चर्चा हुई, जिसमें डिजिटलाइजेशन, स्किल डेवलपमेंट, सस्टेनेबिलिटी, स्वास्थ्य सेवा, कनेक्टिविटी और एडवांस्ड मैन्युफैक्चरिंग शामिल थे।
इस बात की जानकारी भारत के विदेश मंत्रालय के आधिकारिक प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स के जरिए दी।
वहीं, विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा, “नई दिल्ली में तीसरे भारत-सिंगापुर मंत्रिस्तरीय गोलमेज सम्मेलन आईएसएमआर में भाग लेकर प्रसन्नता हुई। उपप्रधानमंत्री गन किम योंग, राष्ट्रीय सुरक्षा एवं गृह मामलों के समन्वय मंत्री के. शन्मुगम, विदेश मंत्री विवियन बालाकृष्णन, डिजिटल विकास एवं सूचना मंत्री जो टियो, श्रम मंत्री डॉ. टैन सी लेंग और कार्यवाहक परिवहन मंत्री जेफरी सिओ को हमारी व्यापक रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करने की उनकी प्रतिबद्धता के लिए धन्यवाद।”
उन्होंने लिखा, “आईएसएमआर की भारत-सिंगापुर व्यापार गोलमेज सम्मेलन में आईएसबीआर प्रतिनिधिमंडल के साथ एक सार्थक बातचीत हुई। सरकार और उद्योग के बीच तालमेल भारत-सिंगापुर संबंधों के अगले चरण को गति देने की कुंजी है।”
राजनीति
मुंबई में आलीशान घर होने के बावजूद सरकारी बंगले में रहते हैं धनंजय मुंडे, खाली पड़े बंगले के विस्तार की मांग, राजनीतिक गलियारों में खूब चर्चा

Dhananjay Munde
मुंबई के बीड ज़िले के सरपंच संतोष देशमुख की हत्या के मामले में तत्कालीन खाद्य मंत्री धनंजय मुंडे को अपने मंत्री पद से इस्तीफ़ा देना पड़ा था। इस्तीफ़े के कई महीने बीत जाने के बावजूद, धनंजय मुंडे ने अभी तक मालाबार हिल स्थित सरकारी बंगला खाली नहीं किया है। जिसके चलते लोक निर्माण विभाग ने उन पर अब तक 42 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। इस मामले में, धनंजय मुंडे ने कहा था कि बीमारी के कारण उन्हें मुंबई में रहना ज़रूरी था। उनकी बेटी का स्कूल भी एक समस्या थी। इसीलिए उन्होंने समय सीमा बढ़ाने का अनुरोध किया था।
धनंजय मुंडे के मुंबई में एक आलीशान घर होने की बात सामने आई है। विधानसभा चुनाव में दाखिल हलफनामे से यह जानकारी सामने आई है। धनंजय मुंडे के पास गुड़गांव चौपाटी स्थित एनएस पाटकर मार्ग स्थित वीर भवन में एक घर है। मुंडे और उनकी पत्नी ने दिसंबर 2023 में यह घर 16.50 करोड़ रुपये में खरीदा था। धनंजय मुंडे का मुंबई स्थित घर वीर भवन की 9वीं मंजिल पर है। मकान संख्या 902 है।
धनंजय मुंडे का घर 2,151 वर्ग फुट का है। हालाँकि, मंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद भी वे इसी सरकारी आवास में रह रहे हैं। धनंजय मुंडे ने खुद इसके लिए 10 करोड़ रुपये खर्च किए थे। फ़िलहाल इस घर में कोई नहीं रहता। विधानसभा चुनाव में दाखिल हलफनामे के अनुसार, जब से उन्होंने यह घर खरीदा है, तब से यह बंद पड़ा है।
असली समस्या क्या है?
जब महायोद्धा सरकार दोबारा सत्ता में आई, तो धनंजय मुंडे को सतपुड़ा बंगला आवंटित किया गया था। मंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद 15 दिनों के भीतर सरकारी बंगला खाली करना अनिवार्य है। धनंजय मुंडे ने 4 मार्च को मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। इसके अनुसार, उन्हें 20 मार्च तक बंगला खाली करना था। लेकिन उन्होंने समय सीमा बढ़ाने के बाद भी अभी तक बंगला खाली नहीं किया है। सतपुड़ा बंगले का क्षेत्रफल 4,667 वर्ग फुट है। नियमों के अनुसार, अगर मंत्री 15 दिनों के भीतर बंगला खाली नहीं करते हैं, तो उन पर 200 रुपये प्रति वर्ग फुट का जुर्माना लगाया जाता है, जिसके कारण मुंडे पर प्रति माह 933,000 रुपये का जुर्माना लगाया जा रहा है और अब यह राशि 42 लाख रुपये तक पहुँच गई है।
जब धनंजय मुंडे से इस बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कहा, “बीमारी के कारण मुझे मुंबई में ही रहना है। मेरी बेटी का स्कूल भी एक समस्या है। इसलिए, मैंने आवास खाली करने के लिए मोहलत मांगी है।” उन्होंने कहा कि “पहले भी कई पूर्व मंत्रियों को ऐसी मोहलत दी जा चुकी है।” दूसरी ओर, मंत्री छगन भुजबल को सतपुड़ा बंगला देने का सरकारी आदेश 23 मई को जारी हुआ, जिसे लेकर राजनीतिक गलियारों में बहस छिड़ी हुई है।
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