Connect with us
Wednesday,18-December-2024
ताज़ा खबर

राजनीति

भारत में मोबाइल इस्तेमाल करने वालों की संख्या 115.12 करोड़ : केंद्र

Published

on

नई दिल्ली, 18 दिसंबर। बुधवार को संसद में दी गई जानकारी के अनुसार, देश में मोबाइल इस्तेमाल करने वाले उपभोक्ताओं की कुल संख्या 31 अक्टूबर तक 115.12 करोड़ हो गई है।

संचार एवं ग्रामीण विकास राज्य मंत्री डॉ. चंद्रशेखर पेम्मासानी ने लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में बताया कि देश के 6,44,131 गांवों में से लगभग 6,23,622 गांवों में अब मोबाइल कवरेज है।

सरकार और दूरसंचार सेवा प्रदाताओं (टीएसपी) द्वारा चरणबद्ध तरीके से आबादी रहित गांवों में मोबाइल कवरेज प्रदान किया जाता है।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इसके अलावा, सरकार देश के ग्रामीण, दूरदराज और पहाड़ी क्षेत्रों में मोबाइल टावरों की स्थापना के जरिए दूरसंचार कनेक्टिविटी के विस्तार के लिए डिजिटल भारत निधि (डीबीएन) के तहत विभिन्न योजनाओं और परियोजनाओं को लागू कर रही है।

डिजिटल भारत निधि द्वारा फंडेड भारतनेट परियोजना (जिसे पहले राष्ट्रीय ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क के रूप में जाना जाता था) को देश में सभी ग्राम पंचायतों (जीपी) को ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी प्रदान करने के लिए चरणबद्ध तरीके से लागू किया जा रहा है।

भारतनेट फेज-I और फेज-II के मौजूदा नेटवर्क को अपग्रेड, शेष लगभग 42,000 ग्राम पंचायतों में नेटवर्क के निर्माण, 10 वर्षों के लिए संचालन और रखरखाव और कुल 1,39,579 करोड़ रुपये की लागत से उपयोग के लिए संशोधित भारतनेट कार्यक्रम को कैबिनेट द्वारा अप्रूव किया गया था।

पिछले सप्ताह, सरकार ने बताया कि ग्रामीण भारत में मोबाइल नेटवर्क कवरेज लगभग 97 प्रतिशत तक पहुंच गया है और 6,14,564 गांव 4 जी मोबाइल कनेक्टिविटी से कवर्ड हैं।

राज्यसभा में एक प्रश्न के उत्तर में डॉ. पेम्मासानी ने कहा कि जनजातीय मामलों के मंत्रालय के प्रधानमंत्री जनजातीय आदिवासी न्याय महाअभियान (पीएम जनमन) के तहत 4,543 विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूह (पीवीटीजी) बस्तियों की पहचान मोबाइल कनेक्टिविटी से वंचित के रूप में की गई और इनमें से 1,136 पीवीटीजी बस्तियों को मोबाइल कनेक्टिविटी से कवर किया गया है।

इस बीच, देश के 783 जिलों में से 779 जिलों में 31 अक्टूबर तक 5जी सेवाएं उपलब्ध हैं। इसके अलावा, देश में 4.6 लाख से अधिक 5जी बेस ट्रांसीवर स्टेशन (बीटीएस) स्थापित किए गए हैं।

राजनीति

केंद्र सरकार ने एमएसपी पर की 6 लाख मीट्रिक टन से ज्यादा दालों की खरीद

Published

on

नई दिल्ली, 18 दिसंबर। केंद्र सरकार द्वारा 2023-24 के रबी सीजन में एमएसपी पर 6.41 लाख मीट्रिक टन दालों की खरीद गई है और इसके लिए 2.75 लाख किसानों को 4,820 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया है। यह जानकारी कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा बुधवार को दी गई।

किसानों से सरकार द्वारा खरीदी गई दालों में 2.49 लाख मीट्रिक टन मसूर, 43,000 मीट्रिक टन चना और 3.48 लाख मीट्रिक टन मूंग शामिल है।

इसके अलावा सरकार ने 5.29 लाख किसानों से एमएसपी मूल्य पर 6,900 करोड़ रुपये की 12.19 लाख मीट्रिक टन तिलहन की खरीद की है।

सरकार ने बयान में आगे कहा कि चालू खरीफ सीजन की शुरुआत में सोयाबीन का बाजार भाव एमएसपी से काफी नीचे चल रहा था, जिससे किसानों को काफी समस्याएं हो रही थी। पीएसएस योजना (पीएम आशा योजना का एक घटक) के तहत केंद्र के हस्तक्षेप से इस साल 11 दिसंबर तक एमएसपी मूल्य पर 2,700 करोड़ रुपये की वैल्यू की 5.62 लाख मीट्रिक टन सोयाबीन की खरीद की गई है, जिससे 2.42 लाख किसानों को लाभ हुआ है। यह अब तक खरीदी गई सोयाबीन की सबसे अधिक मात्रा भी है।

2018-19 से खरीद के आंकड़ों से पता चलता है कि केंद्र सरकार की प्रधानमंत्री अन्नदाता आय संरक्षण अभियान (पीएम-आशा) योजना के तहत एमएसपी मूल्य पर 10.74 लाख करोड़ रुपये वैल्यू की लगभग 195.39 लाख मीट्रिक टन दलहन, तिलहन और खोपरा की खरीद की गई है। इससे 99.3 लाख किसानों को फायदा हुआ है।

सरकार ने आगे कहा कि पीएम आशा का एक महत्वपूर्ण घटक बाजार हस्तक्षेप योजना (एमआईएस) है। यह योजना जल्दी खराब होने वाली फसलों जैसे टमाटर, प्याज और आलू के लिए है। इस योजना को राज्य/केंद्र शासित प्रदेश सरकार के अनुरोध पर तब लागू की जाती है, जब राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में पिछले सामान्य मौसम की दरों की तुलना में बाजार में कीमतों में कम से कम 10 प्रतिशत की कमी होती है।

Continue Reading

राजनीति

ईयर एंडर 2024: ‘अकाय’ से ‘इलई’ तक, चर्चा में बने रहे सेलेब्स के बच्चों के नाम

Published

on

लखनऊ,18 दिसंबर। भारतीय परंपरा में पतित पावनी, मोक्षदायिनी मानी जाने वाली मां गंगा को अविरल, निर्मल और प्रदूषण मुक्त बनाने के लिए योगी सरकार इसके अधिग्रहण क्षेत्र में बड़े पैमाने पर प्राकृतिक खेती और वनीकरण को बढ़ावा दे रही है।

सरकार की योजना है कि प्रदेश में गंगा जिन जिलों से गुजरती है उनके दोनों किनारों पर 10 किलोमीटर के दायरे में प्राकृतिक खेती को प्रोत्साहन दिया जाए। ऐसी खेती जिसमें रासायनिक खादों और जहरीले कीटनाशकों की जगह उपज बढ़ाने और फसलों के सामयिक संरक्षण के लिए पूरी तरह जैविक उत्पादों का प्रयोग हो ताकि रिसाव के जरिए रासायनिक खादों एवं कीटनाशकों का जहर गंगा में न घुल सके। गंगा के तटवर्ती 27 जनपदों में ‘नमामि गंगे योजना’ चलाई जा रही है जिसके अंतर्गत रसायन मुक्त खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है।

अद्यतन आंकड़ों के अनुसार गंगा के किनारे के 1000 से अधिक गांवों में प्राकृतिक खेती हो रही है। प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश के 54 जनपदों में परंपरागत कृषि विकास योजना संचालित की जा रही है। सरकार की मंशा निराश्रित गोवंश के नाते सबसे प्रभावित बुंदेलखंड को प्राकृतिक खेती के लिहाज से उत्तर प्रदेश का हब बनाना है। फिलहाल वहां करीब 24 हजार हेक्टेयर भूमि में प्राकृतिक खेती हो रही है।

योगी सरकार-1 से ही यह सिलसिला शुरू हो चुका है। जिन करीब 5,000 क्लस्टर्स में 18,000 से अधिक किसान लगभग 10 हजार हेक्टेयर में प्राकृतिक खेती कर रहे हैं, उनमें नमामि गंगा योजना के तहत करीब 3300 क्लस्टर्स में 6 लगभग 6500 हेक्टेयर में प्राकृतिक खेती हो रही है। इस खेती से जुड़े किसानों की संख्या एक लाख से अधिक है। इस तरह देखा जाए तो जैविक खेती का सर्वाधिक रकबा गंगा के मैदानी इलाके का ही है। इंडो-गंगेटिक मैदान का यह इलाका दुनिया की सबसे उर्वर भूमि में शुमार होता है।

इसी नाते ऑर्गेनिक फार्मिंग एसोसिएशन ऑफ इंडिया की ओर से नवंबर 2017 में इंडिया एक्सपो सेंटर एंड मार्ट ग्रेटर नोएडा में आयोजित जैविक कृषि कुंभ में विशेषज्ञों ने यह संस्तुति की थी गंगा के मैदानी इलाकों को जैविक खेती के लिए आरक्षित किया जाए। चूंकि हर साल आने वाली बाढ़ के कारण इस क्षेत्र की मिट्टी बदलकर उर्वर हो जाती है, इस नाते पूरे क्षेत्र में जैविक खेती की बहुत संभावना है। यही वजह है कि योगी सरकार-2 में गंगा के किनारे के सभी जिलों में जैविक खेती को विस्तार दिया गया।

एक तरफ जहां योगी सरकार का जोर प्राकृतिक खेती के प्रोत्साहन पर है तो वहीं गंगा की गोद को हरा भरा करने के लिए सरकार पौधरोपण अभियान के दौरान इस क्षेत्र में अधिक से अधिक पौधारोपण भी करवा रही है। उल्लेखनीय है कि अपने दूसरे कार्यकाल के शुरुआत में ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने छह महीने में गंगा के किनारे 6,759 हेक्टेयर में वनीकरण का लक्ष्य रखा है। इसके लिए जिन जिलों से गंगा गुजरती है उनमें से 503 जगहों का चयन किया गया था। अब ये सिलसिला और आगे तक बढ़ चुका है।

गंगा के किनारे सभी जिलों में गंगा वन लगाए जाने हैं। कासगंज और कई और जगहों पर इसकी शुरुआत भी हो चुकी है। प्रयास यह है कि ये वन बहुपयोगी हों और इनमें संबंधित जिले के कृषि जलवायु क्षेत्र के अनुसार परंपरागत से लेकर दुर्लभ और औषधीय प्रजाति के पौधे लगाए जाएं। कुछ ऐसी ही परिकल्पना गंगा सहित अन्य नदियों के किनारे बनने वाले बहुउद्देश्यीय तालाबों के किनारे भी होने वाले पौधरोपण के बारे में की गई है। मकसद एक है पर्यावरण संरक्षण। इससे होने वाले अन्य लाभ बोनस होंगे।

गंगा के अधिग्रहण क्षेत्र में हरियाली बढ़ाने के उद्देश्य से सरकार पहले से ही गंगा वन, गंगा तालाब और सिर्फ गंगा ही नहीं, गंगा की सहायक नदियों और अपेक्षाकृत प्रदूषित नदियों के किनारों पर भी सरकार की योजना सघन पौधरोपण की है। इससे न सिर्फ हरियाली बढ़ेगी, बल्कि प्राकृतिक तरीके से संबंधित नदियों का प्रदूषण भी दूर होगा। साथ ही कटान रुकने से उन क्षेत्रों में बाढ़ की समस्या या विकरालता भी कम होगी।

मालूम हो कि गंगा के मैदानी इलाके का अधिकांश इलाका उत्तर प्रदेश में ही है। गंगा की कुल लंबाई बांग्लादेश को शामिल करते हुए 2,525 किलोमीटर है। इसमें से भारत और उत्तर प्रदेश के क्रमशः 2,971 एवं 1,140 किलोमीटर का सफर गंगा नदी तय करती है। कुल मिलाकर गंगा नदी प्रदेश के बिजनौर, बदायू, अमरोहा, मेरठ, बुलंदशहर, अलीगढ़, फर्रुखाबाद, कन्नौज, कानपुर शहर, कानपुर देहात, फतेहपुर, प्रयागराज, मीरजापुर, वाराणसी, गाजीपुर, बलिया आदि से होकर गुजरती है।

Continue Reading

राजनीति

तकनीक से मौसम का पूर्वानुमान जान सकते हैं : सम्राट चौधरी

Published

on

पटना, 18 दिसंबर। बिहार के उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने बुधवार को कहा कि मौसम जीवन का अंग है। एक जमाना था, जब हमारे पूर्वज बिना घड़ी देखे समय बता देते थे, लेकिन अब समय बदल गया है। अब तकनीक के माध्यम से मौसम का पूर्वानुमान पता कर लिया जाता है।

पटना में भारत मौसम विज्ञान विभाग के ‘मौसम और जलवायु सेवा’ पर हितधारकों के साथ आयोजित बैठक को संबोधित करते हुए उप मुख्यमंत्री ने कहा कि एनडीए सरकार के दौरान मौसम विभाग में नवीनतम तकनीकों के समावेश के बाद अनेक उपलब्धियां हासिल हुई हैं। तकनीक और व्यवस्था के माध्यम से हम दुनिया में एक्यूरेट सिस्टम पर आ गए हैं। अब हमें पता चल जाता है कि कब बाढ़ आने वाली है, कब मौसम बदलने वाला है।

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में हमने बहुत काम किया है। बिहार में हमारी पूरी सिस्टम है। हमारे पास एनडीआरएफ है। हम पंचायत तक मौसम की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। अगर पंचायत में मौसम की जानकारी होती है तो उस हिसाब से किसान काम करते हैं। इस क्षेत्र में भारत सरकार जो कर रही है, वह करे, बिहार सरकार से जो भी मदद होगी, वह किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि प्रदेश में पूरी तरह एक्यूरेट मौसम की जानकारी प्राप्त करना हमारी प्राथमिकता है। उन्होंने कमांड सिस्टम पर जोर देते हुए कहा कि इससे बहुत लाभ होता है। बिहार में 12 विभाग हैं, जिसके पास अपना कमांड है। इस साल हम लोगों ने बाढ़ को भी कमांड करके देखा है। बिजली 400 मेगावाट खपत करते थे, अब काफी बढ़ गया है। मौसम विभाग का सहयोग होगा तो हम और आगे बढ़ सकते हैं। कृषि में भी मौसम के पूर्वानुमान से काफी सहयोग दिया जा सकता है।

Continue Reading
Advertisement
राजनीति3 hours ago

भारत में मोबाइल इस्तेमाल करने वालों की संख्या 115.12 करोड़ : केंद्र

व्यापार4 hours ago

भारत में 90 प्रतिशत से अधिक एचएएम सड़क परियोजनाएं स्थिर गति से बढ़ रहीं आगे : क्रिसिल

अनन्य4 hours ago

मुंबई: गेटवे ऑफ इंडिया से एलीफेंटा द्वीप जा रही नौका पलटने से 3 लोगों के मरने की आशंका 

बॉलीवुड5 hours ago

सोनाक्षी सिन्हा के तीखे जवाब पर मुकेश खन्ना ने तोड़ी चुप्पी, बोले- ‘मुझे खेद है’

राजनीति5 hours ago

केंद्र सरकार ने एमएसपी पर की 6 लाख मीट्रिक टन से ज्यादा दालों की खरीद

राजनीति5 hours ago

ईयर एंडर 2024: ‘अकाय’ से ‘इलई’ तक, चर्चा में बने रहे सेलेब्स के बच्चों के नाम

बॉलीवुड6 hours ago

ईयर एंडर 2024: ‘अकाय’ से ‘इलई’ तक, चर्चा में बने रहे सेलेब्स के बच्चों के नाम

बॉलीवुड7 hours ago

रिकी केज ने ऑस्कर के लिए ‘लापता लेडीज’ को बताया ‘गलत चुनाव’, बोले- ‘बाहर होना ही था’

राजनीति7 hours ago

तकनीक से मौसम का पूर्वानुमान जान सकते हैं : सम्राट चौधरी

राजनीति7 hours ago

अटल शताब्दी समारोह मनाएगी योगी सरकार, 19 से 25 दिसंबर तक चलेगा कार्यक्रम

महाराष्ट्र3 weeks ago

फडणवीस शुरुआती 2.5 साल तक महाराष्ट्र के सीएम रहेंगे, फिर भाजपा अध्यक्ष का पद संभालेंगे; बाद के आधे साल में शिंदे संभालेंगे कमान: रिपोर्ट

चुनाव4 weeks ago

महाराष्ट्र चुनाव: बीड के परली निर्वाचन क्षेत्र में महायुति कार्यकर्ताओं पर मतदान में तोड़फोड़ का आरोप, मतदान रोका गया

चुनाव4 weeks ago

महाराष्ट्र चुनाव वीआईपी सीट परिणाम 2024: मिलिंद देवड़ा ने वर्ली में आदित्य ठाकरे को पछाड़ दिया, युगेंद्र पवार बारामती में पीछे चल रहे हैं

अनन्य2 weeks ago

पैकेज्ड ड्रिंकिंग वाटर अब ‘उच्च जोखिम वाले खाद्य पदार्थ’ की श्रेणी में आ गया है: FSSAI ने किया वर्गीकरण; जानिए इसका क्या मतलब है

चुनाव4 weeks ago

महाराष्ट्र चुनाव परिणाम 2024: यूबीटी के संजय राउत ने साजिश का आरोप लगाया, कहा ‘यह राज्य के लोगों का फैसला नहीं हो सकता’

राष्ट्रीय समाचार4 weeks ago

संभल जामा मस्जिद विवाद: ‘शरारती तत्वों ने दायर की याचिका’, भारी सुरक्षा के बीच नमाज अदा करने मस्जिद पहुंचे सपा सांसद

दुर्घटना1 week ago

कुर्ला बस हादसा: काम के बाद घर लौट रही 20 वर्षीय महिला की कुचलकर मौत; पिता ने बीएमसी, हॉकर्स और ट्रैफिक पुलिस को ठहराया जिम्मेदार

अनन्य4 hours ago

मुंबई: गेटवे ऑफ इंडिया से एलीफेंटा द्वीप जा रही नौका पलटने से 3 लोगों के मरने की आशंका 

राष्ट्रीय समाचार3 weeks ago

पैन 2.0 परियोजना को कैबिनेट से मंजूरी मिली; जानिए सबकुछ

चुनाव4 weeks ago

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024: धुले पुलिस अधिकारियों ने शिरपुर में ₹94 करोड़ से अधिक मूल्य की 10,000 किलोग्राम चांदी की सिल्लियां जब्त कीं; दृश्य सामने आए

रुझान