राजनीति
भारत के विकास का केंद्र बनेगा पूर्वोत्तर, दक्षिण-पूर्वी देशों से जुड़ेगा मणिपुर : पीएम मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को कहा कि मणिपुर और पूर्वोत्तर क्षेत्र भारत के विकास मिशन का केंद्र होंगे और राज्य में निमार्णाधीन राजमार्गों को अंतरराष्ट्रीय व्यापार को बढ़ावा देने के लिए दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों से जोड़ा जाएगा। पीएम मोदी ने 4,815 करोड़ रुपये के निवेश के साथ 13 परियोजनाओं का उद्घाटन करने और कुल नौ परियोजनाओं की आधारशिला रखने के बाद इम्फाल के हप्ता कांगजीबुंग मैदान में एक जनसभा को संबोधित करते हुए यह बात कही।
प्रधानमंत्री ने कहा कि एक्ट ईस्ट ड्रीम के तहत पर्यटन और कनेक्टिविटी पर महत्वाकांक्षी परियोजनाओं को पूरी गंभीरता के साथ लागू किया जा रहा है, जबकि क्षेत्र में शांति बहाल कर दी गई है। उन्होंने कहा कि पूर्वोत्तर क्षेत्र के सैकड़ों उग्रवादियों ने हिंसा का रास्ता छोड़ दिया और विकास की मुख्यधारा में शामिल हो गए हैं।
उन्होंने कहा कि मणिपुर और पूर्वोत्तर क्षेत्र की पर्यटन संभावनाओं का सभी प्रकार की कनेक्टिविटी के साथ पूरा उपयोग किया जा रहा है।
पीएम ने कहा, “मैं जब प्रधानमंत्री नहीं बना था, उससे पहले भी अनेकों बार मणिपुर आया था। मैं जानता था कि आपके दिल में किस बात का दर्द है। और इसलिए 2014 के बाद मैं दिल्ली को, पूरी दिल्ली को, भारत सरकार को आपके दरवाजे तक लेकर आ गया। नेता हों, मंत्री हों, अफसर हों, मैंने सबको कहा कि इस क्षेत्र में आइए, लंबा समय गुजारिए और फिर यहां की जरूरत के मुताबिक योजनाएं बनाइए। और भावना ये नहीं थी कि आपको कुछ देना है। भावना ये थी कि आपका सेवक बनकर जितना हो सके आपके लिए, मणिपुर के लिए, नॉर्थ ईस्ट के लिए सम्पूर्ण समर्पण से, सम्पूर्ण सेवा भाव से काम करना है। और आपने देखा है, आज केंद्रीय मंत्रिमंडल में नॉर्थ ईस्ट के पांच प्रमुख चेहरे, देश के अहम मंत्रालय संभाल रहे हैं।”
उन्होंने आगे कहा, ” कॉमनवैल्थ खेलों से लेकर ओलंपिक्स तक, रेस्लिंग, आर्चरी और बॉक्सिंग से लेकर वेटलिफ्टिंग तक, मणिपुर ने एम सी मेरी कॉम, मीराबाई चानू, बोम्बेला देवी, लायश्रम सरिता देवी कैसे-कैसे बड़े नाम हैं, ऐसे बड़े-बड़े चैम्पियन्स दिये हैं। आपके पास ऐसे कितने ही होनहार हैं, जिन्हें अगर सही गाइडेंस और जरूरी संसाधन मिलें तो वो कमाल कर सकते हैं। यहां हमारे युवाओं में, हमारी बेटियों में ऐसी प्रतिभा भरी हुई है। इसीलिए हमने मणिपुर में आधुनिक स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी की स्थापना की है। ये यूनिवर्सिटी इन युवाओं को न केवल उनके सपनों से जोड़ने का काम करेगी, बल्कि खेल जगत में भारत को भी एक नई पहचान देगी। ये देश की नई स्पिरिट है, नया जोश है, जिसका नेतृत्व अब हमारे युवा, हमारी बेटियां करेंगी।”
प्रधानमंत्री ने कहा, ” केंद्र सरकार ने जो ऑयल पाम पर राष्ट्रीय मिशन शुरू किया है, उसका भी बड़ा लाभ नॉर्थ ईस्ट को होगा। आज भारत अपनी जरूरत पूरा करने के लिए विदेशों से बड़ी मात्रा में पाम ऑयल का आयात करता है। इस पर हजारों करोड़ रुपये खर्च किए जाते हैं। ये पैसे भारत के किसानों को मिलें, भारत खाद्य तेल के मामले में आत्मनिर्भर बने, इस दिशा में हमारे प्रयास जारी हैं। 11 हजार करोड़ रुपये के इस ऑयल पाम मिशन से, किसानों की आय बढ़ाने में बहुत मदद मिलेगी और ये ज्यादातर नॉर्थ-ईस्ट में होने वाला है। यहां मणिपुर में भी इस पर तेजी से काम हो रहा है। ऑयल पाम लगाने के लिए, नई मिलें लगाने के लिए सरकार आर्थिक मदद भी दे रही है। “
पिछली कांग्रेस सरकार का नाम लिए बिना प्रधानमंत्री ने कहा कि पहले लोग पूर्वोत्तर आना चाहते थे, लेकिन यहां पहुंचेंगे कैसे, ये सोचकर रुक जाते थे। इससे यहां के पर्यटन को, टूरिज्म सेक्टर को बहुत नुकसान होता था। लेकिन अब पूर्वोत्तर के शहर ही नहीं, बल्कि गांवों तक भी पहुंचना आसान हो रहा है। आज यहां बड़ी संख्या में नेशनल हाइवे का काम भी आगे बढ़ रहा है और गांव में भी प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत सैकड़ों किलोमीटर की नई सड़कें बन रही हैं। नैचुरल गैस पाइपलाइन जैसी जिन सुविधाओं को कुछ क्षेत्रों का विशेषाधिकार मान लिया था, वो भी अब पूर्वोत्तर तक पहुंच रही है। बढ़ती हुई ये सुविधाएं, बढ़ती हुई ये कनेक्टिविटी, यहां पर टूरिज्म बढ़ाएगी, यहां के नौजवानों के लिए रोजगार के नए अवसर बनाएगी।
मोदी ने पहाड़ी क्षेत्रों के विकास और लोगों के कल्याण के उपाय करने के लिए राज्य सरकार की योजनाओं – गो टू हिल्स और गो टू विलेज की सराहना की।
प्रधानमंत्री ने 1,700 करोड़ रुपये से अधिक की परियोजना लागत वाले राष्ट्रीय राजमार्गों, लगभग 1,100 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित 2,350 से अधिक मोबाइल टावरों और अत्याधुनिक 150-बिस्तर वाले कैंसर अस्पताल की आधारशिला रखी।
उन्होंने नवनिर्मित 200 बिस्तरों वाले कोविड अस्पताल, थौबल बहुउद्देश्यीय परियोजना की जल संचरण प्रणाली और राष्ट्रीय राजमार्ग-37 पर बराक नदी पर एक महत्वपूर्ण इस्पात पुल का भी उद्घाटन किया।
मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने अपने भाषण में राज्य के विकास और लोगों के कल्याण के लिए केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा शुरू की गई विकास परियोजनाओं पर प्रकाश डाला।
इस अवसर पर राज्यपाल ला गणेशन, केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव, केंद्रीय विदेश और शिक्षा राज्य मंत्री राजकुमार रंजन सिंह सहित अन्य लोग उपस्थित थे।
प्रधानमंत्री ने मणिपुर में विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार अभियान की शुरूआत वर्चुअल की। 60 सीटों वाली मणिपुर विधानसभा के लिए चुनाव अगले साल फरवरी-मार्च में होने की संभावना है, साथ ही उत्तर प्रदेश, पंजाब, उत्तराखंड और गोवा में विधानसभा चुनाव होने हैं।
प्रधानमंत्री के कार्यक्रम के लिए मणिपुर में व्यापक सुरक्षा व्यवस्था की गई थी।
राष्ट्रीय समाचार
मुंबई बारिश: बीएमसी के बहादुर कर्मचारी ने खुले मैनहोल से नागरिकों की रक्षा की, त्रासदी को रोका

दादर पूर्व की हिंदू कॉलोनी का एक वीडियो वायरल हुआ है, जिसमें बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) का एक कर्मचारी भारी बारिश के दौरान नागरिकों की सुरक्षा के लिए अपनी जान जोखिम में डालता दिख रहा है। कर्मचारी एक खुले मैनहोल के पास बैठकर पैदल चलने वालों और वाहन चालकों को चेतावनी दे रहा था ताकि कोई भी पानी से भरे गड्ढे में न गिरे।
हर मानसून में, मुंबई में खुले मैनहोल के कारण दुर्घटनाएँ होती हैं, जिनमें से कुछ जानलेवा भी होती हैं। जिस दिन शहर जलमग्न सड़कों और बाधित रेल सेवाओं से जूझ रहा था, उस दिन साहस का यह मौन कार्य सामने आया, जब एक मज़दूर मूसलाधार बारिश में जूझ रहे मुंबईवासियों के लिए एक वास्तविक अभिभावक बन गया।
क्लिप में एक कर्मचारी बारिश में भीगता हुआ दिखाई दे रहा है, फिर भी वह दुर्घटनाओं को रोकने के अपने कर्तव्य पर अडिग है। ऐसे उपाय शहर की तैयारियों में कमियों को उजागर करते हैं, खासकर तब जब बीएमसी को भारत का सबसे धनी नगर निकाय माना जाता है।
उन्नत पंपों और जल निकासी मशीनों के बावजूद, कर्मचारियों को अभी भी खुले मैनहोल की रखवाली जैसे खतरनाक तरीकों का इस्तेमाल करने के लिए मजबूर होना पड़ता है। इस घटना ने इस बात पर बहस छेड़ दी है कि 2025 में नगर निगम कर्मचारियों को इतना जोखिम क्यों उठाना होगा।
रविवार रात से मुंबई में भारी बारिश हो रही है, जिससे कई निचले इलाकों में पानी भर गया है। हिंदमाता, किंग्स सर्कल, माटुंगा, फाइव गार्डन और हिंदू कॉलोनी एक बार फिर जलभराव वाले हॉटस्पॉट बन गए हैं, जिससे यात्री फंस गए हैं।
बीएमसी ने पानी निकालने के लिए उच्च क्षमता वाले पंप लगाए, लेकिन मूसलाधार बारिश जारी रहने के कारण जल निकासी धीमी रही। कई इलाकों में, पानी की दिशा मोड़ने और राहत कार्यों में तेज़ी लाने के लिए कर्मचारी मैनहोल खोलते देखे गए।
मुंबई की जीवनरेखा, लोकल ट्रेनें भी इससे अछूती नहीं रहीं। पटरियों पर भारी जलभराव के कारण सेवाएँ बाधित हुईं, जबकि दादर, माटुंगा और सायन के कुछ हिस्सों में सड़क यातायात धीमा पड़ गया। फंसे हुए यात्री राहत की उम्मीद में अपनी गाड़ियाँ घुटनों तक पानी में चलकर पार कर रहे थे।
अपराध
मुंबई: बोरीवली पुलिस ने कांदिवली में कथित ज़मीन धोखाधड़ी के लिए डेवलपर के उत्तराधिकारियों पर मामला दर्ज किया

CRIME
मुंबई: बोरीवली पुलिस ने एक डेवलपर के उत्तराधिकारियों के खिलाफ बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) को कथित रूप से जाली दस्तावेज प्रस्तुत करने के आरोप में मामला दर्ज किया है। यह डेवलपर अतिरिक्त फ्लोर स्पेस इंडेक्स (एफएसआई) के लिए बीएमसी को पूर्व में सौंपी गई 2.5 एकड़ भूमि को पुनः प्राप्त करने का प्रयास कर रहा था।
बीएमसी की शिकायत के बाद 4 अगस्त को दर्ज इस मामले की जाँच क्राइम ब्रांच कर रही है। एफआईआर के अनुसार, 1967 के बीएमसी रिकॉर्ड बताते हैं कि कांदिवली पश्चिम में 67,932.75 वर्ग मीटर ज़मीन नानूभाई भट की थी। इसमें से 29,696.34 वर्ग मीटर ज़मीन बीएमसी ने स्कूल, अस्पताल और पार्क जैसी नागरिक सुविधाओं के लिए आरक्षित की थी। 1973 में, भट ने अपने पाँच बच्चों के साथ मिलकर मेसर्स इंडियन प्लाबांगो नामक कंपनी बनाई।
23 मार्च, 1978 को, कंपनी ने बीएमसी को सूचित किया कि वह अतिरिक्त एफएसआई के लिए आरक्षित भूमि सौंप देगी। 15 मई, 1978 को, भूमि बीएमसी को हस्तांतरित कर दी गई, जिसने भट की कंपनी को आरक्षित भूखंडों पर 50% एफएसआई और डीपी रोड पर 100% एफएसआई प्रदान करने वाली रसीद जारी की। भट की कंपनी ने जीबीजेजे कोऑपरेटिव हाउसिंग सोसाइटी के लिए अनारक्षित पाँच एकड़ भूमि पर 18 आवासीय भवन बनाए।
बीएमसी ने समर्पित ज़मीन का स्वामित्व हस्तांतरित करने और चारदीवारी बनाने का आदेश दिया था, लेकिन कंपनी ने इसका पालन नहीं किया। 2002 में, भट के पाँच बच्चों—जगदीश भट, सुरेशचंद्र भट, गिरीश भट, वत्सला जोशी और मालिनी दवे—ने कथित तौर पर विवादित ज़मीन पर अपने नाम बीएमसी की जानकारी के बिना जोड़ दिए, जबकि कंपनी ने पहले ही ज़मीन समर्पित कर दी थी।
एफआईआर में आरोप लगाया गया है कि 19 फ़रवरी, 2004 को उत्तराधिकारियों ने मेसर्स शाह एंड संस के साझेदारों वादीलाल शाह और विजय सेठ को दिए गए पावर ऑफ अटॉर्नी के ज़रिए बीएमसी द्वारा अधिग्रहित ज़मीन को धोखाधड़ी से तीसरे पक्ष को सौंप दिया। अक्टूबर 2024 में, वादीलाल शाह ने यह पावर ऑफ अटॉर्नी अपनी पत्नी भावना शाह को हस्तांतरित कर दी, जिन्होंने अपने बेटे रिंकेश शाह के साथ मिलकर उस ज़मीन की खरीद-फरोख्त की, जो पहले से ही सार्वजनिक सुविधाओं के लिए बीएमसी के कब्जे में थी।
आरसेंट्रल वार्ड के 41 वर्षीय सहायक अभियंता सुनील शेटे ने बीएमसी की ओर से शिकायत दर्ज कराई है। आरोपियों पर भारतीय न्याय संहिता की धारा 316(2) (आपराधिक विश्वासघात), 318(4) (धोखाधड़ी), 336(3) (जालसाजी), 338 (मूल्यवान प्रतिभूति की जालसाजी) और अन्य संबंधित धाराओं के तहत आरोप लगाए गए हैं।
दुर्घटना
ठाणे: दिवा में चॉल का एक हिस्सा गिरा; 10 लोगों को बचाया गया, निवासियों को निकाला गया

ठाणे: महाराष्ट्र के ठाणे जिले में एक चॉल की गैलरी का एक हिस्सा ढह गया, जिससे 10 लोग फंस गए। अधिकारियों ने सोमवार को यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि यह घटना रविवार रात करीब साढ़े दस बजे हुई। बाद में फंसे लोगों को बचा लिया गया और एहतियात के तौर पर चॉल के सभी 40 फ्लैटों को खाली करा दिया गया।
ठाणे नगर निगम के आपदा प्रबंधन प्रकोष्ठ के प्रमुख यासीन तड़वी ने बताया कि दिवा क्षेत्र में संजय म्हात्रे चॉल की पहली मंजिल पर गैलरी स्लैब का एक हिस्सा ढह गया।
उन्होंने बताया कि पहली मंजिल पर तीन फ्लैटों में दस लोग फंस गए थे और बाद में अग्निशमन कर्मियों ने उन्हें बचा लिया।
उन्होंने बताया कि एक मंजिला चॉल, जो अनुमानतः 15 से 20 वर्ष पुरानी है, खतरनाक इमारत की सूची में नहीं है।
संरचना की खतरनाक स्थिति को देखते हुए, अतिरिक्त सुरक्षा उपाय किए गए।
चॉल में कुल 40 फ्लैट हैं और एहतियात के तौर पर उन्हें खाली करा दिया गया है। अधिकारी ने बताया कि लगभग 35 से 40 निवासियों को अगले निरीक्षण और मरम्मत तक अस्थायी रूप से अपने रिश्तेदारों के घर चले जाने की सलाह दी गई है।
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