राजनीति
यूपी के 70 जिलों में नहीं मिले नए कोविड केस

उत्तर प्रदेश में कोरोना के हालात नियंत्रण में है। स्वास्थ विभाग से मिली जानकारी के अनुसार 41 जिलों में कोविड का भी मरीज नहीं है, तो 17 जिलों में 01-01 मरीज ही शेष हैं। बीते 24 घंटों में 1 लाख 38 हजार 271 नमूनों की जांच हुई, जहां गौतमबुद्ध नगर और प्रयागराज में 2-2 और बलरामपुर, बस्ती और गाजीपुर में 1-1 नए मरीज मिले। इसी अवधि में 10 मरीज स्वस्थ भी हुए। फिलहाल प्रदेश में कुल 102 कोरोना मरीज हैं। इसके साथ ही, दूसरे राज्यों की स्थिति को देखते हुए यूपी में सर्विलांस और जागरूकता अभियान तेज कर दिया गया है।
मंगलवार को उच्चस्तरीय टीम-09 के साथ समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश में एग्रेसिव ट्रेसिंग, टेस्टिंग और त्वरित ट्रीटमेंट के साथ-साथ तेज टीकाकरण की नीति के अच्छे परिणाम मिले हैं। बीते 30 अप्रैल को यहां 3,10,786 कोरोना मरीज थे, लेकिन लगातार कोशिशों से आज यह संख्या महज 102 बची है, जबकि 16,87,165 लोग संक्रमण से ठीक हो चुके हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कानपुर में अब तक हुई 750 से अधिक सैम्पल की जांच में जीका वायरस के 11 मरीज मिले हैं। ऐसे में सर्विलांस को और बेहतर करने की जरूरत है। डेंगू और डायरिया के मरीजों की संख्या में आई कमी का संज्ञान लेते हुए मुख्यमंत्री ने निगरानी समितियों को एक्टिव रखने के निर्देश दिए।
उन्होंने निर्देश दिए कि मरीजों की पहचान करने और जरूरत के अनुसार सभी को बेहतर उपचार मुहैया कराने के लिए सभी प्रबंध किए जाएं। वहीं, त्योहारों को दृष्टिगत रखते हुए मुख्यमंत्री ने मास्क की अनिवार्यता को लेकर लोगों को जागरूक करने की भी जरूरत बताई।
कोविड टेस्ट और टीकाकरण की देशव्यापी स्थिति में यूपी पहले पायदान पर बना हुआ है। प्रदेश में अब तक 13 करोड़ 17 लाख से अधिक कोविड वैक्सीन डोज लगाए जा चुके हैं। 03 करोड़ 32 लाख से अधिक लोगों को टीके की दोनों डोज देकर कोविड का सुरक्षा कवर प्रदान कर दिया गया है। जबकि 09 करोड़ 85 लाख लोगों ने टीके की पहली डोज प्राप्त कर ली है। टीकाकरण के लिए पात्र प्रदेश की कुल आबादी के 67 फीसदी लोगों ने पहली डोज प्राप्त कर ली है। सीएम के निर्देश पर अब पहले डोज के लिए ऑनलाइन स्लॉट बुक करने की अनिवार्यता समाप्त कर दी गई है। अब सीधे टीकाकरण केंद्र पर संपर्क कर वैक्सीन लगवाई जा सकती है।
जनपद आगरा, अलीगढ़, अमेठी, अमरोहा, औरैया, अयोध्या, बदायूं, बागपत, बलिया, बहराइच, भदोही, बिजनौर, बुलंदशहर, चन्दौली, चित्रकूट, देवरिया, एटा, इटावा, गाजीपुर, गोंडा, हमीरपुर, हापुड़, हरदोई, हाथरस, जौनपुर, कानपुर देहात, कासगंज, कुशीनगर, महराजगंज, महोबा, मैनपुरी, मीरजापुर, प्रतापगढ़, संतकबीरनगर, शामली, श्रावस्ती, सिद्धार्थनगर, सीतापुर, सोनभद्र, सुल्तानपुर और उन्नाव में कोविड का एक भी मरीज शेष नहीं है। यह जनपद आज कोविड संक्रमण से मुक्त हैं।
राजनीति
गीता और नाट्यशास्त्र यूनेस्को ‘मेमोरी ऑफ द वर्ल्ड रजिस्टर’ में शामिल, पीएम मोदी बोले, ‘हर भारतीय के लिए गर्व का क्षण’

नई दिल्ली, 18 अप्रैल। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘श्रीमद्भगवद्गीता’ और भरत मुनि के ‘नाट्यशास्त्र’ को यूनेस्को के ‘मेमोरी ऑफ द वर्ल्ड रजिस्टर’ में शामिल किए जाने पर खुशी जाहिर की। उन्होंने इसे प्रत्येक भारतीय के लिए गर्व का क्षण बताया।
दरअसल, शुक्रवार को केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ के जरिए जानकारी दी कि ‘गीता’ और ‘नाट्यशास्त्र’ को यूनेस्को के ‘मेमोरी ऑफ द वर्ल्ड रजिस्टर’ में शामिल किया गया है।
केंद्रीय मंत्री शेखावत के इसी पोस्ट का जवाब देते हुए पीएम मोदी ने लिखा, ”समूचे विश्व में प्रत्येक भारतीय के लिए गर्व का क्षण। गीता और नाट्यशास्त्र को यूनेस्को के ‘मेमोरी ऑफ द वर्ल्ड रजिस्टर’ में शामिल किया जाना हमारे शाश्वत ज्ञान और समृद्ध संस्कृति को वैश्विक मान्यता प्रदान किया जाना है। गीता और नाट्यशास्त्र ने सदियों से सभ्यता और चेतना का पोषण किया है। उनकी अंतर्दृष्टि दुनिया को प्रेरित करना जारी रखे हुए है।”
इससे पहले केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, ”भारत की सभ्यतागत विरासत के लिए एक ऐतिहासिक क्षण। श्रीमद्भगवद्गीता और भरत मुनि का नाट्यशास्त्र अब यूनेस्को के ‘मेमोरी ऑफ द वर्ल्ड रजिस्टर’ में शामिल किया गया हैं। यह वैश्विक सम्मान भारत की शाश्वत बुद्धिमत्ता और कलात्मक प्रतिभा का जश्न मनाता है।”
उन्होंने आगे लिखा, ”ये कालातीत रचनाएं साहित्यिक खजाने से कहीं अधिक हैं, ये दार्शनिक और सौंदर्यपरक आधार हैं, जिन्होंने भारत के विश्व-दृष्टिकोण और हमारे सोचने, महसूस करने, जीने और अभिव्यक्ति के तरीके को आकार दिया है। इसके साथ ही, अब इस अंतर्राष्ट्रीय रजिस्टर में हमारे देश के 14 अभिलेख शामिल हो गए हैं।”
‘मेमोरी ऑफ द वर्ल्ड रजिस्टर’ यूनेस्को की तरफ से शुरू किया गया एक प्रोग्राम है, जिसका मकसद विश्वभर के महत्वपूर्ण दस्तावेजी विरासत को संरक्षित करना है। इसके साथ ही इसे आसानी से लोगों तक पहुंचाना होता है। इस कार्यक्रम की शुरुआत 1992 में हुई थी।
सांस्कृतिक और प्राकृतिक धरोहर के सम्मान और संरक्षण के लिए हर साल 18 अप्रैल को ‘विश्व धरोहर दिवस’ मनाया जाता है। विश्व धरोहर सम्मेलन 1972 में यूनेस्को द्वारा किया गया एक अंतर्राष्ट्रीय समझौता है। विश्व धरोहर सम्मेलन को दुनिया भर के देशों ने महत्वपूर्ण सांस्कृतिक और प्राकृतिक स्थलों की सुरक्षा के लिए अपनाया था।
राजनीति
‘जाट’ पर धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का आरोप, सनी-रणदीप के खिलाफ केस दर्ज

जालंधर, 18 अप्रैल। सनी देओल, रणदीप हुड्डा स्टारर हालिया रिलीज फिल्म ‘जाट’ मुश्किलों में घिरती दिख रही है। फिल्म पर धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का आरोप लगा है। जालंधर के थाना सदर में सनी देओल, रणदीप हुड्डा समेत टीम के अन्य सदस्यों के खिलाफ केस दर्ज कराया गया है।
जालंधर के थाना सदर में ‘जाट’ फिल्म के अभिनेता सनी देओल, रणदीप हुड्डा, वीनित कुमार, निर्देशक गोपीचंद मलिनेनी, प्रोड्यूसर नवीन मलिनेनी के खिलाफ केस दर्ज कराया गया है। फिल्म के सदस्यों पर मामला जालंधर के गांव फोलरीवाल निवासी विकल्फ गोल्ड के बयानों पर दर्ज हुआ है। धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने की धारा 299 बीएनएस के तहत दर्ज किया गया है।
ईसाई समुदाय ने हाल ही में ‘जाट’ फिल्म में एक सीन को लेकर पुलिस कमिश्नरेट दफ्तर के बाहर प्रदर्शन किया था। समुदाय का आरोप है कि फिल्म के एक सीन में प्रभु यीशु और धर्म से जुड़ी पवित्र चीजों की बेअदबी की गई है, जिसे लेकर उन्होंने अधिकारियों को मामला दर्ज करवाने की मांग के साथ पत्र सौंपा था। पुलिस को दिए गए शिकायती पत्र में बताया गया कि ‘जाट’ मूवी में प्रभु यीशु मसीह के सलीब (लकड़ी का बना क्रॉस) वाले दृश्य की नकल करके ईसाईयों की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाया गया है।
‘जाट’ का निर्देशन गोपीचंद मलिनेनी ने किया है। सनी देओल के साथ फिल्म में रणदीप हुड्डा, विनीत कुमार सिंह, सैयामी खेर और रेजिना कैसंड्रा भी अहम भूमिकाओं में हैं। फिल्म में अभिनेता रणदीप हुड्डा खतरनाक खलनायक ‘रणतुंगा’ के किरदार में हैं। फिल्म में उर्वशी रौतेला का एक आइटम सॉन्ग ‘टच किया’ भी है।
हिंदी के साथ ही तमिल और तेलुगू में रिलीज हुई फिल्म ‘जाट’ का निर्माण मैत्री मूवी मेकर्स ने पीपल मीडिया फैक्ट्री के साथ मिलकर किया है।
10 अप्रैल को रिलीज हुई ‘जाट’ का बॉक्स ऑफिस पर शानदार प्रदर्शन जारी है। फिल्म 60 करोड़ से ज्यादा की कमाई कर चुकी है।
सफलता से उत्साहित निर्माताओं ने जाट 2 की घोषणा भी कर दी है। निर्माताओं ने बताया कि जाट 2 नए मिशन के साथ दर्शकों के सामने आएगी।
राजनीति
अखिलेश यादव ने जैन समाज को लेकर साधा भाजपा पर निशाना

लखनऊ, 18 अप्रैल। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने जैन समाज को लेकर भाजपा पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि भाजपा समर्थित एक ऐसा बहुत बड़ा वर्ग है, जो जैनियों से उनका सब कुछ छीन लेना चाहता है।
सपा मुखिया अखिलेश यादव ने शुक्रवार को सोशल मीडिया मंच एक्स पर लिखा कि वर्तमान समय में देश में अल्पसंख्यक होना एक अभिशाप बनता जा रहा है। आज अल्पसंख्यक जैन समुदाय में भय, असुरक्षा और अनिश्चितता की जो भावना व्याप्त है, वह अत्यधिक चिंता का विषय है। जिसकी चर्चा, निंदा और आक्रोशपूर्ण प्रतिक्रिया संपूर्ण विश्व में हो रही है।
उन्होंने लिखा कि शांतिप्रिय जैन समाज पर अचानक बढ़ते जा रहे हमलों की कड़ी में मध्य प्रदेश के सिंगोली थाना क्षेत्र में एक मंदिर के प्रांगण में जैन मुनियों पर हुआ हिंसक हमला शारीरिक हमले की श्रेणी में आता है। जबलपुर में भाजपाई और उनके संगी-साथी के बीच लीक हुए टेलीफोनिक ऑडियो में जैनियों के बारे में की गई बेहद दुर्भावनापूर्ण-आपत्तिजनक टिप्पणियां एक वाचिक हमला रही और मुंबई में जैन मंदिर के ध्वस्तीकरण और जैन तीर्थंकरों की मूर्तियों, जिनवाणी व अन्य पूजनीय ग्रंथों और शास्त्रों का निर्वासन और निरादर बेहद गंभीर और घोर निंदनीय कुकृत्य की श्रेणी में आएगा।
अखिलेश यादव ने लिखा कि आखिर ये क्यों होता है कि जहां-जहां भी भाजपा सरकार हैं, वहां-वहां जैनियों के तीर्थस्थलों, मंदिरों, जिनालयों, चैत्यालयों, समाजसेवी संस्थानों और समाज के साथ ऐसी विद्वेषपूर्ण घटनाएं हो रही हैं। भाजपा समर्थित एक ऐसा बहुत बड़ा वर्ग है, जो जैनियों की धार्मिक, सार्वजनिक, व्यापारिक-व्यावसायिक ही नहीं बल्कि व्यक्तिगत संपत्तियों पर भी आंख गड़ाए बैठा है और जैनियों को अल्पसंख्यक ही मानकर उनसे उनका सब कुछ छीन लेना चाहता है।
उन्होंने कहा कि चाहे भाजपा शासित गुजरात में ‘श्री गिरनार जी’ के मंदिर पर कब्जे का प्रकरण हो या फिर ‘श्री सम्मेद शिखर जी’ पर केंद्र की भाजपा सरकार का आपत्तिजनक हस्तक्षेप। कुछ साल पहले भाजपा राज में ही उत्तर प्रदेश के बागपत-बड़ौत के एक जैन कॉलेज की वह घटना जिसमें जैनियों की पूज्य ‘श्रुतिदेवी’ की प्रतिमा स्थापित करने का उग्र विरोध भाजपाई संगी-साथियों ने किया था। मध्य प्रदेश के नीमच में एक बुजुर्ग जैन 65 वर्षीय ‘भंवरलाल जैन’ को भाजपा सत्ता समर्थित एक प्रभुत्वशाली व्यक्ति द्वारा थप्पड़ मार-मारकर मार डालने की वीभत्स घटना। ये सब कुछ जैन समुदाय के उत्पीड़न के ही मामले हैं।
सपा मुखिया ने कहा कि जैन समाज आज भाजपा से पूछ रहा है कि भाजपा की निगाह में हमारा महत्व क्या सिर्फ़ चंदा देने तक सीमित है, हमारे धर्म की और हमारी रक्षा कौन करेगा? जब हम दबाव डालते हैं तो हर बार बाद में माफ़ी मांगने का नाटक किया जाता है। मंदिर को दोबारा बनाने से मूर्तियों, पूजनीय पुस्तकों और जैन समाज-समुदाय का जो अपमान हुआ है, क्या वह वापस आएगा?
अखिलेश यादव ने जैन दर्शन की शिक्षा को अतुलनीय बताते हुए कहा कि सत्ताधारी भाजपाइयों द्वारा की गई ऐसी हतोत्साहित करने वाली घटनाएं जैन समुदाय को चाहकर भी कमजोर नहीं कर पाएंगी, क्योंकि वह अल्पसंख्यक के रूप में उस 90 फीसदी जनसंख्या का हिस्सा हैं, जिनकी ‘पीडीए’ के समेकित रूप में रक्षा-सुरक्षा और एकजुटता का संकल्प हम सबने लिया है। इस कठिन समय में हम सब जैन समाज के साथ हैं। जैन समाज याद रखे, भाजपाई किसी के सगे नहीं हैं।
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