राष्ट्रीय
बुधवार को पेट्रोल, डीजल की कीमतों में कोई बदलाव नहीं

वैश्विक तेल कीमतों में उतार-चढ़ाव के बीच तीन सप्ताह के ब्रेक के बाद दोनों ईंधनों की पंप कीमतों में एक साथ बढ़ोतरी के एक दिन बाद बुधवार को ऑटो ईंधन पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कोई बदलाव नहीं हुआ। इस सप्ताह की शुरूआत में तीन साल के उच्च स्तर 80 डॉलर प्रति बैरल की शूटिंग के बाद बेंचमार्क कच्चे तेल की कीमतें अब 78 डॉलर प्रति बैरल पर आ गई हैं।
ईंधन की कीमतों में कोई बदलाव नहीं होने से डीजल की कीमत 89.57 रुपये प्रति लीटर और पेट्रोल की कीमत 101.39 रुपये प्रति लीटर बनी हुई है।
पेट्रोल की कीमतों में 5 सितंबर से स्थिरता बनी हुई थी, लेकिन तेल कंपनियों ने हाल ही में उत्पाद की कीमतों में तेजी को देखते हुए मंगलवार को अपने पंप की कीमतें बढ़ा दीं।
तेल विपणन कंपनियों ने कीमतों में कोई बदलाव करने से पहले वैश्विक तेल स्थिति पर अपनी नजर बनाए रखने को प्राथमिकता दी। यही वजह है कि पिछले तीन हफ्ते से पेट्रोल की कीमतों में बदलाव नहीं किया गया। लेकिन वैश्विक तेल मूल्य में अत्यधिक अस्थिरता ने अब ओएमसी को वृद्धि को प्रभावित करने के लिए प्रेरित किया है।
ओएमसी की प्रतीक्षा और निगरानी योजना पहले उपभोक्ताओं की राहत के लिए आई थी क्योंकि उस अवधि के दौरान कोई बदलाव नहीं आया जब कच्चे तेल की कीमत अमेरिकी उत्पादन और सूची में कमी और मांग में चरम पर थी। इसके लिए पेट्रोल और डीजल की कीमत में लगभग 1 रुपये की वृद्धि की आवश्यकता होती है।
मुंबई में पेट्रोल की कीमत अब 107.47 रुपये प्रति लीटर है जबकि डीजल की कीमत 97.21 रुपये प्रति लीटर है।
देशभर में भी पेट्रोल और डीजल की कीमतें बुधवार को स्थिर रहीं, लेकिन राज्य में स्थानीय करों के स्तर के आधार पर उनकी खुदरा दरें अलग-अलग है।
देश में ईंधन की कीमतें इस साल अप्रैल से इसकी खुदरा दरों में 41 वृद्धि के कारण रिकॉर्ड स्तर पर मंडरा रही हैं। यह कुछ मौकों पर गिरा लेकिन काफी हद तक स्थिर रहा।
वैश्विक बेंचमार्क ब्रेंट क्रूड मंगलवार को 80 डॉलर प्रति बैरल से ऊपर चढ़ने के बाद गिरकर 78 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया। सप्ताह के लिए तेल की दरें 2 फीसदी बढ़ी हैं और यह पांचवां साप्ताहिक लाभ है।
5 सितंबर से, जब पेट्रोल और डीजल दोनों की कीमतों में बदलाव किया गया । अंतर्राष्ट्रीय बाजार में पेट्रोल और डीजल की कीमत अगस्त के दौरान औसत कीमतों की तुलना में लगभग 6-7 डॉलर प्रति बैरल अधिक रही है।
तेल कंपनियों द्वारा अपनाए गए मूल्य निर्धारण फार्मूले के तहत, उनके द्वारा दैनिक आधार पर पेट्रोल और डीजल की दरों की समीक्षा और बदलाव किया जाना है। नई कीमतें सुबह छह बजे से प्रभावी हो गई हैं।
कीमतों की दैनिक समीक्षा और बदलाव पिछले 15 दिनों में अंतर्राष्ट्रीय बाजार में बेंचमार्क ईंधन की औसत कीमत और विदेशी विनिमय दरों पर आधारित है।
लेकिन, वैश्विक तेल कीमतों में उतार-चढ़ाव ने ओएमसी को इस फॉर्मूले का समग्रता से पालन करने से रोक दिया है और अब लंबे अंतराल के साथ बदलाव किए जा रहे हैं। इसने कंपनियों को ईंधन की कीमतों में वृद्धि करने से भी रोका है, जब भी उनका विश्व स्तर पर आगमन और ईंधन की पंप कीमत के बीच बेमेल है।
आपदा
कौशांबी में आकाशीय बिजली का कहर: चार बच्चों की मौत, पांच झुलसे

कौशांबी, 20 जून। उत्तर प्रदेश के कौशांबी जिले में आसमानी आफत ने कहर बरपाया है। अलग-अलग स्थानों में आकाशीय बिजली गिरने से चार बच्चों की मौत हो गई, जबकि 5 बच्चे झुलस गए। कौशांबी के एएसपी राजेश सिंह ने इसकी पुष्टि की है। पुलिस अधिकारी ने बताया कि कौशांबी जिले के अलग-अलग दो थाना क्षेत्रों में आकाशीय बिजली गिरने की घटनाएं हुईं, जिसमें 4 बच्चों की मौत हो गई और 5 बच्चे झुलस गए।
जानकारी के मुताबिक, दोनों घटनाएं मंझनपुर तहसील क्षेत्र की हैं। पहली घटना सराय थाना क्षेत्र के जुगराजपुर गांव की है, जहां 4 बच्चे खेतों में पशु चरा रहे थे। अचानक मौसम बिगड़ा और बारिश शुरू हो गई। सभी बच्चे घर की ओर लौटने लगे, लेकिन इसी दौरान तेज आवाज के साथ आकाशीय बिजली गिरी। इसकी चपेट में आकर 13 वर्षीय सतीश कुमार और 13 वर्षीय मनी की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि 8 वर्षीय दिपांजलि और 10 वर्षीय पवन झुलस गए। दोनों का उपचार जिला अस्पताल में जारी है।
दूसरी घटना कौशांबी थाना क्षेत्र के तारा का पुरवा गांव में हुई, जहां पांच बच्चे खेत में पशु चरा रहे थे। बारिश शुरू होते ही वो सभी एक पेड़ के नीचे खड़े हो गए। तभी तेज चमक और धमाके के साथ बिजली पेड़ पर गिर गई। हादसे में 16 वर्षीय गोविंद निषाद और 15 वर्षीय रूपा देवी की मौत हो गई, जबकि तीन अन्य बच्चे गंभीर रूप से झुलस गए।
घटना की सूचना मिलते ही स्थानीय पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंचे। घायलों को तुरंत अस्पताल पहुंचाया गया और मृतकों के शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया। पुलिस अधिकारी ने बताया कि 5 घायलों में से 2 ठीक होकर घर जा चुके हैं, जबकि 3 का इलाज चल रहा है।
इसके पहले 15 जून को प्रयागराज में आकाशीय बिजली गिरने से एक ही परिवार के 4 लोगों की मौत हो गई थी। जिले के बारा थाना क्षेत्र के सोनबरसा गांव में आकाशीय बिजली गिरी, जिसकी चपेट में आने से एक ही परिवार के 4 सदस्यों की मौत हो गई। मृतकों में पति-पत्नी के अलावा दो बच्चियां शामिल थीं।
राजनीति
पीएम मोदी को ओडिशा के इलाकों में जाकर वास्तविक स्थिति का अध्ययन करना चाहिए : कांग्रेस नेता श्रीकांत जेना

भुवनेश्वर, 20 जून। बिहार को हजारों करोड़ की परियोजनाओं की सौगात देने के बाद प्रधानमंत्री मोदी ओडिशा की यात्रा पर रवाना होंगे। इस बीच, कांग्रेस ने पीएम मोदी के ओडिशा दौरे को लेकर राज्य सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार सत्ता में एक साल पूरा होने का जश्न मना रही है, लेकिन यहां की महिलाएं अत्याचारों का सामना कर रही हैं।
कांग्रेस नेता श्रीकांत जेना ने प्रधानमंत्री के दौरे को लेकर कहा, “राज्य सरकार के सत्ता में एक साल पूरा होने का आज जश्न मनाया जा रहा है और इसी के चलते प्रधानमंत्री ओडिशा दौरे पर आ रहे हैं। हालांकि, हम सरकार के खिलाफ यहां शांतिपूर्ण विरोध कर रहे हैं। वे जश्न मना सकते हैं, लेकिन सच यह है कि लोग दुख झेल रहे हैं। खासकर महिलाओं पर अत्याचार हो रहे हैं और हम उनके लिए न्याय की मांग कर रहे हैं।”
कांग्रेस नेता ने राज्य सरकार पर सवाल उठाते हुए कहा, “लोगों को उनके घरों में पीटा गया और यह सबने देखा। लोग मर रहे हैं, उनकी आवाज दबाई जा रही है। यहां न्याय के लिए कोई जगह नहीं बची। उनकी पुकार भी नहीं सुनी जा रही। लोग बिना राहत के कष्ट झेल रहे हैं। मैं पूछना चाहता हूं कि ओडिशा को पिछले एक साल में क्या मिला है? इसलिए हम इन मुद्दों को उजागर करने की कोशिश कर रहे हैं, ताकि प्रधानमंत्री को जमीनी हकीकत का पता चले। पानी की कमी से लेकर सुरक्षा तक लोगों को मदद चाहिए। ओडिशा अभी भी सबसे गरीब राज्यों में से एक है। कम से कम अब महिलाओं की स्थिति पर ध्यान देना चाहिए। इसका जिम्मेदार कौन है? सरकार को जवाबदेही लेनी होगी। हम जवाब चाहते हैं।”
उन्होंने कहा, “मैं मांग करता हूं कि प्रधानमंत्री को उन इलाकों में जाना चाहिए, वास्तविक स्थिति का अध्ययन करना चाहिए। विकास कार्य रुक गए हैं। इंजीनियर और अधिकारी अपना काम ठीक से नहीं कर रहे। मशीनें भी सही से काम नहीं कर रही हैं। इसलिए हम यहां शांतिपूर्वक इन गंभीर मुद्दों की ओर ध्यान खींचने के लिए बैठे हैं और इसके लिए हम अपनी आवाज उठाते रहेंगे।”
प्रधानमंत्री ओडिशा सरकार के एक वर्ष पूरा होने के उपलक्ष्य में आयोजित राज्य स्तरीय समारोह की अध्यक्षता करेंगे। वह 18,600 करोड़ रुपए से अधिक की लागत वाली कई विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास भी करेंगे। इस अवसर पर वह उपस्थित लोगों को संबोधित भी करेंगे।
राष्ट्रीय
एयर इंडिया ने रखरखाव के चलते आठ घरेलू और अंतरराष्ट्रीय उड़ानों को रद्द किया

नई दिल्ली, 20 जून। एयर इंडिया ने रखरखाव के चलते आठ घरेलू और अंतरराष्ट्रीय उड़ानों को रद्द कर दिया है।
एयरलाइन की ओर से जारी बयान में कहा गया, “रखरखाव और परिचालन कारणों से उड़ानों को रद्द कर दिया गया है।”
12 जून को अहमदाबाद में हादसे के बाद एयर इंडिया लगातार मुश्किलों का सामना कर रही है और अपने परिचालन को और अधिक सुरक्षित बनाने के लिए कदम उठा रही है।
एयर इंडिया द्वारा जिन अंतरराष्ट्रीय उड़ानों को रद्द किया गया है, उनमें दुबई से चेन्नई, दिल्ली से मेलबर्न, मेलबर्न से दिल्ली और दुबई से हैदराबाद की उड़ानें शामिल है। वहीं, एयरलाइन ने पुणे से दिल्ली, अहमदाबाद से दिल्ली, हैदराबाद से मुंबई और चेन्नई से मुंबई की उड़ान को रद्द कर दिया।
विमानन कंपनी ने यह भी कहा कि टिकट रद्द करने पर पूरा रिफंड देने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है और इच्छुक यात्रियों को कॉम्पलीमेंट्री रीशेड्यूलेशन की सुविधा भी दी जा रही है।
एयर इंडिया ने कहा,”हमें यात्रियों को हुई असुविधा के लिए खेद है। हमारे ग्राउंड सहयोगी उनके लिए जल्द से जल्द अपने गंतव्यों तक उड़ान भरने के लिए वैकल्पिक व्यवस्था कर रहे हैं।”
इसके अलावा, एयरलाइन ने यात्रियों को हवाईअड्डों पर जाने से पहले उड़ानों की स्थिति की जांच करने की भी सलाह दी है।
एयर इंडिया ने आगे कहा कि विमानों की लगातार बढ़ती जांच, हवाई क्षेत्र प्रतिबंधों और खराब मौसम के कारण कुछ व्यवधानों की आशंका है और जब भी ऐसी स्थिति उत्पन्न होगी, यात्रियों को इसकी सूचना दी जाएगी।
अहमदाबाद विमान दुर्घटना के बाद से, जिसमें 241 यात्रियों और जमीन पर 33 लोगों की जान चली गई, एयर इंडिया ने कई उड़ानें रद्द कर दी हैं जबकि तकनीकी खराबी की सूचना मिलने के बाद कई उड़ानों को रोक दिया गया है।
एयरलाइन शुक्रवार से अपने वाइड-बॉडी अंतरराष्ट्रीय शेड्यूल में लगभग 15 प्रतिशत की कटौती करने की भी घोषणा की थी।
बयान में कहा गया, “यह कटौती स्वैच्छिक रूप से उड़ान से पहले सुरक्षा जांच बढ़ाने के निर्णय के साथ-साथ मध्य पूर्व में हवाई क्षेत्र बंद होने से उत्पन्न अतिरिक्त उड़ान अवधि को समायोजित करने के निर्णय के कारण की गई है। इसका उद्देश्य शेड्यूल स्थिरता को बहाल करना और यात्रियों को अंतिम समय में होने वाली असुविधा को कम करना है।”
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