राजनीति
एनडीए की राष्ट्रपति प्रत्याशी द्रौपदी मुर्मू को मिला लोजपा, हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा का समर्थन

सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के राष्ट्रपति प्रत्याशी द्रौपदी मुर्मू को लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) और हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा का साथ मिला है। लोजपा (रामविलास) के प्रमुख और जमुई के सांसद चिराग पासवान ने झारखंड की पूर्व राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपति उम्मीदवार बनाए जाने की प्रशंसा भी की है।
सूत्रों के मुताबिक, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने चिराग पासवान को फोन करके राजग की राष्ट्रपति उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू के लिए समर्थन भी मांगा है।
राजनाथ ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी चाहते हैं कि चिराग पासवान राजग में ही रहें।
चिराग पासवान ने बुधवार को अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट कर यह घोषणा कर दी है कि उनकी पार्टी एनडीए प्रत्याशी का समर्थन देगी।
उन्होंने ट्वीट कर लिखा, “आदिवासी समाज से आने के बावजूद भी द्रौपदी मुर्मू ने आज जो मुकाम हासिल किया है यह उनकी काबिलियत एवं संघर्ष का ही परिणाम है। समाज के वंचित वर्ग से देश के सर्वोच्च पद की दावेदारी करोड़ों भारतीयों के लिए प्रेरणादायक है।”
उन्होंने आगे लिखा, “राजग के द्वारा द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाया जाना हमारे लिए गर्व की बात है। देश में ऐसा पहली बार होगा जब एक आदिवासी समाज से आने वाली बेटी देश के सर्वोच्च पद का दायित्व ग्रहण करेगी। लोजपा (रामविलास) भाजपा के इस फैसले का पूर्ण रूप से समर्थन करती है।”
इधर, बिहार सरकार में शामिल हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) ने भी राष्ट्रपति चुनाव में राजग प्रत्याशी को समर्थन देने की घोषणा की है। हम के प्रमुख जीतन राम मांझी ने राष्ट्रपति पद का प्रत्याशी बनाए जाने पर मुर्मू को शुभकामनाएं भी दी है।
उन्होंने कहा कि ये गर्व का क्षण है जब लगातार दूसरी बार हमारे बीच से कोई राष्ट्रपति बनने जा रहा है। हम के बिहार में चार विधायक हैं।
विपक्ष ने पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा को प्रत्याशी बनाया है।
महाराष्ट्र
मुंबई: दशहरा, नवरात्रि और दुर्गा विसर्जन के लिए 2 अक्टूबर को 19,000 पुलिसकर्मी तैनात रहेंगे

मुंबई : शहर 2 अक्टूबर को भव्य समारोहों के लिए तैयार है, क्योंकि दशहरा, विजयादशमी, नवरात्रि और गांधी जयंती एक ही दिन पड़ रहे हैं। कानून-व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए, मुंबई पुलिस ने व्यापक सुरक्षा योजना के साथ शहर भर में लगभग 19,000 अधिकारियों और कर्मियों को तैनात किया है।
देवी दुर्गा की मूर्तियों के विसर्जन जुलूस, सांस्कृतिक कार्यक्रमों और राजनीतिक दशहरा रैलियों में भारी भीड़ उमड़ने की उम्मीद है, जिससे यह साल के सबसे व्यस्त त्योहारों में से एक बन जाएगा। इस व्यापकता को नियंत्रित करने के लिए, मुंबई पुलिस आयुक्त के मार्गदर्शन में संयुक्त पुलिस आयुक्त (कानून एवं व्यवस्था) की देखरेख में व्यवस्थाओं की सीधी निगरानी की जा रही है।
अधिकारियों के अनुसार, इस तैनाती में पूरे महानगर में सात अतिरिक्त पुलिस आयुक्त, 26 उपायुक्त, 52 सहायक आयुक्त, 2,890 पुलिस अधिकारी और 16,552 कांस्टेबल शामिल हैं। इसके अलावा, सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए राज्य रिजर्व पुलिस बल (एसआरपीएफ), त्वरित प्रतिक्रिया दल, दंगा नियंत्रण दल, डेल्टा फोर्स, लड़ाकू इकाइयाँ, होमगार्ड, बम निरोधक दस्ता (बीडीडीएस) और डॉग स्क्वॉड जैसी विशेष इकाइयाँ संवेदनशील स्थानों पर तैनात की गई हैं।
इस साल, उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली सत्तारूढ़ शिवसेना गोरेगांव के नेस्को सेंटर में अपनी वार्षिक दशहरा रैली आयोजित करेगी, जबकि उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली विपक्षी शिवसेना (यूबीटी) दादर के शिवाजी पार्क में अपनी पारंपरिक सभा आयोजित करेगी। इन स्थलों पर लाखों समर्थकों के आने की उम्मीद के चलते, भीड़ प्रबंधन सर्वोच्च प्राथमिकता बन गया है।
मुंबई यातायात पुलिस ने भी भीड़भाड़ से बचने और सुचारू जुलूस सुनिश्चित करने के लिए मार्गों और डायवर्जन में बदलाव किए हैं। नागरिकों से सुरक्षाकर्मियों के साथ सहयोग करने, भीड़-भाड़ वाले इलाकों में सावधानी बरतने और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की तुरंत पुलिस हेल्पलाइन 100 या 112 पर सूचना देने का आग्रह किया जा रहा है।
शहर में सबसे बड़े उत्सवों में से एक के अवसर पर, मुंबई पुलिस की तैयारियां उत्सवों और नागरिक जीवन को सुचारू रूप से चलाने के लिए आवश्यक समन्वय के स्तर को उजागर करती हैं।
राजनीति
वक्फ संशोधन अधिनियम के खिलाफ प्रस्तावित भारत बंद स्थगित, नई तारीख का ऐलान जल्द

नई दिल्ली, 1 अक्टूबर : ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने 3 अक्टूबर को घोषित भारत बंद को स्थगित करने का फैसला लिया है। इस संबंध में बोर्ड की आपात बैठक अध्यक्ष मौलाना खालिद सैफुल्लाह रहमानी की अध्यक्षता में आयोजित हुई।
बैठक में देश के विभिन्न राज्यों में उन्हीं तारीखों पर कई धार्मिक त्यौहार पड़ने की स्थिति पर चर्चा की गई।
बैठक के बाद जारी बयान में बताया गया कि किसी भी नागरिक के धार्मिक कार्यक्रम में बाधा न आए, इसे ध्यान में रखते हुए सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया गया है कि 3 अक्टूबर को प्रस्तावित भारत बंद स्थगित किया जाए। बोर्ड ने कहा कि नई तारीखें जल्द ही घोषित की जाएंगी।
यह बंद शुक्रवार, 3 अक्टूबर को सुबह 8 बजे से दोपहर 2 बजे तक होना था, जिसमें दुकानें, कार्यालय और व्यावसायिक प्रतिष्ठान बंद रखने का आह्वान किया गया था। हालांकि, आवश्यक चिकित्सा सेवाओं, अस्पतालों और दवा की दुकानों को बंद से छूट दी जानी थी। लेकिन अब इसे स्थगित कर दिया गया है। बोर्ड ने कहा कि नई तारीख जल्द ही घोषित की जाएगी।
हालांकि, बोर्ड ने यह भी स्पष्ट किया कि वक्फ संशोधन अधिनियम के खिलाफ उनका विरोध आंदोलन जारी रहेगा। इसके अलावा बोर्ड द्वारा तय किए गए अन्य सभी कार्यक्रम पूर्व निर्धारित समय पर ही आयोजित होंगे।
एआईएमपीएलबी के प्रवक्ता और वक्फ बचाओ अभियान के राष्ट्रीय संयोजक डॉ. एसक्यूआर इलियास ने कहा कि कुछ राज्यों में इसी दिन पड़ने वाले आगामी धार्मिक त्यौहारों के मद्देनजर बंद को स्थगित किया जा रहा है।
इलियास ने कहा, “रिपोर्टों से पता चला है कि कई क्षेत्रों में 3 अक्टूबर को हमारे साथी नागरिकों के धार्मिक कार्यक्रम आयोजित किए जाने हैं। इसे ध्यान में रखते हुए, बोर्ड ने विचार-विमर्श किया और सर्वसम्मति से बंद को स्थगित करने का निर्णय लिया।”
बोर्ड के प्रवक्ता ने दोहराया कि आंदोलन अपने निर्धारित तरीके से जारी रहेगा।
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड का मानना है कि वक्फ संशोधन अधिनियम मुस्लिम समाज की धार्मिक और सामाजिक संपत्तियों पर असर डाल सकता है। इसलिए बोर्ड ने पहले ही इसे अस्वीकार्य करार दिया था और देशभर में आंदोलन चलाने का ऐलान किया था।
राजनीति
एनसीआरबी की रिपोर्ट में यूपी में सांप्रदायिक दंगे शून्य, कानून व्यवस्था बनी मिसाल

लखनऊ, 1 अक्टूबर : राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) की ‘क्राइम इन इंडिया 2023’ रिपोर्ट ने उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ सरकार की कानून-व्यवस्था की सराहना की है। एनसीआरबी के आंकड़े के मुताबिक, 2023 में यूपी में सांप्रदायिक एवं धार्मिक दंगों की संख्या शून्य रही है।
योगी आदित्यनाथ से पहले यूपी में ऐसा कभी नहीं हुआ। यही नहीं, पूरे देश के मुकाबले यूपी में अपराध एक चौथाई कम है। देश के सबसे बड़े राज्य में कुल अपराध दर राष्ट्रीय औसत से 25% कम रही, जो 448.3 के मुकाबले 335.3 रही। एनसीआरबी के आंकड़े साबित करते हैं कि 2017 के बाद यूपी अब शांति व सामाजिक सद्भाव का गढ़ बन चुका है।
एनसीआरबी रिपोर्ट में यूपी में सांप्रदायिक दंगों की संख्या शून्य बताई गई, जो 2017 से प्रदेश में चली आ रही जीरो टॉलरेंस नीति का जीवंत उदाहरण है। दूसरी ओर 2012-2017 के बीच पांच वर्षों की बात करें तो ये आंकड़े भयावह हैं।
आंकड़ों के अनुसार, 815 दंगे हुए, जिनमें 192 लोगों की जान गई, जबकि 2007-2011 में 616 घटनाओं में 121 मौतें हुईं। इसके विपरीत, 2017 के बाद यूपी में कोई बड़ा दंगा नहीं हुआ। बरेली और बहराइच में दो हिंसक झड़पें हुईं, लेकिन योगी सरकार ने 24 घंटे के भीतर शांति बहाल कर स्थिति को नियंत्रित किया। बरेली की घटना पर त्वरित कार्रवाई ने कानून-व्यवस्था को और मजबूती प्रदान की है।
सीएम योगी की सख्त नीतियों की वजह से राज्य में अपराध पर लगाम लगा है। एनसीआरबी के आंकड़ों के अनुसार, यूपी में विभिन्न अपराध श्रेणियों में राष्ट्रीय औसत से उल्लेखनीय कमी दर्ज की गई।
बलवा के मामलों में भारत में 39,260 मामले (क्राइम रेट 2.8) के मुकाबले यूपी में 3,160 मामले (क्राइम रेट 1.3) रहे, जो राष्ट्रीय औसत से आधी से भी कम है और देश में 20वें स्थान पर है। फिरौती के लिए अपहरण के मामलों में देश में 615 घटनाएं हुई, जिसकी तुलना में यूपी मात्र 16 घटनाओं के साथ देश में 36वें स्थान पर है।
डकैती (आईपीसी 395) के मामलों में भारत में 3,792 (क्राइम रेट 0.3) के मुकाबले यूपी में 73 मामले दर्ज हुए, जो इसे ‘नियर जीरो’ क्राइम रेट की श्रेणी में लाता है। बड़ी जनसंख्या के बावजूद यह कमी योगी सरकार की सख्त नीतियों और त्वरित कार्रवाई का परिणाम है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पारदर्शी शासन और सख्त कानूनी कार्रवाई ने अपराधों पर अंकुश लगाने में कामयाबी हासिल की है। एनसीआरबी की रिपोर्ट योगी सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति का परिणाम है। यूपी में शांति और सुरक्षा के संकल्प के साथ आगे बढ़ रही योगी सरकार की यह उपलब्धि न केवल यूपी के लिए गर्व का विषय है, बल्कि अन्य राज्यों के लिए भी प्रेरणा है।
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