राजनीति
प्रवासी मजदूरों की जिंदगी बदलने में लगे नवनीत सहगल
वह अपने काम की वजह से पहचाने जाते हैं। विभाग कोई भी हो, अपनी कार्यशैली की वजह से कुछ दिनों में वह सुर्खियों में आ ही जाते हैं। अपनी खूबियों के नाते अब तक वह कई सरकार में कई महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां निभा चुके हैं।
बात वरिष्ठ आईएएस अधिकारी नवनीत सहगल की हो रही है। वर्तमान में वह उत्तर प्रदेश सरकार के खादी एवं ग्रामोद्योग और सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम (एमएसएमई) विभाग व निर्यात प्रोत्साहन ब्यूरो के प्रमुख सचिव हैं। कोरोना के कारण जारी लॉकडाउन में दूसरे प्रदेशों से अपनी रोजी-रोटी छोड़ घर लौटे प्रवासी श्रमिकों व कामगारों को स्थानीय स्तर पर उनके हुनर के अनुसार रोजगार देने की अपेक्षा के कारण उनका विभाग इस समय खासा महत्वपूर्ण हो गया है। चूंकि एमएसएमई में न्यूनतम पूंजी, कम जोखिम और कम इन्फ्रास्टक्चर में सर्वाधिक रोजगार देने की संभावना है। केंद्र सरकार भी मौजूदा समय में इस सेक्टर की अहमियत से वाकिफ है। यही वजह है कि केंद्र ने इस सेक्टर को तीन लाख करोड़ रुपये का पैकेज दिया है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा है कि प्रदेश की सर्वाधिक आबादी और देश में सर्वाधिक (14 फीसद) एमएसएमई इकाईयों की संख्या के मद्देनजर पैकेज का सर्वाधिक हिस्सा भी उप्र को ही मिले। फिलहाल विभाग के प्रमुख हाकिम नवनीत सहगल मुख्यमंत्री की मंशा को परवान चढ़ाने में जुटे हैं।
आईएएनएस से एक विशेष वार्ता में सहगल ने बताया, “एमएसएमई का पहिया तेजी से घूमे, मुख्यमंत्री की मंशा के अनुसार इसमें अधिकतम लोगों को रोजगार मिले और इनके बूते उप्र कई उत्पादों के उत्पादन का हब बने, इसके लिए हर संभव प्रयास हो रहे हैं। इस क्षेत्र की समस्याओं की पहचान और उद्यमियों से संवाद के लिए हाल ही में साथी एप लांच किया गया। एप से हमने योजनाओं का लिंक दिया है। इससे योजनाओं की जानकारी पारदर्शी हो गयी। सेक्टर की सबसे बड़ी समस्या पूंजी की है। इसके लिए हम बैंकर्स से लगातार बात कर रहे हैं। इसके नतीजे भी सकारात्मक रहे हैं। केंद्र से आर्थिक पैकेज की घोषणा होने के 24 घंटे के भीतर है ऑनलाइन लोन मेला के जरिए 57 हजार से अधिक उद्यमियों को ऋण मुहैया कराना इसका सबूत है।”
सहगल ने बताया कि जून में एक लाख और जुलाई-अगस्त में सवा-सवा लाख उद्यमियों को ऋण मुहैया कराने के बारे में भी बैंकर्स से सहमति बन चुकी है। स्थिति सामान्य होने पर इसके लिए जगह-जगह लोन मेले भी लगेंगे। क्षमता विस्तार और तकनीकी रूप से अपग्रेड करने के लिए पूंजी उपलब्ध कराने के साथ हम सरकारी विभाग बकाया दिलाने या जीएसटी को रिफंड कराने में भी मदद कर रहे हैं।
एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, “यह आशंका निराधार है कि केंद्र द्वारा एमएसएमई का दायरा बढ़ाने से छोटी ईकाइयां प्रभावित होंगी। हम सबको साथ लेकर चलेंगे। उम्मीद है कि अगले कुछ महीनों में इस सेक्टर में 10-12 लाख लोग समायोजित हो जाएंगे।”
उन्होंने बताया, “योगी सरकार की चौंपियन स्कीम, एक जिला एक उत्पाद के तहत हमने 20 सेक्टरों की पहचान की है। मसलन बनारस का सिल्क, भदोही की कालीन, कानपुर का चमड़ा, मुरादाबाद के पीतल के सामान, सहारनपुर के लकड़ी के सामान, अलीगढ़ का हार्डवेयर, बरेली का हैंडीक्राफ्ट, लखनऊ का चिकनकारी और गोरखपुर का टेराकोटा आदि। ये उत्पाद खुद में ब्रांड हैं। संबंधित जिलों में इन उत्पादों के क्लस्टर भी हैं। यहां के उत्पाद गुणवत्ता और कीमत में और प्रतिस्पद्र्घी बनें, इसके लिए हर संभव मदद दी जा रही है। इसके अलावा नोएडा के गारमेंट हब को और बेहतर बनाया जाएगा। फार्मा और चिकित्सा उपकरणों के फार्म स्थापित करने पर भी केंद्र और प्रदेश सरकार में बात चल रही है।
यह पूछने पर कि अभी तक कितने प्रवासी मजदूरों को रोजगार दिया गया है, उन्होंने बताया, “दूसरे प्रदेशों से आने वाले श्रमिकों को उनके हुनर के अनुसार स्थानीय स्तर पर रोजगार मुहैया कराना सरकार की प्राथमिकता है। हमने 2़ 80 लाख ऐसे लोगों के नाम अलग- अलग सेक्टर के उद्यमियों को दे दिया है। उनको रोजगार मिलने की प्रक्रिया शुरू भी हो गयी है। अभी नोएडा के गारमेंट हब से भी दो लाख लोगों की मांग आयी है, जितने लोग उपलब्ध हैं उनको भेज रहे हैं। स्किल मैपिंग के अनुसार सूची अपडेट होने के साथ ही इकाईयों की मांग के अनुसार मानव संसाधन उपलब्ध कराएंगे। एक ही छत के नीचे सारी सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए क कॉमन फैसिलिटी सेंटर बनाने की योजना के पीछे यही मकसद है।”
एक अन्य सवाल के जवाब में प्रमुख सचिव ने बताया कि कोरोना काल में खादी एवं ग्रामोद्योग विभाग द्वारा भारी मात्रा में फेस मास्क बनाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि खादी के छह लाख मीटर कपड़ों से बने 50 लाख मास्क में से हम 40 लाख बेच भी चुके हैं।
अपराध
मुंबई: AIU अधिकारियों ने ट्रांजिट यात्री और एयरपोर्ट स्टाफ को 2.7 करोड़ रुपये मूल्य के 24 KT सोने के साथ पकड़ा
मुंबई: प्रोफाइलिंग के आधार पर, एआईयू अधिकारियों ने एक ट्रांजिट यात्री पर गुप्त निगरानी रखी, जो दुबई से मुंबई आया था और माले के लिए रवाना होने वाला था।
ऑपरेशन के बारे में
इस ऑपरेशन के दौरान, अधिकारियों ने ट्रांजिट यात्री को एक निजी एयरपोर्ट स्टाफ को एक वस्तु सौंपते हुए देखा, तुरंत स्टाफ सदस्य और ट्रांजिट यात्री दोनों को अधिकारियों ने रोक लिया। निजी एयरपोर्ट स्टाफ की व्यक्तिगत तलाशी में मोम के रूप में 24 कैरेट सोने की धूल (12 टुकड़े) का पता चला, जिसका सकल वजन 3.976 किलोग्राम और अनंतिम शुद्ध वजन 3.800 किलोग्राम था, और अनंतिम रूप से इसका मूल्य ₹2.714 करोड़ था।
सोने की धूल को पारदर्शी सेल्फ-सीलिंग पाउच के अंदर छिपाया गया था और निजी हवाई अड्डे के कर्मचारियों द्वारा पहनी जाने वाली पैंट की जेबों में रखा गया था। पूछताछ के दौरान, निजी हवाई अड्डे के कर्मचारियों ने स्वीकार किया कि सोना उसी ट्रांजिट यात्री द्वारा सौंपा गया था जो AIU निगरानी में था। दोनों व्यक्तियों को सीमा शुल्क अधिनियम 1962 के तहत गिरफ्तार किया गया था।
महाराष्ट्र
एमवीए को बड़ा झटका, विधानसभा चुनाव नतीजों के 2 दिन बाद ही नाना पटोले ने महाराष्ट्र कांग्रेस प्रमुख पद से इस्तीफा दिया: रिपोर्ट
मुंबई: हाल ही में महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में महा विकास अघाड़ी (एमवीए) की भारी हार के बाद नाना पटोले ने कथित तौर पर महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है। सत्तारूढ़ महायुति गठबंधन ने 49.6% वोट शेयर के साथ 235 सीटें हासिल करते हुए शानदार जीत हासिल की, जबकि एमवीए केवल 49 सीटों और 35.3% वोटों के साथ बहुत पीछे रह गया।
रिपोर्ट्स के अनुसार नाना पटोले ने अपने इस्तीफे पर चर्चा करने के लिए सोमवार को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी से मिलने का प्रयास किया, लेकिन ऐसा नहीं हो सका। पार्टी हाईकमान ने अभी तक उनका इस्तीफा स्वीकार नहीं किया है। हालांकि, कुछ रिपोर्ट्स में यह भी दावा किया गया है कि पटोले ने पद छोड़ने का फैसला नहीं किया है। महाराष्ट्र कांग्रेस प्रमुख या उनकी पार्टी की ओर से इन दावों की पुष्टि करने के लिए कोई पुष्ट बयान नहीं आया है।
महाराष्ट्र में कांग्रेस को बड़ा झटका
महाराष्ट्र में कांग्रेस को करारा झटका लगा, उसने 103 सीटों पर चुनाव लड़ा और सिर्फ़ 16 सीटें ही जीत पाई। सकोली सीट से चुनाव लड़ने वाले पटोले अपनी सीट बचाने में कामयाब रहे, लेकिन अपने राजनीतिक करियर के सबसे कम अंतर से- सिर्फ़ 208 वोटों से। यह मामूली जीत 2019 के विधानसभा चुनावों में उनके प्रदर्शन से बिल्कुल अलग है, जहाँ उन्होंने लगभग 8,000 वोटों के आरामदायक अंतर से यही सीट जीती थी। इस साल, उनकी जीत राज्य में शीर्ष तीन सबसे करीबी मुकाबलों में शुमार है।
महायुति की सुनामी जैसी जीत से विपक्ष हैरान
कांग्रेस को जहां संघर्ष करना पड़ा, वहीं भाजपा 132 सीटें जीतकर प्रमुख ताकत बनकर उभरी। हालांकि, विपक्षी नेताओं ने संभावित ईवीएम हेरफेर के आरोपों के साथ परिणामों को लेकर चिंता जताई है। महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने महायुति की ‘सुनामी जैसी’ जीत पर अविश्वास व्यक्त करते हुए सवाल उठाया कि महज चार महीनों के भीतर राजनीतिक परिदृश्य इतना नाटकीय रूप से कैसे बदल सकता है।
ठाकरे ने इस साल की शुरुआत में हुए लोकसभा चुनावों में एमवीए के आश्चर्यजनक प्रदर्शन की ओर इशारा किया, जहाँ इसने भाजपा को करारा झटका दिया था। उन्होंने कहा, “मुझे विश्वास नहीं होता कि महाराष्ट्र, वही राज्य जो कोविड-19 के चुनौतीपूर्ण समय में मेरे साथ खड़ा रहा, इस तरह का व्यवहार करेगा। हमें यह समझने की ज़रूरत है कि यह परिणाम कैसे हुआ।”
288 सदस्यीय महाराष्ट्र विधानसभा के लिए चुनाव 20 नवंबर को एक ही चरण में हुए थे। भाजपा की पकड़ मजबूत होने और एमवीए के खराब प्रदर्शन से जूझने के साथ, ये परिणाम राज्य की राजनीतिक गतिशीलता में एक बड़े बदलाव को दर्शाते हैं।
महाराष्ट्र
महाराष्ट्र में बंद होगी लाड़की बहिण योजना? टीएमसी सांसद साकेत गोखले ने ‘वादा’ तोड़ने के लिए बीजेपी की आलोचना की
टीएमसी के राज्यसभा सांसद साकेत गोखले ने सोमवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर लाड़की बहिण योजना में संभावित “छेड़छाड़” की खबरों को लेकर हमला किया, जिसे राज्य विधानसभा चुनावों में भाजपा के नेतृत्व वाले महायुति गठबंधन की शानदार जीत का श्रेय दिया गया था।
एक्स पर एक पोस्ट में एक समाचार रिपोर्ट का हवाला देते हुए गोखले ने टिप्पणी की, “महाराष्ट्र के नतीजों को आए अभी दो दिन भी नहीं हुए हैं और भाजपा के नेतृत्व वाला गठबंधन अपने घोषणापत्र के वादे को तोड़ने की तैयारी कर रहा है।”
विधानसभा चुनाव के नतीजे घोषित होने के तुरंत बाद, महाराष्ट्र सरकार अब लाड़की बहिण योजना के तहत 2,100 रुपये मासिक भुगतान का वादा जारी रखना असमर्थ पा रही है।
गोखले ने अपने पोस्ट में आरोप लगाया, “यह ‘मोदी की गारंटी’ है – लोगों को धोखा देने के लिए चुनावों के दौरान ‘जुमला’ उछालो और फिर सरकार बनने से पहले ही वादा तोड़ने की योजना बनाओ।”
हालाँकि, रिपोर्ट में यह संकेत नहीं दिया गया है कि नौकरशाह इस योजना को पूरी तरह से समाप्त करने पर विचार कर रहे हैं।
इस योजना पर जुलाई 2024 से मार्च 2025 के बीच सरकार पर लगभग 33,000 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है।
पश्चिम बंगाल विधानसभा उपचुनाव में टीएमसी ने सभी छह सीटों पर जीत हासिल की। पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी ने सोशल मीडिया पोस्ट के ज़रिए विजयी उम्मीदवारों को बधाई दी और पार्टी कार्यकर्ताओं के समर्पण और कड़ी मेहनत के लिए आभार व्यक्त किया।
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