अपराध
कश्मीर में सक्रिय जेईम आतंकियों के हाथों लगी नाटो सेना की एम 4 राइफल

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) की ओर से घोषित अंतर्राष्ट्रीय आतंकवादी और जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) संस्थापक मौलाना मसूद अजहर के तीन भतीजों को पिछले तीन वर्षों के दौरान कश्मीर में अलग-अलग मुठभेड़ में मार गिराया गया था। इन तीनों के पास अमेरिका निर्मित खतरनाक एम 4 स्नाइपर राइफल थी।
अफगानिस्तान-पाकिस्तान क्षेत्र में आतंकवाद से लड़ने के लिए नाटो सेना द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली कई अमेरिका निर्मित एम 4 स्नाइपर राइफलें जम्मू एवं कश्मीर में अजहर के गुरिल्ला समूह जेईएम के हाथों में पड़ गई हैं।
दिसंबर 1999 में कंधार में आईसी-814 विमान के बंधकों को छोड़ने के बदले में भारत द्वारा छोड़े गए अजहर को मई 2019 में यूएनएससी की ओर से एक अंतर्राष्ट्रीय आतंकवादी के रूप में नामित किया गया।
एम 4 कार्बाइन का बड़े पैमाने पर अमेरिकी सशस्त्र बलों द्वारा उपयोग किया जाता है और यह प्राथमिक पैदल सेना के हथियार और सर्विस राइफल के रूप में यूनाइटेड स्टेट्स आर्मी और यूनाइटेड स्टेट्स मरीन कॉर्प्स की लड़ाकू इकाइयों में एम 16 राइफल की जगह ले रही हैं। एम 4, एम 203 और एम 320 ग्रेनेड लांचर को असेंबल करने (माउंट) में भी सक्षम है।
एम 4 में अर्ध-स्वचालित और तीन-राउंड फटने वाले फायरिंग मोड (जैसे एम16 ए2 और एम16 ए4) हैं, जबकि एम4 ए1 में अर्ध-स्वचालित और पूरी तरह से स्वचालित फायरिंग मोड (जैसे ट16 ए1 और एम16 ए3) हैं। यह एम16 ए2 असॉल्ट राइफल का हल्का और छोटा वेरिएंट है।
पिछले तीन वर्षों में कश्मीर में सुरक्षा बलों के साथ अलग-अलग मुठभेड़ों में अजहर के तीन भतीजों तलहा रशीद, उस्मान इब्राहिम और उमर फारूक को ढेर कर दिया गया। इन तीनों के पास एम 4 राइफलें थीं, जो मुठभेड़ वाले स्थान से अन्य हथियारों के साथ बरामद की गई थीं। अब तक रूस निर्मित कलाश्निकोव या एके-सीरीज राइफल्स के विभिन्न वेरिएंट 1988 से जम्मू-कश्मीर में कश्मीरी और पाकिस्तानी आतंकवादियों के साथ प्रमुख हमलावर हथियार रहे हैं।
एम 4 ने ऐसी आशंकाओं के बीच प्रवेश किया है कि अफगानिस्तान में अमेरिकियों और तालिबान के बीच एक समझौते के बाद जिहादी गुरिल्लाओं का वर्ग कश्मीर में अपना आधार बदल सकते हैं।
जम्मू-कश्मीर पुलिस के डीजी दिलबाग सिंह भी आतंकवादियों के पास एम 4 राइफलें होने की बात को मानते हैं। उनका कहना है कि आतंकवादियों के पास से छह एम 4 और दस अमेरिका निर्मित राइफलें जब्त की गई हैं।
उन्होंने कहा, “पांच से छह जेईएम कमांडर एम 4 राइफल के साथ सक्रिय हैं, लेकिन वे अच्छी तरह से हमारी रडार पर हैं।”
हालांकि राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के कुछ वरिष्ठ अधिकारी, जो पिछले दो वर्षों में हाई-प्रोफाइल आतंकी हमलों की जांच से जुड़े हैं, उनका कहना है कि 10 से 15 जेईएम कमांडर वर्तमान में एम 4 राइफल से लैस हैं।
एनआईए के एक अधिकारी ने कहा, “तीन से चार आतंकियों के प्रत्येक जेएम मॉड्यूल के कमांडर के पास एक एम 4 है, लेकिन वे पुलिस या सुरक्षा बलों को ज्यादा नुकसान नहीं पहुंचा पाए हैं।”
जांच के दौरान, एनआईए को पता चला है कि जून 2017 से जनवरी 2020 के बीच जम्मू में अंतर्राष्ट्रीय सीमा के माध्यम से 60 जेईएम के आतंकवादियों ने कश्मीर में घुसपैठ की थी। वे सांबा और हीरानगर इलाकों में तीन से पांच के समूहों में घुसे थे। कहा जाता है कि कुछ अज्ञात घुसपैठियों ने एक भूमिगत सुरंग के माध्यम से भी प्रवेश किया है। अधिकारियों के अनुसार, प्रत्येक समूह के पास तीन से चार एके सीरीज की राइफलें और एक एम 4 राइफल है।
अपराध
मुंबई में सनसनी: 4 साल की बच्ची के यौन उत्पीड़न के आरोप में गोरेगांव स्कूल का स्टाफ गिरफ्तार; POCSO एक्ट के तहत मामला दर्ज

मुंबई: गोरेगांव (पश्चिम) के लिंक रोड स्थित एक नामी स्कूल में 16 सितंबर को चार साल की बच्ची के साथ कथित तौर पर यौन उत्पीड़न का मामला सामने आया है। गोरेगांव पुलिस ने स्कूल की 40 वर्षीय महिला सहायक कर्मचारी को गिरफ्तार किया है। डिंडोशी स्थित शहर की सिविल एवं सत्र अदालत ने आरोपी को 19 सितंबर तक पुलिस हिरासत में भेज दिया है।
पुलिस के मुताबिक, बच्ची की दादी उसे रोज़ाना स्कूल छोड़ने और लेने जाती थीं। सोमवार को जब उसकी दादी स्कूल से घर लौटने के बाद बच्ची के कपड़े बदल रही थीं, तो बच्ची ने शिकायत की कि उसके शरीर के एक खास हिस्से में दर्द हो रहा है।
इसके बाद, उसके माता-पिता ने स्कूल से संपर्क किया और प्रिंसिपल को सूचित किया, फिर जांच के लिए एक निजी अस्पताल गए और फिर शिकायत दर्ज कराने के लिए गोरेगांव पुलिस स्टेशन गए।
पुलिस ने पॉक्सो (यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण) अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर एक महिला सहायक कर्मचारी को गिरफ्तार कर लिया है। एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि वे सीसीटीवी फुटेज की जाँच कर रहे हैं और आगे की जाँच जारी है। सूत्रों के अनुसार, पुलिस ने तीन महिला सहायक कर्मचारियों को पूछताछ के लिए बुलाया है।
अपराध
मालेगांव ब्लास्ट केस: बॉम्बे हाईकोर्ट ने कहा- बरी करने के फैसले के खिलाफ हर कोई अपील नहीं कर सकता

मुंबई, 16 सितंबर। महाराष्ट्र के मालेगांव में साल 2008 में हुए विस्फोट मामले में बॉम्बे हाईकोर्ट ने मंगलवार को एक अहम टिप्पणी की। अदालत ने कहा कि बरी किए जाने के फैसले के खिलाफ अपील दाखिल करने का अधिकार हर किसी को नहीं है। यह अधिकार उन्हीं को है जो ट्रायल में गवाह रहे हों या सीधे तौर पर पीड़ित पक्ष से जुड़े हों।
दरअसल, मालेगांव ब्लास्ट में मारे गए छह लोगों के परिजनों ने एनआईए की विशेष अदालत द्वारा दिए गए बरी करने के आदेश को चुनौती दी है। परिजन हाईकोर्ट पहुंचे और 31 जुलाई को एनआईए कोर्ट द्वारा सुनाए गए फैसले को कानून के खिलाफ बताते हुए रद्द करने की मांग की।
सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने सवाल उठाया कि क्या मृतकों के परिजनों को ट्रायल में गवाह बनाया गया था। अदालत ने विशेष रूप से अपीलकर्ता निसार अहमद के मामले का जिक्र किया, जिनके बेटे की मौत धमाके में हुई थी। पीड़ित पक्ष के वकील ने बताया कि निसार अहमद गवाह नहीं बने थे। इस पर अदालत ने कहा कि अगर बेटे की मौत हुई थी तो पिता को गवाह होना चाहिए था। कोर्ट ने निर्देश दिया कि बुधवार को अगली सुनवाई में इस बारे में पूरी जानकारी पेश की जाए।
अपीलकर्ताओं ने अपनी याचिका में कहा कि जांच एजेंसियों की खामियां या कमजोरियां किसी आरोपी को बरी करने का आधार नहीं हो सकतीं। उनका दावा है कि धमाके की साजिश गुप्त तरीके से रची गई थी, ऐसे में इसका प्रत्यक्ष सबूत मिलना संभव नहीं था।
परिजनों का आरोप है कि जब मामला एनआईए को सौंपा गया, तो एजेंसी ने आरोपियों के खिलाफ लगे गंभीर आरोपों को कमजोर कर दिया। अपील में कहा गया कि ट्रायल कोर्ट ने अभियोजन की कमियों को दूर करने की बजाय केवल पोस्ट ऑफिस की तरह काम किया और उसका फायदा आरोपियों को मिला।
दरअसल, 31 जुलाई को विशेष एनआईए कोर्ट ने मालेगांव ब्लास्ट मामले के सभी सात आरोपियों को बरी कर दिया था। इनमें पूर्व भाजपा सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर और लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद पुरोहित भी शामिल थे।
अपीलकर्ताओं ने यह भी तर्क दिया कि अदालत को केवल मूक दर्शक नहीं बने रहना चाहिए था। जरूरत पड़ने पर उसे सवाल पूछने और अतिरिक्त गवाह बुलाने के अधिकार का इस्तेमाल करना चाहिए था। इस मामले पर बॉम्बे हाईकोर्ट में बुधवार को फिर से सुनवाई होगी, जिसमें यह तय किया जाएगा कि पीड़ित परिवारों की अपील सुनवाई योग्य है या नहीं और ट्रायल में उनकी भूमिका कितनी महत्वपूर्ण रही थी।
मालेगांव विस्फोट 29 सितंबर, 2008 की शाम को हुआ था, जब महाराष्ट्र के नासिक जिले के सांप्रदायिक रूप से संवेदनशील शहर मालेगांव में भिक्कू चौक मस्जिद के पास एक मोटरसाइकिल पर बंधे बम में विस्फोट हुआ था। रमजान के दौरान और नवरात्रि से कुछ दिन पहले हुए इस हमले में छह लोग मारे गए थे और 100 से ज्यादा लोग घायल हुए थे।
अपराध
मुंबई क्राइम ब्रांच की टीम ने 2.50 करोड़ रुपए की लूट का किया खुलासा, एक गिरफ्तार

CRIME
मुंबई, 16 सितंबर। मुंबई के गिरगांव में हुई 2.50 करोड़ रुपए की लूट का मुंबई क्राइम ब्रांच यूनिट 2 ने खुलासा कर दिया है। टीम ने लूट के आरोपी इब्राहिम शेख को मध्य प्रदेश के इंदौर से गिरफ्तार किया है।
क्राइम ब्रांच के एक अधिकारी ने बताया कि खुफिया जानकारी और तकनीकी विश्लेषण के आधार पर लूटकांड के मास्टरमाइंड शेख को गिरफ्तार किया गया। शेख के पास से लूट के 29.50 लाख रुपए भी बरामद हुए हैं। आरोपी मुंब्रा का रहने वाला है और घटना के बाद से फरार चल रहा था।
जांच में पता चला कि इब्राहिम ने अपने लहसुन के कारोबार में हुए घाटे को पूरा करने के लिए लूट की योजना बनाई थी। यह लूट 10 सितंबर को हुई थी। उसे किसी ने पिंटू के पैसा लाने की जानकारी पहले ही दे दी थी, जिसके बाद उसने लूट की योजना बनाई थी।
इब्राहिम ने अपने तीन साथियों के साथ मिलकर एक फाइनेंस कंपनी के कर्मचारी बैजनाथ उर्फ पिंटू यादव की कार को रोककर उस पर हमला कर उसे बेहोश कर दिया था। आरोपी पिंटू के बेहोश होने के बाद उसके हाथ-पैर बांधकर 2.50 करोड़ रुपए लूटकर फरार हो गए थे।
फाइनेंस कंपनी के मालिक नारायण हरि महावीर प्रसाद हालन ने वीपी रोड पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज कराया था कि उसका कर्मचारी पिंटू पैसा लेकर जा रहा था। इस दौरान कुछ अज्ञात लोगों ने गिरगांव में एक निर्माणाधीन इमारत के नीचे रुपए लूट लिए। अस्पताल में जब पिंटू को होश आया तो उसने पूरे मामले की जानकारी दी।
शिकायत के आधार पर मामला दर्ज करके जांच क्राइम ब्रांच को सौंपी गई। इसके बाद मुंबई क्राइम ब्रांच यूनिट 2 ने मुखबिर की सूचना, सीसीटीवी फुटेज और कॉल डिटेल्स के आधार पर इब्राहिम शेख को मध्य प्रदेश के इंदौर से गिरफ्तार कर लिया।
पुलिस इब्राहिम से पूछताछ कर रही है और उसका आपराधिक रिकॉर्ड भी पता कर रही है। यह भी पता किया जा रहा है कि इससे पहले वह किन-किन घटनाओं में शामिल था और उसके गिरोह में कितने लोग शामिल हैं और वे सब कहां हैं। पुलिस उस व्यक्ति की भी तलाश कर रही है, जिसने पिंटू की जानकारी दी थी।
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