राजनीति
नीट यूजी परीक्षा के लिए नेशनल टेस्टिंग एजेंसी बना रही है कार्य योजना

जेईई मेन की परीक्षा वर्ष में 4 बार ली जानी थी लेकिन अभी तक केवल दो सत्र ही पूरे हो सके हैं। वहीं नीट (यूजी) परीक्षा भी आयोजित की जानी है। मार्च महीने के नोटिफिकेशन के अनुसार नीट परीक्षा 1 अगस्त को आयोजित होनी है। कोरोना के मौजूदा हालात के मद्देनजर नेशनल टेस्टिंग एजेंसी ने इन परीक्षाओं के आयोजन को लेकर योजना बनाना शुरू कर दिया है। इस विषय में केंद्रीय शिक्षा और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय से भी सलाह, मंत्रणा की जा रही है। कुछ छात्र नीट में भी अधिक संभावनाएं चाहते हैं। लेकिन नीट (यूजी) परीक्षा केवल एक बार ही आयोजित की जाएगी। एक विशिष्ट प्रक्रिया के अनुसार शिक्षा मंत्रालय नीट की पात्रता सह प्रवेश परीक्षा केवल एक बार आयोजित करवाएगा।
शिक्षा मंत्रालय के तहत राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (एनटीए) स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के परामर्श से चिकित्सा विज्ञान में स्नातक कार्यक्रम के लिए पात्रता सह प्रवेश परीक्षा ‘नीट’ आयोजित करता है।
केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल कह चुके हैं है कि 2021 में नीट (यूजी) का टेस्ट केवल एक बार लिया जाएगा। नीट परीक्षा एनटीए द्वारा संचालित की जाएगी। एनटीए ने शिक्षा मंत्रालय को सूचित किया है कि उन्हें परीक्षा एक से अधिक बार करवाने के संबंध में कोई ज्ञापन नहीं मिला है।
विभिन्न मेडिकल कॉलेजों में दाखिले के लिए आयोजित की जाने वाली नीट परीक्षा इस नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अंतर्गत करवाई जाएगी। मार्च महीने में कोविड से पहले के हालात में यह तय किया गया था यह परीक्षा रविवार 1 अगस्त 2021 को आयोजित की जाएगी।
परीक्षा आयोजित करने वाली संस्था नेशनल टेस्टिंग एजेंसी यानी एनटीए ने कहा, “एमबीबीएस, बीडीएस, बीएएमएस, बीएसएमएस, बीयूएमएस और बीएचएमएस पाठ्यक्रमों में दाखिला के लिए नीट (ग्रेजुएट) 2021 का आयोजित की जा रही है।
देशभर के मेडिकल कॉलेजों में दाखिले के लिए आयोजित की जाने वाली नीट परीक्षा परीक्षा नीट परीक्षा परीक्षा नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत ‘पेन और पेपर मोड’ से हिंदी और अंग्रेजी सहित 11 भाषाओं में आयोजित की जाएगी।
नेशनल टेस्टिंग एजेंसी यानी एनटीए ने बताया कि इस बार नीट की परीक्षाएं नई शिक्षा नीति को ध्यान में रखते हुए आयोजित की जाएंगी। इसी के चलते यह परीक्षाएं इस बार हिंदी समेत 11 विभिन्न भारतीय भाषाओं में आयोजित करने का फैसला लिया गया है।
पिछले वर्ष इस परीक्षा के लिए कुल 15.97 लाख उम्मीदवारों ने रजिस्ट्रेशन करवाया था। इनमें से लगभग 90 फीसदी परीक्षार्थियों ने एग्जाम दिया था।
करीब 14.37 लाख से अधिक उम्मीदवार कोरोना महामारी के बावजूद 13 सितंबर को प्रवेश परीक्षा में शामिल हिए थे। कंटेनमेंट जोन में होने के चलते जो छात्र परीक्षा नहीं दे पाए थे उनके लिए 14 अक्टूबर को फिर से परीक्षा का आयोजन किय गया था। इसलिए रिजल्ट में थोड़ी देरी भी हुई।
नीट परीक्षा के लिए न्यूनतम शैक्षिक योग्यता 12वीं कक्षा में फिजिक्स, केमिस्ट्री, बायोलॉजी या बायो टेक्नोलॉजी होना है। 12वीं की बोर्ड देने वाले छात्र भी यह परीक्षा दे सकते हैं। इसके जरिए आयुष बीवीएससी और एच कोर्स में भी प्रवेश होता है।
राजनीति
अंतिम सुनवाई के बाद भी लगे कि वक्फ कानून असंवैधानिक है तो कोर्ट इसे रद्द कर सकता है : सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता

suprim court
नई दिल्ली, 22 मई। सुप्रीम कोर्ट में गुरुवार को भी नए वक्फ कानून को चुनौती देने वाली कई याचिकाओं पर सुनवाई हुई। चीफ जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस एजी मसीह की बेंच के सामने केंद्र सरकार की तरफ से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने दलीलें रखीं।
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने किसी भी तरह के अंतरिम आदेश का विरोध करते हुए दलील दी कि अगर अंतिम सुनवाई के बाद कोर्ट को लगता है कि कानून असंवैधानिक है तो कोर्ट इसे रद्द कर सकता है। लेकिन, अगर कोर्ट अंतरिम आदेश से कानून पर रोक लगाता है और इस दौरान कोई संपत्ति वक्फ को चली जाती है, तो उसे वापस पाना मुश्किल हो जाएगा, क्योंकि वक्फ अल्लाह का होता है और एक बार जो वक्फ हो गया, उसे पाना आसान नहीं होगा।
सॉलिसिटर जनरल मेहता ने कहा, “वक्फ बनाना और वक्फ को दान देना दोनों अलग हैं। यही कारण है कि मुसलमानों के लिए 5 साल की प्रैक्टिस की जरूरत रखी गई है, ताकि वक्फ का इस्तेमाल किसी को धोखा देने के लिए न किया जाए।”
तुषार मेहता ने सर्वोच्च अदालत को बताया कि मान लीजिए कि मैं हिंदू हूं और मैं वक्फ के लिए दान करना चाहता हूं, तो भी वक्फ को दान दिया जा सकता है।
सॉलिसिटर जनरल ने ट्राइबल एरिया का जिक्र करते हुए कहा, “ट्राइबल इलाकों में वक्फ संपत्तियों के बढ़ने के मामले में कोई आम व्यक्ति वहां जमीन नहीं खरीद सकता, क्योंकि राज्य का कानून इसकी अनुमति नहीं देता। लेकिन, अगर वही व्यक्ति वक्फ करना चाहे तो वक्फ करने के बाद मुतवल्ली (ट्रस्टी या देखभाल करने वाला) जो चाहे कर सकता है। यह व्यवस्था इतनी खतरनाक है, जिस पर रोक लगाए जाने की जरूरत है।”
तुषार मेहता ने बेंच के सामने दलील दी कि सुप्रीम कोर्ट अपने एक फैसले में कह चुका है कि संविधान के अनुच्छेद 12 के तहत वक्फ अपने आप में राज्य है। ऐसे में यह दलील नहीं दी जा सकती कि इसमें किसी एक संप्रदाय के लोग ही शामिल होंगे।
बता दें कि सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने बुधवार को सरकार का पक्ष रखते हुए कहा था कि ट्रस्ट की जमीन को सरकार सभी नागरिकों के लिए सुनिश्चित करना चाहती है।
तुषार मेहता ने कहा था, “वक्फ कानून 2013 के संशोधन से पहले अधिनियम के सभी संस्करणों में कहा गया था कि केवल मुसलमान ही अपनी संपत्ति वक्फ कर सकते हैं। लेकिन, 2013 के आम चुनाव से ठीक पहले एक संशोधन किया गया था, जिसके मुताबिक कोई भी अपनी संपत्ति वक्फ कर सकता है।”
इससे पहले, मंगलवार को सुनवाई के दौरान सीजेआई बीआर गवई ने खजुराहो के एक मंदिर का जिक्र किया था। उन्होंने कहा था कि वह मंदिर पुरातत्व विभाग के संरक्षण में है और फिर भी लोग वहां जाकर पूजा कर सकते हैं। इस पर कपिल सिब्बल ने दलील दी कि नया कानून कहता है कि अगर यह एएसआई संरक्षित क्षेत्र है तो यह वक्फ नहीं हो सकता है।
इस पर कपिल सिब्बल ने दलील दी थी कि नया कानून कहता है कि अगर यह एएसआई संरक्षित क्षेत्र है तो यह वक्फ नहीं हो सकता है।
राष्ट्रीय समाचार
दिल्ली-एनसीआर में आईएसआई की आतंकी साजिश नाकाम, दो जासूस गिरफ्तार

नई दिल्ली, 22 मई। भारतीय सुरक्षा एजेंसियों ने दिल्ली और एनसीआर में बड़े आतंकी हमले की पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई की साजिश को नाकाम कर दिया है। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने गुरुवार को तीन महीने के गुप्त ऑपरेशन के बाद दो जासूसों को गिरफ्तार किया, जिनमें एक नेपाली मूल का पाकिस्तानी नागरिक और दूसरा भारतीय है। इस ऑपरेशन से देश की सुरक्षा को बड़ा खतरा टल गया।
सुरक्षा एजेंसियों को जनवरी में खुफिया जानकारी मिली थी कि आईएसआई ने भारत में हमले की साजिश रची है और इसके लिए एक पाकिस्तानी जासूस को नेपाल के रास्ते भारत भेजा गया है। इस जानकारी के आधार पर दिल्ली पुलिस ने जनवरी से मार्च तक गुप्त ऑपरेशन चलाया। 15 फरवरी को सेंट्रल दिल्ली से स्पेशल सेल ने पाकिस्तानी जासूस अंसारुल मियां अंसारी को गिरफ्तार किया, जब वह नेपाल के रास्ते पाकिस्तान वापस जाने की कोशिश कर रहा था। अंसारुल के पास से भारतीय सेना से जुड़े महत्वपूर्ण दस्तावेज भी बरामद किए गए।
जांच में पता चला कि अंसारुल नेपाली मूल का है, लेकिन वह 2008 से कतर में टैक्सी चला रहा था। वहीं उसका आईएसआई से संपर्क हुआ। जून 2024 में वह रावलपिंडी पहुंचा और अपने पाकिस्तानी हैंडलर से मिलकर भारत में जासूसी और हमले की योजना बनाई। अंसारुल को भारतीय सेना की खुफिया जानकारी जुटाने की जिम्मेदारी दी गई थी।
इसके बाद मार्च में रांची के रहने वाले अखलाक आजम को गिरफ्तार किया गया, जो अंसारुल का सहयोगी था। दोनों जासूस लगातार पाकिस्तानी हैंडलर के संपर्क में थे। सुरक्षा एजेंसियों ने इस मामले में चार्जशीट दाखिल कर दी है।
यह ऑपरेशन भारतीय सुरक्षा एजेंसियों की सतर्कता और समन्वय का परिणाम है। इस सफलता ने न केवल आतंकी साजिश को नाकाम किया, बल्कि देश की आंतरिक सुरक्षा को और मजबूत करने का संदेश भी दिया है।
राजनीति
‘ऑपरेशन सिंदूर’ का जिक्र कर पीएम मोदी बोले, ‘22 अप्रैल का बदला 22 मिनट में लिया’

बीकानेर, 22 मई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को राजस्थान के बीकानेर में एक सभा को संबोधित करते हुए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का जिक्र किया। पीएम मोदी ने कहा कि हमने 22 अप्रैल का बदला 22 मिनट में ले लिया।
पीएम मोदी ने सभा को संबोधित करते हुए कहा, “22 अप्रैल के हमले के जवाब में हमने 22 मिनट में आतंकियों के 9 सबसे बड़े ठिकाने तबाह कर दिए। दुनिया ने और देश के दुश्मनों ने भी देख लिया है कि जब सिंदूर बारूद बन जाता है तो नतीजा क्या होता है।”
उन्होंने कहा, “हमारी सरकार ने तीनों सेनाओं को खुली छूट दी। तीनों सेनाओं ने मिलकर ऐसा चक्रव्यूह रचा कि पाकिस्तान को घुटने टेकने के लिए मजबूर कर दिया। राजस्थान की ये वीर धरा हमें सिखाती है कि देश और देशवासियों से बड़ा और कुछ नहीं है। 22 अप्रैल को आतंकवादियों ने धर्म पूछकर हमारी बहनों की मांग का सिंदूर उजाड़ दिया था। वो गोलियां पहलगाम में चली थी, लेकिन उन गोलियों से 140 करोड़ देशवासियों का सीना छलनी हुआ था। इसके बाद हर देशवासी ने एकजुट होकर संकल्प लिया था कि आतंकवादियों को मिट्टी में मिला देंगे। उन्हें कल्पना से भी बड़ी सजा देंगे। आज आपके आशीर्वाद से देश की सेना के शौर्य से हम सब उस प्रण पर खरे उतरे हैं।”
प्रधानमंत्री ने आतंकवाद से निपटने के लिए तीन सूत्रों पर भी बात की। पीएम मोदी ने कहा, “ऑपरेशन सिंदूर ने आतंकवाद से निपटने के तीन सूत्र तय कर दिए हैं। पहला- भारत पर आतंकी हमला हुआ तो करारा जवाब मिलेगा। समय हमारी सेनाएं तय करेंगी, तरीका भी हमारी सेनाएं तय करेंगी और शर्तें भी हमारी होंगी। दूसरा- एटम बम की गीदड़ भभकियों से भारत डरने वाला नहीं है। तीसरा- हम आतंक के आकाओं और आतंक की सरपरस्त सरकार को अलग-अलग नहीं देखेंगे, उन्हें एक ही मानेंगे। पाकिस्तान का ये खेल अब नहीं चलेगा।”
पीएम मोदी ने पाकिस्तान को भारी कीमत चुकाने की चेतावनी दी। उन्होंने कहा कि अब भारत ने दो टूक साफ कर दिया है कि हर आतंकी हमले की पाकिस्तान को भारी कीमत चुकानी पड़ेगी। ये कीमत पाकिस्तान की सेना और वहां की अर्थव्यवस्था चुकाएगी। पाकिस्तान ने अगर आतंकियों को एक्सपोर्ट करना जारी रखा तो उसको पाई-पाई के लिए मोहताज होना होगा। पाकिस्तान को भारत के हक का पानी नहीं मिलेगा। भारतीयों के खून से खेलना पाकिस्तान को अब महंगा पड़ेगा।
प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि ये संयोग ही है कि 5 साल पहले जब बालाकोट में देश ने एयर स्ट्राइक की थी, उसके बाद मेरी पहली जनसभा राजस्थान में ही सीमा पर हुई थी। वीरभूमि का ही ये तप है कि ऐसा संयोग बन जाता है। अब इस बार जब ऑपरेशन सिंदूर हुआ, तो उसके बाद मेरी पहली जनसभा फिर यहां बीकानेर में आप सभी के बीच हो रही है।
उन्होंने आगे कहा, “एयर स्ट्राइक के बाद मैं जब चुरू आया था, तो मैंने कहा था कि “सौगंध मुझे इस मिट्टी की, मैं देश नहीं मिटने दूंगा, मैं देश नहीं झुकने दूंगा।” आज मैं राजस्थान की धरती से देशवासियों से बड़ी नम्रता से कहना चाहता हूं कि जो सिंदूर मिटाने निकले थे, उन्हें मिट्टी में मिलाया गया है। जो हिंदुस्तान का लहू बहाते थे, आज कतरे-कतरे का हिसाब चुकाया है। जो सोच चुके थे कि भारत चुप रहेगा, आज वो घरों में दुबके पड़े हैं। जो अपने हथियारों पर घमंड करते थे, आज वो मलबे के ढेर में दबे हुए हैं।”
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “ये शोध-प्रतिशोध का खेल नहीं, ये न्याय का नया स्वरूप है। ये ‘ऑपरेशन सिंदूर’ है। ये सिर्फ आक्रोश नहीं है, ये समग्र भारत का रौद्र रूप है। ये भारत का नया स्वरूप है। पहले घर में घुसकर वार किया था, अब सीधा सीने पर प्रहार किया है। आतंक का फन कुचलने की यही नीति है, यही रीति है। यही भारत है, नया भारत है।”
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