अंतरराष्ट्रीय
राष्ट्रीय खेल पुरस्कार : नीरज चोपड़ा, 11 अन्य को मिला खेल रत्न, जंबो सूची में 39 अर्जुन पुरस्कार विजेता
तोक्यो ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता भाला फेंक खिलाड़ी नीरज चोपड़ा, रजत पदक विजेता पहलवान रवि कुमार दहिया, मुक्केबाज लवलीना बोरगोहेन और पैरालंपिक खेलों के पदक विजेता अवनि लेखारा, प्रमोद भगत, कृष्णा नगर, सुमित अंतिल और मनीष नरवाल शामिल हैं। इनमें से एक दर्जन को सरकार द्वारा मंगलवार को मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार से सम्मानित किया गया। हॉकी टीम के कप्तान मनप्रीत सिंह और गोलकीपर पीआर श्रीजेश के साथ क्रिकेटर मिताली राज और राष्ट्रीय फुटबॉल टीम के कप्तान सुनील छेत्री को खेल रत्न पुरस्कार के लिए नामित किया गया था।
12 खेल रत्न पुरस्कार विजेताओं के अलावा, राष्ट्रीय खेल पुरस्कार विजेताओं की जंबो सूची में इतिहास बनाने वाली फेंसर भवानी देवी, महिला हॉकी खिलाड़ी वंदना कटारिया सहित 39 एथलीट शामिल हैं, 16 पुरुष हॉकी खिलाड़ी उस टीम का हिस्सा हैं, जिसने ऐतिहासिक कांस्य पदक जीता था। टोक्यो ओलंपिक में चार दशकों के अंतराल के बाद, और पैरालंपिक पदक विजेता भावना पटेल को अर्जुन पुरस्कार दिया गया।
मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार सरकार द्वारा दिया जाने वाला सर्वोच्च खेल सम्मान है और खेल के क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए दिया जाता है, जबकि अर्जुन पुरस्कार लगातार प्रदर्शन और नेतृत्व और अनुशासन जैसे गुणों को पहचानने के लिए दिया जाता है। दोनों पुरस्कार चार साल की अवधि में प्रदर्शन पर विचार करते हैं और इसमें एक ट्रॉफी, एक प्रशस्ति पत्र और एक नकद पुरस्कार शामिल होता है।
आम तौर पर, पुरस्कार 29 अगस्त को राष्ट्रीय खेल दिवस के अवसर पर दिए जाते हैं लेकिन इस साल टोक्यो ओलंपिक खेलों और पैरालंपिक खेलों के कारण इसे टाल दिया गया था।
सामान्य तौर पर, टोक्यो में प्रदर्शन को इस वर्ष के लिए माना जाता यदि ओलंपिक 2020 में आयोजित किए जाते और कोविड-19 महामारी के कारण स्थगित नहीं होते।
ओलंपिक और पैरालिंपिक दोनों में अपने सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के साथ देश के खिलाड़ियों के आने के साथ, खेल मंत्रालय ने अधिक से अधिक पदक विजेताओं को समायोजित करने की कोशिश की, इस प्रकार जंबो सूची।
पुरस्कार विजेताओं की पूरी सूची :
मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार 2021 नीरज चोपड़ा (एथलेटिक्स), रवि कुमार दहिया (कुश्ती), लवलीना बोरगोहेन (मुक्केबाजी), पीआर श्रीजेश (हॉकी), अवनि लेखारा (पैरा निशानेबाजी), सुमित अंतिल (पैरा-एथलेटिक्स), प्रमोद भगत (पैरा बैडमिंटन), कृष्णा नगर ( पैरा बैडमिंटन), मनीष नरवाल (पैरा शूटिंग), मिताली राज (क्रिकेट), सुनील छेत्री (फुटबॉल), मनप्रीत सिंह (हॉकी)।
अर्जुन पुरस्कार : अरपिंदर सिंह (एथलेटिक्स), सिमरनजीत कौर (बॉक्सिंग), शिखर धवन (क्रिकेट), सीए भवानी देवी (फेंसिंग), मोनिका (हॉकी), वंदना कटारिया (हॉकी), संदीप नरवाल (कबड्डी), हिमानी उत्तम परब (मल्लखंब), अभिषेक वर्मा (शूटिंग), अंकिता रैना (टेनिस), दीपक पुनिया (कुश्ती), दिलप्रीत सिंह (हॉकी), हरमनप्रीत सिंह (हॉकी), रूपिंदर पाल सिंह (हॉकी), सुरेंद्र कुमार (हॉकी), अमित रोहिदास (हॉकी), बीरेंद्र लाकड़ा (हॉकी), सुमित (हॉकी), नीलकांत शर्मा (हॉकी), हार्दिक सिंह (हॉकी), विवेक सागर प्रसाद (हॉकी), गुरजंत सिंह (हॉकी), मनदीप सिंह (हॉकी), शमशेर सिंह (हॉकी), ललित उपाध्याय (हॉकी), वरुण कुमार (हॉकी), सिमरनजीत सिंह (हॉकी), योगेश कथुनिया (पैरा एथलेटिक्स), निषाद कुमार (पैरा एथलेटिक्स), प्रवीण कुमार (पैरा एथलेटिक्स), सुहाश यतिराज (पैरा बैडमिंटन), सिंहराज अधाना (पैरा शूटिंग), भावना पटेल (पैरा टेबल टेनिस), हरविंदर सिंह (पैरा तीरंदाजी) और शरद कुमार (पैरा एथलेटिक्स)।
द्रोणाचार्य पुरस्कार विजेता : राधाकृष्णन नायर (एथलेटिक्स), संध्या गुरुं ग (मुक्केबाजी), प्रीतम सिवाच (हॉकी), जय प्रकाश नौटियाल (पैरा निशानेबाजी), सुब्रमण्यम रमन (टेबल टेनिस)।
द्रोणाचार्य लाइफटाइम अवार्ड विजेता : टीपी औसेफ (एथलेटिक्स), सरकार तलवार (क्रिकेट), हरपाल सिंह (हॉकी), आशान कुमार (कबड्डी), तपन कुमार पाणिग्रही (तैराकी)।
खेल में लाइफटाइम अचीवमेंट के लिए ध्यानचंद पुरस्कार : लेखा केसी (मुक्केबाजी), अभिजीत कुंटे (शतरंज), दविंदर सिंह गरचा (हॉकी), विकास कुमार (कबड्डी), सज्जन सिंह (कुश्ती)।
अंतरराष्ट्रीय
ट्रंप के टैरिफ वॉर से दुनिया को राहत? अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट में आज हो सकता है आखिरी फैसला!

नई दिल्ली, 6 नवंबर : अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ के ऐलान के साथ वैश्विक व्यापार जगत में उथल-पुथल मच गई। ट्रंप के टैरिफ को लेकर अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई जारी रही, जिसके बाद उम्मीद की जा रही है कि इसपर आखिरी फैसला भी आज आ जाए। वहीं, दूसरी ओर पूरी दुनिया की निगाहें इस पर टिकी हुई हैं।
5 नवंबर को इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में आखिरी सुनवाई शुरू हुई, जिसमें अधिकांश जजों ने अमेरिकी राष्ट्रपति के फैसले पर सवाल खड़े किए।
निचली फेडरल कोर्ट ने इससे पहले टैरिफ के मामले में फैसला सुनाया था कि ट्रंप के पास अमेरिका के कई व्यापारिक साझेदारों से आयात पर टैरिफ लगाने और कनाडा, चीन और मैक्सिको के उत्पादों पर फेंटानिल टैरिफ लगाने का कानूनी अधिकार नहीं है। निचले कोर्ट के फैसले के बाद राष्ट्रपति ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया।
बता दें, टैरिफ को लेकर करीब ढाई घंटे से ज्यादा कोर्ट में बहस चली। कोर्ट ने ट्रंप सरकार के टैरिफ के फैसले पर सवाल उठाए। जस्टिस सोनिया सोतोमयोर ने कहा, “आप कहते हैं कि टैरिफ टैक्स नहीं हैं, लेकिन वास्तव में वे टैक्स ही हैं। वे अमेरिकी नागरिकों से पैसा, राजस्व कमा रहे हैं।”
इस पर सॉलिसिटर जनरल जॉन सॉयर ने कहा, “मैं इस बारे में ज्यादा कुछ नहीं कह सकता, यह एक नियामक टैरिफ है, टैक्स नहीं। यह सच है कि टैरिफ से राजस्व बढ़ता है और यह केवल आकस्मिक है।”
इसके अलावा जस्टिस जॉन रॉबर्ट्स ने कहा, “अगर मैं सही नहीं हूं तो मुझे सुधारें, लेकिन यह तर्क किसी भी देश के किसी भी उत्पाद पर, किसी भी मात्रा में, किसी भी अवधि के लिए टैरिफ लगाने की शक्ति के लिए दिया जा रहा है।”
जस्टिस रॉबर्ट्स की इस टिप्पणी के बाद अमेरिकी सॉलिसिटर जनरल डी. जॉन सॉयर ने तर्क दिया कि आईईईपीए राष्ट्रपति को इमरजेंसी की स्थिति के दौरान ‘आयात को विनियमित करने’ की इजाजत देता है।
अमेरिकी सॉलिसिटर जनरल के तर्क से जस्टिस एमी कोनी बैरेट सहमत नहीं थीं। उन्होंने सॉयर से कहा, “क्या आप संहिता में ऐसे किसी दूसरे स्थान या इतिहास में किसी दूसरे समय का जिक्र कर सकते हैं, जहां ‘आयात को विनियमित करना’ वाक्यांश का उपयोग टैरिफ लगाने का अधिकार देने के लिए किया गया हो?”
इसके अलावा, जस्टिस बैरेट ने कहा कि अगर कांग्रेस भविष्य में आपातकालीन टैरिफ पर किसी भी सीमा को मंजूरी देना चाहती है, तो उसे राष्ट्रपति के वीटो को पार करने के लिए दो-तिहाई बहुमत की आवश्यकता होगी।
जस्टिस बैरेट ने पूछा, “अगर कांग्रेस कहती है, ‘अरे, हमें यह पसंद नहीं है, इससे राष्ट्रपति को आईईईपीए के तहत बहुत ज्यादा अधिकार मिल जाते हैं,’ तो उसे आईईईपीए से उस टैरिफ शक्ति को वापस लेने में बहुत मुश्किल होगी, है ना?”
हालांकि, कोर्ट की तरफ से मामले में अब तक आखिरी फैसला सामने नहीं आया है, लेकिन अमेरिकी राष्ट्रपति के टैरिफ वाले फैसले पर अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने सवाल खड़े किए हैं।
अंतरराष्ट्रीय
बांग्लादेश के चटगांव में फिर मचा बवाल, बीएनपी के दो गुटों में हिंसक झड़प; पांच कार्यकर्ता घायल

ढाका, 6 नवंबर : बांग्लादेश में मुहम्मद यूनुस की अंतरिम सरकार के शासन में अराजकता की स्थिति बनी हुई है। चटगांव जिले के रावजान उपजिला में स्थानीय प्रभुत्व को लेकर बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी के दो गुटों में हिंसक बवाल देखने को मिला।
देखते ही देखते बवाल इतना बढ़ा कि पार्टी के प्रतिद्वंद्वी गुट द्वारा कथित तौर पर बंदूक से किए गए हमले में बीएनपी के कम से कम पांच कार्यकर्ता घायल हो गए। पुलिस और स्थानीय लोगों के अनुसार, यह घटना बुधवार रात रावजान के बागवान यूनियन के चौधरीपारा इलाके में हुई।
घायलों की पहचान बीएनपी की मजदूर शाखा, श्रमिक दल की उपजिला इकाई के महासचिव अब्दुल्ला सुमन और कार्यकर्ता इस्माइल, खोरशेद, रुबेल और सोहेल के रूप में हुई है।
सभी पांचों पीड़ितों का चटगांव मेडिकल कॉलेज अस्पताल (सीएमसीएच) में इलाज चल रहा है और उनकी हालत गंभीर बताई जा रही है।
बांग्लादेशी मीडिया आउटलेट यूएनबी ने स्थानीय लोगों के हवाले से बताया कि अज्ञात हमलावर मोटरसाइकिल और एक कार में सवार होकर आए और बीएनपी कार्यकर्ताओं पर अंधाधुंध गोलीबारी शुरू कर दी।
स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया कि गोलीबारी के लगभग डेढ़ घंटे बाद पुलिस घटनास्थल पर पहुंची, जिससे इलाके के निवासियों में दहशत फैल गई। उन्होंने दावा किया कि हिंसा दो स्थानीय बीएनपी गुटों के बीच वर्चस्व स्थापित करने को लेकर हुए झगड़े के कारण भड़की।
रावजान-रंगूनिया क्षेत्र के सहायक पुलिस अधीक्षक (एएसपी) मोहम्मद बेलायत हुसैन ने इस घटनाक्रम के बारे में बताते हुए कहा कि आगे किसी भी तरह की अशांति को रोकने के लिए इलाके में पुलिस तैनात कर दी गई है और मामले की जांच शुरू कर दी गई है।
इससे पहले बुधवार को, चटगांव के बायजीद इलाके में एक चुनावी कार्यक्रम के दौरान बीएनपी के चटगांव-8 उम्मीदवार इरशाद उल्लाह गोली लगने से घायल हो गए, जबकि उनके एक सहयोगी सरवर बबला की गोली लगने से मौत हो गई।
इसके अलावा, 25 अक्टूबर को, स्थानीय नेता मोहम्मद आलमगीर आलम की भी इसी रावजान उपजिले में इसी तरह के एक हमले में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।
फिर, 28 अक्टूबर को चटगांव में बीएनपी की युवा शाखा के दो गुटों के बीच हुई गोलीबारी में एक व्यक्ति की मौत हो गई और 15 अन्य घायल हो गए। मृतक की पहचान 22 साल के मोहम्मद सज्जाद के रूप में हुई, जो बीएनपी की छात्र शाखा छात्र दल का सदस्य था।
रिपोर्ट के अनुसार पिछले एक साल में, उपजिले में कम से कम 17 लोग मारे गए हैं। इनमें 12 बीएनपी कार्यकर्ता, चार छात्र, जुबो लीग के कार्यकर्ता और एक प्रवासी शामिल हैं। बीएनपी की पार्टी के अंदर भी हिंसा में वृद्धि देखने को मिल रही है। दो गुटों में झड़पों में कई लोग घायल हुए हैं।
अंतरराष्ट्रीय
बिहार चुनाव : सीएम नीतीश को लेकर क्या बोलीं अमेरिकी सिंगर मैरी मिलबेन?, मैथिली ठाकुर पर दिया बड़ा बयान

नई दिल्ली, 25 अक्टूबर : अमेरिका की मशहूर सिंगर मैरी मिलबेन ने बिहार में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर मिडिया से एक्सक्लूसिव बातचीत की। इस बातचीत के दौरान उन्होंने बिहार में एनडीए की जीत की उम्मीद जताई। इसके साथ ही उन्होंने बिहार की प्रसिद्ध लोक गायिका मैथिली ठाकुर को ना केवल राजनीति में कदम रखने के लिए शुभकामनाएं दी, बल्कि उनकी कला और संगीत की सराहना भी की।
बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर अमेरिकी सिंगर मैरी मिलबेन ने आईएएनएस को बताया, “मैं बिहार के बारे में जानती हूं। मैं उम्मीद करती हूं कि बिहार में भाजपा द्वारा चुनाव मैदान में उतारे गए पार्टी के सभी उम्मीदवार अच्छे होंगे। मैं सभी उम्मीदवारों से परिचित नहीं हूं। मुझे पता है कि वहां के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार हैं। साल 2023 में एक वीडियो वायरल हो रहा था, जिसके बारे में मेरी टीम ने मुझे बताया। मुझे नीतीश कुमार के बयान से खुशी नहीं हुई थी। हालांकि, बाद में उन्होंने अपने बयान के लिए माफी मांगी थी। महिलाओं और छोटी लड़कियों को सशक्त बनाने के लिए नीतीश सरकार ने बहुत काम किए हैं। पीएम मोदी ने भारतीय राजनीति में महिलाओं को सशक्त किया है। बिहार के विकास के लिए पीएम मोदी की सोच और इसकी अपार सफलता की मैं उम्मीद करती हूं। मैं वहां आऊंगी तो बिहार जाना जरूर पसंद करूंगी। मैं उस क्षेत्र के कई लोगों से मिली हूं। अब मैं बिहार के बारे में और जानना चाहती हूं।”
बिहार की प्रसिद्ध लोक गायिका मैथिली ठाकुर को लेकर मैरी मिलबेन ने कहा, “मैं वहां की लोक गायिका को जानती हूं। मैं बहुत उत्साहित हूं यह देखकर कि उन्होंने राजनीति में कदम रखा है। मैं उनकी कला और गायकी को बहुत पसंद करती हूं। मुझे यह देखकर बहुत खुशी हुई कि उन्होंने इतनी कम उम्र में शास्त्रीय संगीत में अपने जीवन को समर्पित कर दिया है। उन्हें राजनीति में देखकर बहुत खुशी हो रही है। उन्हें और उनके परिवार को ढेर सारा आशीर्वाद। मैं उम्मीद करती हूं कि उनकी तरह और भी नौजवान राजनीति में आएंगे।”
मैरी मिलबेन ने कहा, ”पीएम मोदी भारत-अमेरिका के बीच संबंध के लिए सबसे अच्छे नेता हैं। वह लोगों को जोड़ते हैं, साथ लाते हैं। पीएम मोदी तनाव को कम करने की कोशिश करते हैं। वह बहुत दयालु और सरल हैं। वह अमेरिका के साथ कूटनीति अच्छे से कर रहे हैं। भारत के हित में जो अच्छा है, वो पीएम मोदी कर रहे हैं।”
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