व्यापार
राष्ट्रहित मोदी सरकार के लिए सर्वोपरि, किसी देश के दबाव में नहीं लिया जाएगा कोई फैसला : रणबीर गंगवा
OM MODI
नई दिल्ली, 31 जुलाई। अमेरिका की ओर से भारतीय निर्यात पर 25 प्रतिशत का टैरिफ और जुर्माना लगाने पर देश में अलग-अलग पार्टियों के नेताओं का कहना है कि भारत अपनी नीतियों को स्वयं बनाता है और किसी देश के दबाव में कोई फैसला नहीं लिया जाएगा।
हरियाणा सरकार में कैबिनेट मंत्री रणबीर गंगवा ने कहा कि यह नया भारत है जो किसी देश के दबाव में काम नहीं करता है और राष्ट्रहित को सर्वोपरि रखकर ही मोदी सरकार सारे फैसले लेती है।
गंगवा ने आगे कहा, “ट्रंप ने कहा कि यह टैरिफ रूस से हथियार और कच्चे तेल खरीदने को लेकर लगाए हैं। जहां देशहित होगा, वहां से मोदी सरकार खरीदारी करेगी। यह किसी देश के दबाव में काम करने वाली सरकार नहीं है।”
वहीं, अमेरिका द्वारा भारत पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगाए जाने पर जेडीयू के मुख्य प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा कि अमेरिका ने भारत पर 25 प्रतिशत ट्रेड टैरिफ लगाने के साथ बातचीत करने की बात भी कही है। हमारे पास 140 करोड़ जनता का पुरुषार्थ है। दुनिया में हम गुटनिरपेक्ष रहे हैं और साम्राज्यवाद के खिलाफ डटकर मुकाबला किया है। हम लोग ऐसे मामलों का मुकाबला कर लेंगे।
अमेरिका की ओर से टैरिफ ऐलान के बाद भारत ने स्पष्ट रूप से कहा है कि वह अपने राष्ट्रीय हितों की रक्षा के लिए सभी आवश्यक कदम उठाएगा, जैसा कि ब्रिटेन के साथ हुए हालिया व्यापक आर्थिक और व्यापार समझौते सहित अन्य व्यापार समझौतों के मामले में हुआ है।
अमेरिका द्वारा भारत पर लगाए गए 25 प्रतिशत टैरिफ एक अगस्त से लागू होंगे।
अर्थशास्त्रियों का कहा है कि देश के लिए अमेरिका के साथ ट्रेड डील पर बातचीत करने का रास्ता खुला हुआ है।
अर्थशास्त्री त्रिन्ह गुयेन के अनुसार, ट्रंप का टैरिफ संबंधी कदम बिल्कुल भी आश्चर्यजनक नहीं है।
गुयेन ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, “क्या यह आश्चर्यजनक है? बिल्कुल नहीं। मैं एक हफ्ते से सोच रहा था कि अमेरिका-भारत समझौता कैसा होगा और सच कहूं तो, मुझे इसका अंदाजा था। मुझे लगता है कि भारत इस खतरे से निपटने के लिए बातचीत कर सकता है। यह अंतिम नहीं है, लेकिन कितना कम हो सकता है, देखना होगा ?”
राष्ट्रीय समाचार
इस वर्ष अब तक 67.94 लाख डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट किए गए तैयार : केंद्र

नई दिल्ली, 8 नवंबर: कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन मंत्रालय द्वारा शनिवार को दी गई जानकारी के अनुसार, इस वर्ष अब तक 67.94 लाख डीएलसी तैयार किए गए हैं, जिनमें से 40.42 लाख फेस ऑथेंटिकेशन के जरिए तैयार किए गए हैं।
मंत्रालय के अनुसार, पेंशन एवं पेंशनभोगी कल्याण विभाग द्वारा विभिन्न हितधारकों के सहयोग से 1 से 30 नवंबर तक डीएलसी अभियान 4.0 चलाया जा रहा है। इसका उद्देश्य देश के सभी पेंशनभोगियों तक पहुंचना है।
इन हितधारकों में पेंशन संवितरण बैंक, इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक, पेंशनभोगी कल्याण संघ, सीजीडीए, ईपीएफओ, दूरसंचार विभाग, रेलवे, यूआईडीएआई और एमईआईटीवाई शामिल हैं।
पी एंड पीडब्ल्यू सचिव वी. श्रीनिवास ने राष्ट्रव्यापी डीएलसी अभियान 4.0 के अंतर्गत दिल्ली में पंजाब नेशनल बैंक द्वारा आयोजित मेगा कैंप का उद्घाटन किया।
इस आयोजन में उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि पेंशनभोगियों के डिजिटल सशक्तीकरण के लिए सरकार द्वारा लाइफ सर्टिफिकेट को डिजिटल मोड से सबमिट करने की पहल पेश की गई है। यह पहल खास कर वृद्ध और बीमार पेंशनभोगियों के लिए ईज ऑफ लिविंग को बढ़ावा दे रही है। खासकर फेस ऑथेंटिकेशन टेक्नोलॉजी के साथ कभी भी कहीं भी डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट बनाने की सुविधा पेश हुई है।
मंत्रालय के अनुसार, पंजाब नेशनल बैंक देश भर में 39 शहरों में 185 स्थानों पर कैंप आयोजित कर रहा है।
मेगा कैंप के दौरान पेंशनभोगियों के लिए डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट बनाने के लिए फेस ऑथेंटिकेशन का इस्तेमाल किया गया। मेगा कैंप के दौरान श्रीनिवास ने पेंशनभोगियों से बातचीत भी की।
इससे पहले केंद्र की ओर से जानकारी दी गई थी कि 1 से 5 नवंबर तक 5 दिनों में 25.60 लाख डीएलसी तैयार किए गए हैं, जिनमें से 61 प्रतिशत यानी 15.62 लाख फेस ऑथेंटिकेशन के जरिए तैयार किए गए हैं। वहीं, 90 वर्ष से अधिक आयु के पेंशनभोगियों के 37000 से अधिक डीएलसी और 100 वर्ष से अधिक आयु के पेंशनभोगियों के 985 डीएलसी तैयार किए गए।
व्यापार
अक्टूबर में सभी मार्केट सेगमेंट में निफ्टी मिडकैप 150 और निफ्टी 50 रहे टॉप परफॉर्मर

SHARE MARKET
नई दिल्ली, 8 नवंबर: इस वर्ष अक्टूबर में सभी मार्केट सेगमेंट में निफ्टी मिडकैप 150 और निफ्टी 50 क्रमश: 4.79 प्रतिशत और 4.51 प्रतिशत की वृद्धि के साथ टॉप परफॉर्मर के रूप में उभरे। यह जानकारी शनिवार को आई एक रिपोर्ट में दी गई।
मोतीलाल ओसवाल म्यूचुअल फंड की रिपोर्ट बताती है कि निफ्टी 500 में 4.29 प्रतिशत और निफ्ट नेक्स्ट 50 में 2.92 प्रतिशत की वृद्धि के साथ लार्ज, मिड, स्मॉल और माइक्रोकैप्स सभी मार्केट कैप सेगमेंट ने सकारात्मक वृद्धि दर्ज करवाई है।
वहीं, इस वर्ष अक्टूबर में निफ्टी माइक्रोकैप 250 ने 3.93 प्रतिशत और निफ्टी स्मॉलकैप 250 ने 3.72 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज करवाई।
रिलीज बताती है कि सेक्टोरल फ्रंट पर घरों को लेकर निरंतर मांग बने रहने के कारण रियल्टी 9.2 प्रतिशत की वृद्धि के साथ सबसे आगे रहा। जबकि सभी सेक्टर्स ने सकारात्मक वृद्धि दर्ज करवाई।
फंड हाउस के अनुसार, मिडकैप बेंचमार्क निफ्टी मिडकैप 150 ने 3 महीनों में 3.21 प्रतिशत, 6 महीनों में 10.93 प्रतिशत और बीते एक वर्ष में 5.60 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज करवाई है।
वहीं, लार्ज कैप बेंचमार्क निफ्टी 50 ने 3 महीनों में 3.85 प्रतिशत, 6 महीनों में 5.70 प्रतिशत और बीते एक वर्ष में 6.27 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज करवाई है।
इसके अलावा, निफ्टी 500 ने 3 महीनों में 3.47 प्रतिशत, 6 महीनों में 7.63 प्रतिशत और बीते एक वर्ष में 4.50 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज करवाई है।
रिलीज में कहा गया है कि आईटी इंडेक्स 6.11 प्रतिशत की तेजी से बढ़ा लेकिन सालाना आधार पर 11 प्रतिशत की गिरावट में रहा। बैंकिंग शेयरों में मजबूती दर्ज की गई। बैंक इंडेक्स अक्टूबर में 5.75 प्रतिशत की तेजी से बढ़ा। इसके अलावा, इंडेक्स ने 3 महीनों में 3.24 प्रतिशत, 6 महीनों में 4.88 प्रतिशत और बीते एक वर्ष में 12.24 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज करवाई है।
डिफेंस सेक्टर ने अक्टूबर में 3.63 प्रतिशत की तेजी के साथ अपनी मजबूत लॉन्ग-टर्म बढ़त को बनाए रखा। सेक्टर ने 3 महीनों में 4.61 प्रतिशत, 6 महीनों में 14.12 प्रतिशत और बीते एक वर्ष में 28.17 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज करवाई है।
फंड हाउस का कहना है कि महंगाई को लेकर तेजी से गिरावट आई है, जिसे केंद्रीय बैंक आरबीआई की पॉलिसी को लेकर मौजूदा अप्रोच से समर्थन मिला है। वहीं, जीएसटी संग्रह भी मजबूत बना हुआ है, जो मजबूत घरेलू गतिविधियों को दर्शाता है।
व्यापार
क्या एआई घातक हो सकता है? कथित आत्महत्या और मानसिक आघात के चलते ओपनएआई कठघरे में

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नई दिल्ली, 8 नवंबर: अमेरिका की कंपनी ओपनएआई पर कुछ परिवारों ने मुकदमा किया है। उनका आरोप है कि कंपनी ने अपना नया मॉडल जीपीटी-4ओ जल्दबाज़ी में बाज़ार में उतार दिया। परिवारों का कहना है कि इस मॉडल की वजह से उनके अपने लोगों को मानसिक नुकसान पहुंचा और कुछ मामलों में लोगों ने आत्महत्या भी कर ली।
ओपनएआई ने मई 2024 में जीपीटी-4ओ मॉडल जारी किया था। टेकक्रंच की एक रिपोर्ट के अनुसार, बाद में अगस्त में कंपनी ने जीपीटी-5 भी पेश किया। लेकिन जो मुकदमे हो रहे हैं, वे खास तौर पर जीपीटी-4ओ को लेकर हैं। रिपोर्टों के अनुसार, यह मॉडल कभी-कभी उपयोगकर्ता की गलत या हानिकारक बातों से भी सहमति जता देता था, जिससे स्थिति और गंभीर हो जाती थी।
कई मामलों में परिवारों ने कहा है कि चैटजीपीटी ने उनके परिजनों के भ्रम और मानसिक समस्याओं को कम करने के बजाय बढ़ा दिया। कुछ लोग अस्पताल में भर्ती तक कराए गए और उनकी मानसिक देखभाल की आवश्यकता पड़ी।
रिपोर्ट के अनुसार, मुकदमों में यह भी दावा किया गया है कि ओपनएआई ने बाजार में गूगल के जेमिनी को मात देने के लिए सुरक्षा परीक्षण में जल्दबाजी की। वहीं, ओपनएआई ने अभी तक इस रिपोर्ट पर कोई टिप्पणी नहीं की है। हाल में अदालत में दाखिल दस्तावेजों के अनुसार, चैटजीपीटी कभी-कभी परेशान या आत्महत्या के विचार रखने वाले लोगों को गलत दिशा में जाने के लिए प्रेरित कर सकता है।
एक रिपोर्ट के अनुसार, ओपनएआई ने खुद बताया था कि हर हफ़्ते दस लाख से ज़्यादा लोग चैटजीपीटी में आत्महत्या जैसे विषयों पर बात करते हैं।
हाल ही में ओपनएआई ने कहा कि उसने 170 से अधिक मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञों के साथ मिलकर काम किया है, ताकि चैटजीपीटी ऐसे मामलों में बेहतर प्रतिक्रिया दे सके, लोगों की भावनाओं को समझ सके और उन्हें सही सहायता की ओर मार्गदर्शन कर सके।
कंपनी का कहना है कि आगे आने वाले मॉडलों में वह सुरक्षा परीक्षण को और पहले से ज्यादा कड़ा और सटीक करेगी, ताकि ऐसे जोखिम कम किए जा सकें।
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