अंतरराष्ट्रीय
‘रहस्यमय परिस्थितियों’ में मौत पर मस्क ने किया ट्वीट, मां बोलीं ऐसा मजाक अच्छा नहीं
टेस्ला के सीईओ एलन मस्क किसी न किसी कारण सुर्खियों में बने रहते हैं। अब उन्होंने सोमवार को अपनी ‘रहस्यमय परिस्थितियों’ के तहत मृत्यु के बारे में एक और ट्वीट शेयर किया है। यह पोस्ट उनकी मां मेय मस्क को बिल्कुल पसंद नहीं आई। एलन मस्क ने ट्वीट किया, “अगर मैं रहस्यमय परिस्थितियों में मर जाऊं.!”
उनके इस ट्वीट के बाद उनकी माँ ने रिप्लाई दिया, ‘ऐसा मजाक अच्छा नहीं है।”
एलन ने फिर कहा, “क्षमा करें! मैं जिंदा रहने की पूरी कोशिश करूंगा।”
ट्वीट ने उनके 91 मिलियन से अधिक फॉलोअर्स के बीच सोशल मीडिया पर हलचल पैदा कर दी।
एक यूजर ने पोस्ट किया, “नहीं, आप नहीं मरेंगे। दुनिया को आपकी जरूरत है।”
एक अन्य ने ट्वीट किया, “हमें आपकी हर कीमत पर रक्षा करनी चाहिए। मानवता आप पर भरोसा कर रही है।”
यह पहली बार नहीं है जब 44 बिलियन डॉलर में ट्विटर का अधिग्रहण करने वाले एलन मस्क ने अपनी मृत्यु के बारे में एक गुप्त ट्वीट पोस्ट किया है।
इसी साल मार्च में उन्होंने ट्वीट किया था कि मौत उनके लिए राहत बनकर आएगी।
जर्मन पब्लिशिंग कंपनी एक्सल स्प्रिंगर के सीईओ माथियास डॉप्नर के साथ एक साक्षात्कार में, एलन मस्क ने कहा था कि वह लंबे समय तक स्वास्थ्य बनाए रखना चाहते हैं।
उन्होंने कहा, “मुझे लगता है कि राजनीतिक नेतृत्व के लिए, आप आदर्श रूप से जनसंख्या की औसत आयु के 10 या कम से कम 20 वर्ष के भीतर होना चाहते हैं। और मेरे लिए, मैं निश्चित रूप से लंबे समय तक स्वास्थ्य बनाए रखना चाहता हूं। लेकिन मैं मरने से नहीं डरता हूं। मुझे लगता है कि यह मेरे लिए राहत के रूप में आएगा।”
हालांकि, एलन मस्क ने कहा कि वह स्पेसएक्स के विजन को साकार होते देखने के लिए लंबे समय तक जीना चाहेंगे।
व्यापार
भारत में बढ़ती आय के चलते घर खरीदना बन रहा अफोर्डेबल : रिपोर्ट

नई दिल्ली, 3 दिसंबर: भारत में तेजी से बढ़ती आय के कारण घर खरीदना पिछले 1.5 दशक के मुकाबले काफी अफोर्डेबल हो गया है। इस दौरान देश का प्राइस-टू-इनकम रेश्यो 2025 में 45.3 हो गया है, जो कि 2010 में 88.5 पर था। यह जानकारी बुधवार को जारी एक रिपोर्ट में दी गई।
कोलियर्स इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, इस दौरान देश में औसत आय में चार गुना की वृद्धि हुई है और यह करीब 10 प्रतिशत की वार्षिक दर से बढ़ रही है और हालांकि, समीक्षा अवधि में घरों की कीमत में 5-7 प्रतिशत का ही इजाफा हुआ है, जो दिखाता है कि घर पहले के मुकाबले काफी किफायती हो गए हैं।
रिपोर्ट में कहा गया है कि यह सुधार आवासीय क्षेत्र में नीतिगत परिवर्तनों, आर्थिक झटकों और नए नियमों के कारण कई उतार-चढ़ावों के बावजूद आया है।
पिछले दो दशकों में, बाजार ने पीएमएवाई, विमुद्रीकरण, रेरा, एनबीएफसी संकट, एसडब्ल्यूएएमआईएच फंडिंग सपोर्ट और जीएसटी कार्यान्वयन जैसे प्रमुख घटनाक्रमों का सामना किया है।
रिपोर्ट के मुताबिक, देश में घरों की बिक्री भी मजबूत बनी हुई है। कोरोना महामारी के बाद घरों की वार्षिक बिक्री बढ़कर 3-4 लाख यूनिट्स हो गई है। इसकी वजह बेहतर इन्फ्रास्ट्रक्चर, अफोर्डेबिलिटी में इजाफा होना, अच्छी मौद्रिक नीति और आय का बढ़ना है।
विशेषज्ञों का कहना है कि बिक्री की मजबूत गति को आय में लगातार वृद्धि का समर्थन प्राप्त है, जो संपत्ति की कीमतों में वृद्धि से कहीं अधिक है।
कोलियर्स इंडिया के सीईओ और एमडी बादल याज्ञनिक के अनुसार, अनुकूल ब्याज दरों और उच्च आय स्तरों के कारण आवास की मांग मजबूत बनी हुई है।
याज्ञनिक ने आगे कहा, “हालांकि कच्चे माल की लागत ने हाल के वर्षों में आवास की कीमतों को बढ़ा दिया है, लेकिन आय में तेज वृद्धि ने खरीदारों को गति बनाए रखने में मदद की है।”
आठ प्रमुख टियर-I शहरों में, 2010 के बाद से अफोर्डेबिलिटी के स्तर में तेजी से सुधार हुआ है।
अहमदाबाद और हैदराबाद जैसे शहर सबसे किफायती आवासीय बाजारों में से एक बनकर उभरे हैं।
रिपोर्ट में कहा गया है कि प्रमुख निर्माण सामग्रियों पर जीएसटी दरों के कम होने से विशेष रूप से किफायती और मध्यम आय वर्ग के आवास क्षेत्रों में सेंटीमेंट में और सुधार होने की उम्मीद है।
व्यापार
भारत में मजबूत आउटपुट ग्रोथ से सर्विसेज पीएमआई नवंबर में बढ़कर 59.8 हो गया

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नई दिल्ली, 3 दिसंबर: एसएंडपी ग्लोबल द्वारा बुधवार को जारी एचएसबीसी इंडिया सर्विसेज परचेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स (पीएमआई) सर्वे के अनुसार, नए बिजनेस में तेज बढ़ोतरी आउटपुट ग्रोथ को बढ़ाने में प्रभावी रही और नवंबर में भारत की सर्विस एक्टिविटी को एक महत्वपूर्ण बढ़ावा मिला।
एचएसबीसी इंडिया सर्विसेज पीएमआई बिजनेस एक्टिविटी इंडेक्स अक्टूबर के 58.9 से नवंबर में बढ़कर 59.8 हो गया, जो कि आउटपुट में महत्वपूर्ण ऐतिहासिक विस्तार को दिखाता है।
एचएसबीसी की चीफ इंडिया इकोनॉमिस्ट प्रांजुल भंडारी ने कहा, “नए बिजनेस के बढ़ने से आउटपुट ग्रोथ बढ़ी और इंडिया सर्विसेज पीएमआई बिजनेस एक्टिविटी इंडेक्स नवंबर में बढ़कर 59.8 हो गया। रोजगार में बढ़ोतरी मामूली रही और अधिकतर कंपनियों ने पेरोल नंबर में किसी तरह के बदलाव न होने की जानकारी दी। इस बीच, भारत का कंपोजिट पीएमआई मजबूत रहा, हालांकि नवंबर में यह थोड़ा कम होकर 59.7 पर आ गया, जो फैक्ट्री प्रोडक्शन की ग्रोथ में कमी को दिखाता है।”
रिपोर्ट के अनुसार, असल में भारतीय सर्विसेज की मांग लगातार मजबूत बनी रही, जो कि नए बिजनेस में बढ़ोतरी से स्पष्ट होता है। वृद्धि की यह दर इससे पिछले महीने अक्टूबर से तेज थी और इसके लॉन्ग-रन एवरेज से भी अधिक थी।
दूसरी ओर, तीसरी तिमाही के बीच नए एक्सपोर्ट ऑर्डर में थोड़ी बढ़ोतरी हुई। वृद्धि की दर अच्छी थी, लेकिन आठ महीने के सबसे निचले स्तर पर आ गई।
जहां एक्सटर्नल सेल्स बढ़ीं, वहीं एशिया, यूरोप और मिडिल ईस्ट में कंपनियों ने लाभ की जानकारी दी।
रिपोर्ट में दी गई जानकारी के अनुसार, भारतीय सर्विसेज कंपनियों ने अपने खर्चों में मामूली बढ़ोतरी का संकेत दिया है, जिसमें इलेक्ट्रिसिटी, फूड, रेंट और सॉफ्टवेयर सब्सक्रिप्शन पर खर्च बढ़ने की जानकारी दी गई है। हालांकि, महंगाई की दर अगस्त 2020 के बाद सबसे कम हो गई है और यह अपने लंबे समय के औसत से नीचे है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि कंपनियों को अच्छी मांग, सोशल मीडिया पर अधिक मौजूदगी, मार्केटिंग पहलों और कीमतों में बढ़ोतरी को कम से कम रखने की योजनाओं से जुड़ी पॉजिटिव भावना के साथ अभी भी आउटपुट ग्रोथ की उम्मीद है।
व्यापार
भारत की मैन्युफैक्चरिंग इंडस्ट्री ने दर्ज करवाई शानदार बढ़त

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नई दिल्ली, 1 दिसंबर: भारत की मैन्युफैक्चरिंग इंडस्ट्री शानदार बढ़त का एक और दौर दर्ज करवाने में सफल रही और कुल नए ऑडर्स और आउटपुट ट्रेंड से अधिक रेट पर बढ़े। सोमवार को जारी एचएसबीसी इंडिया मैन्युफैक्चरिंग परचेसिंग मैनेजर्स इंडेक्स (पीएमआई) नवंबर में 50.0 के न्यूट्रल मार्क और इसके लॉन्ग-रन एवरेज 54.2 से काफी ऊपर रहा।
एसएंडपी ग्लोबल की ओर से जारी डेटा के अनुसार, नवंबर में एचएसबीसी इंडिया मैन्युफैक्चरिंग पीएमआई 56.6 दर्ज किया गया।
रिपोर्ट के अनुसार, एचएसबीसी इंडिया मैन्युफैक्चरिंग पीएमआई अक्टूबर में 59.2 दर्ज किया गया था। नवंबर के नए आंकड़ों ने फरवरी के बाद से ऑपरेटिंग कंडीशन में सबसे धीमे सुधार को दिखाया।
नए एक्सपोर्ट ऑर्डर एक वर्ष से अधिक समय में सबसे कम रफ्तार से बढ़े। सेल्स में हल्की बढ़ोतरी ने खरीदारी की मात्रा और नई नौकरियों में वृद्धि को कम कर दिया, जबकि आउटपुट की संभावनाओं को लेकर पॉजिटिव सेंटिमेंट 2022 के मध्य के बाद अपने सबसे निचले लेवल पर आ गया। नवंबर में महंगाई दर कम हुई, जबकि इनपुट लागत 9 महीनों और सेलिंग चार्ज आठ महीनों में सबसे धीमी दर से बढ़े।
एचएसबीसी में चीफ इंडिया इकोनॉमिस्ट, प्रांजुल भंडारी ने कहा, “भारत के फाइनल नवंबर पीएमआई ने दर्शाया कि अमेरिकी टैरिफ की वजह से मैन्युफैक्चरिंग विस्तार की गति धीमी हुई। नए एक्सपोर्ट ऑर्डर पीएमआई 13 महीनों के निचले स्तर पर आ गए।”
उन्होंने आगे कहा कि फ्यूचर आउटपुट के लिए अनुमान बताते हैं कि बिजनेस कॉन्फिडेंस में नवंबर में बड़ी गिरावट आई, जो कि टैरिफ के प्रभाव को लेकर बढ़ती चिंताओं को दिखाता है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि भारतीय मैन्युफैक्चरर्स ने ऑर्डर बुक वॉल्यूम में काफी बढ़ोतरी दर्ज की, जिसकी वजह प्रतिस्पर्धी कीमतें, मांग का सकारात्मकर ट्रेंड और क्लाइंट्स की बढ़ती दिलचस्पी रहे। हालांकि, मार्केट की चुनौतीपूर्ण स्थितियों, प्रोजेक्ट शुरू होने में देरी और फर्मों के बीच प्रतिस्पर्धा की रिपोर्ट्स के बीच ओवरऑल ग्रोथ रेट नौ महीने के सबसे निचले लेवल पर आ गई।
हालांकि कंपनियों का कहना है कि इंटरनेशनल सेल्स का ट्रेंड अच्छा बना हुआ है, जो अफ्रीका, एशिया, यूरोप और मिडिल ईस्ट में क्लाइंट्स को अच्छी सेल्स दिखाता है।
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