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Wednesday,16-April-2025
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राजनीति

बिम्सटेक शिखर सम्मेलन में 30 मार्च को भाग लेंगे मोदी

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दक्षिण एशिया में मित्र पड़ोसी देशों के साथ आर्थिक, व्यापार और सुरक्षा सहयोग को मजबूत करने के लिए, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 30 मार्च को बंगाल की खाड़ी की बहु-क्षेत्रीय तकनीकी और आर्थिक सहयोग पहल (बिम्सटेक) के पांचवें शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे।

बिम्सटेक एक क्षेत्रीय संगठन है जिसकी स्थापना 6 जून 1997 को बैंकॉक घोषणापत्र पर हस्ताक्षर के साथ हुई थी।

विदेश मंत्रालय ने शनिवार को कहा, “इस सम्मेलन की बैठक वर्चुअल मोड में हो रही है, जिसकी मेजबानी वर्तमान बिम्सटेक अध्यक्ष श्रीलंका करेगा।”

शिखर सम्मेलन की तैयारी के लिए बिम्सटेक के वरिष्ठ अधिकारियों (एसओएम) की बैठक 28 मार्च को होगी, इसके बाद अगले दिन बिम्सटेक विदेश मंत्रियों (बीएमएम) की बैठक होगी।

कोरोना महामारी संबंधी चुनौतियां और अंतर्राष्ट्रीय प्रणाली के अंदर अनिश्चितताएं जिनका सभी बिम्सटेक सदस्य सामना कर रहे हैं। ये बिम्सटेक तकनीकी और आर्थिक सहयोग को अगले स्तर तक ले जाने के लक्ष्य को अधिक तात्कालिकता प्रदान करते हैं।

इस शिखर सम्मेलन में नेताओं के विचार-विमर्श का मुख्य विषय होने की उम्मीद है।

नेताओं से यह भी अपेक्षा की जाती है कि वे समूह के बुनियादी संस्थागत ढांचे और तंत्र की स्थापना पर चर्चा करें।

बिम्सटेक के सदस्य देश बांग्लादेश, भूटान, भारत, म्यांमार, नेपाल, श्रीलंका और थाईलैंड हैं।

एक क्षेत्र-संचालित समूह होने के नाते बिम्सटेक ने शुरू में 1997 में छह क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित किया था, जिसमें व्यापार, प्रौद्योगिकी, ऊर्जा, परिवहन, पर्यटन और मत्स्य पालन शामिल था और 2008 में कृषि, सार्वजनिक स्वास्थ्य, गरीबी उन्मूलन, आतंकवाद, पर्यावरण, संस्कृति, लोगों के बीच संपर्क और जलवायु परिवर्तन शामिल किया गया था।

इसके बाद, क्षेत्रों और उप-क्षेत्रों को पुनर्गठित करने के लिए कई कदमों का अनुसरण करते हुए, 2021 में सहयोग को और बढ़ाया गया।

अंतरराष्ट्रीय समाचार

बांग्लादेश : राष्ट्रीय चुनाव में देरी का मुद्दा गर्माया, यूनुस से मुलाकात करेगी बीएनपी

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ढाका, 16 अप्रैल। देश के प्रमुख राजनीतिक दलों में से एक बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) बुधवार को अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस से मुलाकात करेगी। पार्टी दिसंबर 2025 के बाद राष्ट्रीय चुनाव में किसी भी तरह की देरी के खिलाफ है।

स्थानीय मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, बीएनपी आगामी चुनाव के लिए एक स्पष्ट रोडमैप की मांग करेगी।

बीएनपी स्थायी समिति के सदस्य सलाहुद्दीन अहमद ने कहा कि बैठक के दौरान पार्टी अंतरिम सरकार की मंशा पर स्पष्टता की मांग करेगी।

अहमद ने कहा, “हम मुख्य सलाहकार को दिसंबर तक चुनाव कराने के उनके वादे की याद दिलाएंगे। उनसे प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिए सार्वजनिक रूप से इसकी पुष्टि करने की अपील करेंगे। हम उनसे चुनाव आयोग को सभी जरूरी तैयारियां पूरी करने का निर्देश देने के लिए भी कहेंगे।”

बीएनपी नेताओं ने संकेत दिया कि यदि बैठक के दौरान कोई आम सहमति नहीं बनी तो वे लोकतंत्र की बहाली और इसी वर्ष राष्ट्रीय चुनाव कराने की मांग को लेकर सड़कों पर उतरेंगे। पार्टी ने अगले तीन महीनों के लिए गतिविधियों की रूपरेखा तैयार की है। बांग्लादेशी मीडिया आउटलेट यूएनबी ने पार्टी के अंदरूनी सूत्रों के हवाले से बताया कि ये कार्यक्रम संभवतः रैलियां, मार्च और जुलूस होंगे, जिनकी शुरुआत जमीनी स्तर से होगी।

यूएनबी से बात करते हुए बीएनपी की स्थायी समिति के एक सदस्य ने कहा कि राष्ट्रीय चुनाव को स्थगित करने और वर्तमान अंतरिम सरकार को पांच साल तक सत्ता में बनाए रखने के उद्देश्य से एक अभियान चल रहा है। उन्होंने कहा कि गृह मामलों के सलाहकार जहांगीर आलम चौधरी ने हाल ही में दावा किया था कि जनता चाहती है कि अंतरिम सरकार पांच साल तक बनी रहे।

पिछले महीने, राष्ट्र के नाम एक टेलीविजन संबोधन में, यूनुस ने कहा कि चुनाव दिसंबर 2025 और जून 2026 के बीच होंगे। उन्होंने कहा कि आम सहमति आयोग सभी राजनीतिक दलों से सुधारों पर सक्रिय रूप से राय इक्ट्ठा कर रहा है।

बांग्लादेश में राजनीतिक दलों की बहुचर्चित एकता, जो अगस्त 2024 में पूर्व पीएम शेख हसीना के नेतृत्व वाली लोकतांत्रिक रूप से निर्वाचित अवामी लीग सरकार को सत्ता से बेदखल करने के दौरान पूरी तरह से प्रदर्शित हुई थी, धीरे-धीरे फीकी पड़ रही है।

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राजनीति

एमसीडी में 25 अप्रैल को महापौर और उपमहापौर के होंगे चुनाव, भाजपा का पलड़ा दिख रहा है भारी

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नई दिल्ली, 16 अप्रैल। दिल्ली में विधानसभा चुनाव के बाद अब दूसरे रण की तैयारी शुरू हो चुकी है। दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) में महापौर और उपमहापौर पदों के लिए चुनाव 25 अप्रैल को होंगे। हर वित्तीय वर्ष की पहली बैठक में महापौर का चुनाव होता है, जो आमतौर पर अप्रैल में आयोजित की जाती है। चुनाव होने तक मौजूदा महापौर पद पर बने रहते हैं। वर्तमान में आम आदमी पार्टी (आप) के महेश खींची इस पद पर काबिज हैं और चुनाव तक वही कार्यरत रहेंगे।

11 अप्रैल को जारी आदेश में एमसीडी सचिव शिव प्रसाद ने कहा, “एमसीडी की अप्रैल की सामान्य बैठक 25 अप्रैल, 2025 को दोपहर 2 बजे अरुणा आसफ अली सभागार, सिविक सेंटर में आयोजित की जाएगी, जिसमें महापौर और उपमहापौर का चुनाव भी कराया जाएगा।”

दिल्ली में निगम चुनाव हर पांच साल में होते हैं जबकि महापौर का चुनाव हर साल होता है। पिछला महापौर चुनाव नवंबर 2024 में हुआ था, क्योंकि अप्रैल 2024 में उस समय के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी के कारण समय पर मंजूरी नहीं मिल पाई थी। इस साल महापौर पद सभी पार्षदों के लिए खुला है, क्योंकि पहले कार्यकाल में महिलाओं और तीसरे कार्यकाल में अनुसूचित जातियों के लिए आरक्षण लागू होता है। इस बार कोई आरक्षण लागू नहीं है।

फरवरी में दिल्ली विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की जीत के बाद, आम आदमी पार्टी (आप) के कई पार्षद भाजपा में शामिल हो गए, जिससे भाजपा को आगामी महापौर चुनाव में बढ़त मिल गई है। महापौर चुनाव के लिए निर्वाचन मंडल में 250 पार्षद, सात लोकसभा सांसद, तीन राज्यसभा सांसद और दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष द्वारा नामित 14 विधायक शामिल होते हैं। 10 नामित पार्षद (एल्डरमेन) भी प्रक्रिया में भाग लेते हैं, लेकिन उन्हें मतदान का अधिकार नहीं होता।

दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता ने 22 मार्च को एमसीडी के लिए 14 विधायकों को नामित किया, जिनमें 11 भाजपा और तीन आप के विधायक हैं। 2022 के निगम चुनाव में आम आदमी पार्टी ने 134 सीटें जीतकर भाजपा (104 सीटें) को हराया था। 14 नवंबर, 2024 को हुए महापौर चुनाव में ‘आप’ उम्मीदवार को केवल तीन वोटों के अंतर से जीत मिली थी, जिसमें क्रॉस वोटिंग की भूमिका रही। वर्तमान में 274 सदस्यीय निर्वाचन मंडल में भाजपा के पास 135 और आप के पास 119 सदस्यों का समर्थन है। 12 सीटें खाली हैं क्योंकि 11 पार्षद विधायक और एक सांसद चुने जा चुके हैं। इस बार के एमसीडी चुनाव में आम आदमी पार्टी का गठबंधन कांग्रेस के साथ नहीं है, जो माना जा रहा है कि नतीजा भाजपा के पक्ष में जाने वाला है।

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महाराष्ट्र

यूसुफ अब्राहनी घर लौटे और समाजवादी पार्टी में शामिल हुए

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मुंबई: महाराष्ट्र कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और इस्लाम जिमखाना के चेयरमैन एडवोकेट यूसुफ अब्राहनी कांग्रेस छोड़कर घर लौट आए हैं और राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव की मौजूदगी में समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए हैं। समाजवादी पार्टी के नेता और विधायक अबू आसिम आज़मी ने यूसुफ अब्राहानी के सपा में शामिल होने की घोषणा की है और कहा है कि यूसुफ अब्राहानी महाराष्ट्र में समाजवादी पार्टी को मजबूत करने के लिए पार्टी में शामिल हुए हैं। समाजवादी पार्टी भाजपा से मुकाबला करने में सबसे आगे है और यह पार्टी सांप्रदायिकता से लड़ने वाली पार्टी है, इसलिए यूसुफ अब्रहानी को पार्टी में शामिल किया गया है। मुझे उम्मीद है कि अब्राहमानी पार्टी के संगठनात्मक मामलों को मजबूत करने के लिए कड़ी मेहनत करते रहेंगे। यूसुफ अब्राहनी को अभी तक पार्टी में कोई पद नहीं दिया गया है। यह निर्णय अबू आसिम आज़मी द्वारा लिया जाएगा। यूसुफ के बेटे शहजाद अब्राहानी, ज़ेबा मलिक भी पार्टी में शामिल हो गए हैं।

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