राजनीति
मोदी सरकार ने मोहन भागवत को राष्ट्रपिता कहने वाले इमाम को दी वाई प्लस कैटेगरी की सुरक्षा

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने आल इंडिया इमाम ऑर्गनाइजेशन के चीफ डॉक्टर उमर अहमद इलियासी को वाई प्लस कैटेगरी की सुरक्षा प्रदान की है। इमाम ने हाल ही में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत से मुलाकात की थी। इसके बाद से ही उन्हें धमकियां मिल रही थी। सूत्रों के मुताबिक जबसे इमाम उमर अहमद इलियासी ने मोहन भागवत से मुलाकात कर उन्हें राष्ट्रपिता बताया था, उसके बाद से ही उन्हें लगातार धमकियां मिल रही थी। इसकी रिपोर्ट खुफिया एजेंसी इंटेलिजेंस ब्यूरो ने गृह मंत्रालय को दी थी। जिसके बाद गृह मंत्रालय ने उन्हें वाई प्लस कैटेगरी की सुरक्षा प्रदान करने का निर्णय लिया है।
जानकारी के मुताबिक इमाम इलियासी ने सोशल मीडिया पर भी धमकी मिलने की बात कही थी। वहीं हाल ही वो पीएफआई पर बैन का समर्थन भी कर चुके हैं। जानकारी के मुताबिक इन्हीं सब वजहों के चलते उन्हें देश और विदेश से धमकियों वाले फोन आ रहे थे।
गौरतलब है कि आल इंडिया इमाम ऑर्गनाइजेशन अपने को सबसे बड़ा इमाम संगठन बताता है और राष्ट्रीय, अंतरराष्ट्रीय मान्यता होने का दावा करता है। डॉक्टर उमर अहमद इलियासी इसी संगठन के प्रमुख हैं।
महाराष्ट्र
मुंबई की मस्जिदों से लाउडस्पीकर हटाने का काम जारी; किरीट सोमैया ने 1500 मस्जिदों के खिलाफ कार्रवाई का दावा किया

मुंबई: मुंबई शहर और उपनगरों में मस्जिदों से लाउडस्पीकर हटाने का मुद्दा अब एक पुराना मुद्दा बन गया है। पुलिस ने अब ट्रस्टियों पर लाउडस्पीकर हटाने का दबाव बनाना शुरू कर दिया है। हरी मस्जिद में पुलिस ने मस्जिद से जबरन लाउडस्पीकर हटा दिए हैं, जिससे स्थिति तनावपूर्ण है, जबकि किरीट सोमैया का मस्जिदों और लाउडस्पीकरों के खिलाफ जहर उगलना जारी है। भाजपा नेता किरीट सोमैया भोंगा मुक्त मुंबई लाउडस्पीकर मुक्त मुंबई अभियान के संदर्भ में अब तक की कार्रवाई के बारे में, किरीट सोमैया ने एक्स पर दावा किया है कि मुंबई में एक भी मस्जिद ने फरवरी 2025 में लाउडस्पीकर के इस्तेमाल की अनुमति नहीं ली है।
इससे पहले, अधिकारियों ने मस्जिदों में लाउडस्पीकर के इस्तेमाल के लिए कभी अनुमति नहीं मांगी थी। घाटकोपर में 33 मस्जिद हैं, लेकिन एक भी मस्जिद ने पहले पुलिस से अनुमति नहीं मांगी थी अदालत के आदेश और हमारे अभियान के अनुपालन में अब तक 1500 मस्जिदों से लाउडस्पीकर हटाने की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। अब केवल 800 मस्जिदों के ट्रस्टियों ने 10×5 बॉक्स टाइप स्पीकर की अनुमति प्राप्त की है। किरीट सोमैया ने मस्जिदों के खिलाफ अपना आंदोलन जारी रखा है और मस्जिदों से लाउडस्पीकर हटाने के लिए मुंबई पुलिस पर दबाव बनाने के लिए पुलिस स्टेशनों का दौरा भी कर रहे हैं।
अंतरराष्ट्रीय
सर्वसम्मति से चलता है एससीओ, राजनाथ का दस्तावेज पर हस्ताक्षर न करना सही फैसला: जयशंकर

नई दिल्ली, 27 जून। आपातकाल के 50 साल पूरे होने पर भारतीय जनता युवा मोर्चा (भाजयुमो) की तरफ से ‘मॉक पार्लियामेंट’ का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने शिरकत की। उन्होंने एससीओ समिट, आपातकाल के दौर और ऑपरेशन सिंदूर पर भी बात की। उन्होंने कहा कि राजनाथ सिंह का एससीओ समिट में दस्तावेज पर साइन नहीं करना सही फैसला है।
जयशंकर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए एससीओ समिट पर कहा, “एससीओ का गठन आतंकवाद से लड़ने के उद्देश्य से किया गया था। जब रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह रक्षा मंत्रियों की बैठक में गए और दस्तावेज पर चर्चा हुई, तो एक देश ने कहा कि वे इसमें आतंकवाद का उल्लेख नहीं चाहते। राजनाथ सिंह का सही मत था कि बिना आतंकवाद के उल्लेख के ( वो भी तब जब संगठन का मुख्य उद्देश्य आतंकवाद से लड़ना है) वे इसे स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं थे। एससीओ सर्वसम्मति से चलता है, इसलिए राजनाथ सिंह ने स्पष्ट कहा कि अगर बयान में आतंकवाद का उल्लेख नहीं होगा, तो हम उस पर हस्ताक्षर नहीं करेंगे।”
विदेश मंत्री जयशंकर ने इमरजेंसी पर बात करते हुए कहा, “मैंने मॉक पार्लियामेंट में इमरजेंसी से जुड़े अपने विचार साझा किए। जिस दौरान देश में इमरजेंसी की घोषणा की गई थी, उस समय मेरी उम्र 20 साल के आसपास थी। हमें युवा पीढ़ी को बताना होगा कि आपातकाल के क्या नुकसान थे? उस दौर में किस तरह से मीडिया पर हमला किया गया। लोकतंत्र और संविधान की हत्या की गई और इसके जरिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हमारी छवि को बिगाड़ा गया। हम सभी लोगों को इमरजेंसी पर जरूर विचार करना चाहिए। मैंने युवाओं से कहा कि आपातकाल इसलिए लगाया गया, क्योंकि एक परिवार के हित को राष्ट्र हित से आगे रखा गया। आज राष्ट्र के हित को प्राथमिकता दी जाती है।”
विदेश मंत्री जयशंकर ने कांग्रेस पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, “संविधान हाथ में रखकर घूमने से कुछ नहीं होता है। संविधान मन में होना चाहिए। कांग्रेस के डीएनए में इमरजेंसी है। आज वो संविधान की बात करते अच्छे नहीं लगते हैं।”
जयशंकर ने ऑपरेशन सिंदूर को लेकर सभी दलों के एकजुट होने पर खुशी जताई। उन्होंने कहा, “मुझे बहुत गर्व महसूस होता है, जब मैं शशि थरूर, सुप्रिया सुले, कनिमोझी, संजय झा, जय पांडा, रविशंकर प्रसाद और श्रीकांत शिंदे के नेतृत्व में संसदीय प्रतिनिधिमंडलों को देखता हूं। जब मैं सभी दलों को एकजुट होकर विश्व पटल पर राष्ट्रीय हित में बोलते देखता हूं, उन्हें ये कहते सुनता हूं कि आतंकवाद स्वीकार्य नहीं है और जब सब एक सुर में कहते हैं हमें आतंक के खिलाफ अपनी रक्षा का अधिकार है, तो मेरे लिए वो गर्व का क्षण होता है।”
उन्होंने कहा, “हर देश में जहां भी प्रतिनिधिमंडल गया, उन्हें बताया गया कि सबसे प्रभावशाली बात यह थी कि सभी दल एकजुट होकर देश का प्रतिनिधित्व कर रहे थे। यह हमारे लिए एक महान क्षण था।”
महाराष्ट्र
मुंबई में नशा विरोधी जागरूकता अभियान: कॉलेज और स्कूल के छात्रों ने नशा विरोधी रैलियों में हिस्सा लिया और नशे से दूर रहने की शपथ ली

मुंबई: मुंबई एंटी नारकोटिक्स सेल और मुंबई पुलिस ने संयुक्त रूप से नशा विरोधी जागरूकता अभियान चलाया है और आज नशा विरोधी दिवस के अवसर पर विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए गए जिसमें नशीली दवाओं के दुरुपयोग के खिलाफ जागरूकता और ड्रग्स के खिलाफ बैनर प्रदर्शन और स्किट और नाटक भी प्रस्तुत किए गए। मुंबई के कांदिवली, बोरीवली, कस्तूरबा मार्ग, समतानगर दंडोशी में नशीली दवाओं के दुरुपयोग के खिलाफ रैलियां निकाली गईं। इस अवसर पर शैलेंद्र कॉलेज के एनएसएस छात्रों ने नशा विरोधी अभियान में भाग लिया। इसके साथ ही वाहनों पर बैनर और पोस्टर लगाकर रैली निकाली गई। इसमें 150 से 200 छात्र शामिल हुए। मुंबई में नशा विरोधी जागरूकता अभियान मुंबई के 7 स्थानों पर आयोजित किया गया था जिसमें 4500 छात्रों ने भाग लिया और 40 स्कूल और कॉलेजों ने भी भाग लिया। इस अभियान का नेतृत्व मुंबई पुलिस आयुक्त देवेन भारती और संयुक्त पुलिस आयुक्त अपराध लक्ष्मी गौतम डीसीपीएएनसी ने किया। इन रैलियों के साथ-साथ रैलियों में शामिल छात्रों और प्रतिभागियों ने नशे से दूर रहने और समाज को इससे मुक्त बनाने का संकल्प लिया।
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