राष्ट्रीय
माईफ्लेज ग्रुप ऑफ इंस्ट्यिूट्स बना नया करियर-उन्मुख प्रशिक्षण प्रदाता

महामारी ने दुनिया को याद दिलाया है कि कैसे मानव शक्ति को तकनीक से आसानी से बदला जा सकता है। तकनीकी, कार्यात्मक और व्यवहारिक कौशल के एक जटिल सेट के साथ एक अत्यधिक कुशल कार्यबल अपने करियर में किसी भी अनिश्चितता के माध्यम से आसानी से नेविगेट कर सकता है। रोजगार योग्य युवाओं को अपस्किल करना समय की मांग है। भारत, संयुक्त अरब अमीरात, मालदीव, मॉरीशस, दक्षिण अफ्रीका, नॉर्डिक और स्कैंडिनेविया जैसे देशों में पर्यटन क्षेत्र की विशाल वृद्धि ने विशिष्ट, उद्योग-आधारित कौशल विकास कार्यक्रमों की आवश्यकता पैदा की है।
‘माईफ्लेज ग्रुप ऑफ इंस्ट्यिूट’, 2014 में अपनी स्थापना के बाद से, संस्थानों का एक बेड़ा बनाया है जो 21 वीं सदी के कौशल के साथ भारत के युवाओं को सशक्त बनाता है। भारत के सिलिकॉन सिटी, बैंगलोर के केंद्र में अग्रणी, समूह ने विमानन और आतिथ्य कौशल आधारित शिक्षा में विशेषज्ञता हासिल की है।
पिछले 7 वर्षों में, माईफ्लेज ने विभिन्न एयरलाइंस और हवाईअड्डा कंपनियों में केबिन क्रू, पायलट और ग्राहक सेवा के रूप में विमानन और आतिथ्य में 4500 से अधिक छात्रों को सक्रिय रूप से प्रशिक्षित और नियुक्त किया है। एनसीडीसी की एयरोस्पेस और एविएशन सेक्टर स्किल काउंसिल (एएएसएससी) ने माईफ्लेज को अपना विश्व स्तरीय पाठ्यक्रम विकसित करने में सहायता की है, जो विमानन क्षेत्र की वर्तमान मांग के अनुरूप है।
माईफ्लेज का लक्ष्य अब इवेंट, होटल, जनसंचार, बीमा, बैंकिंग और वित्तीय सेवाओं जैसे सेवा क्षेत्रों के लिए कौशल विकास पाठ्यक्रम शुरू करना है। टाटा स्ट्राइव और टीसीएस-आईओएन के सहयोग से, समूह ने होटल मैनेजमेंट, इवेंट मैनेजमेंट, बैंकिंग और बीमा में एक पायलट बैच शुरू किया है।
माईफ्लेज समूह की संस्थापक, सुश्री पियाली चटर्जी घोष ने कहा, “माईफ्लेज ने विमानन और आतिथ्य में सेवा वितरण के वैश्विक मानकों को पूरा करने में भारतीय युवाओं का समर्थन किया है और उन्हें सशक्त बनाया है। अब हमारा लक्ष्य भारत में अन्य सेवा क्षेत्रों को लाभ पहुंचाने के लिए अपने कौशल आधारित शिक्षण कार्यक्रमों का विस्तार करना है। मैं भारत भर में सेवा क्षेत्र में नौकरी के इच्छुक उम्मीदवारों से अपील करुं गी कि वे अपने कौशल का स्तर बढ़ाएं और ऐसे कौशल हासिल करें जिन्हें तकनीक प्रतिस्थापित नहीं कर सकती है। हमारे देश को निश्चित रूप से पहले से कहीं अधिक कुशल और रोजगार योग्य कार्यबल की आवश्यकता है।”
माईफ्लेज विशेषज्ञों द्वारा विकसित संरचित कार्यक्रम प्रदान करता है, जो युवा भारत को सहानुभूति, महत्वपूर्ण सोच, समस्या-समाधान, और परिवर्तन प्रबंधन जैसे कौशल के साथ सक्षम बनाता है जो उन्हें रोजगार के लिए तैयार करता है।
समूह की संस्थापक, सुश्री पियाली चटर्जी घोष ने एयरोस्पेस और एविएशन सेक्टर स्किल काउंसिल (एएएसएससी) से ‘मास्टर ट्रेनर’ और ‘मास्टर एसेसर’ के रूप में कोचिंग और प्रशिक्षण में विशेषज्ञता साबित की है। वह और उनकी सक्षम सलाहकारों की टीम यह सुनिश्चित करती है कि प्रत्येक छात्र एक समग्र सीखने के माहौल का अनुभव करे जो उनकी अंतर्निहित प्रतिभा को पोषित करे। उनके संस्थान ने यूरोपीय और सिंगापुर के कौशल प्रशिक्षण संस्थानों से प्रेरित प्रशिक्षण पद्धति को अपनाया है। छात्रों को प्रतिकूलताओं का सामना करने और परिवर्तनों के अनुकूल होने के लिए एक समग्र ²ष्टिकोण दिया जाता है। अत्याधुनिक अध्ययन केंद्र गुवाहाटी, मैंगलोर, रायपुर, भोपाल, लखनऊ, बैंगलोर और मुंबई में स्थित हैं। संगठन का लक्ष्य अपने फ्रेंचाइजी मॉडल को सामने लाने के बाद 2022 की शुरूआत में 50 नए केंद्र खोलना है। इस आंदोलन का उद्देश्य उभरते उद्यमियों को अपना पहला कदम उठाने के लिए प्रेरित करने के प्रयासों के साथ-साथ भारत में हर सेवा क्षेत्र के इच्छुक लोगों तक उनके स्थान पर पहुंचना है।
माईफ्लेज एविएशन मैनेजमेंट, कमर्शियल पायलट लाइसेंस (उढछ), होटल मैनेजमेंट, इवेंट मैनेजमेंट, बैंकिंग फाइनेंशियल सर्विसेज एंड इंश्योरेंस, संचार और मास मीडिया में डिप्लोमा और डिग्री प्रोग्राम के साथ भारतीय सेवा क्षेत्र में कौशल अंतर को पाटने के लिए एक राष्ट्रव्यापी आंदोलन का गठजोड़ बनने जा रहा है।
सुश्री घोष के ‘माईफ्लेज ग्रुप ऑफ इंस्ट्यिूट’ का शिक्षा के साथ उनके उपकरण के रूप में, युवाओं को रोजगार योग्य बनाने और भारतीय सेवा उद्योग के लिए एक कुशल कार्यबल की आपूर्ति करने का लक्ष्य है।
राष्ट्रीय
ओडिशा : पुरी जगन्नाथ मंदिर में देवस्नान पूर्णिमा का भव्य आयोजन, मुख्यमंत्री हुए शामिल

पुरी, 11 जून। ओडिशा के पुरी स्थित श्री जगन्नाथ मंदिर में बुधवार को देवस्नान पूर्णिमा का पवित्र पर्व भक्ति और भव्यता के साथ मनाया गया। हजारों भक्त भगवान जगन्नाथ, बलभद्र, देवी सुभद्रा और सुदर्शन के पवित्र स्नान अनुष्ठान को देखने के लिए मंदिर पहुंचे।
इस खास मौके पर ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी और कई विधायकों ने भी मंदिर में दर्शन किए और अनुष्ठानों में हिस्सा लिया।
सुबह 5:32 बजे मंगलार्पण के साथ अनुष्ठान शुरू हुआ। इसके बाद भगवान सुदर्शन, बलभद्र, सुभद्रा और जगन्नाथ की पहांडी (जुलूस) स्नान मंडप तक ले जाई गई।
भगवान सुदर्शन की पहांडी (रथ पर चढ़ने की प्रक्रिया) सुबह 5:45 बजे, बलभद्र की 5:53 बजे, सुभद्रा की 6:06 बजे और भगवान जगन्नाथ की 6:22 बजे शुरू हुई।
सुबह 7:46 बजे जलाभिषेक अनुष्ठान शुरू हुआ, जिसमें सुनकुआ (स्वर्ण कुआं) से लाए गए पवित्र जल के 108 घड़ों से देवताओं का स्नान कराया गया।
यह परंपरा जगन्नाथ संस्कृति का अनमोल हिस्सा है। सुबह 8:42 बजे भगवान जगन्नाथ के स्नान मंडप पहुंचने के साथ पहांडी अनुष्ठान पूरा हुआ।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने पिपिली विधायक आश्रित पटनायक, सत्यबाड़ी विधायक उमा शंकर और ब्रह्मपुर विधायक उपासना महापात्रा के साथ मंदिर में पूजा-अर्चना की।
उन्होंने स्नान मंडप से पहांडी अनुष्ठान देखा और भक्तों का अभिवादन किया। मुख्यमंत्री ने हाथ जोड़कर और दर्शक दीर्घा से हाथ हिलाकर भक्तों का स्वागत किया, जिसे भीड़ ने उत्साह से जवाब दिया।
देवस्नान पूर्णिमा का यह पर्व इसलिए खास है, क्योंकि इस दिन भगवान जगन्नाथ, बलभद्र, सुभद्रा और सुदर्शन को गर्भगृह से बाहर लाकर सार्वजनिक दर्शन के लिए स्नान मंडप पर रखा जाता है। यह साल का एकमात्र मौका होता है, जब भक्त इन अनुष्ठानों को इतने करीब से देख पाते हैं। यह आयोजन न केवल आध्यात्मिक रूप से महत्वपूर्ण है, बल्कि दृश्यों के लिहाज से भी मंत्रमुग्ध करने वाला होता है। साथ ही, यह विश्व प्रसिद्ध रथ यात्रा की तैयारियों की शुरुआत का भी प्रतीक है।
मंदिर प्रशासन ने इस आयोजन के लिए कड़े सुरक्षा इंतजाम किए थे, ताकि भक्तों को किसी तरह की परेशानी न हो। भक्तों ने इस पवित्र अवसर पर भगवान के दर्शन और अनुष्ठानों को देखकर खुद को धन्य महसूस किया। यह पर्व पुरी की सांस्कृतिक और धार्मिक विरासत को और समृद्ध करता है।
राष्ट्रीय
एक्सिओम 4 मिशन का प्रक्षेपण फिर टला, स्पेसएक्स और इसरो ने बताई वजह

नई दिल्ली, 11 जून। भारतीय अंतरिक्षयात्री शुभांशु शुक्ला को अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन ले जाने वाले एक्सिओम-4 मिशन को एक बार फिर स्थगित कर दिया गया है। स्पेसएक्स और इसरो ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर इसकी जानकारी दी है।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने मंगलवार को सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पोस्ट में बताया, “इसरो पर पहला भारतीय गगनयात्री भेजने के लिए 11 जून 2025 को लॉन्च होने वाले एक्सिओम 04 मिशन को स्थगित कर दिया गया है। फाल्कन 9 लॉन्च वाहन के बूस्टर चरण के प्रदर्शन से पहले लॉन्च पैड पर सात सेकंड का हॉट टेस्ट किया गया। परीक्षण के दौरान प्रोपल्शन बे में एलओएक्स रिसाव का पता चला। इसरो टीम की ओर से एक्सिओम और स्पेसएक्स के विशेषज्ञों के साथ इस विषय पर चर्चा के आधार पर रिसाव को ठीक करने और लॉन्च के लिए मंजूरी देने से पहले आवश्यक सत्यापन परीक्षण करने का निर्णय लिया गया है। इसलिए 1 जून 2025 को होने वाले एक्सिओम 04 के प्रक्षेपण को स्थगित कर दिया गया है।”
यानि रॉकेट फाल्कन 9 में आई खराबी के कारण इसे फिलहाल टाल दिया गया है। स्पेसएक्स ने भी एक्स पोस्ट में इसकी तस्दीक की। बताया कि प्रक्षेपण के लिए इस्तेमाल किए जा रहे फाल्कन 9 रॉकेट में तकनीकी खराबी के कारण अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) के लिए मिशन को स्थगित कर दिया गया है। प्रक्षेपण की नई तारीख फिलहाल तय नहीं हुई है।
उल्लेखनीय है कि इससे पहले इस मिशन को 29 मई के लिए शेड्यूल किया गया था। लेकिन, कुछ तकनीकी खामियों के चलते इसे स्थगित कर दिया गया। फिर इसके लॉन्चिंग के लिए 10 जून की तारीख तय की गई थी।
एक्सिओम-4 मिशन भारत की अंतरिक्ष यात्रा में एक बड़ी उपलब्धि है क्योंकि शुभांशु शुक्ला चार दशकों में अंतरिक्ष की यात्रा करने वाले पहले भारतीय बनेंगे, जो राकेश शर्मा के नक्शेकदम पर चलने वाले हैं, जिन्होंने 1984 में सोवियत अंतरिक्ष यान में उड़ान भरी थी।
आपको बता दें केंद्र सरकार ने एक्सिओम-4 मिशन में भारत की भागीदारी के लिए 550 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं।
राष्ट्रीय
148वीं रथ यात्रा से पहले अहमदाबाद में निकलेगी भगवान जगन्नाथ की जलयात्रा

अहमदाबाद, 11 जून। भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा को लेकर अहमदाबाद में तैयारियां जोरों पर हैं। 27 जून को आषाढ़ी पूर्णिमा के दिन यहां भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा निकलने वाली है। उससे पहले, बुधवार को ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन भगवान की जल यात्रा निकलेगी।
चली आ रही परंपरा के मुताबिक, जलयात्रा के जरिए भगवान जगन्नाथ अपनी बहन सुभद्रा और भाई बलराम के साथ ननिहाल यानी सरसपुर जाते हैं और यहां 15 दिन तक रुकते हैं।
जलयात्रा में शामिल भक्तगण साबरमती नदी से 108 कलशों में जल लेकर मंदिर तक आएंगे। फिर उस जल से भगवान जगन्नाथ का अभिषेक किया जाएगा। इस जल यात्रा में संत, महंत, स्थानीय लोग और कुछ राजनीतिक नेता भी शामिल होंगे।
इस जलयात्रा को लेकर महाराज दिलीप दास ने कहा, “148वीं रथ यात्रा भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा के पावन अवसर के पूर्व ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन जल यात्रा महोत्सव मनाया जाता है। 108 कलश में साबरमती नदी का जल भरकर भगवान को स्नान कराया जाता है। यह परंपरा बरसों से चली आ रही है। अनेक भक्त, संत, महंत और राजकीय माननीय गणों के बीच इस महोत्सव का आयोजन हो रहा है।”
बता दें कि भगवान के ननिहाल सरसपुर में भी तैयारियां बड़ी धूमधाम से चल रही हैं। भगवान जगन्नाथ का स्वागत करने के लिए भव्य तैयारी की जा रही है। इसके तहत, भगवान पर ड्रोन के जरिए फूलों की वर्षा की जाएगी। बैंडबाजे और ढोल-ताशे से भगवान जगन्नाथ का स्वागत होगा।
भगवान के स्वागत के लिए यहां अंबेडकर हॉल से भगवान रणछोड़ राय मंदिर तक शोभायात्रा निकाली जाएगी। इसमें तकरीबन तीन हजार लोग हिस्सा लेंगे। मंदिर के आसपास सड़कों पर खूबसूरत रंगोली बनाई गई है।
भगवान जगन्नाथ, उनकी बहन सुभद्रा और भाई बलराम की प्रतिमा मंदिर में दर्शन के लिए रखी जाएंगी। भक्त उनके दर्शन करने के लिए दूर-दूर से आएंगे। भगवान सरसपुर में 15 दिनों तक रहेंगे, इस दौरान रणछोड़ राय मंदिर में हर दिन भजन कीर्तन होगा।
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