व्यापार
महिंद्रा की बिक्री फरवरी में 15 प्रतिशत बढ़ी, ट्रैक्टर सेल्स में आया उछाल
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मुंबई, 1 मार्च। महिंद्रा एंड महिंद्रा ने शनिवार बताया कि कंपनी की कुल ऑटो बिक्री फरवरी में सालाना आधार पर 15 प्रतिशत बढ़कर 83,702 यूनिट्स (निर्यात सहित) रही है।
कंपनी ने बताया कि बीते महीने कंपनी ने घरेलू बाजार में 50,240 एसयूवी की बिक्री की है। इसमें 19 प्रतिशत का इजाफा हुआ है। वहीं, निर्यात सहित कुल बिक्री 52,386 यूनिट्स रही है। घरेलू बाजार में कमर्शियल बिक्री 23,826 यूनिट्स पर रही है।
एमएंडएम के ऑटोमोटिव डिविजन के अध्यक्ष विजय नाकरा ने कहा कि फरवरी में एसयूवी की बिक्री 19 प्रतिशत बढ़कर 50,420 यूनिट्स रही है। वहीं, सभी प्रकार के वाहनों की बिक्री 15 प्रतिशत बढ़कर 83,702 यूनिट्स रही है। यह मजबूत प्रदर्शन हमारे एसयूवी पोर्टफोलियो के लिए बना सकारात्मक माहौल दिखाता है।
महिंद्रा एंड महिंद्रा के ट्रैक्टर की बिक्री में भी फरवरी में उछाल देखा गया है।
फरवरी 2025 में घरेलू स्तर पर ट्रैक्टर की बिक्री 23,880 यूनिट्स रही है, जो कि फरवरी 2024 में 20,121 यूनिट्स थी।
कंपनी ने फरवरी 2025 में 1,647 ट्रैक्टर का निर्यात किया है, जिसके कारण कुल ट्रैक्टर बिक्री 25,527 यूनिट्स रही है, जो कि पिछले साल समान अवधि में 21,672 यूनिट्स थी।
महिंद्रा एंड महिंद्रा के फार्म इक्विपमेंट सेक्टर के अध्यक्ष, हेमंत सिक्का ने कहा कि हमने फरवरी 2025 में घरेलू बाजार में 23,880 ट्रैक्टर की बिक्री की है, जो कि पिछले साल के मुकाबले 19 प्रतिशत अधिक है।
इसकी वजह खरीफ की फसलों का अच्छा होना और रबी की फसलों के लिए आउटलुक सकारात्मक रहना है।
उन्होंने आगे कहा कि सरकार द्वारा एग्री क्रेडिट लिमिट में बढ़ोतरी किसानों की आय में बढ़ने में सहायक होगी। वहीं, बंपर रबी फसल से ट्रैक्टर की मांग मजबूत रहने की संभावना है। हमने 1,647 ट्रैक्टर का निर्यात किया है, जो कि पिछले साल के मुकाबले 6 प्रतिशत अधिक है।
व्यापार
1,200 में से 1,100 सरकारी योजनाओं में डीबीटी के जरिए लोगों तक पहुंच रही सरकारी मदद: वित्त मंत्री
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नई दिल्ली, 1 मार्च। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को कहा कि केंद्र और राज्य सरकार की 1,200 योजनाओं में से 1,100 में डायरेक्टर बेनिफिट ट्रांसफर (डीबीटी) सिस्टम के जरिए लोगों तक लाभ पहुंच रहा है।
वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा कि डीबीटी से यह सुनिश्चित होता है कि धनराशि सीधे लाभार्थियों के बैंक खातों में स्थानांतरित हो, जिससे बिचौलियों की भूमिका समाप्त हो और देरी कम हो।
राष्ट्रीय राजधानी में 49वें सिविल लेखा दिवस समारोह में बोलते हुए मंत्री ने कहा, “अब हर चीज के लिए सीधे भुगतान किया जा रहा है और इसमें कोई बिचौलिया नहीं है और किसी अजन्मे बच्चे को भत्ता नहीं मिल रहा है।”
वित्त मंत्री ने कहा कि धनराशि प्राप्त करने वाले प्रत्येक व्यक्ति के पास बायोमेट्रिक सत्यापित खाता होता है, जिसमें धनराशि ट्रांसफर की जाती है।
उन्होंने आगे कहा, “सार्वजनिक वित्तीय प्रबंधन प्रणाली (पीएफएमएस) ने डीबीटी को सुव्यवस्थित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।”
वित्त मंत्री ने कहा कि यह प्रणाली सरकार को यह सुनिश्चित करने में सक्षम बनाती है कि धनराशि बिना किसी अनियमितता के सही लाभार्थियों तक पहुंचे।
वित्त मंत्री ने आगे कहा कि पीएफएमएस वर्तमान में लगभग 60 करोड़ लाभार्थियों को सेवा प्रदान करता है, जिससे यह दुनिया में अपनी तरह की सबसे बड़ी वित्तीय प्रबंधन प्रणाली बन गई है। इसके संपूर्ण डिजिटलीकरण फीचर ने वित्तीय प्रशासन को मजबूत किया है और फंड वितरण में जवाबदेही बढ़ाई है।
उन्होंने आगे कहा कि पीएफएमएस ने 31 राज्य कोषागारों और 40 लाख से अधिक कार्यक्रम कार्यान्वयन एजेंसियों के साथ काम करते हुए राज्यों की वित्तीय प्रणालियों को जोड़ा है।
वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा, “अपने व्यापक नेटवर्क के साथ, यह प्रणाली यह सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है कि सरकारी धन का प्रभावी ढंग से उपयोग किया जाए और उन लोगों तक पहुंचे जिन्हें इसकी सबसे अधिक आवश्यकता है।”
अंतरराष्ट्रीय समाचार
भारत का मजबूत प्रदर्शन 2047 तक विकसित अर्थव्यवस्था बनने के लिए सुधारों को लागू करने का दे रहा अवसर: आईएमएफ
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संयुक्त राष्ट्र, 1 मार्च। भारत की विवेकपूर्ण नीतियों की सराहना करते हुए अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के कार्यकारी बोर्ड ने कहा है कि देश का मजबूत आर्थिक प्रदर्शन 2047 तक विकसित अर्थव्यवस्था बनने के लिए महत्वपूर्ण सुधारों को अपनाने में मदद कर सकता है।
आईएमएफ द्वारा जारी की गई रिपोर्ट में कहा गया, “भारत का मजबूत आर्थिक प्रदर्शन 2047 तक विकसित अर्थव्यवस्था का दर्जा हासिल करने के लिए जरूरी अहम और चुनौतीपूर्ण संरचनात्मक सुधारों को लागू करने में मदद कर सकता है।”
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के लिए आजादी के सौ साल पूरे होने की समय सीमा तय की है।
रिपोर्ट में आईएमएफ के कार्यकारी निदेशकों ने भारतीय अधिकारियों की विवेकपूर्ण व्यापक आर्थिक नीतियों और सुधारों की सराहना की, जिन्होंने भारत की अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने और एक बार फिर सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था बनाने में योगदान दिया है।
रिपोर्ट में बताया गया कि भारत के वित्तीय क्षेत्र का स्वास्थ्य, मजबूत कॉरपोरेट बैलेंसशीट और अच्छा डिजिटल पब्लिक इन्फ्रास्ट्रक्चर दर्शाता है कि देश की वृद्धि दर मध्यम अवधि में तेज रहेगी। साथ ही जनकल्याण की योजनाएं भी जारी रहेंगी।
रिपोर्ट में इस बात पर जोर दिया गया कि भू-आर्थिक विखंडन और धीमी घरेलू मांग से उत्पन्न प्रतिकूल परिस्थितियों का सामना करते हुए, व्यापक आर्थिक स्थिरता बनाए रखने के लिए उचित नीतियां जारी रखना आवश्यक है।
इसके अलावा, रिपोर्ट में भारत द्वारा हाल ही में घटाए गए टैरिफ का भी स्वागत किया गया है। इससे देश की प्रतिस्पर्धात्मक क्षमता बढ़ेगी।
पिछले महीने पेश किए गए बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ऑटोमोबाइल से लेकर शराब तक कई प्रकार के आयात पर टैरिफ कम कर दिया था।
आईएमएफ के कार्यकारी बोर्ड ने कहा कि संरचनात्मक सुधार देश में उच्च-गुणवत्ता की नौकरियां पैदा करने और निवेश के लिए काफी जरूरी हैं।
रिपोर्ट में आगे कहा गया कि भारत को लेबर मार्केट सुधारों को लागू करने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए और महिला भागीदारी को लेबर फोर्स में बढ़ाना चाहिए।
व्यापार
यूपीआई लेनदेन में फरवरी में 33 प्रतिशत की वृद्धि, वैल्यू भी 20 प्रतिशत बढ़ी
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नई दिल्ली, 1 मार्च। यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई) लेनदेन फरवरी में सालाना आधार पर 33 प्रतिशत बढ़कर 16.11 अरब पर पहुंच गया है। नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआई) के द्वारा शनिवार को जारी किए गए आंकड़ों में यह जानकारी मिली।
बीते महीने यूपीआई लेनदेन की वैल्यू भी 20 प्रतिशत बढ़कर 21.96 लाख करोड़ रुपये हो गई है।
फरवरी में प्रतिदिन 57.5 करोड़ यूपीआई लेनदेन हुए हैं और जनवरी में इनकी संख्या 54.8 करोड़ प्रतिदिन थी। इसके कारण यूपीआई से प्रतिदिन होने वाले लेनदेन की वैल्यू बढ़कर 78,446 करोड़ रुपये हो गई है, जो कि जनवरी में 75,743 करोड़ रुपये थी।
वित्त वर्ष 2023-24 में यूपीआई से कुल 131 अरब लेनदेन हुए थे। इनकी लेनदेन की कुल वैल्यू 200 लाख करोड़ रुपये थी।
डिजिटल पेमेंट पारिदृश्य में बड़ा बदलाव हुआ है। यूपीआई की हिस्सेदारी डिजिटल पेमेंट में लगातार बढ़ रही है। मौजूदा समय में रिटेल डिजिटल पेमेंट्स में यूपीआई की हिस्सेदारी 80 प्रतिशत से अधिक हो गई है।
फरवरी में इमीडिएट पेमेंट सर्विस (आईएमपीएस) लेनदेन की संख्या 40.5 करोड़ रही। इनकी वैल्यू 5.63 लाख करोड़ रुपये थी।
एनपीसीआई के डेटा के मुताबिक, फास्टैग लेनदेन की संख्या फरवरी में सालाना आधार पर 19 प्रतिशत बढ़कर 38.4 करोड़ हो गई है। वहीं, इनकी वैल्यू भी 18 प्रतिशत बढ़कर 6,601 करोड़ रुपये हो गई है।
आधार आधारित पेमेंट सिस्टम (एईपीएस) लेनदेन की संख्या सालाना आधार पर 14 प्रतिशत बढ़कर 9.4 करोड़ हो गई है।
यूपीआई ने बाजार में आसानी को बढ़ावा दिया है। इसके जरिए आसानी से रियल-टाइम लेनदेन किया जा सकता है।
जनवरी के डेटा के मुताबिक, देश में 80 से ज्यादा यूपीआई ऐप (बैंक ऐप्स और थर्ड पार्टी) हैं। 641 बैंक यूपीआई इकोसिस्टम पर लाइव हैं।
यूपीआई का विस्तार वैश्विक स्तर पर भी तेजी से हो रहा है, जिससे विदेश यात्रा करने वाले भारतीयों के लिए सीमा पार लेनदेन करना आसान हो रहा है। वर्तमान में यूपीआई 7 से अधिक देशों में लाइव है, जिसमें यूएई, सिंगापुर, भूटान, नेपाल, श्रीलंका, फ्रांस, मॉरीशस जैसे प्रमुख बाजार शामिल हैं, जो भारतीयों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर यूपीआई से भुगतान करने की अनुमति देता है।
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