राष्ट्रीय समाचार
महाराष्ट्र राजनीति: संजय राउत का आरोप, हनी ट्रैप के कारण शिवसेना में फूट; भाजपा ने आरोपों को निराधार बताया
हनी ट्रैप, जो पिछले सप्ताह एक दबी हुई चर्चा थी, सोमवार को तब चर्चा में आ गई जब शिवसेना सांसद संजय राउत ने आरोप लगाया कि इसमें चार मंत्री और कई सरकारी अधिकारी शामिल हैं।
हालाँकि, भाजपा ने इस दावे को खारिज कर दिया और इसकी विश्वसनीयता पर सवाल उठाया।
‘एक्स’ पर अपनी पोस्ट में, राउत ने दावा किया कि तत्कालीन अविभाजित शिवसेना के चार युवा सांसद हनीट्रैप में फँस गए थे। उन्होंने कहा, “उन्हें दलबदल कर उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले शिवसेना के बागी गुट में शामिल होना पड़ा।”
संसद के मानसून सत्र में भाग लेने के लिए वर्तमान में नई दिल्ली में मौजूद राउत ने मीडियाकर्मियों से बात की और आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने पिछले सप्ताह राज्य विधानसभा में झूठ बोला था और दावा किया था कि इसका कोई सबूत नहीं है।
राउत के अनुसार, उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना छोड़कर एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली पार्टी में शामिल होने वाले सांसद भाजपा से हाथ मिलाने के बाद पाक-साफ हो गए।
कांग्रेस नेता नाना पटोले ने भी राज्य विधानसभा में दो बार यह मुद्दा उठाया था और हनी ट्रैप के सबूत के तौर पर एक पेन ड्राइव भी दिखाई थी।
राजस्व मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने विपक्षी महा विकास अघाड़ी (एमवीए) नेताओं पर सत्ता गंवाने के बाद झूठ फैलाने का आरोप लगाया।
राउत के बयानों पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा कि अगर उनके पास हनी ट्रैप के दावों से संबंधित कोई सामग्री है, तो उन्हें आगे आकर दिखाना चाहिए।
बावनकुले ने राउत के इस दावे को खारिज कर दिया कि कथित नासिक हनी ट्रैप मामले में शामिल एक मौजूदा मंत्री कई शिवसेना नेताओं के असम शहर जाने के तुरंत बाद गुवाहाटी गए थे।
भाजपा के एक अन्य कैबिनेट मंत्री गिरीश महाजन ने भी राउत के आरोपों पर पलटवार किया और उन्हें मूर्खतापूर्ण तथा विश्वसनीयता से रहित बताया।
पत्रकारों से बात करते हुए, महाजन ने कहा, “राउत ने मूर्खतापूर्ण दावे किए हैं। सिर्फ़ इसलिए कि किसी के पास प्रफुल्ल लोढ़ा (जलगाँव के एक विवादास्पद नेता, जिन पर मुंबई में एक आपराधिक मामला चल रहा है) के साथ एक तस्वीर है, इसका मतलब यह नहीं है कि वे किसी आपराधिक साज़िश का हिस्सा हैं। राउत ने अपने दावों के समर्थन में प्रफुल्ल लोढ़ा के साथ महाजन की एक तस्वीर पोस्ट की थी।”
महाजन ने कहा कि लोढ़ा के पास विभिन्न दलों के नेताओं के साथ तस्वीरें हैं, जिनमें एनसीपी (सपा) अध्यक्ष शरद पवार, पार्टी विधायक जयंत पाटिल, शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे और एनसीपी (सपा) सांसद सुप्रिया सुले शामिल हैं।
भाजपा मंत्री ने बताया कि लोढ़ा के पास वीबीए (वंचित बहुजन अघाड़ी) नेता प्रकाश अंबेडकर के साथ भी एक फोटो है, क्योंकि लोढ़ा ने वीबीए के टिकट पर लोकसभा चुनाव लड़ा था।
इस बीच, एजेंसियों ने बताया कि मुंबई पुलिस ने 62 वर्षीय प्रफुल लोढ़ा को नौकरी दिलाने के बहाने दो 16 वर्षीय लड़कियों का यौन शोषण करने और एक महिला के साथ बलात्कार करने के आरोप में गिरफ्तार किया है, एक अधिकारी ने सोमवार को बताया। अधिकारी ने बताया कि लोढ़ा के खिलाफ साकीनाका और एमआईडीसी पुलिस थानों में दो मामले दर्ज किए गए हैं।
बताया गया कि लोढ़ा को 5 जुलाई को चकला इलाके से गिरफ्तार किया गया था और वह एक भाजपा नेता का करीबी सहयोगी है।
राजनीति
वोट बैंक के लिए घुसपैठियों को बचाने वालों को जनता ने करारा जवाब दिया: गृह मंत्री अमित शाह

पटना, 14 नवंबर: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए की प्रचंड जीत के बाद राज्य की जनता का धन्यवाद किया है। उन्होंने कहा कि वोट बैंक के लिए घुसपैठियों को बचाने वालों को जनता ने करारा जवाब दिया है।
गृह मंत्री अमित शाह ने ‘एक्स’ पोस्ट में लिखा, “ज्ञान, परिश्रम और लोकतंत्र की रक्षक ‘बिहार भूमि’ की जनता को कोटि-कोटि नमन। बिहारवासियों की ओर से एनडीए को यह प्रचंड जनादेश, बिहार में विकास, महिलाओं की सुरक्षा, सुशासन और गरीब कल्याण की एनडीए की संकल्प सेवा पर जनता की मुहर है। पिछले 11 सालों में मोदी जी ने बिहार के लिए दिल खोलकर कार्य किए और नीतीश जी ने बिहार को जंगलराज के अंधेरे से बाहर निकालने का काम किया। यह जनादेश ‘विकसित बिहार’ के संकल्प के लिए है।”
उन्होंने लिखा, “बिहारवासियों का एक-एक वोट भारत की सुरक्षा और संसाधनों से खेलने वाले घुसपैठियों और उनके हितैषियों के खिलाफ मोदी सरकार की नीति में विश्वास का प्रतीक है। वोटबैंक के लिए घुसपैठियों को बचाने वालों को जनता ने करारा जवाब दिया है। बिहार की जनता ने पूरे देश का मूड बता दिया है कि मतदाता सूची शुद्धिकरण अनिवार्य है और इसके खिलाफ राजनीति की कोई जगह नहीं है। इसीलिए राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस आज बिहार में आखिरी पायदान पर आ गई है।”
इसे ‘विकसित बिहार’ में विश्वास रखने वाले हर बिहारवासी की जीत बताते हुए गृह मंत्री अमित शाह ने लिखा, “जंगलराज और तुष्टीकरण की राजनीति करने वाले किसी भी भेष में आएं, उन्हें लूटने का मौका नहीं मिलेगा। जनता अब सिर्फ और सिर्फ ‘प्रदर्शन की राजनीति’ के आधार पर जनादेश देती है।”
प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ-साथ एनडीए के सभी नेताओं और कार्यकर्ताओं को जीत की बधाई देते हुए गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, “अपने अथक परिश्रम से इस परिणाम को चरितार्थ करने वाले बूथ से लेकर प्रदेश स्तर तक के बिहार भाजपा के सभी कार्यकर्ताओं का अभिवादन करता हूं।”
उन्होंने कहा, “मैं बिहार की जनता और विशेषकर हमारी माताओं-बहनों को आश्वस्त करता हूं कि जिस आशा और विश्वास के साथ आपने एनडीए को यह जनादेश दिया है, मोदी जी के नेतृत्व में एनडीए सरकार उससे अधिक समर्पण से उसे पूरा करेगी।”
राजनीति
बिहार चुनाव : जदयू-भाजपा का गठबंधन अप्रत्याशित जीत की ओर, 200 सीटों के करीब पहुंचा आंकड़ा

पटना, 14 नवंबर: बिहार विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत एनडीए (राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन) ने फिर से परचम लहराया है। चुनाव आयोग के शुरुआती रुझानों में एनडीए ने 195 सीटों पर बढ़त हासिल की है।
चुनाव आयोग के रुझानों के अनुसार, भाजपा ने दोपहर साढ़े 12 बजे तक 87 सीटों पर बढ़त बनाए रखी, जो सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी है। इसके अलावा भाजपा की सहयोगी जदयू 79 सीटों पर आगे रही। एनडीए के अन्य घटक दलों में शामिल लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) को 21, हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा को पांच और राष्ट्रीय लोक मोर्चा को तीन सीटों पर बढ़त मिली।
यही रुझान नतीजों में तब्दील होते हैं तो यह बिहार में एनडीए की 2010 के बाद दूसरी सबसे बड़ी जीत होगी।
2010 के बिहार विधानसभा चुनाव में जदयू और भाजपा के नेतृत्व में एनडीए 206 विधानसभा सीटों पर विजयी हुई। जदयू 115 सीटें जीतकर राज्य की सबसे बड़ी पार्टी बनी, जबकि भाजपा 91 सीटों के साथ दूसरी सबसे बड़ी पार्टी थी। राजद के नेतृत्व वाले गठबंधन को महज 25 सीटों पर जीत मिली थी, जिसमें राजद ने अकेले 22 सीटों पर कब्जा किया और एलजेपी (लोक जनशक्ति पार्टी) तीन सीटों पर जीत पाई।
वहीं, महागठबंधन को बिहार की जनता ने नकार दिया है। महागठबंधन की मुख्य पार्टी राजद को सिर्फ 31 सीटों पर बढ़त है, जबकि कांग्रेस फिलहाल 5 सीटों पर आगे है। अन्य घटक दलों में शामिल भाकपा-माले को छह, माकपा और भाकपा को एक-एक सीट पर बढ़त मिली है।
चुनाव आयोग के रुझानों के अनुसार, एआईएमआईएम (ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन) को चार और बहुजन समाज पार्टी को एक सीट पर बढ़त हासिल है।
फिलहाल, यह रुझान शुरुआती चरणों की मतगणना के आधार पर सामने आए हैं। हालांकि, आखिरी दौर तक वोटों की गिनती में आंकड़ों में बदलाव संभव है।
सभी 243 विधानसभा सीटों के लिए मतगणना सुबह 8 बजे शुरू हुई। पहले डाक मतपत्रों को गिना गया। इसके बाद सुबह 8.30 बजे से इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) के मतों की गिनती शुरू हुई।
राजनीति
बिहार विधानसभा 2025: एनडीए को भारी बढ़त, भाजपा सबसे बड़ी पार्टी, कांग्रेस सिर्फ 6 सीटों पर आगे

नई दिल्ली, 14 नवंबर: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के लिए मतगणना जारी है। चुनाव आयोग के ताजा रुझानों के मुताबिक राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) बहुमत के लिए आवश्यक आंकड़ें 122 को आसानी से पार करते हुए दिख रही है।
रुझानों में भाजपा ने बाकी सभी पार्टियों की तुलना में बढ़त बनाई हुई है। चुनाव आयोग के ताजा आंकड़ों के मुताबिक भाजपा सर्वाधिक 85 सीटों पर आगे है। दूसरे नंबर की पार्टी नीतीश कुमार की जनता दल (यूनाइटेड) है, जो 75 सीटों पर आगे चल रही है। इसके अलावा प्रदेश की मुख्य विपक्षी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (राजद) 36 सीटों पर आगे चल रही है।
चिराग पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) 22 सीटों पर आगे चल रही है। देश की मुख्य विपक्षी पार्टी एवं बिहार में विपक्षी महागठबंधन का प्रमुख दल कांग्रेस मात्र 6 सीटों पर आगे है। इनके अलावा सीपीआई (एमएल) (एल) 7 सीट, जीतन राम मांझी की हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (सेक्युलर) चार, राष्ट्रीय लोक मोर्चा दो और एआईएमआईएम तीन सीटों पर आगे चल रही है।
विकासशील इंसानी पार्टी (वीआईपी) एक, सीपीआई (एम) एक और बीएसपी एक सीटों पर बढ़त बनाए हुई हैं। इनके अलावा प्रशांत किशोर की जन सुराज और तेज प्रताप का जनशक्ति जनता दल पिछड़ते हुए नजर आ रहे हैं।
बिहार की कुल 243 विधानसभा सीटों के लिए दो चरणों (6 नवंबर को पहले चरण में 121 विधानसभा सीट और 11 नवंबर को दूसरे चरण के लिए 122 विधानसभा) की वोटिंग के बाद शुक्रवार को मतगणना हो रही है। मतगणना की शुरुआत सुबह 8:00 बजे डाक मतपत्रों से हुई और उसके आधे घंटे बाद 8:30 बजे से इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (ईवीएम) से मतगणना शुरू हुई।
अधिकारियों के अनुसार, 243 रिटर्निंग ऑफिसर (आरओ), 243 मतगणना पर्यवेक्षकों की सहायता से, चुनाव लड़ रहे उम्मीदवारों और उनके अधिकृत एजेंटों की उपस्थिति में इस प्रक्रिया की निगरानी कर रहे हैं।
कुल 4,372 मतगणना टेबल लगाई गई हैं, जिनमें से प्रत्येक पर एक मतगणना पर्यवेक्षक, एक सहायक और एक माइक्रो-ऑब्जर्वर तैनात हैं। निष्पक्षता और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए उम्मीदवारों द्वारा नियुक्त 18,000 से अधिक मतगणना एजेंट मतगणना प्रक्रिया की निगरानी कर रहे हैं।
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