खेल
महाराष्ट्र: सरकार ने पेरिस ओलंपिक के लिए चुने गए 6 एथलीटों में से प्रत्येक को 50 लाख रुपये की वित्तीय सहायता की घोषणा की।

मुंबई: 26 जुलाई से शुरू होने वाले पेरिस ओलंपिक के लिए चुने गए छह खिलाड़ियों के एक बैच को हाल ही में राज्य सरकार की घोषणा के बाद 50 लाख रुपये मिलेंगे। जो पैसा तैयारियों के लिए उनकी मदद के लिए अलग रखा गया था, वह खेल से कुछ दिन पहले ही दिया जाएगा।
इसके अलावा, अगले महीने होने वाले पैरालंपिक में राज्य का प्रतिनिधित्व करने वाले छह खिलाड़ियों को मिशन ओलंपिक के तहत 50-50 लाख रुपये भी दिए जाएंगे, जो मिशन टारगेट के तहत आता है, जिसका उद्देश्य खिलाड़ियों के कौशल को निखारकर उन्हें पदक विजेता बनाना है।
जिन खिलाड़ियों को राशि दी जाएगी उनमें शामिल हैं – अविनाश साबले, सर्वेश कुशारे, आभा खटुआ (एथलेटिक्स), चिराग शेट्टी (बैडमिंटन), विष्णु सरवनन (सेलिंग), स्वप्निल कुसाले (शूटिंग), प्रवीण जाधव (तीरंदाजी), और मानसी जोशी। सुकांत कदम, भाग्यश्री जाधव (पैरा बैडमिंटन), सुयश जाधव (पैरा तैराकी) और सचिन खिलारे (पैरा एथलेटिक्स)।
यह धनराशि पहले ही दे दी जानी चाहिए थी ताकि खिलाड़ी इसका उपयोग खेलों की तैयारियों के लिए कर सकें। लेकिन हमेशा की तरह लालफीताशाही बीच में आ गई, ऐसा नाम न बताने की शर्त पर राज्य सरकार के एक अधिकारी ने कहा।
राष्ट्रीय
योग संगम 2025 के लिए 30 हजार संगठनों ने कराया पंजीकरण : आयुष मंत्रालय

नई दिल्ली, 5 जून। 11वें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की तैयारी में, देश भर की 30,000 संस्थाओं ने योग संगम में हिस्सा लेने के लिए पंजीकरण कराया है।
इनमें स्कूल, रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन, कॉरपोरेट, एनजीओ और सरकारी संस्थाएं भी शामिल हैं।
आयुष मंत्रालय ने इस विषय में जानकारी देते हुए बताया, “इतनी बड़ी संख्या में पंजीकरण दिखाता है कि योग सिर्फ अभ्यास नहीं, बल्कि स्वस्थ जीवन, सामुदायिक एकता और राष्ट्रीय कल्याण की दिशा में एक आंदोलन है।”
21 जून को देश के एक लाख से ज्यादा स्थानों पर योग के कार्यक्रम होंगे, जिसमें लद्दाख की बर्फीली चोटियों से लेकर केरल के समुद्र तटों, स्कूलों, ऑफिसों, रेलवे स्टेशनों और मंदिरों के प्रांगण भी शामिल हैं।
मंत्रालय ने बताया कि इन कार्यक्रमों को योग पोर्टल पर ऑनलाइन ट्रैक किया जाएगा, जहां संस्थाएं अपने आयोजन के लिए पंजीकरण कर सकती हैं। आईआईटी, आईआईएम और सेंट्रल यूनिवर्सिटी जैसी प्रमुख संस्थाएं भी बड़े पैमाने पर योग प्रदर्शन कर रही हैं और इसे मानसिक स्पष्टता, भावनात्मक मजबूती और नेतृत्व विकास के लिए बढ़ावा दे रही हैं।
इसमें भाग लेने के लिए लोग आयुष मंत्रालय की वेबसाइट पर समूह या संस्था के रूप में रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं। 21 जून को योग संगम आयोजन के बाद, भागीदारी विवरण अपलोड करने पर आधिकारिक प्रशंसा प्रमाण पत्र मिलेगा।
मंत्रालय ने कहा, “आइए, एक स्वस्थ और समृद्ध भारत के लिए योग संगम को राष्ट्रीय कल्याण का आधार बनाएं। हम सब मिलकर योग संगम को समग्र स्वास्थ्य और राष्ट्रीय कल्याण के लिए भारत के आंदोलन की आधारशिला बनाएं।”
बता दें, आयुष मंत्रालय ने एक पोर्टल लॉन्च किया है, जहां संगठन अपने कार्यक्रमों को पंजीकृत कर सकते हैं, 21 जून को योग सत्र आयोजित कर सकते हैं और आधिकारिक प्रशंसा प्रमाणपत्र प्राप्त करने के लिए भागीदारी डेटा अपलोड कर सकते हैं।
राजनीति
बेंगलुरु भगदड़ पर शिवराज सिंह चौहान ने जताया दुख, घायलों के स्वास्थ्य लाभ की कामना

नई दिल्ली, 5 जून। कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) की जीत के जश्न के दौरान बड़ा हादसा हुआ। चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर भगदड़ मचने से 11 लोगों की मौत हो गई और 33 अन्य घायल हो गए। इस हादसे पर केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने दुख जताया।
शिवराज सिंह चौहान ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में लिखा, “बेंगलुरु में हुई दुर्घटना अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है। इस गंभीर हादसे में असमय प्राण गंवाने वाले नागरिकों को विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। हम सभी की संवेदनाएं शोकाकुल परिजनों के साथ हैं। ईश्वर दिवंगत आत्माओं को अपने श्रीचरणों में स्थान दें और घायलों को शीघ्र स्वास्थ्य लाभ प्रदान करें, यही प्रार्थना करता हूं।”
हादसे पर रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु ने भी दुख जताया। आरसीबी ने कहा, “आज दोपहर टीम के आगमन की प्रत्याशा में बेंगलुरु में लोगों की भीड़ के बारे में मीडिया रिपोर्टों के माध्यम से सामने आई दुर्भाग्यपूर्ण घटनाओं से हम बहुत दुखी हैं। सभी की सुरक्षा और भलाई हमारे लिए सबसे महत्वपूर्ण है। आरसीबी दुखद मौत पर शोक व्यक्त करता है और प्रभावित परिवारों के प्रति अपनी हार्दिक संवेदना व्यक्त करता है। स्थिति से अवगत होने के तुरंत बाद, हमने अपने कार्यक्रम में तुरंत संशोधन किया और स्थानीय प्रशासन के मार्गदर्शन और सलाह का पालन किया। हम अपने सभी समर्थकों से आग्रह करते हैं कि कृपया सुरक्षित रहें।”
बता दें कि चिन्नास्वामी क्रिकेट स्टेडियम के बाहर हुई भगदड़ में अब तक 11 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 33 लोग घायल हैं। हादसे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी दुख जताया और घायलों के जल्द स्वस्थ होने की कामना की।
अधिकारियों ने पुष्टि की है कि दो लोगों के शव बॉरिंग अस्पताल में और चार अन्य के वैदेही अस्पताल में हैं। छह लोगों का वैदेही अस्पताल के आईसीयू में इलाज चल रहा है, जिनमें से तीन को आईसीयू में भर्ती कराया गया है।
मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और उपमुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार ने बॉरिंग अस्पताल का दौरा किया। मुख्यमंत्री ने संवाददाता सम्मेलन में 11 लोगों के मारे जाने और 33 लोगों के घायल होने की पुष्टि की है। उन्होंने मृतकों के आश्रितों को 10-10 लाख रुपए की मदद देने और घायलों का सरकार की तरफ से मुफ्त इलाज कराने की घोषणा की है।
राजनीति
छत्तीसगढ़ के बस्तर में नक्सलवाद के खात्मे पर बनेगी नई फिल्म, सुदीप्तो सेन करेंगे निर्देशन

जगदलपुर, 4 जून। ‘द केरला स्टोरी’ और ‘बस्तर: द नक्सल स्टोरी’ के निर्देशक सुदीप्तो सेन ने छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले में नक्सलवाद के खात्मे को केंद्र में रखकर एक नई फिल्म बनाने की घोषणा की है।
जगदलपुर में बस्तर शांति समिति द्वारा आयोजित ‘बीजिंग से बस्तर तक’ संवाद कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे सुदीप्तो सेन ने बताया कि लगभग 40 वर्षों से नक्सलवाद का दंश झेल रहा बस्तर अब नक्सल मुक्त होने की कगार पर है। इस बदलाव को पर्दे पर उतारने के लिए वे जल्द ही एक नई फिल्म की शूटिंग शुरू करने जा रहे हैं।
सुदीप्तो सेन ने कहा कि उनकी आगामी फिल्म बस्तर में नक्सलवाद के खिलाफ चल रही लड़ाई को दर्शाएगी, जिसमें नक्सल मोर्चे पर तैनात जवानों और सरकार के प्रयासों को प्रमुखता से दिखाया जाएगा। इस फिल्म की खास बात यह होगी कि इसमें स्थानीय कलाकारों को मौका दिया जाएगा और पूरी शूटिंग बस्तर में ही की जाएगी।
उन्होंने बताया कि फिल्म की स्क्रिप्ट तैयार हो चुकी है, हालांकि अभी तक फिल्म का शीर्षक तय नहीं किया गया है।
कार्यक्रम के दौरान सुदीप्तो ने बस्तर के बदलते स्वरूप पर खुशी जताई। उन्होंने कहा, “बस्तर अब शांति की ओर बढ़ रहा है। यहां के लोगों की कहानियां और जवानों की बहादुरी को दुनिया के सामने लाना जरूरी है। हमारी फिल्म इस क्षेत्र की सच्चाई और सकारात्मक बदलाव को उजागर करेगी। यह फिल्म न केवल नक्सलवाद के खिलाफ लड़ाई को दर्शाएगी, बल्कि बस्तर की संस्कृति और स्थानीय लोगों के संघर्ष को भी सामने लाएगी।”
सुदीप्तो सेन की पिछली फिल्म ‘बस्तर: द नक्सल स्टोरी’ ने नक्सलवाद के मुद्दे को राष्ट्रीय स्तर पर चर्चा में लाया था। इस फिल्म को दर्शकों और समीक्षकों से मिली-जुली प्रतिक्रिया मिली थी, लेकिन इसने बस्तर के हालात को समझने में अहम भूमिका निभाई। उनकी नई फिल्म की घोषणा से स्थानीय लोगों में उत्साह है, क्योंकि यह न केवल क्षेत्र की कहानी को वैश्विक मंच पर ले जाएगी, बल्कि स्थानीय प्रतिभाओं को भी अवसर प्रदान करेगी।
यह फिल्म बस्तर के लिए एक नई उम्मीद की किरण बन सकती है, जो नक्सलवाद के अंधेरे से निकलकर शांति और समृद्धि की ओर बढ़ रहा है।
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