अंतरराष्ट्रीय समाचार
मैक्रों-ट्रंप मुलाकात: अमेरिकी राष्ट्रपति बोले, ‘यूक्रेन में युद्ध विराम रूस के हित में’
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वाशिंगटन, 25 फरवरी। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि यूक्रेन से युद्ध विराम समझौता ‘रूस के हित में है’ और उन्हें लगता है राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ऐसा करना चाहते हैं।
द्विपक्षीय वार्ता के बाद ट्रंप ने साझा संवाददाता सम्मेलन में ये बात कही। फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रों ने कहा कि युद्ध समाप्त करने के लिए किसी भी बातचीत के समझौते में सुरक्षा गारंटी का ध्यान रखना बहुत जरूरी है।
दोनों नेताओं ने 2022 में यूक्रेन पर रूस के आक्रमण की तीसरी वर्षगांठ के मौके पर व्हाइट हाउस में मुलाकात की। इससे पहले संयुक्त राष्ट्र महासभा में रूस को हमलावर के रूप में निंदा करने वाले प्रस्ताव पर अमेरिका ने अपने यूरोपीय सहयोगियों से अलग रुख अपनाया।
राष्ट्रपति ट्रंप से जब पुतिन पर भरोसा करने के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कहा, “समझौता करना रूस के हित में है और मुझे लगता है कि हम ऐसा करेंगे। दोनों पक्षों में जबरदस्त अविश्वास है।”
उन्होंने आगे कहा कि अपने दूसरे कार्यकाल की शुरुआत में उन्होंने सबसे पहला फोन राष्ट्रपति पुतिन को किया था क्योंकि उन्हें लगता है पुतिन समझौता करने के लिए तैयार हैं।
उन्होंने कहा, “यह रूस के लिए फायदेमंद है कि वह एक समझौता करे और पुतिन रूस का नेतृत्व सकारात्मक रूप से जारी रखें।”
ट्रंप ने यह भी कहा कि वे यूक्रेन के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर करने के इच्छुक हैं, जिसमें अमेरिका को यूक्रेन से दुर्लभ खनिजों पर अधिकार मिलेगा, जबकि बदले में यूक्रेन को अपनी सुरक्षा के लिए अरबों डॉलर की सहायता दी जाएगी।
राष्ट्रपति मैक्रों ने यूरोपीय सहयोगियों के साथ कई दौर की बैठकें करने के बाद वाशिंगटन में ट्रंप से मुलाकात की। उन्होंने कहा, “मुझे लगता है कि शांति लाना बहुत महत्वपूर्ण है।” मैक्रों ने अपनी बात अंग्रेजी में रखी जो उनकी फर्स्ट लैंग्वेज नहीं है।
उन्होंने बार-बार इस बात पर जोर दिया कि किसी भी शांति समझौते में सुरक्षा गारंटी होनी चाहिए, जिसे जांचा और सत्यापित किया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा, “मेरा मानना है कि, कुछ ऐसा हासिल करने की कोशिश करें, जिसका मूल्यांकन, जांच और सत्यापन किया जा सके और यह सुनिश्चित करें कि हम अल्पावधि में पर्याप्त गारंटी दे सकें।”
उन्होंने आगे कहा, “मेरे कई यूरोपीय सहयोगी इसमें शामिल होने के लिए तैयार हैं, लेकिन हमें अमेरिकी समर्थन की जरूरत है, क्योंकि यह सुरक्षा गारंटी की विश्वसनीयता का हिस्सा है और यह हमारी सामूहिक निवारक क्षमता का भी हिस्सा है।”
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ढाका विश्वविद्यालय के ऐतिहासिक कैंटीन में कार्यक्रम पर विवाद, छात्र संगठन आमने-सामने
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ढाका, 24 फरवरी। बांग्लादेश में छात्र शाखाओं के बीच बढ़ता तनाव एक बार फिर सामने आया है। बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी के बांग्लादेश जातीयोतावादी छात्रदल और जमात-ए-इस्लामी के बांग्लादेश इस्लामी छात्र शिबिर, ढाका विश्वविद्यालय के मधुर कैंटीन में आयोजित एक कार्यक्रम को लेकर आमने-सामने आ गए।
बीएनपी के छात्र दल ने रविवार को मधुर कैंटीन में इस्लामी छात्र शिविर द्वारा बुलाई गई प्रेस कॉन्फ्रेंस के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया।
ढाका विश्वविद्यालय में मधुर कैंटीन की स्थापना मधुसूदन डे ने की थी, जो 25 मार्च, 1971 को पाकिस्तानी सेना द्वारा किए गए क्रूर सशस्त्र अभियान ऑपरेशन सर्चलाइट के दौरान शहीद हो गए थे।
बीएनपी के अनुसार, जमात-ए-इस्लामी और इस्लामी छात्र शिबिर ने अविभाजित पाकिस्तान का पुरजोर समर्थन किया और बांग्लादेश मुक्ति संग्राम के दौरान स्वतंत्रता विरोधी भूमिका निभाई।
बांग्लादेश के प्रमुख दैनिक ‘ढाका ट्रिब्यून’ की रिपोर्ट के अनुसार, छात्र दल ने कहा कि शिबिर को मधुर कैंटीन के परिसर से दूर रहना चाहिए और मधुसूदन डे की हत्या के लिए नैतिक जवाबदेही लेनी चाहिए।
छात्र दल ने बांग्लादेश मुक्ति संग्राम का अनादर करने, स्वतंत्रता सेनानियों और शहीदों का अपमान करने के लिए शिबिर की आलोचना की।
हाल ही में, दोनों छात्र विंग खुलना यूनिवर्सिटी ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी (केयूईटी) में हुई हिंसक झड़पों में भी शामिल थे, जिसमें 100 से अधिक छात्र घायल हो गए थे। दोनों पक्षों ने हिंसा शुरू करने के लिए एक-दूसरे को दोषी ठहराया था।
अगस्त 2024 में अपने पद से हटने से ठीक पहले, तत्कालीन पीएम शेख हसीना ने आरोप लगाया था कि जमात-ए-इस्लामी, इस्लामी छात्र शिबिर और बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी ने कोटा सुधार के लिए छात्र आंदोलन को अपनी ढाल के रूप में इस्तेमाल करके पूरे देश में आतंक का राज फैलाया।
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जॉर्डन और अरब लीग ने फिलिस्तीनियों के विस्थापन का किया विरोध
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अम्मान, 24 फरवरी। जॉर्डन और अरब लीग ने इस बात पर जोर दिया है कि फिलिस्तीनियों को उनकी भूमि से या उनके ही देश के अंदर से नहीं हटाया जाना चाहिए।
जॉर्डन के विदेश मंत्रालय के एक बयान के अनुसार, रविवार को अम्मान में जॉर्डन के विदेश मंत्री अयमान सफादी और अरब लीग के महासचिव अहमद अबुल घीत के बीच बैठक हुई। इस दौरान दोनों नेताओं ने कहा, “गाजा को उसके निवासियों को विस्थापित किए बिना फिर से बनाया जा सकता है।”
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, उन्होंने इस योजना को अमल में लाने के लिए अरब देशों के समर्थन और मिस्र की महत्वपूर्ण भूमिका पर भी चर्चा की।
सफादी और अबुल घीत ने संयुक्त अरब सहयोग को मजबूत करने, क्षेत्रीय घटनाक्रमों की समीक्षा करने और अगले महीने होने वाले आपातकालीन अरब शिखर सम्मेलन की तैयारियों पर भी बात की। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि “अरब देशों को मिलकर साझा चुनौतियों का सामना करना चाहिए और अपने हितों की रक्षा के लिए समन्वय बढ़ाना चाहिए।”
दोनों नेताओं ने गाजा में युद्ध विराम को मजबूत करने की आवश्यकता पर बल दिया और कहा, “गाजा पट्टी में पर्याप्त और सतत मानवीय सहायता सुनिश्चित की जानी चाहिए।” उन्होंने कब्जे वाले पश्चिमी तट में हालात बिगड़ने से रोकने की जरूरत पर भी जोर दिया और कहा, “इजरायल को अपने अवैध कदमों को तुरंत समाप्त करना चाहिए।”
उन्होंने दोहराया, “1967 की सीमाओं के आधार पर एक स्वतंत्र और संप्रभु फिलिस्तीनी राज्य की स्थापना ही क्षेत्र में स्थिरता और न्यायपूर्ण शांति लाने का एकमात्र तरीका है।” इस राज्य की राजधानी पूर्वी यरूशलम होनी चाहिए।
इसके अलावा, उन्होंने सीरिया की स्थिति पर भी चर्चा की और कहा, “सीरियाई लोगों को उनके देश के पुनर्निर्माण में सहायता दी जानी चाहिए, जिससे वहां स्थिरता और सुरक्षा बहाल हो सके।” उन्होंने आतंकवाद को खत्म करने और सीरिया के सभी समुदायों के अधिकारों की रक्षा करने की जरूरत को भी रेखांकित किया।
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भारी बर्फबारी के कारण तुर्की के 18 प्रांतों में 2,173 सड़कें अवरुद्ध, जनजीवन अस्त-व्यस्त
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अंकारा, 24 फरवरी। भारी बर्फबारी और बर्फीले तूफानों ने तुर्की के 18 प्रांतों में जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, 2,173 सड़कें बंद हो गई हैं।
पूर्वी वान प्रांत के महानगरीय क्षेत्र में 19 इलाकों और 35 छोटे गांवों का संपर्क टूट गया है। मीडिया के अनुसार, एरसिस जिले में बर्फ की मोटाई 40 सेंटीमीटर तक पहुंच गई है, जहां सड़कें साफ करने का काम जारी है।
पूर्वी मुस प्रांत में प्रशासन बर्फबारी से लोगों को होने वाली परेशानी कम करने के लिए लगातार काम कर रहा है, लेकिन अब भी 46 गांवों की सड़कें बंद हैं।
दक्षिण पूर्वी बिटलिस प्रांत में भी हालात गंभीर हैं। यहां 50 गांवों की सड़कें पूरी तरह से अवरुद्ध हो गई हैं।
पूर्वी हक्कारी में शुक्रवार को भारी बर्फबारी के कारण 34 बस्तियों का संपर्क कट गया था, जिनमें से 32 को फिर से जोड़ दिया गया है। हालांकि, शेमदीनली ज़िले के एलन गांव और युकसेकोवा ज़िले के अक्टोपरेक छोटे गांव में हिमस्खलन के खतरे के कारण रास्ते खोलने का काम नहीं हो सका है।
काला सागर क्षेत्र में ऊंचाई वाले गांवों में बर्फबारी का अधिक असर पड़ा है। कस्तामोनु में पहाड़ी इलाकों में यातायात प्रभावित हुआ है, जबकि सीनोप में 282 गांवों की सड़कें बर्फ से ढक गई हैं। सीनोप प्रांतीय प्रशासन ने चेतावनी दी है कि सोमवार दोपहर तक बर्फबारी और ठंड के हालात बने रह सकते हैं।
ट्राब्ज़ोन में सुबह से बर्फ गिर रही है, जिससे जनजीवन प्रभावित हुआ है। तेज हवाओं के कारण काला सागर में ऊंची लहरें उठ रही हैं, जिससे मछली पकड़ने वाली नौकाएं बंदरगाहों पर खड़ी रहने को मजबूर हैं। इसी तरह, रिजे में भी 81 गांवों की सड़कें बंद हो गई हैं और प्रशासन उन्हें साफ करने के प्रयास में जुटा है।
पूर्वी एरज़ुरुम प्रांत में तेज बर्फबारी और हवाओं के कारण आठ इलाकों की सड़कें बंद हो गई हैं, जबकि अर्दहान में चार गांवों का संपर्क अभी भी टूटा हुआ है।
प्रशासन ने सभी प्रभावित इलाकों के लोगों से सतर्क रहने और जब तक सड़कें पूरी तरह साफ नहीं हो जाती, तब तक जरूरी होने पर ही यात्रा करने की सलाह दी है।
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