खेल
लोकेश राहुल 3 जिम्मेदारियों के लिए हैं तैयार

लोकेश राहुल आस्ट्रेलिया दौरे पर तीन जिम्मेदारियों- मुख्य बल्लेबाज, विकेटकीपर और उप-कप्तान, को निभाने को तैयार हैं। राहुल ने बुधवार को कहा कि हाल ही में खत्म हुए आईपीएल ने उन्हें इसके लिए तैयार किया है। राहुल ने साथ ही कहा कि वह नंबर-5 पर बल्लेबाजी करने के लिए तैयार हैं। राहुल ने मीडिया कॉन्फ्रेंस में कहा, “पिछली बार जब मैं भारत के लिए खेला था, तब मैंने नंबर-5 पर बल्लेबाजी की थी और इसका लुत्फ लिया था। टीम जो चाहती है मैं वो करने को तैयार हूं।”
राहुल ने न्यूजीलैंड के खिलाफ कोविड-19 से पहले फरवरी में खेली गई तीन मैचों की वनडे सीरीज में नाबाद 88 और 112 रनों की पारियां खेली थीं।
राहुल ने साथ ही कहा कि उनके विकेटकीपिंग की जिम्मेदारी लेने से टीम के पास एक अतिरिक्त बल्लेबाज और गेंदबाज को खेलाने का विकल्प मिलता है।
उन्होंने कहा, “आईपीएल में खेलने से मुझे थोड़ी तैयारी करने का मौका मिला है। मुझे वहां भी यह जिम्मेदारियां निभानी पड़ी थीं। यह चुनौतीपूर्ण था, यह नया था। मुझे लगता है कि मैं इस रोल का आदि हो गया हूं। मैंने इसका लुत्फ लेना शुरू कर दिया है। इसलिए मुझे लगता है कि मैं यहां भी इसका लुत्फ ले सकूंगा।”
कर्नाटक के रहने वाले इस बल्लेबाज ने 2016 में वनडे में पदार्पण किया था और तब से सिर्फ 32 वनडे खेले हैं। वहीं 2016 में ही राहुल ने टी-20 में पदार्पण किया था और वह अभी तक 42 टी-20 मैच खेल चुके हैं। राहुल को लगता है कि उन्हें किसी एक रोल में ढलने का मौका नहीं मिला। लेकिन महेंद्र सिंह धोनी के 2019 विश्व कप के बाद न खेलने से राहुल को मौके मिलने शुरू हो गए। दिसंबर-2019 से फरवरी-2020 तक उन्होंने नौ वनडे मैच खेले।
उन्होंने कहा, “मैंने लंबे समय से वनडे क्रिकेट नहीं खेली थी, हालांकि मैं भारतीय टीम का हिस्सा था, लेकिन मुझे इस तरह का लंबा मौका नहीं मिला था। यह अच्छी बात है कि मैं टीम में योगदान दे रहा हूं और अपनी जिम्मेदारी निभा रहा हूं। मैं इस बात से खुश हूं कि मैं मैदान पर जाकर लगातार अच्छा प्रदर्शन कर रहा हूं।”
राहुल ने कहा कि वह एक बार में एक ही काम पर ध्यान देंगे।
उन्होंने कहा, “मैंने आईपीएल में खेलकर मौजूदा पल में,वर्तमान में रहना सीखा है। बल्लेबाजी करते हुए स्थिति को परखना, और यह देखना कि मैं टीम को मैच कैसे जिता सकता हूं। जब विकेटकीपिंग करता हूं तो इन आखिरी के तीन-चार सेकेंड में यह देखना कि गेंद कैसे आ रही है। यह जरूरी है कि मैं तब एक विकेटकीपर के तौर पर सोचूं न कि एक लीडर के तौर पर। मैंने आईपीएल में यही सीखा है। यह काफी अहम है और निजी तौर पर आगे जाने के लिए महत्वपूर्ण भी।”
भारत को 2021 और 2022 में होने वाल दो टी-20 विश्व कप और 2023 में वनडे विश्व कप की तैयारी करनी है और ऐसे में राहुल टीम के लिए विकेटकीपर-बल्लेबाज के विकल्प हो सकते हैं।
इस पर राहुल ने कहा कि उन्हें इस मामले में कुछ नहीं बताया गया है, लेकिन वह किसी भी तरह की चुनौती लेने को तैयार हैं।
उन्होंने कहा, “मुझे कुछ भी बताया नहीं गया है और मैं इतनी दूर के बारे में नहीं सोच रहा हूं। जाहिर सी बात है कि विश्व कप काफी अहम है। यह हर टीम, हर देश का लक्ष्य होते हैं। जहां तक मेरी बात है तो, हम अभी भी एक बार में एक मैच के बारे में सोच रहे हैं। अगर मैं बल्ले और ग्लव्स से लगातार अच्छा करता रहा तो यह हमें अतिरिक्त गेंदबाज या बल्लेबाज खेलाने का विकल्प मुहैया कराएगा। इससे टीम संयोजन में मदद मिलेगी। निजी तौर पर मैं यह करना पसंद करूंगा। अगर मौका मिलता है तो मैं तीनों विश्व कप में कीपिंग करना पसंद करूंगा। मैं यह अपने देश के लिए करना पसंद करूंगा।”
वनडे टीम में संजू सैमसन एक और विकेटकीपर के विकल्प हैं जबकि टी-20 में राहुल अकेले हैं।
दुर्घटना
फतेहपुर में आंधी-बारिश का कहर, तीन लोगों की मौत, दो गंभीर

फतेहपुर, 22 मई। उत्तर प्रदेश के फतेहपुर जिले में तेज आंधी और बारिश ने कहर बरपाया है। अलग-अलग थाना क्षेत्रों में आकाशीय बिजली गिरने से तीन लोगों की दर्दनाक मौत हो गई, जबकि दो लोग गंभीर रूप से झुलस गए हैं। प्रशासन ने राहत और बचाव कार्य तेज कर दिए हैं।
पहली घटना बिंदकी कोतवाली क्षेत्र के नंदापुर गांव की है। 16 वर्षीय अंशिका शुक्ला घर के बाहर सूख रहे कपड़े उठाने गई थी, तभी पास के पेड़ पर आकाशीय बिजली गिरी। बिजली की तीव्रता इतनी अधिक थी कि पेड़ टूटकर अंशिका के ऊपर गिर पड़ा, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई।
दूसरी घटना बकेवर थाना क्षेत्र के मोहीउद्दीनपुर आलमपुर गांव में हुई, जहां 57 वर्षीय राम बाबू अपने मकान की दूसरी मंजिल पर लेटे थे। तेज बारिश और तूफान के कारण मकान की ऊपरी मंजिल अचानक ढह गई। मलबे में दबकर राम बाबू की मौके पर ही मौत हो गई।
तीसरी घटना गाजीपुर थाना क्षेत्र के पाइने गांव से सामने आई है। 85 वर्षीय मौजी लाल अपने नाती के घर आए हुए थे और नीम के पेड़ के नीचे सो रहे थे। अचानक बिजली गिरने से पेड़ चपेट में आ गया और मौजी लाल की भी मौके पर ही मौत हो गई।
वहीं, इस हादसे में मौके पर मौजूद मैकू (50) और राजेश (24) गंभीर रूप से झुलस गए हैं, जिन्हें इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
प्रशासन ने मृतकों के परिजनों से मुलाकात कर सांत्वना दी है और घायलों के बेहतर इलाज के लिए आवश्यक निर्देश दिए गए हैं। साथ ही आपदा राहत कोष से मुआवजा देने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है।
बता दें कि तेज आंधी और बारिश की वजह से कई अन्य जिलों में भी काफी नुकसान पहुंचा है और कई लोगों की मौत भी हुई है। इसे लेकर प्रशासन ने उचित कदम उठाया है।
राष्ट्रीय
पहलगाम आतंकी हमले का एक महीना : शिकारों-हाउसबोटों में पसरा है सन्नाटा, टूरिस्ट नदारद

श्रीनगर, 22 मई। जम्मू कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले को एक महीने हो चुका है। यहां आतंकवादियों ने 22 अप्रैल को 26 निहत्थे पर्यटकों की गोली मारकर हत्या कर दी थी। इस आतंकवादी वारदात का प्रभाव अभी भी जम्मू कश्मीर में देखने को मिल रहा है। जम्मू कश्मीर की राजधानी श्रीनगर के प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों पर सन्नाटा पसरा हुआ है। डल झील पर हाउसबोट और शिकारे खाली पड़े हैं।
हाल के वर्षों में फेमस सेल्फी प्वाइंट बन चुके श्रीनगर के लाल चौक जैसे इलाके भी सुनसान हैं। सड़कों पर टूरिस्ट वाहनों की आवाजाही भी काफी कम है। डल झील श्रीनगर के साथ-साथ पूरे जम्मू कश्मीर का सबसे प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है। गर्मियों के मौसम में यहां पूरे देश के लोग घूमने के लिए आते हैं। हालांकि अभी यहां होटल, रेस्तरां, दुकानें व हाउसबोट सभी खाली हैं। डल झील के सामने वाली सड़क पर कार-टैक्सी का जाम लगा रहता था लेकिन आज यह सड़क पूरी तरह से खाली पड़ी है। ऐसा लगता है मानो कोई कर्फ्यू लगा हो।
शिकारा (नाव) चलाने वाले बिलाल का कहना है कि पिछले 24 दिन से उनका शिकारा झील के किनारे जस का तस खड़ा है। जबकि पिछले सीजन में तीन शिफ्ट में अलग-अलग लोग शिकारा चला रहे थे। श्रीनगर के टूर ऑपरेटर व टैक्सी कंपनी चलाने वाले शौकत मीर का कहना है कि पहलगाम की वारदात इंसानियत पर हमला था। जम्मू कश्मीर में टूरिस्टों पर कभी ऐसा हमला नहीं हुआ था। मीर के मुताबिक इस हमले ने पूरे देश और दुनिया में इंसानियत को शर्मसार कर दिया है। इस हमले में मासूम लोग मारे गए, वहीं लाखों कश्मीरियों का रोजगार भी छीन गया है। हम कई महीने पहले से सीजन के लिए तैयारी करते हैं। लेकिन अब आमदनी बंद होने से टैक्सियों की किस्त तक भरना मुश्किल हो गया है। ऑफिस व दुकानों का किराया भरने तक की आमदनी नहीं हो रही है।
टूरिस्ट न होने के कारण कई लोगों ने तो अपनी दुकानें, रेस्टोरेंट, स्टोर और होटल अस्थायी रूप से बंद कर दिए हैं। डल झील के दूसरे किनारे पर कश्मीरी केसर व ड्राई फूड्स का बड़ा स्टोर चला रहे अली का भी कुछ यही हाल है। अली के मुताबिक पहले इस सीजन में दुकान में इतनी भीड़ होती थी कि उन्हें 15 अतिरिक्त लोगों को काम पर रखना पड़ता था। लेकिन अब दुकान बिलकुल खाली पड़ी है। कई दिन से कुछ नहीं बिका। वहीं, श्रीनगर के लाल चौक पर भी खामोशी छाई है। यहां हर दिन सैकड़ों टूरिस्ट सेल्फी लेने व घूमने-फिरने के लिए आते थे। फोटो और वीडियो बनाने वालों की भीड़ रहती थी। इन्हीं टूरिस्टों से यहां के बाजारों में रौनक होती थी।
कश्मीरी काहवा बेचने वाले सलामत का कहना है कि उन्होंने लाल चौक पर ऐसा सन्नाटा आज से पहले कोविड के दौरान देखा था। सुरक्षा की बात करें तो पूरे इलाके में सुरक्षा व्यवस्था काफी पुख्ता नजर आती है। पुलिस के साथ-साथ सेना के जवान भी तैनात हैं। एयरपोर्ट, बस अड्डे, रेलवे स्टेशनों व संवेदनशील इलाकों में सुरक्षा जांच की जा रही है।
गौरतलब है कि 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद भारतीय सेना ने पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में मौजूद आतंकवादी कैंपों को तबाह कर दिया था। इसमें 100 से अधिक आतंकवादियों के मारे जाने की सूचना है। भारतीय सेना ने केवल आतंकी ठिकानों को अपना निशाना बनाया था। लेकिन पाकिस्तानी सेना ने पलटवार करते हुए भारत में सैन्य और नागरिक क्षेत्रों पर ड्रोन हमले किए। पाकिस्तान ने भारत के विभिन्न इलाकों में 300 से 400 ड्रोन भेजे। हालांकि आमने-सामने की इस लड़ाई में पाकिस्तान, भारतीय सेना से बुरी तरह पिछड़ गया। भारतीय एयर डिफेंस सिस्टम ने पाकिस्तान के ड्रोन मार गिराए। वहीं सेना ने पाकिस्तानी चौकियों को तबाह कर दिया। इस पराजय के बाद पाकिस्तान ने सीमा पर फायरिंग व गोलाबारी न करने की बात कही और संघर्ष विराम का प्रस्ताव दिया।
दुर्घटना
दिल्ली-एनसीआर में तेज आंधी और बारिश से भारी नुकसान, 3 की मौत

नई दिल्ली, 22 मई। दिल्ली-एनसीआर में बुधवार की शाम करीब 8 बजे तेज आंधी और बारिश से भारी नुकसान हुआ है। अलग-अलग हादसों में तीन लोगों की जान चली गई है। सड़कों पर पेड़ गिरने से यातायात थम गया, इमारतों के दरवाजे और खिड़कियों के टूटकर गिरने से कई लोग घायल हो गए।
निजामुद्दीन के लोधी रोड पर बिजली का खंभा गिरने से 50 साल के दिव्यांग की मौत हो गई, वहीं उत्तर पूर्वी दिल्ली के गोकुलपुरी और गाजियाबाद के मधुबन बापूधाम थाना क्षेत्र के हापुड़ चुंगी के पास पेड़ की टहनी गिरने से बाइक सवार की जान चली गई।
दिल्ली में मंगोलपुरी इलाके में फर्नीचर मार्केट में इमारत का छज्जा बीच सड़क पर गिरने से चार लोग घायल हो गए। वहीं, उत्तर पूर्वी दिल्ली में सड़क पर पेड़ गिरने से रेडी वाला घायल हो गया, वेलकम इलाके में पेड़ के गिरने से स्कूल की दीवार ढह गई। इससे दो कार क्षतिग्रस्त हो गईं।
वहीं, ग्रेटर नोएडा में सीआरसी बिल्डर के प्रोजेक्ट का जाल लटकने और पाइप गिरने से कार क्षतिग्रस्त हो गई। सुपरटेक ईको विलेज की सोसाइटी में फ्लैट की बालकनी के दरवाजे की खिड़की टूटी गई, ग्रेटर नोएडा वेस्ट में कई जगह पर पेड़ गिर गए। परथला के पास साइन बोर्ड गिर गया। वहीं ग्रेटर नोएडा वेस्ट की अपेक्स गोल्फ एवेन्यू सोसाइटी का मुख्य गेट गिर गया।
नोएडा–ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेस–वे (परी चौक की ओर जाने वाले मार्ग) पर आंधी के कारण एक पोल गिर गया, जिस कारण यातायात प्रभावित हुआ। कैथल में भी शाम के समय आई तेज आंधी तूफान की वजह से सड़क पर पेड़ गिरने से यातायात बाधित हो गया।
मौसम विभाग के अनुसार, सोमवार को उत्तर कर्नाटक और गोवा तटों से दूर, पूर्वी मध्य अरब सागर पर ऊपरी हवा के चक्रवात के प्रभाव से एक कम दबाव का क्षेत्र बन गया है। अगले 36 घंटों में इसके उत्तर की ओर बढ़ने और और अधिक सक्रिय होने की संभावना जताई गई है।
-
व्यापार5 years ago
आईफोन 12 का उत्पादन जुलाई से शुरू होगा : रिपोर्ट
-
अपराध3 years ago
भगौड़े डॉन दाऊद इब्राहिम के गुर्गो की ये हैं नई तस्वीरें
-
अपराध3 years ago
बिल्डर पे लापरवाही का आरोप, सात दिनों के अंदर बिल्डिंग खाली करने का आदेश, दारुल फैज बिल्डिंग के टेंट आ सकते हैं सड़कों पे
-
न्याय9 months ago
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के खिलाफ हाईकोर्ट में मामला दायर
-
अनन्य2 years ago
उत्तराखंड में फायर सीजन शुरू होने से पहले वन विभाग हुआ सतर्क
-
अपराध3 years ago
पिता की मौत के सदमे से छोटे बेटे को पड़ा दिल का दौरा
-
राष्ट्रीय समाचार3 months ago
नासिक: पुराना कसारा घाट 24 से 28 फरवरी तक डामरीकरण कार्य के लिए बंद रहेगा
-
महाराष्ट्र5 years ago
31 जुलाई तक के लिए बढ़ा लॉकडाउन महाराष्ट्र में, जानिए क्या हैं शर्तें