राष्ट्रीय
कोविड-19 समय में भारत में टॉप पर रहे जियो-एयरटेल

दिवंगत अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की आखिरी फिल्म ‘दिल बेचारा’ और सदी के महानायक अमिताभ बच्चन की ‘गुलाबो सिताबो’ को लेकर एक रोचक डेटा सामने आया है।
नील्सन एंड ब्रॉडकास्ट ऑडियंस रिसर्च काउंसिल (बीएआरसी) के प्रमुख सुनील लुल्ला द्वारा जारी की गई समीक्षा रिपोर्ट में सामने आया है कि एमेजॉन प्राइम वीडियो पर आई ‘गुलाबो सिताबो’ और डिज्नी प्लस हॉट स्टार पर 24 जुलाई को ्नरिलीज हुई ‘दिल बेचारा’ के लॉकडाउन अवधि के दौरान क्रमश: 6 जून से 3 जुलाई और 1 जुलाई से 20 अगस्त के बीच बराबर पसंद किया गया।
जाहिर है सुशांत मरने से पहले इतने बड़े स्टार नहीं थे लेकिन उनकी मौत के बाद दर्शकों की पसंद में इतना बड़ा अंतर देखने को मिला। ये अंतर क्यों आया, इसका कारण भी इस रिपोर्ट में नजर आता है।
कोविड-19 दौर में क्वारंटीन के दौरान स्मार्टफोन और टीवी में कौन जीता, इस पर भी बीएआरसी ने जबाव दिया। भारत ने 33 वें सप्ताह में 4 घंटे 17 मिनट टीवी देखी, इसके मुताबिक हर दिन के 36 मिनट हुए। लेकिन अनलॉक के तीसरे चरण में 3 लोगों ने हर दिन स्मार्टफोन पर 3 घंटे 14 मिनट बिताए, जो कि टीवी तुलना में 5 गुना से अधिक है।
यदि आप ‘दिल बेचारा’ के छूट न जाने के डर से उसे पहले देखते हैं और बीच में टीवी पर सुशांत की मौत की पुलिस इन्वेस्टिगेशन का शोरगुल सुनकर आप शायद फिल्म को रोक देंगे।
कुल मिलाकर लड़ाई अभी पूरी तरह स्मार्टफोन बनाम टीवी की नहीं है, बल्कि दर्शक दोनों को ही देख रहा है। इतना ही नहीं स्मार्टफोन पर वे केवल फिल्में नहीं देख रहे बल्कि वे व्हाट्सऐप, ट्विटर, कॉल आदि भी कर रहे।
स्मार्टफोन के 194 मिनट के दैनिक उपयोग में हम किस चीज को कितना समय दे रहे हैं, बीएआरसी में इस पर भी फोकस किया गया है। कॉल करने के पारंपरिक उपयोग पर खर्च किया गया समय केवल 10 फीसदी है। इसके अलावा चैट और वॉइस ओवर इंटरनेट प्रोटोकॉल-वीओआईपी में 20 फीसदी तक की बढ़ोतरी हुई है। सोशल नेटवकिर्ंग का समय 10 फीसदी रहा। ब्राउजिंग, ऑफलाइन मीडिया, ई-कॉमर्स, ट्रेडिंग और ट्रेडिंग को दिया गया कुल समय 15 प्रतिशत है। यूटिलिटी और फोन फीचर्स को 19 प्रतिशत समय दिया गया। इस सबके बाद स्मार्टफोन पर वीडियो स्ट्रीमिंग और गेम के लिए हमारे मिनट 22 प्रतिशत बच रहे हैं, जोकि मिनटों के हिसाब में 40 मिनट होते हैं।
यानि कि टीवी को रोजाना दिए गए 36 मिनट से 10 प्रतिशत ज्यादा, वो भी पूरे हफ्ते।
स्पष्ट रूप से, सामग्री निर्माताओं के लिए दो-स्क्रीन पर अपना कंटेंट परोसना आसान नहीं है। ऐसे में दर्शक की पसंद है कि वह कहां समय देता है।
अब ओटीटी प्लेटफॉर्म की बात करें तो जब एमेजॉन प्राइम एक संस्करण में बाजी मारता है तो डिजनी प्लस हॉटस्टार किसी और में। वहीं भारत की प्रमुख टेलीकॉम कंपनियों की बात करें तो एयरटेल और जियो दोनों बार जीते हैं।
सुनील मित्तल और मुकेश अंबानी की टीमों को लेकर देखें तो वित्त वर्ष 2020-21 की पहली तिमाही के दौरान जियो के जरिए 14.2 एक्सबाइट्स डेटा निकला है। जो कि 1,420 करोड़ जीबी होता है यानि कि हर महीने में 4,700-4,800 करोड़ जीबी। लगभग 398 मिलियन यानि कि 39.8 करोड़ ग्राहकों के लिहाज से कहें तो प्रति महीने प्रति ग्राहक 12.1 जीबी डेटा।
मित्तल के एयरटेल की कहानी भी ऐसी है। इसके 138 मिलियन यानि कि 13.8 करोड़ ग्राहक हैं, जो कि प्रति व्यक्ति 16.3 जीबी का उपयोग करते हैं। इस तरह एयरटेल से हर दिन 74.09 पेटाबाइट्स होता है। यह भी इस तिमाही के 42.90 से अधिक है।
जियो का मुख्य काम कंविनेंस और अच्छे नेटवर्क की पेशकश करने की है जो 8,000 करोड़ वॉयस मिनट (994 मिनट/ग्राहक/माह) को कंपनी को पहली तिमाही में रिपोर्ट करता है और उन्हें डेटा उपयोग में परिवर्तित करता है। इसी तरह मित्तल इसे अपने 4 जी में परिवर्तित करता है।
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ताज होटल के अधिकारियों ने योरस्टोरी की फाउंडर का किया अपमान, बैठने का सीखा रहे थे सलीका

नई दिल्ली, 22 अक्टूबर : योरस्टोरी की फाउंडर और सीईओ श्रद्धा शर्मा ने ताज होटल के अधिकारियों पर उनके फाइन डाइनिंग रेस्टोरेंट हाउस ऑफ मिंग में पद्मासन में बैठने पर उन्हें अपमानित करने के आरोप लगाए हैं।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में एक वीडियो के साथ जानकारी देते हुए शर्मा ने बताया कि उनके साथ यह वाक्या तब घटा जब वे दिवाली के दौरान अपनी बहन के साथ हाउस ऑफ मिंग में डिनर करने गई थीं।
उन्होंने बताया कि वे वहां पद्मासन की मुद्रा में बैठीं थी और अचानक मैनेजर ने उन्हें उनके बैठने के तरीके को लेकर फटकार लगा दी। उन्हें ठीक से बैठने की हिदायत दी गई क्योंकि वहां मौजूद दूसरे गेस्ट को शर्मा के इस तरह बैठने के तरीके से परेशानी हो रही थी।
शर्मा ने एक्स पर लिखा, “एक साधारण व्यक्ति, जो कड़ी मेहनत से अपनी कमाई करता है और अपनी गरिमा के साथ ताज होटल में आता है उसे आज भी, इस देश में जलील और अपमानित होना पड़ता है। मेरा गलती क्या है? बस इतनी कि मैं रेगुलर पद्मासन में बैठ गई? क्या यह मेरी गलती है कि ताज मुझे सीखा रहा है कि कैसे बैठना चाहिए और क्या करना चाहिए?
इतना ही नहीं, मैनेजर ने उनके कपड़ों पारंपरिक सलवार कमीज और फुटवियर कोल्हापुरी चप्पल के चुनाव को लेकर भी उनका अपमान किया।
उन्होंने कहा कि उन्होंने कड़ी मेहनत की और पैसे कमाकर फाइन डाइनिंग में जगह ली, लेकिन होटल समृद्धि, संस्कृति और क्लास से भरा हुआ है।
मैनेजर ने उनसे कहा कि यह फाइन डाइनिंग है और यहां बहुत से अमीर लोग आते हैं। इसलिए, आपको सही तरीके से बैठना चाहिए।
मैनेजर ने उन्हें क्लोज्ड शू पहनने की हिदायत तक दे डाली।
इस पर नाराज शर्मा ने कहा, “मैं कोल्हापुरी चप्पल पहनती हूँ, वो मैंने अपनी मेहनत से खरीदा है और यहां आई हूं। लेकिन यहां आकर स्टाफ का ये कहना कि आप पैर नीचे कर बैठो पूरी तरह से गलत है।”
उन्होंने कहा कि वह उद्योगपति रतन टाटा का बहुत सम्मान करती हैं, लेकिन इस घटना ने उन्हें ताज से निराश कर दिया।
रतन टाटा को लेकर उन्होंने बताया कि वे शर्मा की कंपनी में निवेशक भी रह चुके थे।
ताज ने अभी तक इन आरोपों का जवाब नहीं दिया है, लेकिन इस पोस्ट पर शर्मा के सपोर्ट और होटल समूह की आलोचना करते हुए कई कमेंट्स आ रहे हैं।
एक एक्स हैंडल यूजर ने लिखा, “बोल देना चाहिए कि जिस गेस्ट को प्रॉब्लम हो वह आकर मिले। उससे भी ज्यादा ठीक रहता कि आप वहां से खड़े होकर बाहर निकल जाते, हम पैसा देकर जाते है, हम कस्टमर हैं और वो हमारा अपमान करने आएं तो क्यों सहन करना है?
वो हमसे हैं, हम उनसे नही। उन्हें जरूरत नही लगती तो हमे बाहर निकल जाना चाहिए।”
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नवी मुंबई अग्निकांड : रहेजा रेजीडेंसी हादसे में चार की मौत, भाविन ने बचाई छह जिंदगियां

मुंबई, 21 अक्टूबर : महाराष्ट्र के नवी मुंबई के वाशी इलाके में सोमवार देर रात एक दर्दनाक हादसा हुआ। एमजी कॉम्प्लेक्स स्थित रहेजा रेजीडेंसी में आग लग गई, जिसने कुछ ही पलों में पूरे इलाके में दहशत फैला दी। इस हादसे में चार लोगों की मौत हो गई, जबकि कई लोगों को दमकलकर्मियों और स्थानीय निवासियों की मदद से सुरक्षित बाहर निकाला गया।
जानकारी के मुताबिक, घटना रात करीब 1 बजे की है। लोगों को जब तक कुछ समझ आता, कई लोग धुएं के कारण बेहोश हो चुके थे। दमकल विभाग की कई गाड़ियां मौके पर पहुंचीं और घंटों की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया गया।
नवी मुंबई महानगरपालिका आयुक्त कैलाश शिंदे ने घटनास्थल का निरीक्षण किया। उन्होंने कहा कि यह बहुत ही दुखद हादसा है, जिसमें चार लोगों की जान गई। भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए पालिका सख्त कदम उठाएगी।
शिंदे ने बताया कि एक बुजुर्ग महिला, जो बिस्तर पर लेटी हुई थीं, उन्हें बचाया नहीं जा सका, जबकि तीन लोगों की मौत दम घुटने से हुई।
इस घटना में भाविन पूनिया नाम के एक व्यक्ति ने इंसानियत की मिसाल पेश की। उन्होंने अपनी जान जोखिम में डालकर लगभग छह लोगों की जिंदगी बचाई। बताया जाता है कि भाविन ने कई घरों के दरवाजे तोड़कर अंदर फंसे लोगों को बाहर निकाला। इस दौरान उन्हें हाथ में चोटें भी आईं, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी। उनके साथ दो पुलिसकर्मी भी राहत कार्य में जुटे रहे।
आग लगने के वक्त किरण जैन नामक निवासी अपने परिवार के साथ उसी मंजिल पर थे। उन्होंने बताया कि हम आग लगते ही तुरंत बाहर निकल आए, लेकिन हमारे बगल वाले फ्लैट में रहने वाला परिवार बाहर नहीं निकला। हमने दरवाजा खटखटाया, पर उन्होंने खोला नहीं। कुछ ही देर में वहां से धुआं निकलने लगा और अंदर मौजूद तीनों लोगों की मौत हो गई।
उन्होंने बताया कि उसी फ्लोर पर रहने वाला तीसरा परिवार समय रहते बाहर निकल गया और उनकी जान बच गई।
इस भयावह हादसे ने पूरे वाशी इलाके को झकझोर दिया है। फिलहाल आग लगने के कारणों की जांच की जा रही है। नगर प्रशासन ने सुरक्षा मानकों की समीक्षा के आदेश दिए हैं ताकि ऐसी घटनाएं दोबारा न हों।
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महाराष्ट्र: नवी मुंबई के कामोठे में आग लगने से मां-बेटी की दर्दनाक मौत

नवी मुंबई, 21 अक्टूबर : नवी मुंबई के कामोठे सेक्टर 36 में स्थित आंबे श्रद्धा सहकारी सोसायटी में सोमवार रात एक भीषण अग्निकांड में मां और बेटी की दर्दनाक मौत हो गई। यह हादसा रात करीब 9 बजे के आसपास हुआ, जब बिल्डिंग के दूसरे माले पर एक फ्लैट में अचानक आग भड़क उठी। इस घटना ने पूरे क्षेत्र में सनसनी फैला दी और स्थानीय निवासियों में दहशत का माहौल पैदा कर दिया।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, आग इतनी तेजी से फैली कि फ्लैट में मौजूद लोगों को संभलने का मौका तक नहीं मिला। जानकारी मिलते ही नवी मुंबई अग्निशमन विभाग की टीम तुरंत मौके पर पहुंची और आग बुझाने के प्रयास शुरू किए। अग्निशमन कर्मियों ने कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया, लेकिन तब तक मां और बेटी की जान जा चुकी थी।
प्राथमिक जानकारी के मुताबिक, फ्लैट में उस समय पांच लोग मौजूद थे। इनमें से तीन लोग समय रहते सुरक्षित बाहर निकल आए, लेकिन मां और बेटी आग की चपेट में आकर फंस गए, जिसके चलते उनकी दम घुटने से मौत हो गई।
अग्निशमन विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि आग लगने का सटीक कारण अभी तक स्पष्ट नहीं हो सका है। हालांकि, प्रारंभिक जांच में शॉर्ट सर्किट को आग का संभावित कारण माना जा रहा है।
स्थानीय पुलिस और अग्निशमन विभाग ने घटनास्थल का मुआयना शुरू कर दिया है और मामले की गहन जांच की जा रही है। फोरेंसिक विशेषज्ञों की एक टीम भी मौके पर पहुंची है, जो आग लगने के सही कारणों का पता लगाने में जुटी है।
घटना की सूचना मिलते ही सोसायटी के अन्य रहवासियों को तत्काल सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया। अग्निशमन विभाग की त्वरित कार्रवाई के कारण आग को अन्य फ्लैट्स तक फैलने से रोक लिया गया, जिससे एक बड़ा हादसा टल गया।
स्थानीय लोगों ने बताया कि आग की लपटें और धुआं इतना घना था कि कुछ समय के लिए आसपास का इलाका धुएं से भर गया था।
इस हादसे ने एक बार फिर रिहायशी इमारतों में अग्नि सुरक्षा उपायों की कमी को उजागर किया है। स्थानीय निवासियों ने मांग की है कि प्रशासन ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कड़े कदम उठाए।
पुलिस ने मृतकों के शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है और उनके परिजनों को सूचित कर दिया गया है।
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