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Monday,17-November-2025
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किसान आंदोलन 20वें दिन जारी, आज की मीटिंग में तय होगी आगे की रणनीति

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farmer

किसान आंदोलन मंगलवार को 20वें दिन जारी है। केंद्र सरकार द्वारा लागू तीन कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग पर अड़े किसान देश की राजधानी दिल्ली की सीमाओं पर डेरा डाले हुए हैं। संयुक्त किसान मोर्चा में शामिल किसान संगठनों के नेता आज (मंगलवार) 12 बजे सिंघु बॉर्डर पर होने वाले मीटिंग में आंदोलन के आगे की रूपरेरखा व रणनीति तय करेंगे। यह जानकारी भारतीय किसान यूनियन, पंजाब के एक नेता ने दी। पंजाब के किसान नेता और भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के जनरल सेक्रेटरी हरिंदर सिंह ने आईएएनएस को बताया कि मंगलवार को 12 बजे सिंघु बॉर्डर पर किसान संगठनों के नेताओं की बैठक होगी जिसमें आगे की रणनीति तय होगी। हालांकि सरकार से बातचीत होने की संभावना को लेकर पूछे गए सवाल पर उन्होंने कहा कि अब तक सभी संगठनों की यही मांग है कि सरकार तीनों नये कानूनों को वापस लेने पर पर विचार करे तो बातचीत होगी। उन्होंने कहा कि सरकार की ओर से जो प्रस्ताव पहले दिया गया था उसी पर सरकार कायम है, जबकि किसान संगठनों ने उसे नकार दिया था, इसलिए इस पर बातचीत होने का सवाल ही नहीं है।

उन्होंने कहा कि सरकार की ओर से अगर कोई नया प्रस्ताव मिलेगा जो आंदोलन में शामिल सभी किसान संगठनों के नेता उस पर विचार कर सकते हैं।

उधर, सरकार की ओर से लगातार किसान नेताओं से किसानों से जुड़े मुद्दों पर फिर से बातचीत करने और समस्याओं का हल तलाशने की अपील की जा रही है। लेकिन प्रदर्शनकारी किसान संगठनों के नेताओं का कहना है कि जब तक सरकार तीनों नये कानूनों को वापस लेने को तैयार नहीं होगी तब तक उनका आंदोलन जारी रहेगा।

इस बीच जो किसान संगठन आंदोलन में शामिल नहीं हैं उनके नेता नये कानूनों को किसानों के लिए लाभकारी बताते हुए इन्हें वापस नहीं लेने की मांग कर रहे हैं। हालांकि नये कानून में सरकार द्वारा प्रस्तावित संशोधन का वे भी समर्थन करते हैं।

केंद्र सरकार द्वारा लागू जिन तीन नये कानूनों को किसान संगठनों के नेता निरस्त करवाने की मांग कर रहे हैं उनमें कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) कानून 2020, कृषक (सशक्तीकरण एवं संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा करार कानून 2020 और आवश्यक वस्तु (संशोधन) कानून 2020 शामिल हैं।

हालांकि किसानों की मांगों की फेहरिस्त लंबी है। किसान संगठनों के नेता न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर सारी अधिसूचित फसलों की खरीद की गारंटी के लिए नया कानून बनाने की मांग भी कर रहे हैं जबकि सरकार ने एमएसपी पर फसलों की खरीद की मौजूदा व्यवस्था जारी रखने के लिए लिखित तौर पर आश्वासन देने की बात कही है।

इसके अलावा, उनकी मांगों में पराली दहन से जुड़े अध्यादेश में कठोर दंड और जुमार्ने के प्रावधानों को समाप्त करने और बिजली (संशोधन) विधेयक को वापस लेने की मांग भी शामिल है।

राष्ट्रीय समाचार

दिल्ली ब्लास्ट के बाद कश्मीरी छात्रों की चिंता को लेकर पीएम को चिट्ठी लिखकर सुरक्षा की मांग

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PM MODI

नई दिल्ली, 17 नवंबर : दिल्ली में हुए ब्लास्ट ने पूरे देश को हिला कर रख दिया है। इस घटना में कई बेगुनाह लोगों की जान चली गई, जिससे हर भारतीय का दिल दुखा है। इसी बीच जम्मू-कश्मीर छात्र संघ (जेकेएसए) ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर कश्मीरी छात्रों की सुरक्षा और सम्मान को लेकर तत्काल हस्तक्षेप की मांग की है।

चिट्ठी में जेकेएसए ने सबसे पहले इस घटना की कड़ी निंदा की। उन्होंने लिखा कि दिल्ली में हुआ धमाका सिर्फ राजधानी पर हमला नहीं था, बल्कि पूरे भारत की भावनाओं पर गहरी चोट थी। कश्मीर के लोग भी उतने ही दुखी हैं जितना देश का बाकी हिस्सा। पीड़ित परिवारों का दर्द पूरे जम्मू-कश्मीर का भी दर्द है।

कश्मीरी छात्रों ने लिखा कि वे भारत के लोकतांत्रिक और संवैधानिक मूल्यों पर पूरा भरोसा रखते हैं। वे हमेशा अलगाववाद, कट्टरपंथ और किसी भी तरह की देश-विरोधी विचारधारा के खिलाफ रहे हैं। उन्होंने कभी हिंसा का समर्थन नहीं किया। न कभी अलगाववादी सोच को स्वीकार किया। वे हमेशा देश की एकता, शांति और सद्भाव के पक्ष में खड़े रहे हैं।

जेकेएसए ने लिखा कि कश्मीर के लोगों ने हमेशा देश की सेवा में योगदान दिया है। हमारे परिवारों ने सीमाओं पर खड़े होकर देश की रक्षा की है। कई पीढ़ियों ने मुश्किलें झेली हैं, लेकिन भारत के भविष्य में विश्वास कभी नहीं छोड़ा। उन्होंने बताया कि आज का कश्मीरी युवा खेल, तकनीक, विज्ञान, शिक्षा, राजनीति, उद्यमिता और हर क्षेत्र में आगे बढ़कर देश का नाम रोशन कर रहा है।

प्रधानमंत्री विशेष छात्रवृत्ति योजना का भी उन्होंने खास ज़िक्र किया। इस स्कीम ने हजारों कश्मीरी छात्रों को देशभर के कॉलेजों में पढ़ने का मौका दिया। संगठन ने कहा कि यह योजना कश्मीर और बाकी भारत के बीच विश्वास और जुड़ाव का पुल बनी है, लेकिन सिर्फ अवसर देना काफी नहीं। अवसर के साथ सुरक्षा, गरिमा, बराबरी, और सम्मान भी जरूरी हैं। तभी असली राष्ट्रीय एकीकरण संभव है।

संगठन ने बताया कि दिल्ली धमाके के बाद देशभर में पढ़ रहे कश्मीरी छात्रों में डर का माहौल बन गया है। उन्होंने लिखा कि कई छात्रों को प्रोफाइलिंग, सवाल-जवाब, अचानक हुई जांच और संदेह की नजर का सामना करना पड़ा है, वो भी उन जगहों पर जिनका इस घटना से कोई संबंध नहीं है। कई छात्र डर के कारण अपनी पढ़ाई बीच में छोड़कर कश्मीर वापस आ गए हैं। बच्चे क्लास, एग्जाम, लैब, इंटर्नशिप सबकुछ छोड़कर वापस आ रहे हैं क्योंकि उन्हें लगता है कि उन्हें गलत समझा जाएगा।

जेकेएसए ने कहा कि उन्हें देश की जांच एजेंसियों की क्षमता और ईमानदारी पर पूरा भरोसा है, पर साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि जांच निष्पक्ष, संवेदनशील और संतुलित होनी चाहिए ताकि मासूम छात्रों को सामूहिक सजा न भुगतनी पड़े। किसी समुदाय को पहले ही अपराधी मान लेना उचित नहीं। हर युवा को अपने देश में सुरक्षित महसूस करने का अधिकार है।

चिट्ठी में प्रधानमंत्री से अपील की गई है कि वे सार्वजनिक रूप से यह आश्वासन दें कि कश्मीरी छात्र भी भारत के समान नागरिक हैं और उन्हें वही अधिकार और सुरक्षा मिलेगी जो किसी और नागरिक को मिलती है। उन्होंने कहा कि छात्रों के परिवारों को यकीन होना चाहिए कि उनके बच्चे घर से दूर भी सुरक्षित हैं। आपकी एक अपील या बयान उन परिवारों को दिल से सुकून देगा। उन्होंने सरकार से कहा कि देशभर के कॉलेजों और पुलिस को स्पष्ट निर्देश दिए जाएं कि किसी भी छात्र के साथ भेदभाव, डराने-धमकाने या गलत व्यवहार की गुंजाइश न रहे।

जेकेएसए ने लिखा कि वे चाहते हैं कि दिल्ली धमाके के असली अपराधियों को जल्द से जल्द पकड़कर सजा दी जाए। उन्होंने सरकार के प्रति विश्वास जताते हुए कहा कि हमें भरोसा है कि जांच निष्पक्ष और समयबद्ध होगी और दोषी किसी भी हाल में बच नहीं पाएंगे।

संगठन ने कहा कि हजारों कश्मीरी छात्र भारत के अलग-अलग कॉलेजों में पढ़ रहे हैं और अपने लिए एक दूसरा घर बना चुके हैं। वे देश के हर कोने में दोस्ती, भरोसा और भाईचारे की मिसाल बन रहे हैं। इसलिए हम ऐसी घटनाओं के लिए शक की नजर से न देखे जाएं, जिनसे हमारा कोई संबंध नहीं।

पत्र के अंत में जेकेएसए ने देश की एकता, सद्भाव और सांझी संस्कृति पर अपना भरोसा दोहराया। उन्होंने कहा कि राष्ट्र की असली ताकत उसकी सीमाओं में नहीं, बल्कि अपने बच्चों के प्रति सम्मान और भरोसे में होती है।

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अपराध

आंध्र प्रदेश : मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री ने सऊदी बस हादसे पर जताया दुख

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अमरावती, 17 नवंबर: आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू, उपमुख्यमंत्री पवन कल्याण और पूर्व मुख्यमंत्री वाई.एस. जगन मोहन रेड्डी ने सऊदी अरब में हुए दुखद बस हादसे पर दुख व्यक्त किया है। बस हादसे में तेलंगाना के कई उमराह तीर्थयात्री मारे गए।

मुख्यमंत्री नायडू ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, “सऊदी अरब में हुए इस दुखद हादसे के बारे में सुनकर मुझे गहरा दुख हुआ है, जिसमें पवित्र उमराह तीर्थयात्रा पर गए तेलंगाना के हमारे साथी भाई-बहनों की जान चली गई। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति दे और शोक संतप्त परिवारों को इस कठिन समय में शक्ति और सांत्वना प्रदान करे।”

उपमुख्यमंत्री पवन कल्याण ने हादसे को हृदयविदारक बताया और कहा कि सऊदी अरब में मदीना के पास एक भीषण सड़क दुर्घटना में 42 भारतीयों की जान चली गई। उन्होंने कहा, “जानकारी मिली है कि मृतकों में ज्यादातर हैदराबाद के मुस्लिम तीर्थयात्री थे। उनके निधन पर शोक व्यक्त करते हुए, मैं उनके परिवार के सदस्यों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करता हूं।”

पूर्व मुख्यमंत्री और वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष वाई. एस. जगन मोहन रेड्डी ने भी ‘एक्स’ पर पोस्ट करके दुर्घटना पर गहरा दुख व्यक्त किया। उन्होंने कहा, “सऊदी अरब में हुई इस दुखद दुर्घटना के बारे में जानकर गहरा सदमा लगा है। मैं घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं। इस कठिन घड़ी में मेरी प्रार्थनाएं पीड़ितों के परिवारों के साथ हैं। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति प्रदान करे।”

तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) के महासचिव ने पोस्ट किया, “उमरा तीर्थयात्रा में हुई दुर्घटना के बारे में जानकारी से सदमा लगा है, जिसमें तेलंगाना के कई तीर्थयात्रियों सहित 42 से अधिक लोगों की मौत हो गई। शोक संतप्त लोगों के प्रति गहरी संवेदना और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना करता हूं।”

आंध्र प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष वाई.एस. शर्मिला ने लिखा, “सऊदी अरब में हुई विनाशकारी बस-टैंकर टक्कर में तेलंगाना के 45 उमराह तीर्थयात्रियों की दुखद मृत्यु से मैं बहुत व्यथित हूं। शोक संतप्त परिवारों के प्रति मेरी हार्दिक संवेदना। ईश्वर दिवंगत आत्माओं को शांति प्रदान करे। मैं केंद्र सरकार से पीड़ितों के परिवारों को सभी आवश्यक राहत प्रदान करने और यह सुनिश्चित करने का आग्रह करती हूं कि पार्थिव शरीर पूरे सम्मान के साथ वापस आएं।”

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अंतरराष्ट्रीय समाचार

सऊदी अरब में भीषण सड़क हादसा, मदीना जा रही बस का एक्सीडेंट; कई भारतीयों की मौत

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मदीना, 17 नवंबर: सऊदी अरब में मदीना के पास एक बस डीजल टैंकर से टकरा गई, जिसमें कई भारतीय उमराह यात्रियों की मौत हो गई है। यह घटना सोमवार तड़के हुई, जब बस मक्का से मदीना जा रही थी। घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है।

वीडियो में भयावह आग देखने को मिल रही है। इसके साथ ही काले धुएं का गुबार उठता नजर आ रहा है। मौत के आंकड़ों को लेकर फिलहाल कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है। हालांकि, मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार मरने वालों की संख्या 40 से भी ज्यादा हो सकती है। आधिकारिक जानकारी का इंतजार है। कहा जा रहा है कि घटना के दौरान बस में भारतीय तीर्थयात्री मौजूद थे।

जेद्दा में भारत के महावाणिज्य दूतावास ने घटना की जानकारी दी और मदद के लिए हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया है। जेद्दा में भारतीय दूतावास ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, “सऊदी अरब के मदीना के निकट भारतीय उमराह यात्रियों के साथ हुई एक दुखद बस दुर्घटना को देखते हुए, जेद्दा स्थित भारतीय महावाणिज्य दूतावास में एक 24×7 नियंत्रण कक्ष स्थापित किया गया है। मदद के लिए संपर्क करने हेतु जानकारी दी गई है: टोल फ्री नंबर 8002440003 है।”

हमले पर दुख जताते हुए भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने एक्स पर लिखा, “सऊदी अरब के मदीना में भारतीय नागरिकों के साथ हुई दुर्घटना से गहरा सदमा पहुंचा है। रियाद स्थित हमारा दूतावास और जेद्दा स्थित वाणिज्य दूतावास इस दुर्घटना से प्रभावित भारतीय नागरिकों और उनके परिवारों को पूरी सहायता प्रदान कर रहे हैं। शोक संतप्त परिवारों के प्रति हमारी गहरी संवेदना। घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना करता हूं।”

वहीं तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने भी इस घटना पर दुख जताया है। तेलंगाना सरकार ने एक्स प्लेटफॉर्म पर लिखा, “स्थानीय मीडिया में इस दुर्घटना में भारतीय उमराह यात्रियों के मारे जाने की खबर आने के बाद वह रियाद स्थित भारतीय दूतावास के संपर्क में है।”

एक आधिकारिक बयान में, राज्य सरकार ने पुष्टि की कि मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने नई दिल्ली में अधिकारियों को सतर्क कर दिया है और उन्हें दूतावास के अधिकारियों के साथ मिलकर काम करने का निर्देश दिया है।

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