खेल
भारतीय पुरुष टीम का बल्लेबाजी कोच बनने के लिए ‘उपलब्ध’ हैं केविन पीटरसन
नई दिल्ली, 16 जनवरी। इंग्लैंड के पूर्व बल्लेबाज केविन पीटरसन ने भारतीय पुरुष टीम के सहायक स्टाफ में बल्लेबाजी कोच के रूप में शामिल होने में रुचि दिखाई है। यह घटनाक्रम उन खबरों के बीच हुआ है, जिनमें कहा गया है कि भारत अपने मौजूदा सहायक स्टाफ में बल्लेबाजी कोच जोड़ने पर विचार कर रहा है।
फिलहाल गौतम गंभीर मुख्य कोच हैं,अभिषेक नायर और रेयान टेन डेशकाटे सहायक कोच हैं, जबकि मोर्न मोर्कल और टी. दिलीप क्रमश: गेंदबाजी और क्षेत्ररक्षण कोच हैं। एक्स के माध्यम से दो रिपोर्टों पर प्रतिक्रिया देते हुए पीटरसन ने लिखा कि वह इस पद को संभालने के लिए ‘उपलब्ध’ हैं।
यह ऐसे समय में हुआ है, जब दो खराब बल्लेबाजी प्रदर्शनों के कारण भारत को घरेलू मैदान पर न्यूजीलैंड से 0-3 से हार का सामना करना पड़ा और फिर बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी सीरीज में ऑस्ट्रेलिया से 1-3 से हार का सामना करना पड़ा। परिणामस्वरूप, भारत 2025 आईसीसी विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में भी जगह बनाने से चूक गया, जो अब जून में लॉर्ड्स में ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण अफ्रीका के बीच खेला जाएगा।
104 टेस्ट में, पीटरसन ने 47.29 की औसत से 8181 रन बनाए, जिसमें 23 शतक और 35 अर्द्धशतक शामिल हैं। 136 वनडे में उन्होंने 40.73 की औसत से 4440 रन बनाए, जिसमें नौ शतक और 25 अर्द्धशतक शामिल हैं। 37 टी20 में, उन्होंने 37.94 की औसत से 1176 रन बनाए, जिसमें सात अर्द्धशतक शामिल हैं।
उन्होंने इंग्लैंड के साथ 2010 पुरुष टी20 विश्व कप का खिताब भी जीता और टूर्नामेंट के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी के रूप में उभरे। पिछली कोचिंग व्यवस्थाओं में, भारत के पास एक नामित पुरुष टीम का बल्लेबाजी कोच होता था। संजय बांगर 2014 के इंग्लैंड दौरे से लेकर सितंबर 2019 तक भारत के बल्लेबाजी कोच थे। उसके बाद, विक्रम राठौर ने पदभार संभाला और 2024 के पुरुष टी20 विश्व कप की जीत तक इस भूमिका में रहे।
इसके अलावा, कप्तान रोहित शर्मा और विराट कोहली की खराब फॉर्म, जो लगातार ऑफ-स्टंप के बाहर की गेंदों पर आउट हो रहे हैं, और शुभमन गिल का विदेशों में खराब रिकॉर्ड है, का मतलब है कि एक नामित बल्लेबाजी कोच होना समय की मांग है। भारत में, डब्ल्यू.वी. रमन, सीतांशु कोटक और ऋषिकेश कानितकर कुछ विकल्प हैं जो जरूरत पड़ने पर इस भूमिका में आ सकते हैं।
राजनीति
मुंबई महानगर पालिका चुनाव के बीच उद्धव ठाकरे को झटका, पूर्व विधायक सुभाष भोईर भाजपा में होंगे शामिल

मुंबई, 20 दिसंबर : महाराष्ट्र में महानगर पालिका चुनाव के बीच शिवसेना (यूबीटी) गुट को एक बड़ा राजनीतिक झटका लगा है। कल्याण रूरल सीट से पूर्व विधायक और उद्धव ठाकरे के भरोसेमंद माने जाने वाले नेता सुभाष भोईर ने अब शिवसेना (उद्धव गुट) का साथ छोड़ने का फैसला कर लिया है।
सुभाष भोईर शनिवार को भारतीय जनता पार्टी में शामिल होने जा रहे हैं।
जानकारी के अनुसार, सुभाष भोईर शनिवार सुबह 11 बजे महाराष्ट्र भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष रवींद्र चव्हाण की मौजूदगी में औपचारिक रूप से पार्टी की सदस्यता ग्रहण करेंगे। उनके इस फैसले को महानगर पालिका चुनाव से पहले उद्धव ठाकरे के लिए एक बड़ा राजनीतिक नुकसान माना जा रहा है।
सुभाष भोईर ने वर्ष 2024 का विधानसभा चुनाव कल्याण रूरल सीट से शिवसेना (उद्धव गुट) के टिकट पर लड़ा था। हालांकि, इस चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। इसके बावजूद वे उद्धव ठाकरे के मजबूत समर्थक के रूप में जाने जाते थे और लंबे समय तक उन्होंने ठाकरे परिवार के साथ अपनी निष्ठा बनाए रखी थी।
कल्याण रूरल क्षेत्र में सुभाष भोईर की अच्छी पकड़ मानी जाती है। ऐसे में उनके भाजपा में जाने से स्थानीय राजनीति पर भी असर पड़ने की संभावना है।
बता दें कि राज्य की 23 नगर परिषदों और नगर पंचायतों में अध्यक्ष व सदस्य पदों के लिए शनिवार सुबह 7:30 बजे से मतदान जारी है। मतदान प्रक्रिया शाम 5:30 बजे तक चलेगी। इस चरण में अध्यक्ष पदों के साथ-साथ विभिन्न निकायों में खाली पड़े 143 सदस्य पदों के लिए भी वोटिंग हो रही है।
21 दिसंबर को सुबह 10 बजे से मतगणना की प्रक्रिया शुरू होगी। दोपहर तक यह साफ हो जाएगा कि महाराष्ट्र के इन छोटे शहरों और नगरों की सत्ता किसके हाथ में जाएगी।
अंतरराष्ट्रीय
‘अमेरिका ने लिया बदला’, यूएस ने सीरिया में आईएसआईएस के कई ठिकानों पर की एयरस्ट्राइक

वाशिंगटन, 20 दिसंबर : संयुक्त राज्य अमेरिका ने सेंट्रल सीरिया में इस्लामिक स्टेट (आईएस) के कई ठिकानों पर हवाई हमले किए। अधिकारियों के अनुसार, यह कार्रवाई पिछले सप्ताह अमेरिकी कर्मियों पर हुए जानलेवा हमले के जवाब में की गई है।
अमेरिकी रक्षा मंत्री पीट हेगसेथ ने बताया कि इन हमलों में आईएसआईएस के लड़ाकों, उनके ढांचे और हथियार ठिकानों को निशाना बनाया गया। इस अभियान का नाम ऑपरेशन हॉकआई स्ट्राइक रखा गया है। उन्होंने यह भी कहा कि आगे और कार्रवाई हो सकती है।
हेगसेथ ने कहा कि यह किसी युद्ध की शुरुआत नहीं है, बल्कि बदला लेने की घोषणा है। उनके अनुसार, अमेरिका ने अपने दुश्मनों को खोजकर मारा है और आगे भी ऐसा करता रहेगा।
उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में बताया : “आज पहले, अमेरिकी सेना ने सीरिया में ऑपरेशन हॉकआई स्ट्राइक शुरू किया ताकि 13 दिसंबर को पल्मायरा, सीरिया में अमेरिकी सेना पर हुए हमले के सीधे जवाब में आईएसआईएस लड़ाकों, इंफ्रास्ट्रक्चर और हथियारों के ठिकानों को खत्म किया जा सके।
उन्होंने आगे कहा, “जैसा कि हमने उस बर्बर हमले के तुरंत बाद कहा था, अगर आप दुनिया में कहीं भी अमेरिकियों को निशाना बनाते हैं, तो आप अपनी छोटी, बेचैन जिंदगी यह जानते हुए बिताएंगे कि संयुक्त राज्य अमेरिका आपको ढूंढेगा और बेरहमी से मार डालेगा। आज, हमने अपने दुश्मनों को ढूंढकर मार डाला। उनमें से बहुतों को हमने मार दिया है और हम ऐसा करना जारी रखेंगे।”
ये हवाई हमले पिछले सप्ताह पल्मायरा के पास हुए उस हमले के बाद किए गए, जिसमें दो अमेरिकी सैनिकों और एक अमेरिकी नागरिक दुभाषिये की मौत हो गई थी, जबकि तीन अन्य सैनिक घायल हुए थे। हमलावर ने अमेरिकी और सीरियाई बलों के काफिले पर हमला किया था, जिसे बाद में मार गिराया गया।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने घटना के बाद “बहुत गंभीर जवाबी कार्रवाई” का वादा किया था। व्हाइट हाउस की उप प्रेस सचिव अन्ना केली ने कहा कि ये हवाई हमले उसी वादे को पूरा करने की कार्रवाई हैं।
अंतरराष्ट्रीय
हमास जब तक हथियार छोड़ेगा नहीं, तब तक गाजा में शांति संभव नहीं है: अमेरिका

वाशिंगटन, 20 दिसंबर : अमेरिका के विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने साफ शब्दों में कहा कि गाजा में स्थायी और टिकाऊ शांति तभी संभव है, जब हमास को भविष्य में इजरायल पर हमला करने की क्षमता से पूरी तरह वंचित कर दिया जाए। शुक्रवार को आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में रुबियो ने कहा कि शांति प्रयासों का केंद्र बिंदु हमास का निरस्त्रीकरण होना चाहिए।
रुबियो ने कहा, “आप ऐसी स्थिति में शांति की कल्पना नहीं कर सकते, जहां हमास भविष्य में इजरायल को धमकी दे सके। इसलिए निरस्त्रीकरण बेहद जरूरी है।” हालांकि उन्होंने बातचीत या संभावित समझौतों के विस्तृत ब्योरे देने से इनकार कर दिया, लेकिन यह स्पष्ट किया कि किसी भी समझौते की बुनियाद यही सिद्धांत होगा।
उन्होंने गाजा के पुनर्निर्माण को लेकर भी कड़ा रुख अपनाया। रुबियो ने कहा कि जब तक सुरक्षा की ठोस गारंटी नहीं होगी, तब तक कोई भी देश या निवेशक गाजा में पैसा लगाने को तैयार नहीं होगा। अगर लोगों को लगे कि दो-तीन साल में फिर से युद्ध हो जाएगा, तो कोई भी वहां निवेश नहीं करेगा।
अमेरिकी विदेश मंत्री ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर भविष्य में हमास फिर से रॉकेट दागता है, इजरायली नागरिकों की हत्या करता है, या 7 अक्टूबर जैसे किसी बड़े आतंकी हमले को अंजाम देता है, तो शांति की सारी कोशिशें नाकाम हो जाएंगी। उन्होंने दोहराया कि कोई भी फिर से युद्ध नहीं चाहता।
रुबियो ने यह भी कहा कि निरस्त्रीकरण की प्रक्रिया के लिए सभी पक्षों की सहमति जरूरी होगी। उन्होंने स्पष्ट किया कि इसमें हमास की सहमति के साथ-साथ इजरायल की सहमति भी आवश्यक होगी, तभी कोई व्यवस्था काम कर पाएगी।
गौरतलब है कि गाजा में मौजूदा युद्ध की शुरुआत हमास के 7 अक्टूबर 2023 के हमले के बाद हुई थी, जिसमें करीब 1,200 लोग मारे गए थे। इसके बाद इजरायल ने गाजा में व्यापक सैन्य अभियान चलाया। इस युद्ध में अब तक हजारों फ़िलिस्तीनी मारे जा चुके हैं और गाजा में भारी तबाही हुई है।
अमेरिका इजरायल के समर्थन के साथ-साथ मानवीय सहायता और युद्ध के बाद की योजना पर भी जोर देता रहा है। वाशिंगटन का मानना है कि गाजा का भविष्य तभी सुरक्षित हो सकता है, जब वहां से सशस्त्र गुटों का नियंत्रण खत्म हो और एक प्रभावी शासन व्यवस्था स्थापित हो।
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