राजनीति
मध्य प्रदेश में कमल नाथ एक पद पर रहेंगे

मध्य प्रदेश में विधानसभा के उपचुनाव में मिली हार के बाद कांग्रेस में एक बार फिर बदलाव की चर्चाओं ने जोर पकड़ना शुरू कर दिया है। संभावना इस बात की बनने लगी है कि पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ प्रदेशाध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष में से कोई एक पद छोड़ सकते हैं।
राज्य में विधानसभा के 28 क्षेत्रों में उपचुनाव हुए थे और कांग्रेस लगातार यही दावा कर रही थी कि उसकी इस उपचुनाव के जरिए सत्ता में वापसी तय है। इतना ही नहीं, पार्टी हाईकमान को भी यह भरोसा दिलाया गया था कि उपचुनाव राज्य की सियासत में बड़ा फेरबदल करेंगे।
कांग्रेस की ओर से जो दावे किए जा रहे थे उसके ठीक उलट विधानसभा उपचुनाव के नतीजे आए हैं और इन नतीजों ने प्रदेश संगठन से लेकर पार्टी हाईकमान तक को असहज कर दिया है। पार्टी हाईकमान प्रदेशाध्यक्ष कमल नाथ से रिपोर्ट ले चुका है।
पार्टी सूत्रों की मानें तो जिन क्षेत्रों में कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा है, उन जिलों के अध्यक्षों के साथ विधानसभा के चुनाव प्रभारियों पर भी गाज गिर सकती है। इतना ही नहीं संगठन के बड़े नेताओं की छुटटी भी हो सकती है। राज्य में कांग्रेस के सत्ता में आने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ ने प्रदेश अध्यक्ष पद छोड़ने की बात कही थी, मगर पार्टी हाईकमान ने लोकसभा चुनाव के मद्देनजर उनसे ऐसा ना करने को कहा था। पहले पार्टी सत्ता से बाहर हुई और विधानसभा के उप-चुनाव में हार मिली तेा बदलाव की चचार्ओं ने जोर पकड़ लिया है। पार्टी हाईकमान भी कमल नाथ की सहमति से प्रदेशाध्यक्ष या नेता प्रतिपक्ष में बदलाव करने का मन बना चुकी है।
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्षों में बड़े दावेदारों में गिनती पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण यादव, पूर्व मंत्री उमंग सिंगार, कमलेश्वर पटेल, अजय सिंह, जीतू पटवारी, मीनाक्षी नटराजन की हो रही है। वहीं पार्टी ऐसे व्यक्ति को प्रदेश की कमान सौंपना चाहती है जो हाईकमान का विश्वासपात्र तो हो ही साथ में कमल नाथ से भी उसका सामंजस्य बेहतर रहे। वहीं अगर कमल नाथ नेता प्रतिपक्ष का पद छोड़ते हैं तो इस पद की जिम्मेदारी अनुसूचित जनजाति के विधायक को सौंपी जा सकती है।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि राज्य में कांग्रेस को मजबूती से खड़ा करना कमल नाथ के लिए आसान काम नहीं है, इस बात को वे भी खुद जानते हैं, यही कारण है कि वे दो पदों में से एक पद छोड़ सकते हैं। अध्यक्ष रहते वे संगठन को मजबूत बनाए रख सकते हैं, नेता प्रतिपक्ष रहने पर संगठन पर पकड़ कमजोर हो जाएगी। इसलिए संभावना इस बात की है कि कमल नाथ नेता प्रतिपक्ष का पद छोड़कर खुद को प्रदेशाध्यक्ष बनाए रखें और पार्टी के संगठन को नई मजबूती दें ताकि पंचायत और नगरीय निकाय के चुनाव पूरी ताकत से लड़ा जा सके।
महाराष्ट्र
मुंबई लोकल ट्रेन के विकलांग डिब्बे में अंधी महिला की पिटाई करने वाला आरोपी गिरफ्तार

मुंबई: रेलवे पीआरपी ने मुंबई लोकल ट्रेन के विकलांग डिब्बे में एक नेत्रहीन महिला की पिटाई करने के आरोप में मुहम्मद इस्माइल हसन अली को गिरफ्तार करने का दावा किया है। मोहम्मद इस्माइल हसन अली अपनी गर्भवती पत्नी और 10 वर्षीय बेटी के साथ मुंबई के सीएसटी रेलवे स्टेशन से टाटवाला जाने वाली ट्रेन में विकलांग डिब्बे में यात्रा कर रहे थे। इस दौरान एक 33 वर्षीय नेत्रहीन महिला डिब्बे में दाखिल हुई। अन्य यात्रियों ने हसन अली से अनुरोध किया कि वह विकलांग महिला के लिए अपनी सीट छोड़ दें। उसने इनकार कर दिया। इस दौरान पीड़िता ने उसके साथ गाली-गलौज की तो 40 वर्षीय हसन अली भड़क गया और उसने महिला की पिटाई शुरू कर दी। किसी तरह डिब्बे में मौजूद यात्रियों ने अंधी महिला को बचाया और पिटाई का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जिसके बाद सोशल मीडिया पर इस पर टिप्पणियां भी शुरू हो गईं। इस पर संज्ञान लेते हुए कल्याण जीआरपी ने कार्रवाई करते हुए मुंब्रा निवासी मोहम्मद इस्माइल हसन को गिरफ्तार कर लिया और आगे की जांच के लिए मामला पुलिस को सौंप दिया गया है। हसन अली के खिलाफ बिना किसी बहाने के विकलांग डिब्बे में यात्रा करने, मारपीट करने और अंधे यात्री के अधिकारों का उल्लंघन करने का मामला भी दर्ज किया गया है।
महाराष्ट्र
यातायात पुलिस ने 10 लाख रुपये से अधिक का जुर्माना वसूला। 556 करोड़

मुंबई: ‘मुंबई वन स्टेट वन चालान’ डिजिटल पोर्टल के जरिए मुंबई ट्रैफिक पुलिस विभाग ने 1 जनवरी 2024 से 28 फरवरी 2025 के बीच 556 करोड़ 64 लाख 21 हजार 950 रुपये (₹5,564,219,050) के चालान वसूले हैं। यह खुलासा एक आरटीआई आवेदन के जरिए हुआ है। उक्त अवधि के दौरान पोर्टल पर कुल 1,81,613 ऑनलाइन शिकायतें प्राप्त हुईं, जिनमें से 1,07,850 शिकायतें खारिज कर दी गईं। यानि लगभग 59% शिकायतें खारिज कर दी गईं।
सूचना का अधिकार (आरटीआई) कार्यकर्ता अनिल गलगली ने ई-चालान शिकायतों के बारे में मुंबई यातायात पुलिस से जानकारी मांगी थी। मुंबई यातायात पुलिस के अनुसार, वाहन के प्रकार (जैसे दोपहिया, चार पहिया, माल वाहन, यात्री वाहन, आदि) के आधार पर प्राप्त शिकायतों का वर्गीकरण ‘एक राज्य एक चालान’ पोर्टल पर उपलब्ध नहीं है, जिसके कारण वर्तमान में विशिष्ट वाहन श्रेणियों पर की गई कार्रवाई का विश्लेषण करना असंभव है।
शिकायत जांच प्रक्रिया:
सभी शिकायतों की जांच मल्टीमीडिया सेल, यातायात मुख्यालय, वर्ली, मुंबई में की जाती है। इसमें वाहन की तस्वीरों और आसपास के दृश्य साक्ष्यों की समीक्षा शामिल है। यदि चित्र या साक्ष्य स्पष्ट नहीं हैं, तो उसे जांच के लिए संबंधित यातायात विभाग या पुलिस स्टेशन को भेजा जाता है। चालान को बरकरार रखने या रद्द करने का अंतिम निर्णय स्थानीय जांच रिपोर्ट प्राप्त होने के बाद ही किया जाएगा।
आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने कहा कि ई-चालान प्रणाली को पारदर्शी बनाना समय की मांग है। नागरिकों को अपने विचार प्रस्तुत करने का पूर्ण एवं निष्पक्ष अवसर दिया जाना चाहिए तथा प्रत्येक शिकायत की निष्पक्ष एवं गहन जांच की जानी चाहिए।
राष्ट्रीय समाचार
छत्तीसगढ़ : सुरक्षाबलों ने 26 नक्सलियों को किया ढेर, एक जवान शहीद

नारायणपुर, 21 मई। छत्तीसगढ़ के नारायणपुर में सुरक्षाबलों को बड़ी कामयाबी मिली है। यहां कोंडागांव के अबूझमाड़ में सुरक्षाबलों ने बुधवार को मुठभेड़ में 26 नक्सलियों को मार गिराया है। इस मुठभेड़ में एक जवान शहीद भी हुआ है।
नक्सलियों के पास से सुरक्षाबलों ने बड़ी मात्रा में गोला बारूद और हथियार बरामद किए है। इसकी जानकारी खुद राज्य के गृह मंत्री विजय शर्मा ने दी।
उन्होंने मीडिया से बात करते हुए बताया कि सुरक्षाबलों को बड़ी सफलता मिली है, 26 से अधिक नक्सलियों को मार गिराया गया है। इस मुठभेड़ में कई बड़े नक्सली भी मारे गए हैं। विजय शर्मा ने बताया कि इस मुठभेड़ में एक जवान भी शहीद हुआ है, जबकि एक जवान घायल हुआ है। सर्च ऑपरेशन इलाके में जारी है।
इस मुठभेड़ में एक करोड़ के इनामी नक्सली नम्बाला केशवराव उर्फ वसवा राजू को भी ढेर कर दिया गया है। वह छत्तीसगढ़ के नारायणपुर और बीजापुर इलाके का कुख्यात नक्सली रहा है। उसके ऊपर 1 करोड़ का इनाम है। हालांकि अभी उसकी मौत की औपचारिक घोषणा नहीं हुई है। मुठभेड़ में मारे गए नक्सलियों की संख्या और बढ़ सकती है।
वहीं छत्तीसगढ़ के डिप्टी सीएम अरुण साव ने मिडिया से बात करते हुए कहा कि राज्य में हमारी डबल इंजन की सरकार बनने के बाद नक्सलियों के उन्मूलन पर लगातार काम कर रही है। सुरक्षाबल के जवान दुर्गम इलाके में जाकर नक्सलियों का सफाया कर रहे हैं और नारायणपुर में 24 से ज्यादा नक्सली मारे गए हैं। निश्चित तौर बस्तर मार्च 2026 तक पूरी तरह से नक्सल मुक्त हो जाएगा।
इससे पहले सुरक्षा बलों ने कर्रेगुट्टा पहाड़ी क्षेत्र में चलाए गए संयुक्त अभियान में 31 नक्सलियों को मार गिराया था। इसके साथ ही भारी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद भी बरामद किए गए थे।
सीआरपीएफ के डीजी ने जानकारी दी थी कि नक्सल विरोधी अभियान की शुरुआत 2014 में हुई थी, लेकिन 2019 के बाद से इस अभियान ने अधिक गति पकड़ी है। जवानों के लिए देश भर में संयुक्त प्रशिक्षण की व्यवस्था की गई है, जिससे उनकी रणनीतिक और सामरिक क्षमताओं में वृद्धि हुई है।
उन्होंने बताया था कि जहां 2014 में 35 जिले नक्सली गतिविधियों के केंद्र हुआ करते थे, वहीं 2025 तक यह संख्या घटकर मात्र 6 जिलों तक सीमित रह गई है। सरकार और सुरक्षा एजेंसियों के समन्वित प्रयासों के चलते नक्सली हिंसा में उल्लेखनीय कमी दर्ज की गई है की गई है।
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