राजनीति
बूथ सम्मेलन में जेपी नड्डा बोले, ‘ये नई नहीं वही सपा है’

भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने सपा प्रमुख अखिलेश पर निशाना साधा और कहा कि ये नई सपा नहीं है, वही पुरानी सपा है। कहा हम गन्ना पर चुनाव लड़कर जीतेंगे और हम जिन्ना मानसिकता का भी पदार्फाश करेंगे। मेरठ के सुभारती विश्व विद्यालय ग्राउंड में आयोजित पश्चिम क्षेत्र के बूथ अध्यक्ष सम्मेलन में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने सपा-रालोद गठबंधन पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि सपा वही है, नई नहीं है। उन्होंने मुजफ्फरनगर दंगे और कांवड़ कांड की चर्चा की। उन्होंने कहा कि जिनकी रैली में जितनी भीड़ थी उतने कार्यकर्ता और बूथ अध्यक्ष तो यहां मैदान में भरे हैं। विकास का परि²श्य बदला है। सपा नेता पुराना चेहरा छिपाकर आये हैं, लेकिन ये वही सपा है। अखिलेश यादव पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि ये नई सपा नहीं है, वही पुरानी सपा है। याद करो इनके कार्यकाल में 700 दंगे हुए। 112 लोग मारे गए। मुजफ्फरनगर के दंगे में सचिन और गौरव को मार दिया गया और इन्होंने आरोपियों को छुड़वा दिया।
उन्होंने कहा कि यह कोई भूल नहीं सकता है कि ये सब अखिलेश सरकार में हुआ था।
ये वही सपा नेता हैं जो आतंकवादियों को छुड़वाने के लिए कोर्ट पहुंच गए थे। लेकिन बाद में कोर्ट ने फटकार लगाई थी। आपको आश्चर्य होगा कि उनमें से 4 आतंकियों को फांसी और बाकियों को उम्रकैद की सजा हुई थी।
कहा कि आज प्रदेश में योगी सरकार ने गन्ना किसानों को रिकॉर्ड भुगतान किया है। गन्ना हमारा है और जिन्ना उनका है। हम गन्ना पर चुनाव लड़कर जीतेंगे और हम जिन्ना मानसिकता का भी पदार्फाश करेंगे। कुछ पार्टियों में किसी पद पर जाने के लिए भतीजा होना जरूरी है, बेटा होना आवश्यक है, सभी पार्टियां परिवारवाद की पार्टियां बन चुकी हैं बस ताली बजाओं और कोई काम नहीं है। कहा कि ये वंशवाद के प्रोडक्ट अपने लिए राष्ट्र हित बेच देते हैं। ऐसा लोगों ने देखा है। आतंकियों को छुड़ाया था इन लोगों ने।
नड्डा ने कहा कि आज सभी पार्टियां जाति के नाम पर, धर्म के नाम पर, वोट बैंक की राजनीति कर रही हैं, जो देश के लिए बहुत ही खतरनाक है। राष्ट्रनायक सरदार पटेल के साथ देशद्रोही जिन्ना का जिक्र करने का षड्यंत्र किया जा रहा है, ताकि देश को खंडित किया जा सके।
उन्होंने कहा कि कुछ पार्टियों में किसी पद पर जाने के लिए भतीजा होना जरूरी है, बेटा होना आवश्यक है, सभी पार्टियां परिवारवाद की पार्टियां बन चुकी हैं, बस ताली बजाओं और कोई काम नहीं है।
कहा कि हम भाजपा पार्टी में ही संभव में ही है कि आज एक बूथ अध्यक्ष, कल का प्रदेश का अध्यक्ष बन सकता है। मोदी जी की ²ढ़ इच्छाशक्ति थी जो कश्मीर से धारा 370 को धराशायी कर दिया। किसी भी मुस्लिम देश में तीन तलाक नहीं है। हमने सुप्रीम कोर्ट भी कहा था कि तीन तलाक समाप्त करो, लेकिन पहले की सरकारों ने ये काम नहीं किया। प्रधानमंत्री जी ने अभी किसान कानून वापस लिए हैं। दम भरने के लिए कई लोग खुद को किसान नेता कह रहे हैं, लेकिन किसानों के लिए जो प्रधानमंत्री मोदी जी ने किया, वो किसी और ने कभी नहीं किया है।
महाराष्ट्र
मुंबई: उपमुख्यमंत्री अजित पवार के बयान के बाद धनंजय मुंडे की कैबिनेट में वापसी की अटकलें शुरू हो गई हैं।

मुंबई: एनसीपी प्रमुख और महायोद्धा सरकार में उपमंत्री के इस बयान के साथ ही एक बार फिर धनंजय मुंडे की कैबिनेट में वापसी की अटकलें शुरू हो गई हैं। विपक्ष आरोप लगा रहा है कि धनंजय मुंडे को मंत्रिमंडल में शामिल होने की इतनी जल्दी है। अजित पवार ने धनंजय मुंडे को लेकर एक बयान दिया था जिसमें उन्होंने कहा था कि जब धनंजय मुंडे कृषि मंत्री थे, तब उन पर आरोप लगे थे और ये आरोप हाईकोर्ट में भी साबित नहीं हुए और पुलिस मामले की जाँच कर रही है, जबकि पुलिस रिपोर्ट में ऐसा कोई सबूत नहीं मिला है। रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर ही उनकी वापसी संभव है। उन्होंने कहा कि धनंजय मुंडे को हाईकोर्ट ने क्लीन चिट दे दी है। ऐसे में अगर किसी व्यक्ति को क्लीन चिट मिल गई है, तो उसे दोबारा कैबिनेट में शामिल होने से क्यों रोका जा रहा है? बीड में संतोष देशमुख हत्याकांड में वाल्मीकि कराड का नाम सामने आने के बाद, धनंजय मुंडे ने बीमारी का हवाला देते हुए इस्तीफा दे दिया था। तब भी विपक्ष ने उन पर आरोप लगाया था कि वाल्मीकि कराड, धनंजय मुंडे के करीबी थे, और ऐसे में मुंडे ने इस्तीफा दे दिया था। महायोति सरकार अब कई विवादास्पद मंत्रियों को मंत्रालय से हटाने की तैयारी में है। ऐसे में अजित पवार गुट से फिर से कृषि मंत्री के तौर पर धनंजय मुंडे का नाम भी विचाराधीन है। फिलहाल, कृषि मंत्री माणिक राव को हटा दिया गया है और उनकी कुर्सी खतरे में है, जबकि शीर्षत को भी हटाया जा सकता है।
महाराष्ट्र
मूल उद्देश्य पर लौटने पर मुंबई एसएस शाखा को बंद करने का निर्णय, महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अपराधों की जांच के लिए नया विभाग, नए डीसीपी की नियुक्ति

मुंबई: मुंबई पुलिस कमिश्नर देवेन भारती ने समाज सेवा शाखा (एसएस) को बंद करने का फैसला किया है। समाज सेवा शाखा अब महिलाओं और बच्चों से जुड़े अपराधों की जांच में अहम भूमिका निभाएगी। इन मामलों की जांच के लिए एक विशेष इकाई का गठन किया जाएगा। इस इकाई में एक विशेष उपायुक्त डीसीपी की नियुक्ति की जाएगी। समाज सेवा शाखा की स्थापना वेश्यावृत्ति और सामाजिक समस्याओं के समाधान के लिए की गई थी, लेकिन इस शाखा पर भ्रष्टाचार, रिश्वतखोरी और अन्य गंभीर आरोप लगे हैं। समाज सेवा शाखा की स्थापना महिलाओं और बच्चों तथा सामाजिक समस्याओं के समाधान और इन समस्याओं के समाधान के लिए की गई थी, लेकिन इसका दायरा बढ़ा दिया गया और इस शाखा ने होटलों, डांस बार और जुआ अड्डों के खिलाफ छापेमारी और कार्रवाई भी शुरू कर दी थी।
नए विभाग की स्थापना को लेकर प्रगति शुरू हो गई है, लेकिन राज्य सरकार इसकी औपचारिक घोषणा करेगी और इस संबंध में एक अधिसूचना और परिपत्र भी जारी किया जाएगा। मुंबई पुलिस का यह फैसला कानून-व्यवस्था के लिहाज से बेहद अहम है, जबकि अब एसएस शाखा सिर्फ महिलाओं और बच्चों की समस्याओं और घरेलू झगड़ों का समाधान करेगी। एसएस शाखा अब वेश्यावृत्ति और नाबालिगों से बाल श्रम समेत सामाजिक बुराइयों के खिलाफ कार्रवाई करेगी। मुंबई पुलिस कमिश्नर देवेन भारती मुंबई क्राइम ब्रांच में एडिशनल कमिश्नर क्राइम के पद पर भी काम कर चुके हैं और क्राइम ब्रांच पर उनकी पकड़ काफी मजबूत है। काफी अध्ययन के बाद देवेन भारती ने एसएस ब्रांच को उसके मूल लक्ष्य की ओर अग्रसर किया है।
अपराध
मुंबई: 11 महीने बाद भी कलिना में निर्दोष व्यक्ति के घर ड्रग्स रखने वाले पुलिसकर्मियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं

मुंबई: कलिना में चार पुलिसकर्मियों से संबंधित मादक पदार्थ रखने की घटना में लगभग 11 महीने बाद भी कोई उल्लेखनीय प्रगति नहीं हुई है।
वकोला पुलिस ने न तो चारों आरोपी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कोई कार्रवाई की है, न ही आरोपपत्र दाखिल किया है और न ही प्रत्यक्षदर्शियों के बयान ठीक से दर्ज किए हैं। उन्होंने मामले में एनडीपीएस (नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंसेज) की अतिरिक्त धाराएँ भी नहीं जोड़ी हैं, बल्कि केवल जमानती धाराएँ ही लगाई हैं। नतीजतन, आरोपियों को अग्रिम ज़मानत मिल गई।
मामले के बारे में
30 अगस्त, 2024 को, चार पुलिसकर्मियों ने सांताक्रूज़ पूर्व के कलिना स्थित एक पशुधन फार्म में काम करने वाले 31 वर्षीय निर्दोष डायलन एस्टबेरो की जेब में कथित तौर पर ड्रग्स रख दिए। यह पूरी घटना सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई, जिससे चारों पुलिसकर्मियों की पोल खुल गई।
घटना 30 अगस्त, 2024 की है, जब खार पुलिस स्टेशन से सादे कपड़ों में पीएसआई विश्वनाथ ओम्बले और तीन कांस्टेबल – इमरान शेख, सागर कांबले और योगेंद्र शिंदे (जिन्हें दबंग शिंदे भी कहा जाता है) – सांताक्रूज़ पूर्व के कलिना में शाहबाज़ खान के पशु फार्म पर पहुँचे, जहाँ डायलन एस्टबेरो काम कर रहा था। उन्होंने कथित तौर पर डायलन की तलाशी ली और एक बनावटी तलाशी के दौरान उसकी जेब में 20 ग्राम मेफेड्रोन रख दिया, और बाद में उस पर ड्रग रखने का आरोप लगाया।
पूरी घटना सीसीटीवी में कैद हो गई, जिसकी बाद में शाहबाज़ खान ने समीक्षा की और उसे सार्वजनिक रूप से साझा किया। फुटेज जारी होने के बाद, डायलन को खार पुलिस ने रिहा कर दिया। इस वीडियो के बाद लोगों में आक्रोश फैल गया और तत्कालीन उपायुक्त राज तिलक रौशन ने 31 अगस्त को चारों अधिकारियों को निलंबित कर दिया। घटना के लगभग साढ़े तीन महीने बाद, भारतीय न्याय संहिता की कई धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया।
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