अंतरराष्ट्रीय
जापान में माइकोप्लाज्मा निमोनिया के मामलों में रिकॉर्ड वृद्धि देखी गई
टोक्यो, 22 जनवरी। जापान में माइकोप्लाज्मा निमोनिया के मामलों में उल्लेखनीय वृद्धि देखी जा रही है। रोगियों की संख्या पिछले दशक की तुलना में इस समय उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है।
राष्ट्रीय संक्रामक रोग संस्थान के अनुसार, 12 जनवरी तक माइकोप्लाज्मा निमोनिया रोगियों की साप्ताहिक औसत संख्या 1.11 तक पहुंच गई जो इससे पहले के सप्ताह की तुलना में 0.34 की वृद्धि है। यह बीते एक दशक में सबसे अधिक औसत है।
माइकोप्लाज्मा निमोनिया बच्चों में होने वाला एक आम संक्रमण है। इसमें बुखार, थकान, सिरदर्द और लगातार खांसी जैसे लक्षण होते हैं। गंभीर मामलों में यह निमोनिया का कारण बन सकता है और अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता हो सकती है। किसी व्यक्ति के बैक्टीरिया के संपर्क में आने के बाद लक्षण सामने आने में एक से चार सप्ताह लग सकते हैं। लक्षण कई हफ्तों तक रह सकते हैं।
वहीं, एरिथेमा इंफेक्टियोसम बीमारी भी बढ़ रही है। यह सर्दी-जुकाम जैसे लक्षणों से शुरू होती है और फिर गालों पर लाल चकत्ते पड़ जाते हैं।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, देश भर में लगभग 3,000 चिकित्सा संस्थानों से प्राप्त रिपोर्टों में बताया गया है कि एक सप्ताह पहले के 0.78 मामले प्रति अस्पताल की तुलना में 12 जनवरी को समाप्त सप्ताह में औसतन 0.94 मामले सामने आए।
विशेषज्ञों ने मास्क पहनने सहित संक्रमण की रोकथाम के उपायों के महत्व पर बल दिया, क्योंकि इन्फ्लूएंजा भी व्यापक रूप से फैल रहा है।
एम न्यूमोनिया सांसों में मौजूद वाष्प की छोटी बूंदों के माध्यम से एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलता है।
यह संक्रमण आमतौर पर सर्दियों के महीनों के दौरान होता है, लेकिन साल भर भी हो सकता है। अनुमान बताते हैं कि अमेरिका की लगभग एक प्रतिशत आबादी हर साल संक्रमित होती है। संक्रमण के वास्तविक मामले दर्ज मामलों से बहुत अधिक हो सकते हैं क्योंकि संक्रमण से हल्की बीमारी होती है जिसके लिए अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता नहीं होती है।
माइकोप्लाज्मा संक्रमण का प्रकोप सेना, अस्पतालों, नर्सिंग होम आदि में भी देखने को मिलता है। माइकोप्लाज्मा से संक्रमित केवल पांच से दस प्रतिशत लोगों में निमोनिया होता है।
अंतरराष्ट्रीय
यमन के तट पर नाव पलटने से 20 इथियोपियाई प्रवासियों की मौत : आईओएम
अदन, 22 जनवरी। अंतर्राष्ट्रीय प्रवासन संगठन (आईओएम) ने बताया कि सप्ताहांत में दक्षिणी यमनी तट के पास एक नाव के पलट जाने से कुल 20 इथियोपियाई प्रवासियों की मौत हो गई, जिनमें नौ महिलाएं और 11 पुरुष शामिल थे।
आईओएम ने एक बयान में कहा कि यह नाव, जिसमें 35 इथियोपियाई प्रवासी, एक यमन कप्तान और उसका सहायक सवार थे, कथित तौर पर जिबूती के हम्मारता क्षेत्र से रवाना हुआ था और शनिवार रात को तैज प्रांत के दुबाब जिले के अल-हज्जाजाह के पास तेज मौसमी हवाओं के बीच पलट गई। बयान में कहा गया कि जीवित बचे लोग सफलतापूर्वक तट पर पहुंच गए हैं।
बयान में यमन में आईओएम के मिशन प्रमुख अब्दुसत्तोर एसोव के हवाले से कहा गया है, “यह त्रासदी उन खतरनाक परिस्थितियों की याद दिलाती है, जिनसे प्रवासी सुरक्षा और बेहतर जीवन की तलाश में गुजरते हैं।”
एसोव ने कहा, “अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को अनियमित प्रवास के मूल कारणों को दूर करने तथा प्रवासियों की सुरक्षा और सम्मान को प्राथमिकता देने के अपने संकल्प को मजबूत करना चाहिए।”
यमन के तटीय जल दुनिया के सबसे खतरनाक जलक्षेत्रों में से हैं। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, आईओएम के आंकड़ों के अनुसार, अकेले 2024 में यमन में 60,000 से अधिक प्रवासियों के आगमन का दस्तावेजीकरण किया गया है।
2014 से अब तक पूर्वी मार्ग पर 3,435 मौतें और लापता होने की घटनाएं दर्ज की गई हैं, जिनमें डूबने से 1,416 लोगों की मौत शामिल है।
मंगलवार को नाम न बताने की शर्त पर एक यमन सरकार के अधिकारी ने सिन्हुआ से बात करते हुए पुष्टि की कि यह घटना कई दिन पहले हुई थी और कहा कि दर्जनों लोग मारे गए हैं। हालांकि उन्होंने हताहतों की कोई विशिष्ट संख्या नहीं बताई।
एक अन्य महत्वपूर्ण घटनाक्रम में आईओएम ने 15 जनवरी को समझौता ज्ञापन (एमओयू) और डेटा साझाकरण प्रोटोकॉल पर हस्ताक्षर करने के लिए इथियोपियाई सांख्यिकी सेवा (ईएसएस) और प्रवासन डेटा सृजन में शामिल 13 सरकारी संस्थानों की सराहना की।
इथियोपियाई सांख्यिकी सेवा, इथियोपियाई आपदा जोखिम प्रबंधन आयोग, विदेश मंत्रालय, न्याय मंत्रालय, श्रम और कौशल मंत्रालय, शांति मंत्रालय, महिला और सामाजिक मामलों के मंत्रालय, इथियोपियाई प्रवासी सेवा, इथियोपियाई संघीय पुलिस आयोग, इथियोपियाई राष्ट्रीय आईडी कार्यक्रम, आव्रजन और नागरिकता सेवा, और रिफ्यूजी एंड रिटर्निंग सर्विस उन प्रमुख संस्थानों में से थे, जिन्होंने ईएसएस के साथ इस समझौते को औपचारिक रूप दिया।
व्यापार
ट्रंप के शपथ ग्रहण से पहले भारतीय शेयर बाजार में तेजी, सेंसेक्स 454 अंक बढ़ा
मुंबई, 20 जनवरी। अमेरिकी राष्ट्रपति के रूप में डोनाल्ड ट्रंप के शपथ ग्रहण से पहले सोमवार को भारतीय शेयर बाजार में तेजी देखी गई। सेंसेक्स 454 अंक या 0.59 प्रतिशत बढ़कर 77,073 और निफ्टी 141 अंक या 0.61 प्रतिशत बढ़कर 23,344 पर बंद हुआ।
भारतीय समय के अनुसार रात 10 बजे ट्रंप 47वें अमेरिकी राष्ट्रपति रूप में शपथ लेंगे। शेयर बाजार में चौतरफा तेजी देखी गई। लार्जकैप की अपेक्षा मिडकैप और स्मॉलकैप इंडेक्स में खरीदारी देखी गई है।
निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स 498 अंक या 0.91 प्रतिशत की तेजी के साथ 55,106 और निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स 192 अंक या 1.09 प्रतिशत की बढ़त के साथ 17,864 पर बंद हुआ। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) पर 2,503 शेयर हरे निशान में और 1,557 शेयर लाल निशान में और 168 शेयर बिना किसी बदलाव के बंद हुए हैं।
सेंसेक्स में कोटक महिंद्रा बैंक, बजाज फाइनेंस, बजाज फिनसर्व, एनटीपीसी, एसबीआई, पावर ग्रिड, टाटा स्टील, एचडीएफसी बैंक, टेक महिंद्रा, एशियन पेंट्स, भारती एयरटेल, टाइटन और एचसीएल टेक टॉप गेनर्स थे। जोमैटो, अदाणी पोर्ट्स, टीसीएस, एमएंडएम, मारुति सुजुकी, टाटा मोटर्स, आईटीसी, सनफार्मा, एचयूएल और नेस्ले टॉप लूजर्स थे।
आईटी, पीएसयू बैंक, फार्मा, मेटल, रियल्टी, मीडिया, एनर्जी, प्राइवेट बैंक और इन्फ्रा इंडेक्स हरे निशान में और केवल ऑटो और एफएमसीजी इंडेक्स लाल निशान में बंद हुआ है।
चॉइस ब्रोकिंग के अनुसार, निफ्टी के लिए 23,100, 23,000 और 22,800 एक मजबूत सपोर्ट लेवल है। वहीं, तेजी की स्थिति में 23,300, 23,400 और 23,500 एक रुकावट का स्तर है।
विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने 17 जनवरी को 3,318.06 करोड़ रुपये मूल्य की इक्विटी बेची, जबकि घरेलू संस्थागत निवेशकों ने उसी दिन 2,572 करोड़ रुपये मूल्य की इक्विटी खरीदी थी।
शेयर बाजार की शुरुआत तेजी के साथ हुई थी। सुबह 10 बजे, सेंसेक्स 133 अंक या 0.17 प्रतिशत बढ़कर 76,738 और निफ्टी 10 अंक या 0.05 प्रतिशत बढ़कर 23,213 पर था।
व्यापार
पेटीएम को तीसरी तिमाही में हुआ 208 करोड़ रुपये का घाटा, बिक्री 36 प्रतिशत घटी
नई दिल्ली, 20 जनवरी। पेटीएम की पेरेंट कंपनी वन97 कम्युनिकेशंस लिमिटेड ने वित्त वर्ष 2024-25 की तीसरी तिमाही (अक्टूबर से दिसंबर) में 208 करोड़ रुपये का नुकसान दर्ज किया है। पिछले साल समान तिमाही में यह आंकड़ा 222 करोड़ रुपये था।
वित्त वर्ष 2024-25 की तीसरी तिमाही में कंपनी की आय सालाना आधार पर 36 प्रतिशत कम होकर 1,828 करोड़ रुपये रह गई है, जो कि पिछले साल समान अवधि में 2,851 करोड़ रुपये थी।
तिमाही आधार पर पेटीएम की आय 10 प्रतिशत बढ़ी है। इसकी वजह ग्रॉस मर्चेंडाइज वैल्यू (जीएमवी) बढ़ना, सब्सक्रिप्शन आय में मजबूत वृद्धि और फाइनेंसियल सर्विसेज के वितरण से अधिक आय होना है।
पेटीएम ने कहा,”हम तिमाही और सालाना आधार पर अप्रत्यक्ष लागत को क्रमश: 7 प्रतिशत और 23 प्रतिशत कम करके 1,000 करोड़ रुपये तक ले आए हैं।”
कंपनी ने आगे कहा, “कर्मचारी खर्च वित्त वर्ष 25 के पहले नौ महीनों में 451 करोड़ रुपये कम हुआ है। यह कंपनी के 400 करोड़ रुपये से लेकर 500 करोड़ रुपये के बचत के लक्ष्य को पार कर गया है।”
कंपनी की भुगतान सेवाओं से होने वाली आय बढ़कर 1,059 करोड़ रुपये हो गई है, जबकि वित्तीय सेवाओं से होने वाली आय तिमाही-दर-तिमाही आधार पर 34 प्रतिशत बढ़कर 502 करोड़ रुपये पर पहुंच गई है।
प्लेटफॉर्म के माध्यम से जीएमवी तिमाही-दर-तिमाही आधार पर 13 प्रतिशत बढ़कर 5 लाख करोड़ रुपये हो गया।
पेटीएम के पेमेंट डिवाइस के लिए मर्चेंट सब्सक्राइबर बेस बढ़कर 1.17 करोड़ हो गया, जिसमें तिमाही के दौरान 5 लाख नए ग्राहक जुड़े। अधिक सब्सक्रिप्शन आय और स्थिर पेमेंट प्रोसेसिंग मार्जिन की मदद से नेट पेमेंट मार्जिन 489 करोड़ रुपये पर पहुंच गया।
पेटीएम ने दिसंबर तिमाही के दौरान 3,831 करोड़ रुपये के लोन भी वितरित किए, जबकि वित्त वर्ष 2025 की दूसरी तिमाही में यह आंकड़ा 3,303 करोड़ रुपये था।
-
व्यापार5 years ago
आईफोन 12 का उत्पादन जुलाई से शुरू होगा : रिपोर्ट
-
अपराध2 years ago
भगौड़े डॉन दाऊद इब्राहिम के गुर्गो की ये हैं नई तस्वीरें
-
अपराध2 years ago
बिल्डर पे लापरवाही का आरोप, सात दिनों के अंदर बिल्डिंग खाली करने का आदेश, दारुल फैज बिल्डिंग के टेंट आ सकते हैं सड़कों पे
-
न्याय5 months ago
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के खिलाफ हाईकोर्ट में मामला दायर
-
अपराध2 years ago
पिता की मौत के सदमे से छोटे बेटे को पड़ा दिल का दौरा
-
अनन्य2 years ago
उत्तराखंड में फायर सीजन शुरू होने से पहले वन विभाग हुआ सतर्क
-
महाराष्ट्र5 years ago
31 जुलाई तक के लिए बढ़ा लॉकडाउन महाराष्ट्र में, जानिए क्या हैं शर्तें
-
राजनीति3 months ago
आज रात से मुंबई टोल-फ्री हो जाएगी! महाराष्ट्र सरकार ने शहर के सभी 5 प्रवेश बिंदुओं पर हल्के मोटर वाहनों के लिए पूरी तरह से टोल माफ़ करने की घोषणा की