Connect with us
Saturday,16-August-2025
ताज़ा खबर

राष्ट्रीय समाचार

‘नेशनल गवर्नमेंट क्लाउड’ में तकनीकी गड़बड़ी से प्रभावित आईटी सेवाएं हो रहीं बहाल: सुप्रीम कोर्ट

Published

on

suprim court

नई दिल्ली, 26 अप्रैल। सुप्रीम कोर्ट ने शनिवार को कहा कि नेशनल गवर्नमेंट क्लाउड (एनजीसी) में तकनीकी गड़बड़ी आने के कारण कई सूचना संचार प्रौद्योगिकी आधारित सेवाएं प्रभावित हुई हैं। कोर्ट ने यह भी बताया कि प्रभावित सेवाओं को बहाल करने का काम जारी है।

एक नोटिस के जरिए बताया गया कि रजिस्ट्री से जुड़ी विभिन्न सूचना संचार प्रौद्योगिकी आधारित सेवाएं एनजीसी में तकनीकी गड़बड़ी के कारण प्रभावित रहीं।

सुप्रीम कोर्ट ने नोटिस में बताया, “सुबह से ही नेशनल गवर्नमेंट क्लाउड (एनजीसी) में तकनीकी गड़बड़ी के कारण रजिस्ट्री द्वारा प्रदान की जाने वाली विभिन्न सूचना संचार प्रौद्योगिकी-आधारित सेवाएं, जैसे वेबसाइट, ई-फाइलिंग, एससीआर और डिजीएससीआर पोर्टल पर प्रतिकूल असर पड़ा है।”

कोर्ट ने आगे कहा कि सभी संबंधित टीम सेवाओं की शीघ्र बहाली पर काम कर रही हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने आगे कहा, “आपको हुई किसी भी असुविधा के लिए हमें खेद है। हम आपके धैर्य, समझ और सहयोग की सराहना करते हैं।”

नेशनल गवर्नमेंट क्लाउड एक यूनिक क्लाउड सर्विस है। यह सर्विस एनआईसी के तहत विभिन्न सरकारी परियोजनाओं को दी जा रही है।

यह संगठनों को सिंगल एंड यूज पोर्टल का इस्तेमाल कर कई निजी और सार्वजनिक क्लाउड सेवाओं को चुनने की अनुमति देता है।

नेशनल गवर्नमेंट क्लाउड, राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (एनआईसी) द्वारा संचालित एक सुरक्षित डेटा सेंटर में कंप्यूट, स्टोरेज, डेटाबेस और नेटवर्क जैसी विभिन्न ऑन-प्रिमाइस सेवाएं प्रदान करता है।

सुप्रीम कोर्ट रजिस्ट्री अपने डिजिटलीकरण और डिजिटल संरक्षण प्रयासों के के रूप में क्लाउड इंफ्रास्ट्रक्चर का इस्तेमाल करती है। इसमें नेशनल ज्यूडिशियल डेटा ग्रिड (एनजेडीजी) शामिल है।

राष्ट्रीय न्यायिक डेटा ग्रिड (एनजेडीजी) एक ऑनलाइन प्लेटफॉर्म है, जो भारत में जिला और अधीनस्थ न्यायालयों और उच्च न्यायालयों के आदेशों, निर्णयों और मामले की डिटेल्स का डेटाबेस प्रदान करता है। एनजेडीजी ई-कोर्ट परियोजना के तहत बनाया गया है और देश के सभी कंप्यूटराइज्ड न्यायालयों की न्यायिक कार्यवाही से जुड़ा डेटा प्रदान करता है।

इसके अलावा, ई-कोर्ट सर्विस केस से जुड़ी जानकारियों और दूसरे संसाधनों तक ऑनलाइन पहुंच को सुनिश्चित करती है।

केस रिकॉर्ड और कोर्ट के आदेशों को डिजिटल बनाने में भी रजिस्ट्री सक्रिय रूप से शामिल है, जिससे उन्हें विभिन्न ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के माध्यम से सुलभ बनाया जा सके।

राजनीति

फर्जी मतदाताओं को लिस्‍ट से हटाने के लिए एसआईआर महत्‍वपूर्ण कदम : संजय उपाध्याय

Published

on

Sanjay Upadhyay

मुंबई, 14 अगस्‍त। भाजपा विधायक संजय उपाध्याय ने राजद सांसद मनोज झा के बिहार में चुनाव के बहिष्‍कार के बयान पर पलटवार किया। उन्‍होंने फर्जी वोटरों को लिस्‍ट से हटाने के लिए एसआईआर को महत्‍वपूर्ण कदम करार दिया।

संजय उपाध्याय ने मिडिया से बातचीत के दौरान कहा कि एसआईआर के माध्यम से बिहार में प्रत्येक मतदाता का सत्यापन हो रहा है, फर्जी गतिविधियों पर रोक लग रही है और सुप्रीम कोर्ट ने भी इसे स्वीकार किया है। मतदाता सूची शुद्धिकरण प्रक्रिया फर्जी वोटरों को हटाने का महत्वपूर्ण कदम है। बिहार में एसआईआर के तहत हर मतदाता का सत्यापन हो रहा है, जिससे फर्जी वोटर खत्म हो रहे हैं। उन्होंने सवाल उठाया कि अगर यह सही है तो राजद को आपत्ति क्यों है?

उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि डर उनके फर्जी वोटर प्लान के खुलासे का है। राहुल गांधी के उदाहरण से उन्होंने कांग्रेस और राजद के ‘दोहरापन’ की आलोचना की और विपक्ष पर संवैधानिक संस्थाओं को बदनाम कर अराजकता फैलाने का आरोप लगाया।

भाजपा विधायक ने आरोप लगाया कि राहुल गांधी लगातार वीर सावरकर का अपमान करते रहे हैं और कई मुद्दों पर अदालत से माफी मांग चुके हैं। राहुल गांधी देश को गुमराह करते हैं और खुद की महात्मा गांधी से तुलना करने की कोशिश कर रहे हैं, जबकि दोनों में बड़ा अंतर है, जिसे छोटा बच्चा भी समझ सकता है।

उन्होंने व्यंग्य करते हुए कहा कि अब तो माता-पिता भी अपने बच्चों का नाम राहुल रखने से कतराते हैं। राहुल सिर्फ सुर्खियों के लिए बयान देते हैं, जबकि उनकी सुरक्षा एजेंसियों के पास है। मौजूदा सरकार में सभी सुरक्षित हैं।

उन्‍होंने ‘तिरंगा यात्रा’ को लेकर कहा कि भाजपा का अर्थ है, ‘भारत माता की जय’ और जो भारत को मां मानता है, वही सच्चा भारतीय है। भाजपा देश के प्रति वफादार है। तिरंगे और राष्ट्र के सम्मान में ‘तिरंगा यात्रा’ निकालती है। उन्होंने सवाल किया कि विपक्ष को इससे क्या आपत्ति है, क्या उन्हें तिरंगे, देश या राष्ट्रभक्ति से दिक्कत है? यदि नहीं, तो उन्हें कौन रोक रहा है? क्या वे पाकिस्तान की यात्रा निकालना चाहते हैं?

छत्तीसगढ़ वक्फ बोर्ड का भाजपा नेता संजय उपाध्याय ने समर्थन किया। उन्‍होंने कहा कि मस्जिद, मंदिर, घर और गुरुद्वारा देश की संपत्ति हैं। ‘हर घर तिरंगा’ अभियान के तहत हर धर्मस्थल, घर और गुरुद्वारे पर तिरंगा लगाया जाना चाहिए। मस्जिदों को भी इस पर आपत्ति नहीं होनी चाहिए।

Continue Reading

राजनीति

’30 सालों से नहीं दिखे महिलाओं के आंसू, माफिया का एनकाउंटर गुजरा नागवार’, पूजा पाल का सपा पर आरोप

Published

on

लखनऊ, 14 अगस्त। यूपी के कौशांबी की चायल से विधायक पूजा पाल को गुरुवार को समाजवादी पार्टी (सपा) मुखिया अखिलेश यादव ने पार्टी से निष्कासित कर दिया। सपा से निष्कासन के बाद उन्होंने सपा पर आरोप लगाए।

पूजा पाल ने कहा कि 30 साल से महिलाओं के आंसू इन लोगों को नजर नहीं आ रहे थे। माफिया का एनकाउंटर उनको नागवार गुजर रहा है।

विधायक पूजा पाल ने मिडिया से बातचीत में कहा, “मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मैंने पहले भी तारीफ की थी। मेरे अलावा, प्रयागराज की जनता ने भी भय मुक्त वातावरण के लिए सीएम योगी का आभार व्यक्त किया है। मेरा गुनाह सिर्फ इतना है कि मैंने माफिया अतीक अहमद का नाम लिया और अपने निजी जीवन के बारे में बताया। अतीक के बारे में बात करने पर मेरा निष्कासन किया गया है।”

उन्होंने कहा, “उन्हें कानून व्यवस्था को लेकर योगी सरकार की तारीफ पर पार्टी से निकाला गया। अभी तक ऐसा कदम क्यों नहीं उठाया गया था? मेरे सदन में बोलने के बाद ऐसा कदम उठाया गया है। उन्होंने सदन में किसी पार्टी या राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव का नाम नहीं लिया। मेरे साथ माफिया अतीक ने घटना की थी। इस कारण मैंने उसकी चर्चा की थी। मुख्यमंत्री ने मुझे न्याय दिया। मैंने उनको धन्यवाद दिया था। इसके अलावा तो मैंने कोई अपराध किया नहीं था। अतीक को सजा मिली और इसी कारण मैंने धन्यवाद दिया था।”

विधायक ने कहा, “पूरा यूपी अतीक से परेशान था। उसने न जाने कितनी बहन-बेटियों की मांग सूनी कर दी। उसके बेटे ने दिनदहाड़े हत्या कर दी थी। उसका एनकाउंटर हो गया, जो इन लोगों को नागवार गुजरा। मुझे हटाए जाने का कोई टेंशन नहीं है, जो हुआ सो हुआ। वह जनता के लिए काम करती हैं। जनता हमें समर्थन देती है और समर्थन देती रहेगी। पार्टी को निर्णय लेने से पहले मुझसे बात करनी चाहिए थी। इन लोगों (सपा के लोगों) को गरीबों और महिलाओं के आंसू नहीं दिखे, जो पिछले 30 साल से पीड़ित थीं। इनको माफिया के बच्चे मारे गए, यह नजर आ रहा है।”

पूजा पाल को पार्टी से निकाले जाने पर सपा विधायक संग्राम सिंह यादव ने कहा, “उनको बहुत पहले पार्टी से निकाला जाना चाहिए था। ऐसे लोग न जनता के सगे हैं, न ही पार्टी के। अखिलेश यादव के कारण उन्हें वोट मिले थे। बहुत पहले उन्हें पार्टी से निकाला जाना चाहिए था।”

समाजवादी पार्टी (सपा) की बागी विधायक पूजा पाल को पार्टी विरोधी गतिविधियों और अनुशासनहीनता के आरोप में पार्टी से निष्कासित कर दिया गया है। विधायक पूजा पाल ने कानून-व्यवस्था के मुद्दे पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की प्रशंसा की थी।

उन्होंने एक बयान में कहा था कि अपराध के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति से उन्हें भी न्याय मिला है।

Continue Reading

राष्ट्रीय समाचार

जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा: सुप्रीम कोर्ट बोला, जमीनी हकीकत पर होगा फैसला

Published

on

नई दिल्ली, 14 अगस्त। जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा देने की मांग वाली याचिका पर गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। इस दौरान कोर्ट ने यह साफ कर दिया कि इस मुद्दे पर फैसला लेते समय जमीनी हकीकत को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।

मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) जस्टिस बीआर गवई की अध्यक्षता वाली पीठ ने हाल ही में हुए पहलगाम आतंकी हमले का उल्लेख करते हुए कहा कि ऐसी घटनाएं गंभीर चिंता का विषय हैं और इन्हें ध्यान में रखना आवश्यक है।

इस मामले में पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि केंद्र सरकार जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा देने की दिशा में कदम उठा रही है, लेकिन वर्तमान में वहां कुछ अजीबोगरीब परिस्थितियां बनी हुई हैं। उन्होंने याद दिलाया कि चुनावों के बाद राज्य का दर्जा बहाल करने का आश्वासन पहले ही दिया जा चुका है, परंतु मौजूदा हालात को देखते हुए यह प्रश्न अभी क्यों उठाया जा रहा है, यह स्पष्ट नहीं है।

मेहता ने कोर्ट से आग्रह किया कि सरकार की आधिकारिक राय प्रस्तुत करने के लिए उन्हें 8 हफ्ते का समय दिया जाए। सुप्रीम कोर्ट ने इस अनुरोध को स्वीकार करते हुए मामले की अगली सुनवाई आठ हफ्ते बाद तय करने का निर्देश दिया। अदालत ने यह भी संकेत दिया कि इस मुद्दे पर कोई भी फैसला लेते समय सुरक्षा और स्थिरता के पहलुओं को प्राथमिकता दी जाएगी।

जहूर अहमद भट और कार्यकर्ता खुर्शीद अहमद मलिक की ओर से दायर याचिका में कहा गया है कि राज्य का दर्जा बहाल करने में लगातार हो रही देरी”जम्मू और कश्मीर के नागरिकों के अधिकारों को गंभीर रूप से प्रभावित कर रही है और संघवाद की अवधारणा का भी उल्लंघन कर रही है। आवेदकों का तर्क है कि समयबद्ध सीमा के भीतर राज्य का दर्जा बहाल न करना संघवाद का उल्लंघन है, जो संविधान के मूल ढांचे का हिस्सा है।

पहले की सुनवाई में एसजी मेहता ने अदालत को बताया था कि केंद्रीय गृह मंत्रालय कोई विशिष्ट समय-सीमा नहीं बता सकता और राज्य का दर्जा बहाल करने में “कुछ समय” लगेगा। मई 2024 में, सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले को चुनौती देने वाली पुनर्विचार याचिकाओं को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि “रिकॉर्ड में कोई त्रुटि स्पष्ट नहीं है” और मामले को खुली अदालत में सूचीबद्ध करने से इनकार कर दिया।

Continue Reading
Advertisement
राजनीति2 days ago

भारत की जीडीपी अगले तीन वर्षों में सालाना 6.8 प्रतिशत बढ़ने का अनुमान : एसएंडपी ग्लोबल

राजनीति2 days ago

फर्जी मतदाताओं को लिस्‍ट से हटाने के लिए एसआईआर महत्‍वपूर्ण कदम : संजय उपाध्याय

राजनीति2 days ago

’30 सालों से नहीं दिखे महिलाओं के आंसू, माफिया का एनकाउंटर गुजरा नागवार’, पूजा पाल का सपा पर आरोप

महाराष्ट्र2 days ago

मुंबई कबूतरखाना विवाद और 15 अगस्त का मांस प्रतिबंध अस्वीकार्य: राज ठाकरे

राष्ट्रीय समाचार2 days ago

जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा: सुप्रीम कोर्ट बोला, जमीनी हकीकत पर होगा फैसला

राजनीति2 days ago

विधानसभा विजन डॉक्यूमेंट: नॉनस्टॉप चर्चा जारी, अखिलेश का तंज सोती रही सरकार

अपराध2 days ago

महाराष्ट्र के मालाड में पीएम मुद्रा योजना के नाम पर 33 लाख की ठगी, पुलिस ने दर्ज किया मामला

महाराष्ट्र2 days ago

स्वतंत्रता दिवस पर मुंबई पुलिस पूरी तरह सतर्क

राष्ट्रीय समाचार2 days ago

मुंबई पुलिस ने जोन 1 के विशेष अभियान में चोरी और गुम हुए 176 मोबाइल फोन मालिकों को लौटाए

अपराध2 days ago

जलगांव में युवक की पीट-पीटकर हत्या, मामले की जांच के लिए बनेगा एसआईटी

महाराष्ट्र3 weeks ago

सुप्रीम कोर्ट ने 2006 मुंबई ट्रेन धमाकों के मामले में बॉम्बे हाई कोर्ट के बरी करने के फैसले पर लगाई रोक

महाराष्ट्र4 weeks ago

‘मराठी बोलो या बाहर निकलो’: मुंबई लोकल ट्रेन में भाषा विवाद को लेकर महिलाओं के बीच तीखी झड़प

अपराध3 weeks ago

मुंबई-पुणे एक्सप्रेसवे पर बड़ा हादसा: 15-20 गाड़ियों की टक्कर में एक की मौत, कई घायल; भीषण ट्रैफिक जाम की सूचना 

महाराष्ट्र1 week ago

महाराष्ट्र समाजवादी पार्टी में विधायक रईस शेख का पत्ता कटा, यूसुफ अब्राहनी ने ली जगह

राजनीति4 weeks ago

‘कांग्रेस को माफ़ी मांगनी चाहिए’: 2006 मुंबई ट्रेन विस्फोट मामले में बॉम्बे हाईकोर्ट द्वारा बरी किए जाने के बाद जमीयत उलेमा-ए-हिंद

महाराष्ट्र4 weeks ago

2006 मुंबई ट्रेन ब्लास्ट मामला: बॉम्बे हाईकोर्ट ने सभी 12 आरोपियों को बरी किया, कहा- “प्रॉसिक्यूशन केस साबित करने में पूरी तरह विफल रहा”

अंतरराष्ट्रीय समाचार4 weeks ago

‘मैं दिल्ली से हूँ, यहाँ नहीं रहता’: मराठी न बोलने पर मनसे कार्यकर्ताओं ने रिपोर्टर को लगभग पीट-पीटकर मार डाला

राष्ट्रीय समाचार4 weeks ago

अजमेर दरगाह विवाद में आज अंतिम सुनवाई

महाराष्ट्र2 weeks ago

मुंबई कबूतरखाना विवाद सुलझा, देवेंद्र फडणवीस का बड़ा फैसला

राष्ट्रीय समाचार2 weeks ago

ठाणे: कल्याण के पास डकैती की कोशिश में चलती तपोवन एक्सप्रेस ट्रेन से गिरकर यात्री का पैर कटा; चोर फोन छीनकर भाग गया

रुझान