अंतरराष्ट्रीय
आईपीएल : राजस्थान ने लखनऊ को 24 रन से हराया, बोल्ट बने ‘मैन ऑफ द मैच’

ट्रेंट बोल्ट (2/18) की शानदार गेंदबाजी की बदौलत ब्रेबोर्न स्टेडियम में यहां रविवार को खेले गए आईपीएल 2022 के 63वें मुकाबले में राजस्थान रॉयल्स (आरआर) ने लखनऊ सुपर जायंट्स (एलएसजी) को 24 रन से हरा दिया। राजस्थान ने 20 ओवरों में छह विकेट गंवाकर 178 रन बनाए थे। मैच में शानदार प्रदर्शन करने के लिए बोल्ट को ‘मैन ऑफ द मैच’ चुना गया। 179 रन के लक्ष्य का पीछा करने उतरी लखनऊ सुपर जायंट्स की शुरुआत खराब रही। टीम की ओर से डी कॉक और कप्तान केएल राहुल ने पारी की शुरुआत की। हालांकि, डी कॉक एक बार फिर अपने बल्ले से रन बनाने में विफल रहे। गेंदबाज ट्रेंट बोल्ट ने उन्हें अपनी गेंद पर शिकार बनाते हुए जेम्स के हाथों कैच कराया। इस दौरान डी कॉक 8 गेंदों पर 7 रन ही बना सके। उनके बाद आयुष बदौनी क्रीज पर आए। लेकिन बदौनी भी बोल्ट की दूसरी गेंद पर एलबीडब्ल्यू आउट हो गए और शून्य पर पवेलियन वापस लौट गए। उनके बाद दीपक हुड्डा क्रीज पर आए।
वहीं, राहुल भी अपने बल्ले से ज्यादा दमखम नहीं दिखा पाए और कृष्णा प्रसिद्ध के ओवर में जायसवाल को कैच थमा बैठे। राहुल 19 गेंदों पर 10 रन बनाकर वापस पवेलियन लौट गए। राहुल के आउट होने के बाद क्रुणाल पांड्या क्रीज पर आए। टीम ने पॉवरप्ले के दौरान 3 विकेट खोकर 34 रन बनाए।
छह ओवर के बाद पांड्या और हुड्डा के बीच अच्छा तालमेल देखने को मिला, जिसमें दोनों बल्लेबाजों ने 46 गेंदों पर 65 रन की साझेदारी निभाई। गेंदबाज आर अश्विन ने दोनों बल्लेबाजों के बीच साझेदारी को तोड़ने का काम किया। बटलर ने इस दौरान शानदार कैच पकड़ा, जिसमें पांड्या ने गेंद को हिट करते हुए छक्का लगाने की कोशिश की लेकिन बटलर ने बाउंड्री पर जाकर कैच लपका और गेंद को वहां मौजूद रियान पराग को फेंकी, जिसे पराग ने लपक लिया और पांड्या को वापस पवेलियन भेज दिया। पांड्या ने 23 गेंदों पर एक छक्का और एक चौके की मदद से 25 रन बनाए। पांड्या के आउट होने के बाद मार्कस स्टोनिस क्रीज पर आए।
टीम को जीत के लिए 30 गेंदों पर 72 रन की जरूरत थी और इस संघर्ष भरी पारी में हुड्डा ने 33 गेंदों पर दो छक्के और चार चौके की मदद से अपना अर्धशतक पूरा किया। 16वां ओवर चहल ने फेंका, जिसमें दूसरी गेंद पर हुड्डा ने चौका जड़ा और स्कोर को आगे बढ़ाया, लेकिन चहल ने ओवर की छठी गेंद पर पहली सफलता हासिल की। चहल ने हुड्डा को स्टंप आउट किया और हुड्डा की 39 गेंदों पर 59 रन की पारी समाप्त हुई। हुड्डा के आउट होने के बाद होल्डर क्रीज पर आए। गेंदबाज मैक्कॉय ने भी पहली सफलता हासिल की। उन्होंने होल्डर को संजू सैमसन के हाथों कैच करा वापस पवेलियन भेज दिया। उनके बाद चमीरा क्रीज पर आए और टीम को 18 गेदों पर 59 रन की जरूरत थी।
हुड्डा और पांड्या के आउट होने के बाद मैच का पूरा रुख राजस्थान की ओर झुक गया। वहीं, मैक्कॉय ने ओवर की आखिरी गेंद पर एक और सफलता हासिल की। उन्होंने चमिरा को शून्य पर आउट करते हुए वापस पवेलियन भेज दिया। उनके बाद मोहसीन खान क्रीज पर आए और राजस्थान की ओर से 18वां ओवर चहल ने फेंका। इस ओवर में बल्लेबाजों ने 10 रन बटोरे, जिसमें स्टोनिस ने आखिरी गेंद पर एक छक्का जड़कर ओवर को समाप्त किया। टीम को अब 12 गेंदों पर 49 रन की जरूरत थी।
19वां ओवर टीम की ओर से मैक्कॉय ने फेंका। इस ओवर में बल्लेबाजों ने 15 रन बटोरे। वहीं, 20वां ओवर प्रसिद्ध कृष्णा के हाथों में था और टीम को अब 6 गेंदों पर 34 रन की जरूरत थी। कृष्णा की पहली गेंद पर स्टोनिस ने छक्का जड़ा, लेकिन दूसरी गेंद पर पराग को कैच थमा बैठे। स्टोनिस भी टीम के लिए जिताऊ पारी नहीं खेल पाए और 17 गेंद पर दो छक्के और एक चौके की मदद से 27 रन बनाए। उनके बाद आवेश खान क्रीज पर आए। लेकिन प्रसिद्ध कृष्णा ने शानदार गेंदबाजी करते हुए टीम को 24 रन से जीत दिलाई और लखनऊ की टीम 20 ओवरों में 8 विकेट खोकर 154 रन ही बना पाई।
इस जीत के साथ राजस्थान की टीम आईपीएल अंक तालिका में 16 अंक प्राप्त करते हुए दूसरे नंबर पर पहुंच गई है। वहीं, लखनऊ की टीम इस हार के साथ एक पायदान निचे खिसकते हुए तीसरे नंबर पर पहुंच गई है।
अंतरराष्ट्रीय
स्लोवाकिया ने भारतीय समुदाय की कड़ी मेहनत को दी मान्यता : राष्ट्रपति मुर्मू

ब्रातिस्लावा, 11 अप्रैल। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भारत-स्लोवाकिया संबंधों को मजबूत बनाने में भारतीय समुदाय के योगदान की सराहना की। उन्होंने गुरुवार को ब्रातिस्लावा में आयोजित सामुदायिक स्वागत समारोह में यह बात कही।
राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा, “स्लोवाक नेताओं के साथ बातचीत में मुझे यह सुनकर खुशी हुई कि उन्होंने भारतीय समुदाय की कड़ी मेहनत को मान्यता दी। स्लोवाकिया के विकास और प्रगति में भारतीय समुदाय के बहुमूल्य योगदान के प्रति बहुत सम्मान की भावना रही है।”
उन्होंने भारतीय समुदाय को संबोधित करते हुए कहा, “यह देखकर खुशी होती है कि भारत की विरासत और परंपराएं हमारे स्लोवाक मित्रों के बीच काफी लोकप्रिय हैं। योग और आयुर्वेद से लेकर भारतीय व्यंजनों तक, स्लोवाकिया में भारतीय संस्कृति के प्रति प्रेम दोनों देशों के लोगों के बीच बढ़ते मजबूत संबंधों का प्रमाण है।”
राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि उपनिषदों का स्लोवाक भाषा में अनुवाद यहां के लोगों को भारत की प्राचीन शिक्षाओं से जुड़ने का एक और अवसर प्रदान करेगा। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भारतीय संस्कृति के प्रतिनिधि के रूप में भारतीय समुदाय की भूमिका भारत-स्लोवाकिया संबंधों को मजबूत करने में अमूल्य है।
उन्होंने कहा कि दोनों देशों के अपने राजदूत हैं जो दोनों देशों को जोड़ने के लिए पुल का काम करते हैं। लेकिन भारतीय समुदाय भी उन राजदूतों में से एक है क्योंकि वे भारत का प्रतिनिधित्व करते हैं, भारत को गौरव दिलाते हैं और बढ़ाते हैं।”
गुरुवार को, राष्ट्रपति मुर्मू और स्लोवाकिया के प्रेसिडेंट पीटर पेलेग्रिनी ने संयुक्त रूप से स्लोवाकिया के नित्रा के सिहोट स्थित सिटी पार्क में स्लोवाकिया के राष्ट्रीय वृक्ष लिंडेन को लगाया।
यह लगभग तीन दशकों में किसी भारतीय राष्ट्रपति की स्लोवाकिया की पहली यात्रा है।
राष्ट्रपति मुर्मू की स्लोवाकिया की दो दिवसीय यात्रा इस बात का संकेत देती है कि भारत स्लोवाक गणराज्य के साथ अपने द्विपक्षीय संबंधों को कितना महत्व देता है। इससे रक्षा, विज्ञान, टेक्नोलॉजी, शिक्षा सहित विभिन्न क्षेत्रों में गहन सहयोग और नई पहलों के शुरू होने की उम्मीद है।
अंतरराष्ट्रीय
26/11 हमले के आतंकियों को मिले पाकिस्तान का ‘निशान-ए-हैदर’ सम्मान, तहव्वुर राणा की थी ख्वाहिश

नई दिल्ली, 11 अप्रैल। मुंबई पर 26/11 के आतंकी हमले का आरोपी तहव्वुर राणा चाहता था कि अटैक को अंजाम देने वाले ‘लश्कर-ए-तैयबा’ के आतंकवादियों को ‘निशान-ए-हैदर’ से सम्मानित किया जाए। अमेरिकी न्याय विभाग ने उसे लेकर एक बयान जारी किया है। इसके अलावा राणा और डेविड कोलमैन हेडली के बीच बातचीत के कुछ हिस्से भी जारी किया।
राणा 2008 के मुंबई आतंकी हमलों के मुख्य साजिशकर्ताओं में से एक अमेरिकी नागरिक डेविड कोलमैन हेडली उर्फ दाऊद गिलानी का करीबी सहयोगी है।
बयान में कहा गया, “हमले के बाद, राणा ने कथित तौर पर हेडली से कहा कि भारतीय ‘इसके लायक थे’। हेडली के साथ एक इंटरसेप्टेड बातचीत में, राणा ने कथित तौर पर हमले में मारे गए नौ लश्कर आतंकियों की सराहना करते हुए कहा कि उन्हें ‘निशान-ए-हैदर’ दिया जाना चाहिए।”
‘निशान-ए-हैदर’ पाकिस्तान का सर्वोच्च सैन्य वीरता पुरस्कार है और केवल सशस्त्र बलों के सदस्यों को दिया जाता है। यह हवा, जमीन या समुद्र में दुश्मन का सामना करते हुए असाधारण बहादुरी के सर्वोच्च कार्यों को मान्यता देता है। 1947 में पाकिस्तान की आजादी के बाद से इसे केवल 11 बार ही प्रदान किया गया है।
अमेरिकी न्याय विभाग ने कहा, “संयुक्त राज्य अमेरिका ने बुधवार (9 अप्रैल) को दोषी ठहराए गए आतंकवादी तहव्वुर हुसैन राणा, जो एक कनाडाई नागरिक और पाकिस्तान का मूल निवासी है, को भारत में 2008 के मुंबई आतंकवादी हमलों में उसकी कथित भूमिका से जुड़े 10 आपराधिक आरोपों पर मुकदमा चलाने के लिए प्रत्यर्पित किया। राणा का प्रत्यर्पण जघन्य हमलों में मारे गए छह अमेरिकियों और कई अन्य पीड़ितों के लिए न्याय की मांग की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।”
बयान के मुताबिक, “राणा के खिलाफ भारत की लंबित कार्यवाही पहली कार्यवाही नहीं है जिसमें राणा पर आतंकवाद के हिंसक कृत्यों को अंजाम देने की साजिश रचने का आरोप लगा। 2013 में, राणा को इलिनोइस के उत्तरी जिले में लश्कर को भौतिक सहायता प्रदान करने और डेनमार्क के कोपेनहेगन में लश्कर की एक नाकाम आतंकी कार्रवाई के लिए साजिश रचने के आरोप में 14 साल की जेल की सजा सुनाई गई थी। उसी आपराधिक कार्यवाही के एक भाग के रूप में, हेडली को 12 संघीय आतंकवाद के आरोपों में दोषी ठहराया गया, जिसमें मुंबई में छह अमेरिकियों की हत्या में सहायता करना और बाद में एक डेनिश समाचार पत्र पर हमला करने की योजना बनाना शामिल था, उसे 35 वर्ष के कारावास की सजा सुनाई गई।”
राणा को लंबी कानूनी और कूटनीतिक लड़ाई के बाद भारत लाया जा सका।
अमेरिका से प्रत्यर्पित तहव्वुर राणा को गुरुवार को नई दिल्ली लाया गया जहां नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (एनआईए) ने उसे औपचारिक रूप से गिरफ्तार किया। इसके बाद राना को एनआईए की स्पेशल कोर्ट में पेश किया गया। कोर्ट ने उसे एनआईए की 18 दिनों की कस्टडी में भेज दिया।
26 नवंबर 2008 की रात को 10 आतंकवादियों ने मुंबई में कई स्थानों पर एक साथ हमला किया था। 26/11 हमले में 164 लोग मारे गए और 300 से ज्यादा घायल हुए। आतंकवादियों ने भारतीयों और अन्य देशों के नागरिकों की हत्या की।
नौ आतंकवादियों को सुरक्षाबलों ने मार गिराया जबकि एक अजमल कसाब जिंदा पकड़ा गया जिसे बाद में फांसी की सजा हुई।
अंतरराष्ट्रीय
म्यांमार : विनाशकारी भूकंप के बाद महसूस किए गए 66 झटके, 3,085 की मौत, 4,715 घायल

यांगून, 3 अप्रैल। म्यांमार में शुक्रवार को आए 7.7 तीव्रता के विनाशकारी भूकंप के बाद के भी झटकों (आफ्टरशॉक) का सिलसिला जारी है। देश के मौसम विज्ञान और जल विज्ञान विभाग के अनुसार, गुरुवार सुबह तक 2.8 से 7.5 तीव्रता के 66 झटके महसूस किए गए।
राज्य प्रशासन परिषद सूचना टीम के अनुसार, भूकंप में मरने वालों की संख्या बढ़कर 3,085 हो गई है, 4,715 लोग घायल हुए हैं और 341 अभी भी लापता हैं।
इस बीच, राज्य प्रशासन परिषद (एसएसी) के अध्यक्ष मिन आंग ह्लाइंग ने कहा कि म्यांमार सरकार भूकंप राहत और पुनर्वास प्रयासों के लिए 500 अरब क्यात (लगभग 238.09 मिलियन डॉलर) आवंटित करेगी।
सरकारी दैनिक ‘द ग्लोबल न्यू लाइट ऑफ म्यांमार’ की रिपोर्ट के अनुसार, म्यांमार के नेता ने यह बयान मंगलवार को ने-पी-ताव में एक नकद दान समारोह में दिया। कार्यक्रम में शुभचिंतकों ने 104.44 बिलियन क्याट (49.71 मिलियन डॉलर) नकद और 12.4 बिलियन क्याट (5.9 मिलियन डॉलर) मूल्य की गैर-नकद वस्तुएं दान कीं।
शुक्रवार को म्यांमार में आए घातक भूकंप के बाद, सैन्य शासक मिन आंग ह्लाइंग ने अंतरराष्ट्रीय मदद की अपील की।
31 मार्च तक 16 देशों, क्षेत्रों से बचाव दल, डॉक्टर और नर्सें मानवीय सहायता, मेडिकल सप्लाई के साथ म्यांमार पहुंच चुकी हैं।
स्थानीय दैनिक ‘म्यांमा एलिन’ के अनुसार, म्यांमार में आए 18 शक्तिशाली भूकंपों में से 7.7 तीव्रता का भूकंप दूसरा सबसे शक्तिशाली भूकंप था। इससे पहले 1912 में देश में 8.0 तीव्रता का भूकंप आया था।
म्यांमार रेड क्रॉस सोसाइटी के अध्यक्ष म्यो न्युंट ने कहा कि मौजूदा बचाव अभियान में मुख्य चुनौतियों में आपदा आकलन और रसद समन्वय शामिल हैं। उन्होंने कहा कि प्रभावित क्षेत्रों में सुरक्षा संबंधी चिंताओं के कारण, बचाव दलों को आपूर्ति वितरित करने में काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है, खास तौर पर भारी मशीनरी की कमी के कारण।
म्यांमार ने सोमवार को देश में आए भूकंप और व्यापक विनाश के बाद एक सप्ताह के शोक की घोषणा की।
संयुक्त राष्ट्र, अमेरिका, भारत, यूरोपीय संघ, कई अन्य देशों और अंतरराष्ट्रीय संगठनों ने म्यांमार में भूकंप पीड़ितों के लिए सहायता और बचाव दल भेजे हैं।
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