खेल
IPL 2023: चक्रवर्ती को फाइनल ओवर देने पर बोले नीतीश, जो भी करेगा बेहतर गेंदबाजी

हैदराबाद, 5 मई। कोलकाता नाइट राइडर्स के कप्तान नीतीश राणा ने कहा कि वरुण चक्रवर्ती को अंतिम ओवर देने के पीछे उनका तर्क था, जिसमें बचाव के लिए नौ रनों की जरूरत थी, वह अनुभवी सुनील नरेन जैसे अन्य स्पिनरों की तुलना में काफी बेहतर गेंदबाजी करते थे। क्रीज पर अब्दुल समद और भुवनेश्वर कुमार के साथ अंतिम ओवर में नौ रन का बचाव करने के लिए चक्रवर्ती पर दबाव था। पहली दो गेंदों पर सिंगल और लेग बाई देने के बाद, स्पिनर ने समद को डीप मिड-विकेट पर पुल करने की गलती की और आखिरी तीन गेंदों पर केवल एक रन देकर कोलकाता को पांच रन से जीत दिलाई। उन्होंने कहा, ‘मुझे संदेह था कि क्या मुझे स्पिनर/तेज गेंदबाज के साथ जाना है (आखिरी ओवर के लिए)। टी फीचर मैच में)। जो भी बेहतर गेंदबाजी कर रहा है, मैं उसे कठिन ओवर देने की कोशिश करता हूं, “राणा ने मैच समाप्त होने के बाद कहा।
उन्होंने तेज गेंदबाज वैभव अरोड़ा और शार्दुल ठाकुर की भी सराहना की जिन्होंने दो-दो विकेट लिए और कोलकाता को मैच में वापसी के लिए मजबूर किया। “बीच में, हमने कुछ ढीले ओवर फेंके और शार्दुल और वैभव के साथ एक जुआ खेला और वे दोनों सेट बल्लेबाजों को हासिल करने में सफल रहे और इस तरह हमने इस खेल में वापसी की। हमें उन्हें आउट करना पड़ा क्योंकि अगर वे तब तक बल्लेबाजी करते हैं समाप्त होता, तो निश्चित रूप से खेल हमारी पहुंच से बाहर हो जाता।” हालांकि शार्दुल ठाकुर के पास एक ओवर शेष था, राणा ने अंतिम ओवर के लिए गेंद चक्रवर्ती को दे दी, और ऑलराउंडर ने कहा कि वह कप्तान को अपनी आंत की भावना पर भरोसा करने के लिए आत्मविश्वास दे रहे थे। “कप्तान को लग रहा था कि उन्हें वरुण चक्रवर्ती को गेंदबाजी करनी चाहिए। इसलिए एक खिलाड़ी के रूप में, मुझे अपने कप्तान को अपनी सहज प्रवृत्ति के साथ जाने का विश्वास देना होगा। किसी भी तरह के संदेह के साथ वहां जाने का कोई मतलब नहीं है। अगर उन्हें लगता है कि उन्हें जरूरत है।” वरुण को गेंदबाजी करने के लिए, मैंने कहा कि अपने अंतर्ज्ञान के साथ जाओ।”
ठाकुर ने 15वें ओवर की पहली गेंद पर हेनरिक क्लासेन और एडेन मार्कराम के बीच 70 रन की साझेदारी को तोड़ दिया था। “मुझे लगता है कि मेरे लिए विकेट हासिल करने के लिए मंच तैयार किया गया था। अगर मुझे वहां एक या दो विकेट मिलते हैं, तो हम खेल में हैं और वास्तव में ऐसा ही हुआ है।” “इस तरह की पिच पर, मैंने एक कटर के बारे में सोचा लेकिन सबसे महत्वपूर्ण बात यह थी कि लेंथ पर अमल किया जाए और उम्मीद की जाए कि वह एक क्रॉस-बैटेड शॉट खेलता है और एक को मिस करता है। जब मैं बल्लेबाजी करने गया, तो मैंने सिर्फ पांच या छह गेंदें खेलीं। लेकिन जल्दी ही देखा कि कुछ रुक रहे हैं और कुछ आ रहे हैं तो सोचा कि मैं इसका इस्तेमाल कर सकता हूं।” “यह थोड़ा चिपचिपा था। मुझे लगा कि यदि आप लेंथ गेंदें फेंकते हैं, तो आप ठीक होते। यदि आप पिछले खेलों को देखते हैं, तो कुछ होने की जरूरत है और हम जीत के बिंदु से एक गेम हार जाएंगे। यह मुश्किल है, चोटों के साथ आसान नहीं है।”, इसलिए इस जीत की बहुत जरूरत थी,” उन्होंने निष्कर्ष निकाला। आईपीएल 2023 में कोलकाता का अगला मैच सोमवार को ईडन गार्डन्स में पंजाब किंग्स के खिलाफ होगा।
अंतरराष्ट्रीय
युगांडा पहुंचेंगे विदेश राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह, गुटनिरपेक्ष आंदोलन के 19वें सत्र में भारत का करेंगे प्रतिनिधित्व

नई दिल्ली, 13 अक्टूबर : भारत के विदेश मंत्रालय ने सोमवार को घोषणा की है कि विदेश राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह युगांडा पहुंचेंगे। इससे पहले वह मिस्र में आयोजित हो रहे गाजा शांति शिखर सम्मेलन में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे। गाजा पीस समिट में भारत का प्रतिनिधित्व करने के लिए वह मिस्र पहुंचे हैं। युगांडा में वह कंपाला में 15-16 अक्टूबर को होने वाले गुटनिरपेक्ष आंदोलन (एनएएम) के 19वें मध्यावधि मंत्रिस्तरीय सम्मेलन में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करेंगे।
विदेश मंत्रालय के अनुसार, यह भागीदारी आंदोलन के सिद्धांतों और मूल्यों के प्रति भारत की प्रतिबद्धता की पुष्टि करती है। बता दें, एनएएम के 19वें सम्मेलन में मंत्रिस्तरीय बैठक से पहले 13-14 अक्टूबर को वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक (एसओएम) होगी, जिसमें सचिव (पश्चिम) सिबी जॉर्ज भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे।
युगांडा 2024-26 की अवधि के लिए गुटनिरपेक्ष आंदोलन का अध्यक्ष है। इस साल, मध्यावधि मंत्रिस्तरीय बैठक ‘साझा वैश्विक समृद्धि के लिए सहयोग को गहरा करना’ विषय पर आधारित है।
विदेश मंत्रालय द्वारा जारी एक बयान में कहा गया, “भारत इस आंदोलन का संस्थापक सदस्य है, जो 121 विकासशील देशों को ऐतिहासिक महत्व के एक मंच पर एक साथ लाता है।”
राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह यहां पर युगांडा के नेतृत्व और गुटनिरपेक्ष आंदोलन के सदस्य देशों के समकक्षों से भी मिल सकते हैं। गुटनिरपेक्ष आंदोलन की स्थापना औपनिवेशिक व्यवस्था के पतन और अफ्रीका, एशिया, लैटिन अमेरिका, और दुनिया के अन्य क्षेत्रों के लोगों के स्वतंत्रता संग्राम के दौरान हुई थी।
आंदोलन के शुरुआती दिनों में, उपनिवेशवाद-विमुक्ति की प्रक्रिया में गुटनिरपेक्ष आंदोलन का काम अहम था। इसकी वजह से आगे चलकर कई देशों और लोगों को स्वतंत्रता और स्वाधीनता प्राप्त हुई और दर्जनों नए संप्रभु राज्यों की स्थापना हुई।
अपने पूरे इतिहास में, गुटनिरपेक्ष देशों के आंदोलन ने विश्व शांति और सुरक्षा के संरक्षण में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। भारत गुटनिरपेक्ष आंदोलन (एनएएम) को हमेशा से ही ज्यादा महत्व देता रहा है। विदेश मंत्रालय ने बताया कि समूह के संस्थापक सदस्य के रूप में, भारत इस आंदोलन के उद्देश्यों और सिद्धांतों के प्रति प्रतिबद्ध है।
भारत ने सालों से अपने सदस्य देशों के बीच एकजुटता और सहयोग को और मजबूत करने के लिए एनएएम के साथ अपनी सक्रिय और रचनात्मक भागीदारी बनाए रखी है। एनएएम शिखर सम्मेलनों सहित इसकी बैठकों में भारत की नियमित उच्च स्तरीय भागीदारी देखने को मिलती है।
अंतरराष्ट्रीय
हमास ने शुरू की बंधकों की रिहाई, रेडक्रॉस पर अधिकारियों को सौंपे गए 7 इजरायली होस्टेज

नई दिल्ली, 13 अक्टूबर : आखिरकार वो वक्त आ ही गया, जिसका इजरायल के लोगों को बेसब्री से इंतजार था। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की योजना के तहत बंधकों और कैदियों की रिहाई का सिलसिला शुरू हो गया है। हमास ने इजरायली बंधकों के पहले बैच को इजरायली अधिकारियों को सौंप दिया है।
इजरायली मीडिया की ओर से साझा जानकारी के अनुसार हमास ने फर्स्ट फेज में 7 बंधकों को रेडक्रॉस पर इजरायली अधिकारी को सौंप दिया है। बता दें, सोमवार को कुल 20 बंधकों को हमास इजरायल को सौंपेगा।
वहीं दूसरी ओर इजरायल फिलिस्तीन के करीब दो हजार सैनिकों को रिहा करेगा। दो साल बाद इजरायल के 20 लोग अपने घर वापस आने वाले हैं। इजरायली बंधकों की वापसी के लिए भारी संख्या में लोगों की भीड़ इकट्ठा हुई है। रिहा किए गए सभी बंधक पुरुष हैं।
हमास ने 7 बंधकों की रिहाई के बाद एक बयान जारी कर कहा है कि वह इजरायल के साथ युद्धविराम और ‘बंधक के लिए कैदी’ समझौते के लिए प्रतिबद्ध है। हालांकि, समूह ने इस बात की पुष्टि नहीं की है कि उसने बंधकों को सौंपा है, लेकिन कहा है कि वह तय समय-सारिणी के प्रति प्रतिबद्ध है, बशर्ते इजरायल भी अपना काम करे।
अल-कस्साम ब्रिगेड के बयान में कहा गया है, “यह समझौता हमारे लोगों की दृढ़ता और प्रतिरोध का परिणाम है। इजरायल कई महीने पहले ही अपने ज्यादातर बंदियों की वापसी करा सकता था, लेकिन वह लगातार टालमटोल करता रहा।”
इस बीच इजरायली स्वास्थ्य मंत्रालय के महानिदेशक मोशे बार सिमन-टोव ने कहा कि इजरायल की पूरी स्वास्थ्य व्यवस्था आज गाजा से रिहा किए जा रहे 20 बंधकों और अन्य इजरायली मृतकों के शवों को देश वापस लाने के लिए तैयार है।
उन्होंने कहा, “आशा और खुशी के साथ-साथ, उन बंधकों के परिवारों के लिए अपार दुःख भी है, जो मारे गए। इजरायल में उनकी आत्मा को शांति मिलेगी।”
खेल
मुफलिसी से निकलकर बनाई खुद की पहचान, देश का भविष्य हैं रिंकू सिंह

नई दिल्ली, 11 अक्टूबर: अपने ऑलराउंडर प्रदर्शन से मैच जिताने वाले रिंकू सिंह की मौजूदगी टीम की जीत की संभावना बढ़ाती है। उनकी ऑलराउंडर क्षमता टीम को बैलेंस प्रदान करती है। चाहे हालात कैसे भी हों, रिंकू सिंह मैच का रुख बदलने की क्षमता रखते हैं।
12 अक्टूबर 1997 को अलीगढ़ में जन्मे रिंकू सिंह का बचपन काफी मुफलिसी में बीता। रिंकू के पिता गैस वेंडर का काम करते थे। घर-घर जाकर वह सिलेंडर पहुंचाते।
एक ओर मुश्किल से परिवार का गुजर-बसर हो रहा था, तो दूसरी तरफ रिंकू का मन पढ़ाई में नहीं लग रहा था। वह बस एक क्रिकेटर बनना चाहते थे।
रिंकू सिंह ने साल 2014 में घरेलू क्रिकेट में डेब्यू किया, जहां शानदार प्रदर्शन के बाद साल 2018 में उन्हें इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) खेलने का मौका मिला। इस लीग ने ही उनकी जिंदगी बदल दी।
रिंकू सिंह ने आईपीएल 2023 में कोलकाता नाइट राइडर्स (केकेआर) की ओर से खेलते हुए गुजरात टाइटंस के विरुद्ध लगातार 5 गेंदों पर छक्के लगाकर सनसनी मचा दी। इस पारी ने उन्हें रातों-रात स्टार बना दिया।
रिंकू सिंह ने आईपीएल करियर में 58 मैच खेले, जिसमें 30.53 की औसत के साथ 1,099 रन बनाए। इस दौरान चार अर्धशतक भी जमाए।
इसी साल रिंकू सिंह को भारतीय टीम में मौका मिल गया। अगस्त में उन्होंने टी20, जबकि दिसंबर में वनडे डेब्यू किया।
रिंकू सिंह एक ऑलराउंडर के रूप में अपनी टीम के लिए बेहद महत्वपूर्ण खिलाड़ी साबित हुए। बल्लेबाजी और गेंदबाजी, दोनों में संतुलन बनाए रखने का माद्दा रखने वाले इस छोटे कद के खिलाड़ी के पास बड़े-बड़े शॉट्स लगाने की क्षमता है। तेज रन बनाने के साथ-साथ दबाव वाली परिस्थितियों में भी रिंकू सिंह ठोस प्रदर्शन करते हैं।
दूसरी ओर, रिंकू सिंह की मध्यम गति की गेंदबाजी में सटीक लाइन-लेंथ और गेंद को स्विंग या कट कराने की क्षमता बल्लेबाजों को परेशान करती है।
पाकिस्तान के खिलाफ एशिया कप 2025 के फाइनल में रिंकू सिंह ने महज एक गेंद खेली, जिसमें चौका लगाकर हीरो बन गए। उनके इस शॉट को शायद ही कोई फैन भूल सके।
रिंकू सिंह भारत की ओर से 2 वनडे मैच खेल चुके हैं, जिसमें 55 रन बनाने के अलावा, एक विकेट भी हासिल किया। वहीं, 34 टी20 मुकाबलों में उन्होंने 42.30 की औसत के साथ 550 रन जुटाए हैं। इस दौरान उनके बल्ले से 3 अर्धशतक भी निकले। इस फॉर्मेट में रिंकू देश के लिए 2 विकेट ले चुके हैं।
वहीं, रिंकू सिंह ने फर्स्ट क्लास करियर में 50 मैच खेले, जिसमें 7 शतकों और 22 अर्धशतकों के साथ 3,336 रन बनाए। इस दौरान औसत 54.68 रहा। वहीं, 62 लिस्ट-ए मुकाबलों में उन्होंने 47.54 की औसत के साथ 1,997 रन बनाए।
दबाव में भरोसेमंद प्रदर्शन करने वाले रिंकू सिंह अपनी मानसिक मजबूती के जरिए विपक्षी खिलाड़ियों को परेशान करते हैं। डेथ ओवर्स में तेज रन बनाकर वह टीम को लक्ष्य तक पहुंचाने में मदद करते हैं। जरूरत पड़ने पर रिंकू सिंह विकेट लेने या रन रोकने में टीम को एक अतिरिक्त विकल्प उपलब्ध कराते हैं। ऐसे में यह खिलाड़ी भविष्य में भारतीय टीम के लिए उपयोगी साबित हो सकता है। बशर्ते उन्हें टीम में कुछ अधिक मौका दिया जाए।
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