खेल
आईपीएल-13 : स्थितियों से पार पाने वाली टीम बनेगी विजेता
महीनों की अनिश्चितता के बाद इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) का 13वां सीजन शनिवार से संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में शुरू हो रहा है। यूएई वो जगह है जहां कई खिलाड़ी अभी तक खेले नहीं हैं और पहली बार वहां की पिचों पर अपनी किस्मत आजमाएंगे। आईपीएल के इतिहास में यह दूसरी बार है कि पूरा आईपीएल भारत के बाहर आयोजित किया जाएगा। इससे पहले 2009 में लोकसभा चुनावों के कारण आईपीएल का आयोजन दक्षिण अफ्रीका में किया गया था। वहीं 2014 में आईपीएल का पहला हाफ यूएई में खेले गया था और इसका कारण भी लोकसभा चुनाव थे।
वैसे तो आईपीएल का आयोजन 29 मार्च से भारत में ही होना था लेकिन कोविड-19 के कारण इसे टाल दिया और फिर इसके होने, ना होने पर काले बदाल मंडराते रहे। बीसीसीआई टी-20 विश्व कप स्थगित होने के बाद इसके लिए विंडो निकालने में सफल रही और अब यूएई के तीन शहर अबु धाबी, दुबई, शारजाह में आईपीएल खेला जाएगा।
लीग का पहला मैच शनिवार को अबु धाबी के शेख जायेद स्टेडियम में मौजूदा विजेता और चेन्नई सुपर किंग्स के बीच खेला जाएगा।
कोविड-19 के कारण हालांकि इस बार का आईपीएल बिना दर्शकों के खाली स्टेडियम में खेला जाएगा। दर्शक हमेशा से आईपीएल की सबसे अहम कड़ी रहे हैं और ऐसे में इनके बिना आईपीएल खेलना और टीवी पर देखना थोड़ा अजीब तो जरूर होगा। हालांकि टीवी पर इसे करोड़ों लोगों द्वारा देखे जाने की उम्मीद है।
पिछले सीजन रोहित शर्मा की कप्तानी वाली मुंबई इंडियंस और महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी वाली चेन्नई सुपर किंग्स खिताब की प्रबल दावेदार के रूप में उतरी थीं और इस बार भी यही है। टी-20 प्रारूप की अनिश्चित्ता को देखते हुए बाकी की छह टीमों को भी दावेदारी से बाहर नहीं किया जा सकता।
दिल्ली कैपिटल्स, रॉयल चैलेंजर्स बेंगलोर और किंग्स इलेवन पंजाब ने अभी तक खिताब नहीं जीता है और यह तीनों टीमें इस बार यह कमी पूरी करना चाहेंगी। कौन कितना सफल रहता है वो टूर्नामेंट के आखिरी में ही पता चलेगा।
यूएई की पिचें धीमी और स्पिनरों की मददगार होती है लेकिन यहां बल्लेबाजों को भी मदद मिलने की उम्मीद है। शुरुआत में तेज गेंदबाजों को मदद मिल सकती है लेकिन थोड़ा समय बीत जाने के बाद तब गेंदबाजों को वैरिएशन के माध्यम से बल्लेबाजों से बचना होगा।
यहां की गर्मी और उमस निश्चित तौर पर टीम और खिलाड़ियों के प्रदर्शन में अहम रोल निभाएगी। वहीं दर्शकों के बिना खिलाड़ी अपने आप को कैसे प्रेरित रखते हैं यह देखना भी दिलचस्प होगा।
अंतरराष्ट्रीय
जम्मू-कश्मीर : भारतीय क्षेत्र में घुसा पाकिस्तानी ड्रोन, सेना ने की फायरिंग
जम्मू, 22 जनवरी। जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिले में नियंत्रण रेखा (एलओसी) के भारतीय क्षेत्र में प्रवेश करने वाले एक पाकिस्तानी ड्रोन पर सैनिकों ने बुधवार को फायरिंग की।
रक्षा सूत्रों के अनुसार, पाकिस्तान की ओर से एक ड्रोन पुंछ जिले के मेंढर सेक्टर में नियंत्रण रेखा पार कर भारतीय क्षेत्र में घुस आया।
सूत्रों ने बताया, “सेना के सतर्क जवानों ने ड्रोन पर फायरिंग की और उसे पाकिस्तानी सीमा में वापस लौटना पड़ा।”
सूत्रों के मुताबिक बुधवार रात करीब 1 बजे सतर्क जवानों को ड्रोन की हरकत का पता चला। जवानों ने तड़के तलाशी अभियान शुरू किया, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि ड्रोन से कोई हथियार या नशीले पदार्थ तो नहीं गिराए जा रहे हैं।
जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद को बनाए रखने के लिए हथियार, ड्रग्स या नकदी गिराने के लिए पाकिस्तानी सेना की सहायता से आतंकवादी ड्रोन का इस्तेमाल कर रहे हैं।
आतंकवादियों की कार्यप्रणाली ओवर-ग्राउंड वर्कर्स (ओजीडब्ल्यू) को नियुक्त करना रही है, जो जाहिर तौर पर निहत्थे नागरिक होते हैं। ये ओवर-ग्राउंड वर्कर्स ड्रोन से गिराए गए बमों को आतंकवादियों के उपयोग के लिए उठाते हैं।
केंद्र शासित प्रदेश में अंतरराष्ट्रीय सीमा की सुरक्षा करने वाले बीएसएफ ने ड्रोन की गतिविधियों का पता लगाने के लिए विशेष एंटी-ड्रोन सिस्टम तैनात किया है। एक बार जब इनका पता चल जाता है तो तैनात जवान इन्हें तुरंत निष्क्रिय कर देते हैं।
बता दें कि अतीत में, जम्मू-कश्मीर में घुसपैठ और हथियारों की आवाजाही के लिए सीमा पार सुरंगों का इस्तेमाल किया जाता था, लेकिन पिछले पांच वर्षों से अंतरराष्ट्रीय सीमा पर ऐसी कोई सुरंग नहीं मिली है। अधिकारियों ने बताया कि नियंत्रण रेखा एक प्राकृतिक सीमा है और सीमा पार सुरंग बनाना आसान नहीं है।
जम्मू-कश्मीर में 740 किलोमीटर लंबी एलओसी और पाकिस्तान के साथ 226 किलोमीटर लंबी अंतरराष्ट्रीय सीमा है। भारतीय सेना जहां नियंत्रण रेखा की सुरक्षा करती है, वहीं बीएसएफ जम्मू संभाग के जम्मू, सांबा और कठुआ जिलों में सीमा की सुरक्षा की जिम्मेदारी निभाती है।
खेल
खो-खो विश्वचषक: ही विजयश्री अविस्मरणीय, महाराष्ट्राचा अभिमान – मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस
भारतीय महिला व पुरुष संघाचे ऐतिहासिक यश, कर्णधार प्रियंका इंगळे व प्रतिक वाईकर यांचे विशेष कौतुक
मुंबई, दि. २०: “ही विजयश्री अविस्मरणीय असून महाराष्ट्राला अभिमान वाटावा, असा क्षण आहे,” असे मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस यांनी खो-खोच्या पहिल्या विश्वचषकावर भारताचे नाव कोरणाऱ्या भारतीय महिला व पुरुष संघांचे अभिनंदन करताना सांगितले.
मुख्यमंत्र्यांनी सांगितले की, भारतीय महिला व पुरुष संघांनी खो-खोच्या पहिल्या विश्वचषकात ऐतिहासिक विजय मिळवत देशाचे आणि विशेषतः महाराष्ट्राचे नाव जागतिक पातळीवर उज्ज्वल केले आहे. या संघांचे नेतृत्व महाराष्ट्राच्या सुपुत्रांनी केल्याचा अभिमान असल्याचे त्यांनी व्यक्त केले.
कर्णधारांचे विशेष कौतुक
महिला संघाची कर्णधार प्रियंका इंगळे आणि पुरुष संघाचा कर्णधार प्रतिक वाईकर यांनी आपल्या नेतृत्वाने हा ऐतिहासिक विजय मिळवला आहे. मुख्यमंत्र्यांनी त्यांच्यासह संघातील अन्य खेळाडूंना देखील अभिनंदन केले. महिला संघातील अश्विनी शिंदे, रेश्मा राठोड, वैष्णवी पवार आणि पुरुष संघातील सुयश गरगटे, अनिकेत पोटे, आदित्य गनपुले, व रामजी कश्यप यांच्या योगदानाला मुख्यमंत्र्यांनी विशेष गौरव दिला आहे.
प्रशिक्षक आणि सहायकांचा वाटा
मुख्यमंत्र्यांनी सांगितले की, संघाचे प्रशिक्षक शिरीन गोडबोले (पुरुष संघ) आणि प्राचीताई वाईकर (महिला संघ) यांचे मार्गदर्शन संघाच्या यशामध्ये निर्णायक ठरले आहे. तसेच, फिजिओथेरेपिस्ट डॉ. अमित रावहाटे यांनीही संघासाठी मोलाचे योगदान दिले आहे.
कुटुंबियांचे पाठबळ आणि भविष्यासाठी शुभेच्छा
मुख्यमंत्र्यांनी खेळाडूंच्या मेहनतीसोबत त्यांच्या कुटुंबियांचे पाठबळ देखील या यशामध्ये महत्त्वाचे ठरल्याचे सांगितले. त्यांनी संपूर्ण संघ, प्रशिक्षक, व त्यांच्या कुटुंबियांचे अभिनंदन करत, खेळाडूंच्या भावी वाटचालीसाठी शुभेच्छा दिल्या.
“या विजयाने देशाला आणि महाराष्ट्राला गौरवाचा क्षण दिला आहे. खो-खोच्या इतिहासात हा अध्याय कायमस्वरूपी कोरला जाईल,” असे मुख्यमंत्र्यांनी आपल्या संदेशात म्हटले आहे.
खेल
भारतीय महिला और पुरुष टीमों को खो खो विश्व कप जीतने पर पीएम मोदी ने दी बधाई
नई दिल्ली, 19 जनवरी। भारतीय महिला और पुरुष टीमों ने रविवार को पहले खो खो विश्व कप 2025 के खिताब जीत लिए। दोनों टीमों की इस सफलता पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुशी जाहिर की और उन्हें बधाई दी।
पीएम मोदी ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, “आज भारतीय खो खो के लिए एक महान दिन है। खो खो विश्व कप का खिताब जीतने पर भारतीय पुरुष खो खो टीम पर अविश्वसनीय रूप से गर्व है। उनका धैर्य और समर्पण सराहनीय है। यह जीत युवाओं के बीच खो खो को और अधिक लोकप्रिय बनाने में योगदान देगी।”
एक अन्य पोस्ट में उन्होंने लिखा, “भारतीय महिला टीम को पहली बार खो-खो विश्व कप जीतने पर बधाई! यह ऐतिहासिक जीत उनके अद्वितीय कौशल, दृढ़ संकल्प और टीम वर्क का परिणाम है।
“इस जीत ने भारत के सबसे पुराने पारंपरिक खेलों में से एक को और अधिक सुर्खियों में ला दिया है, जिससे देश भर के अनगिनत युवा एथलीटों को प्रेरणा मिली है। उम्मीद है कि यह उपलब्धि आने वाले समय में और अधिक युवाओं के लिए इस खेल को अपनाने का मार्ग प्रशस्त करेगी।”
उल्लेखनीय है कि भारतीय पुरुष टीम ने रविवार को राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के इंदिरा गांधी इंडोर स्टेडियम में खेला गया पहले खो खो विश्व कप 2025 का खिताब जीत लिया है। टीम इंडिया ने फाइनल मैच में नेपाल को 54-36 से हराया। इससे पहले भारतीय महिला टीम ने भी नेपाल को हराकर खिताब अपने नाम किया था।
कप्तान प्रतीक वाईकर और टूर्नामेंट के स्टार खिलाड़ी रामजी कश्यप के शानदार प्रदर्शन की बदौलत भारतीय पुरुष टीम ने नेपाल के खिलाफ खेले गए फाइनल में 54-36 से जीत दर्ज की। भारतीय महिला टीम ने भी खो खो वर्ल्ड कप के फाइनल में नेपाल को मात दी थी। महिला टीम ने 78-40 से नेपाल को हराया।
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