खेल
आईपीएल-13 : दिल्ली के सामने आज होगी हैदराबाद
इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के 13वें सीजन में प्लेऑफ में जगह बनाने से एक कदम दूर खड़ी दिल्ली कैपिटल्स आज यहां दुबई इंटरनेशनल स्टेडियम में सनराइजर्स हैदराबाद से भिड़ेगी। हैदराबाद भी प्लेऑफ की रेस में बनी हुई है और इसके लिए जरूरी है कि वह अपना हर मैच जीते। वह अपने पिछले मैच के प्रदर्शन को भुलाना चाहेगी। किंग्स इलेवन पंजाब के खिलाफ खेले गए अपने पिछले मैच में हैदराबाद जीतती दिख रही थी, लेकिन आखिरी के ओवरों में उसके बल्लेबाज लगातार अंतराल पर विकेट खोते रहे और टीम को 127 रनों का आसान सा लक्ष्य भी हासिल नहीं कर पाई।
एक बार फिर उसका कमजोर मध्यक्रम सामने आया, जो डेविड वार्नर और जॉनी बेयरस्टो के आउट होने के बाद लड़खड़ा गया। जेसन होल्डर जैसे तूफानी बल्लेबाज भी टीम को जीत नहीं दिला सके।
मनीष पांडे और विजय शंकर की जोड़ी भी जल्दबाजी में अपनी विकेट खो कर टीम को संकट में छोड़ गई थी।
यह टीम के लिए बड़ी चिंता है। मध्य क्रम में टीम को स्थिरता और निरंतरता दोनों चाहिए, तभी टीम अपने प्लेऑफ अभियान को जिंदा रख सकती है।
केन विलियम्सन की चोट के बारे में अभी तक कोई जानकारी नहीं है। वह अगर आते हैं तो यह टीम को मजबूती देगा, लेकिन फिर होल्डर को वापस जाना पड़ सकता है।
गेंदबाजी में हैदराबाद हर मैच में अच्छा कर रही है। संदीप शर्मा और टी. नटराजन ने पंजाब के खिलाफ जिस तरह से डेथ ओवरों में गेंदबाजी की थी, वो अगर दिल्ली के बल्लेबाजों ने देखी होगी तो निश्चित तौर पर वे सतर्क रहेंगे। स्पिन में राशिद खान से निपटना दिल्ली के लिए कठिन चुनौती है।
वहीं अगर दिल्ली की बात की जाए तो वह भी अपने पिछले मैच में कोलकाता से शिकस्त खाकर आ रही है।
इस मैच में सुनील नरेन और नीतीश राणा ने जिस तरह से दिल्ली के दो शानदार स्पिनरों- रविचंद्रन अश्विन और अक्षर पटेल पर रन बनाए थे उससे टीम की लय बिगड़ गई थी।
टीम की गेंदबाजी हालाकिं पूरे सीजन अच्छी रही है। अश्विन और पटेल दोनों ने मध्य के ओवरों में अहम समय पर विकेट निकाल, टीम के शानदार फॉर्म में योगदान दिया है।
तेज गेंदबाजी में कागिसो राबादा और एनरिक नॉर्टजे से पार पाना हैदराबाद के बल्लेबाजों के लिए टेढ़ी खीर होगी। इन दोनों के अलावा तुषार देशपांडे ने भी अपनी गेंदबाजी से कमाल किया है।
बल्लेबाजी में पिछले मैच में पृथ्वी शॉ नहीं खेले थे। इस मैच में वह खेलेंगे या नहीं मैच के दिन ही पता चलेगा। उनकी जगह अजिंक्य रहाणे ने शिखर धवन के साथ पारी की शुरूआती की थी, जो पहली ही गेंद पर आउट हो गए थे।
धवन, कप्तान श्रेयस अय्यर, ऋषभ पंत और मार्कस स्टोइनिस का बल्ला पिछले मैच में तो नहीं चला था, लेकिन ये सभी अच्छी फॉर्म में हैं।
टीमें (संभावित) :-
दिल्ली कैपिटल्स : श्रेयस अय्यर (कप्तान), अजिंक्य रहाणे, एलेक्स कैरी, पृथ्वी शॉ, ऋषभ पंत (विकेटकीपर), शिखर धवन, शिमरन हेटमायेर, अक्षर पटेल, ललित यादव, मार्कस स्टोइनिस, कीमो पॉल, आवेश खान, हर्षल पटेल, कागिसो रबादा, मोहित शर्मा, रविचंद्रन अश्विन, संदीप लामिछाने, एनरिक नॉर्टजे, तुषार देशपांडे।
सनराइजर्स हैदराबाद : डेविड वार्नर (कप्तान), अभिषेक शर्मा, बैसिल थम्पी, भुवनेश्वर कुमार, बिली स्टानलेक, जॉनी बेयरस्टो, केन विलियम्सन, मनीष पांडे, मोहम्मद नबी, राशिद खान, संदीप शर्मा, शहबाज नदीम, श्रीवत्स गोस्वामी, सिद्धार्थ कौल, खलील अहमद, टी. नटराजन, विजय शंकर, रिद्धिमान साहा, विराट सिंह, प्रियम गर्ग, जेसन होल्डर, संदीप बवांका, फाबियान ऐलेन, अब्दुल समद, संजय यादव।
खेल
पुणे से दिल्ली तक एनसीसी का साइकिल अभियान रवाना, 27 जनवरी 2026 को होगा समापन

पुणे, 25 दिसंबर: एनसीसी निदेशालय महाराष्ट्र की ओर से आयोजित ऐतिहासिक साइकिल अभियान ‘शौर्य के कदम, क्रांति की ओर’ को गुरुवार को पुणे के ऐतिहासिक शनिवार वाड़ा से हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया।
यह अभियान आगामी एनसीसी पीएम रैली 2026 का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जिसका समापन 27 जनवरी 2026 को दिल्ली में प्रधानमंत्री की ओर से साइकिल रैली टीम को हरी झंडी दिखाने के साथ होगा।
इस अभियान का उद्देश्य युवाओं में राष्ट्रप्रेम, एकता और सामाजिक जिम्मेदारी की भावना को मजबूत करना है। यह अभियान महान मराठा योद्धा जनरल पेशवा बाजीराव प्रथम से प्रेरित है, जिन्होंने पुणे से दिल्ली तक सफल सैन्य अभियान का नेतृत्व किया था।
उन्होंने मुगलों, पुर्तगालियों और निजाम के विरुद्ध 41 युद्ध जीतकर मराठा साम्राज्य का विस्तार किया। एनसीसी का यह साइकिल अभियान भी उसी ऐतिहासिक मार्ग की तर्ज पर लगभग 1680 किलोमीटर की दूरी तय करेगा।
अभियान के दौरान महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, राजस्थान, उत्तर प्रदेश और हरियाणा सहित पांच राज्यों से गुजरते हुए एनसीसी कैडेट्स स्थानीय युवाओं को जोड़ेंगे और सड़क सुरक्षा, फिटनेस, पर्यावरण संरक्षण, एकता और “राष्ट्र प्रथम” जैसे विषयों पर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करेंगे।
इस साइकिल अभियान टीम का नेतृत्व ब्रिगेडियर सचिन गवली, ग्रुप कमांडर, एनसीसी ग्रुप मुख्यालय अमरावती कर रहे हैं। टीम में 12 चयनित एनसीसी कैडेट शामिल हैं, जिनमें छह बालिका कैडेट भी हैं। इन कैडेट्स का चयन कठिन प्रक्रिया के बाद हुआ और उन्होंने तीन माह का गहन प्रशिक्षण प्राप्त किया है।
झंडी दिखाने से पहले कैडेट्स ने पेशवा बाजीराव के जन्मस्थान सिन्नर और पुणे के शनिवार वाड़ा में रक्तदान शिविर, वृक्षारोपण और श्रमदान जैसी सामाजिक सेवा गतिविधियां की। कैडेट्स ने शनिवार वाड़ा का लाइट एंड साउंड शो देखा और श्रीमंत दगडूशेठ हलवाई गणपति मंदिर में आशीर्वाद लेकर यात्रा की शुरुआत की।
इस अवसर पर मेजर जनरल विवेक त्यागी, एडीजी, एनसीसी निदेशालय महाराष्ट्र ने कैडेट्स की मेहनत और दृढ़ संकल्प की सराहना की। कार्यक्रम में उपस्थित बॉलीवुड अभिनेता विवान शाह ने भी कैडेट्स की प्रशंसा करते हुए जनता से उनके अभियान को समर्थन देने और विकसित भारत@2047 के युवा दूतों की भावना का उत्सव मनाने का आह्वान किया।
अंतरराष्ट्रीय
बांग्लादेश में यूनुस की अंतरिम सरकार के तहत हिरासत में मौतों में वृद्धि, अवामी लीग ने जताई चिंता

ढाका, 24 दिसंबर : बांग्लादेश की अवामी लीग ने बुधवार को आरोप लगाया कि मुहम्मद यूनुस की अंतरिम सरकार के तहत देश भर में जेल और पुलिस कस्टडी में मौतें तेजी से बढ़ी हैं। पार्टी ने पहले भी दावा किया है कि उनके नेताओं और कार्यकर्ताओं को जेल में बंद किया जा रहा है और सुनियोजित तरीके से उन्हें मौत के घाट उतारा जा रहा है।
अवामी लीग ने यूनुस सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि हिरासत सुरक्षा के बजाय डर का जरिया बन गई है। लोगों को गिरफ्तार किया जा रहा है और मृत लौटाया जा रहा है। इसे लेकर सरकार की तरफ से ना तो साफतौर पर स्थिति के बारे में बताया जा रहा है और ना ही जवाबदेही ली जा रही है। हिरासत का समय सुधार का होना चाहिए था, लेकिन सरकार की कस्टडी में लोगों की सुरक्षा करने की जिम्मेदारी में एक खतरनाक गिरावट देखने को मिल रही है।
अवामी लीग के मुताबिक, यह कोई मानवाधिकार का तर्क नहीं है, बल्कि मौतों का एक साफ पैटर्न है। इस पैटर्न के तहत अवामी लीग के कार्यकर्ता और नेता बार-बार पीड़ितों के बीच दिखाई दे रहे हैं।
अवामी लीग ने कहा, ”कई लोगों को राजनीतिक रूप से चार्ज किए गए मामलों में हिरासत में लिया गया, लंबे समय तक रखा गया, और सही मेडिकल केयर नहीं दी गई। उनकी मौतों को अक्सर बीमारी या आत्महत्या बताकर टाल दिया जाता है। इससे यह भावना और मजबूत होती है कि कस्टडी एक ऐसी जगह बन गई है, जहां जिम्मेदारी चुपचाप खत्म हो जाती है। यहीं पर राजनीतिक जिम्मेदारी जरूरी हो जाती है। यूनुस सरकार सकारात्मक वादा करके सत्ता में आई थी। वह उम्मीद अब झूठी साबित हुई है।”
अवामी लीग ने यूनुस पर न सिर्फ बदलाव लाने में नाकाम रहने का, बल्कि भरोसा देकर जनता को गुमराह करने का भी आरोप लगाया। पार्टी की ओर से जारी बयान में कहा गया, “यूनुस की सरकार ने जवाबदेही के बजाय चुप्पी और जिम्मेदारी के बजाय इनकार को चुना है। इसकी वजह से ऐसा माहौल बना है, जहां बिना किसी नतीजे के गलत काम फल-फूल रहे हैं। दखल देने, जांच का आदेश देने या सुधार लागू करने से इनकार करके, यूनुस ने हिरासत में मौत को असल में सामान्य बना दिया है।”
बयान में आगे कहा गया, ”जिस चीज पर कभी गुस्सा भड़कता था, उसे अब रोज का काम माना जाता है। आज के बांग्लादेश में, गिरफ्तारी अब कानून की सुरक्षा का संकेत नहीं है। यह एक ऐसे राज्य के सामने आने का संकेत है, जिसने बंदियों को जिंदा रखने की अपनी जिम्मेदारी छोड़ दी है।”
पिछले साल के आंकड़ों का हवाला देते हुए, अवामी लीग ने बताया कि यूनुस शासन के तहत कम से कम 119 लोग जेल में मारे गए, जबकि 21 अन्य पुलिस हिरासत में मारे गए। इसके अलावा, 26 लोग गैर-कानूनी कामों में मारे गए, और 106 लोग राजनीतिक हिंसा से जुड़ी घटनाओं में मारे गए। कुल आंकड़े बांग्लादेश के अधिकारियों द्वारा हिरासत और पब्लिक ऑर्डर को संभालने में गंभीर खराबी का संकेत देते हैं।
अवामी लीग का कहना है, “इन मौतों को अब नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। ये राजनीतिक पसंद को दिखाती हैं। दखल देने, जांच करने या सुधार करने में यूनुस सरकार नाकाम रही।”
खेल
केन विलियमसन भारत के खिलाफ वनडे सीरीज का हिस्सा क्यों नहीं हैं?

SPORTS
नई दिल्ली, 24 दिसंबर: भारत के खिलाफ 3 वनडे और 5 टी20 मैचों की सीरीज के लिए न्यूजीलैंड ने अपनी टीम का ऐलान कर दिया है। वनडे टीम में पूर्व कप्तान केन विलियमसन का नाम नहीं है। विलियमसन न्यूजीलैंड क्रिकेट का सबसे बड़ा चेहरा है। टी20 सेटअप से उन्हें बाहर रखा जा रहा है, लेकिन वनडे टीम में उन्हें जगह नहीं मिलना उनके फैंस के लिए बड़े सवाल के रूप में उभरा है। आइए बताते हैं कि विलियमसन क्यों भारत के खिलाफ वनडे सीरीज का हिस्सा नहीं हैं।
केन विलियमसन न्यूजीलैंड क्रिकेट बोर्ड के सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट का हिस्सा नहीं हैं। उन्होंने दुनियाभर में खेली जाने वाली टी20 लीग में अवसर तलाशने के उद्देश्य से सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट से बाहर रहने का फैसला किया था। सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट का सदस्य नहीं होने की स्थिति में विलियमसन यह निर्णय लेने के लिए स्वतंत्र हैं कि वे लीग क्रिकेट खेलेंगे या देश के लिए।
भारत के खिलाफ वनडे सीरीज के दौरान विलियमसन साउथ अफ्रीका टी20 लीग में खेलेंगे। वह इस लीग की नीलामी में अनसोल्ड रहे थे, लेकिन बाद में डरबन सुपर जायंट्स ने उन्हें बांग्लादेश के स्पिनर ताइजुल इस्लाम की जगह अपनी टीम में शामिल किया। साउथ अफ्रीका लीग में प्रतिबद्धता की वजह से विलियमसन भारत के खिलाफ वनडे सीरीज का हिस्सा नहीं होंगे। इसकी पुष्टि न्यूजीलैंड क्रिकेट बोर्ड ने की है। अगर डरबन सुपर जायंट्स ने विलियमसन को टीम में शामिल नहीं किया होता, तो निश्चित रूप से वह भारत के खिलाफ वनडे सीरीज का हिस्सा होते।
विलियमसन न्यूजीलैंड के लिए वनडे फॉर्मेट के सफलतम बल्लेबाजों में से एक हैं। 2010 से 2025 के बीच 175 वनडे मैचों की 167 पारियों में 15 शतक और 47 अर्धशतक लगाते हुए 48.69 की औसत से वह 7256 रन बना चुके हैं।
विलियमसन ने आखिरी वनडे इंग्लैंड के खिलाफ इसी साल 29 अक्टूबर को खेला था।
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